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छत्तीसगढ़

उपराष्ट्रपति कैंडिडेट रेड्डी के खिलाफ उतरे नक्सल पीड़ित आदिवासी:नक्सली हिंसा के लिए बी. सुदर्शन को जिम्मेदार ठहराया, सांसदों से समर्थन न देने की मांग

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रायपुर,एजेंसी। INDIA गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को लेकर छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय नाराज़ हैं। बस्तर के नक्सल पीड़ित आदिवासियों ने प्रदेश और देश के सांसदों को पत्र लिखकर बी. सुदर्शन रेड्डी को समर्थन न देने की अपील की है।

मीडिया से चर्चा के दौरान बस्तर शांति समिति के बैनर तले नक्सल पीड़ित आदिवासियों ने बी. सुदर्शन रेड्डी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का विरोध किया। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे रेड्डी को समर्थन न दें। इसके साथ ही उन्होंने आम जनता से भी इस विरोध में साथ देने और समर्थन न करने की अपील की है।

बस्तर शांति समिति के साथ माओवादियों से पीड़ित बस्तरवासी रायपुर पहुंचे।

बस्तर शांति समिति के साथ माओवादियों से पीड़ित बस्तरवासी रायपुर पहुंचे।

बी. सुदर्शन रेड्डी ने ‘सलवा जुडूम’ आंदोलन में प्रतिबंध लगाया

नक्सल पीड़ितों का कहना है कि बी. सुदर्शन रेड्डी ने ‘सलवा जुडूम’ आंदोलन पर प्रतिबंध लगाकर बस्तर में माओवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। उन्होंने बताया कि सलवा जुडूम के मजबूत होने से नक्सली संगठन कमजोर पड़ चुके थे और खत्म होने की कगार पर थे। लेकिन दिल्ली में बैठे कुछ नक्सल समर्थकों के दबाव में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया।

पीड़ितों ने कहा कि इस फैसले से पहले उनकी राय नहीं ली गई और जमीनी हालात को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।

बस्तर शांति समिति के सदस्य पीड़ित से चर्चा करते हुए।

बस्तर शांति समिति के सदस्य पीड़ित से चर्चा करते हुए।

सलवा जुडूम पर रोक से माओवाद को मिला बढ़ावा

नक्सली हमले में शिकार सियाराम रामटेके ने बताया कि अगर सलवा जुडूम आंदोलन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया होता, तो शायद वे माओवादी हमले के शिकार नहीं बनते। आज वे एक दिव्यांग जीवन जी रहे हैं और बी. सुदर्शन रेड्डी की उपराष्ट्रपति उम्मीदवारी से बेहद आहत हैं।

वहीं, केदारनाथ कश्यप ने बताया कि सलवा जुडूम के बंद होने के बाद माओवादियों ने उनके भाई की हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि अगर 2011 में यह आंदोलन बंद नहीं हुआ होता, तो 2014 तक क्षेत्र नक्सलमुक्त हो जाता और यह हादसा नहीं होता।

माओवादी एम्बुश में पति मारे गए

शहीद मोहन उइके की पत्नी ने भावुक होते हुए बताया कि उनके पति माओवादी एम्बुश में मार गए और उस समय उनकी बेटी सिर्फ तीन महीने की थी।

वहीं, चितंगावरम हमले के पीड़ित महादेव दूधु ने टूटी-फूटी हिंदी और गोंडी भाषा में अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि दंतेवाड़ा से जा रही एक बस पर माओवादी हमला हुआ, जिसमें 32 लोगों की जान गई और उन्होंने खुद इस हमले में अपना एक पैर खो दिया।

बस्तर शांति समिति के सदस्य जयराम ने बी. सुदर्शन रेड्डी का समर्थन न करने की अपील की

बस्तर शांति समिति के सदस्य जयराम ने बी. सुदर्शन रेड्डी का समर्थन न करने की अपील की

बस्तर की शांत भूमि को निर्णय ने बनाया नरक

बस्तर शांति समिति के सदस्य जयराम ने कहा कि देश के सांसदों को ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं करना चाहिए, जिसके फैसलों ने बस्तर की शांत भूमि को नरक बना दिया।

समिति के मंगऊ राम कावड़े ने बताया कि पीड़ितों ने सभी सांसदों को पत्र लिखकर सुदर्शन रेड्डी का समर्थन न करने की अपील की है। बस्तर में हजारों परिवार सलवा जुडूम पर प्रतिबंध के कारण नक्सली आतंक झेल चुके हैं और आज वे इस उम्मीदवारी से आहत हैं।

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कटघोरा

BREAKING : BJP नेता की हत्या…चाकू और टांगी से काटा: कटघोरा में कार सवार 3 लोगों ने मारा, सिर-गर्दन पर चोट, पुरानी रंजिश में मर्डर की आंशका

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कटघोरा/कोरबा । छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में BJP के सीनियर नेता और जनपद सदस्य अक्षय गर्ग को हमलावरों ने चाकू और कुल्हाड़ी से काट डाला। बताया जा रहा है कि 3 हमलावर कार से आए थे। ताबड़तोड़ वारकर मौके से भाग गए। मामला कटघोरा थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक BJP नेता अक्षय गर्ग PMGSY सड़क निर्माण साइड पर गए थे, तभी एक काले रंग की कार में सवार होकर आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ हमला कर दिया। घटना आज सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच ग्राम केशलपुर में हुई।

सिर, गर्दन, पेट, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों में घाव

पुलिस के मुताबिक हमले में अक्षय गर्ग के हाथ, सिर, गर्दन, पेट, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों में गहरे घाव लगे हैं। वारदात के बाद गर्ग को तत्काल कटघोरा के स्थानीय अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर्स ने इसकी पुष्टि की है।

वहीं मर्डर की सूचना मिलते ही कटघोरा थाना प्रभारी धर्म नारायण तिवारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। स्थिति पर नजर रख रहे हैं। जिला पुलिस के आला अधिकारी भी कटघोरा और घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की आशंका जताई जा रही है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में शोक के साथ-साथ आक्रोश और भय का माहौल है। परिजन, शुभचिंतक और बड़ी संख्या में कटघोरा वासी अस्पताल के सामने जमा हैं।

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कोरबा

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत करतला ,पाली एवं पोड़ी उपरोड़ा जनपद में एक दिवसीय कार्यशाला हुई सम्पन्न

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कोरबा। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन एवं समाज में जन-जागरूकता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से करतला ,पाली एवं पोड़ी उपरोड़ा जनपद में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कलेक्टर सह अध्यक्ष, जिला बालक कल्याण एवं संरक्षण समिति कुणाल दुदावत के निर्देशानुसार तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दिनेश नाग एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग बसंत मिंज के मार्गदर्शन में आयोजित की गई।

महिला एवं बाल विकास विभाग एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (नीति आयोग) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में बाल विवाह प्रतिषेध विषय पर गहन एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण सत्र में एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के प्रतिनिधि विजय प्रताप द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की प्रमुख धाराओं, कानूनी प्रावधानों, दायित्वों एवं रोकथाम की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यशाला के दौरान तीनों जनपद के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ग्राम पंचायत सचिवों को बाल विवाह न करने एवं न होने देने की शपथ दिलाई गई। 16 दिसंबर को करतला जनपद में जनपद सीईओ वैभव कुमार कौशिक , 22 दिसंबर को पाली जनपद में जनपद सीईओ भूपेंद्र सोनवानी, 17 दिसंबर को पोड़ी उपरोड़ा जनपद में जनपद सीईओ जयप्रकाश डडसेना द्वारा शपथ ग्रहण कराई गई। इस अवसर पर ग्राम पंचायत सचिवों को कानूनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने का भी संकल्प दिलाया गया।

कार्यशाला में जनपद सीईओ पाली, करतला एवं पोड़ी उपरोड़ा, सेक्टर पर्यवेक्षक सह बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव सह बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (नीति आयोग) ,जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्डलाइन 1098 टीम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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कोरबा

जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 1600 से अधिक परिवारों ने अपने सपनों के घर में किया गृह प्रवेश

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पूजा–विधि विधान के साथ पक्के आवासों में हुआ गृह प्रवेश

अपने सपनों का घर पा कर ग्रामीणों के चेहरे खुशी से खिले

कोरबा। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में आज खुशियों का माहौल देखने को मिला, जब 1610 पात्र ग्रामीण परिवारों ने अपने नव निर्मित पक्के आवासों में विधि-विधान एवं पूजा-अर्चना के साथ गृह प्रवेश किया। वर्षों से पक्के मकान का सपना संजोए ग्रामीणों के लिए यह दिन यादगार बन गया। अपने स्वयं के घर की चौखट लांघते ही हितग्राहियों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

जिला प्रशासन द्वारा शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु निरंतर सुचारू कार्यप्रणाली, पारदर्शिता एवं समयबद्ध पूर्णता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि जिले में बड़ी संख्या में आवास निर्माण पूर्ण होकर आज गृह प्रवेश के रूप में साकार हुए हैं।

सीईओ जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग ने कहा कि “प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) गरीब एवं वंचित परिवारों के जीवन में स्थायित्व और सम्मान का आधार बन रही है। सभी जनपदों में आवास निर्माण की प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही है। अधिकारियों एवं मैदानी अमले को निर्देशित किया गया है कि वे सतत फील्ड में रहकर मॉनिटरिंग करें तथा शेष आवासों को भी शीघ्र पूर्ण कराएं।”

जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को दी जा रही प्राथमिकता का परिणाम आज 1610 पूर्ण आवासों का सामूहिक गृह प्रवेश है।
जनपद पंचायत करतला में 346 आवास,कटघोरा में 116आवास, कोरबा में 300 आवास,पोड़ी उपरोड़ा में 419 आवास और जनपद पंचायत पाली में 429 पक्के पूर्ण आवासों में ग्रामीण परिवारों के द्वारा आज गृह प्रवेश किया गया।

इस अवसर पर जनपद पंचायत कोरबा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी खगेश निर्मलकर द्वारा ग्राम पंचायत कुरूडीह के दौलत राम एवं ग्राम पंचायत गोड़ी के लक्ष्मण यादव को श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर गृह प्रवेश कराया गया।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के माध्यम से जिले के सुदूर अंचलों तक पक्के आवासों की पहुंच सुनिश्चित हो रही है, जिससे ग्रामीणों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है और वे सुरक्षित, सम्मानजनक आवास में जीवन यापन कर पा रहे हैं।

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