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पीएम ने तिरंगा लहराकर चिनाब आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया:कहा- PAK ने इंसानियत और कश्मीरियत पर हमला किया, हमने उस पर कयामत बरसा दी

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श्रीनगर,एजेंसी। पीएम मोदी ने शुक्रवार को पहलगाम हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। उन्होंने यहां के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का तिरंगा दिखाकर उद्घाटन किया। इसके बाद अंजी ब्रिज और कटरा में कश्मीर की पहली ट्रेन कटरा-श्रीनगर वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई।

मोदी ने कटरा में 42 मिनट का भाषण दिया। इसमें आतंकवाद, पाकिस्तान और कश्मीर के टूरिज्म का जिक्र किया।

पीएम ने कहा, ‘दुर्भाग्य से हमारे पड़ोस का देश, मानवता का विरोधी, मेलजोल का विरोधी है। वह ऐसा देश है जो गरीब की रोजी-रोटी का भी विरोधी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, वह इसी का उदाहरण है। पाकिस्तान ने इंसानियत और कश्मीरियत पर हमला किया। हमने 6 मई को उस पर कयामत बरसा दी।’

चिनाब आर्च ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच बना है। इसे 2003 में मंजूरी मिली थी। शुरुआती प्लान के मुताबिक इसे 2009 तक तैयार हो जाना था, लेकिन इसे पूरा होने में 22 साल लग गए।

यह सवा किमी से ज्यादा लंबा है और नदी से ऊंचाई 359 मीटर है। यह पेरिस के एफिल टावर (330 मीटर) से 29 मीटर ऊंचा है। लागत 1486 करोड़ रुपए है।

देश के पहले केबल स्टे अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन

पीएम ने मोदी ने अंजी खड्ड पर बना भारत का पहला केबल स्टे रेल ब्रिज का भी उद्घाटन किया। यह पुल नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है। 1086 फीट ऊंचा एक टावर इसे सहारा देने के लिए बनाया गया है, जो करीब 77 मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा है।

यह ब्रिज अंजी नदी पर बना है जो रियासी जिले के कटरा को बनिहाल से जोड़ता है। चिनाब ब्रिज से इसकी दूरी महज 7 किमी है। इस पुल की लंबाई 725.5 मीटर है। इसमें से 472.25 मीटर का हिस्सा केबल्स पर टिका हुआ है।

कश्मीर को जोड़ने वाली पहली ट्रेन भी शुरू

पीएम मोदी सबसे आखिर में कटरा पहुंचे। यहां के रेलवे स्टेशन पर उन्होंने कश्मीर को जोड़ने वाली कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंदी दिखाई। नॉर्दर्न रेलवे 7 जून से कटरा-श्रीनगर रूट पर वंदे भारत ट्रेन सर्विस शुरू कर देगी। IRCTC की वेबसाइट पर टिकट बुकिंग की जा सकेगी। हफ्ते में 6 दिन दो ट्रेनें कटरा और श्रीनगर के बीच चलेंगी।

नॉर्दर्न रेलवे ने बताया कि ट्रेन में दो ट्रैवल क्लास हैं। चेयरकार का किराया 715 रुपए और एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1320 रुपए है। अभी ट्रेनें सिर्फ बनिहाल में रुकेंगी, अन्य स्टॉपेज पर फैसला बाद में होगा।

10 घंटे का सफर करीब 3 घंटे में पूरा होगा

आजादी के 77 साल बाद भी कश्मीर बर्फबारी के सीजन में देश के दूसरे हिस्सों से कट जाता है। नेशनल हाईवे-44 बंद होने से घाटी जाने का बंद हो जाता है। इसके अलावा भी सड़क के रास्ते जम्मू से कश्मीर जाने में 8 से 10 घंटे का समय लग जाता था। ट्रेन शुरू होने से यह सफर करीब तीन घंटे में पूरा हो जाएगा।

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सत्यपाल मलिक अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर:बोले- जिस करप्शन की जानकारी मैंने पीएम को दी, उसी में मुझे फंसाया जा रहा

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नई दिल्ली,एजेंसी। जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल होने के 15 दिन बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक ने चुप्पी तोड़ी।

मलिक 11 मई से दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने शनिवार को X पर पोस्ट के जरिए भ्रष्टाचार के आरोपों का खंडन किया। कहा ‘मैं पिछले लगभग एक महीने से अस्पताल में भर्ती हूं और किड़नी की समस्या से जूझ रहा हूं।’

उन्होंने बताया, ‘परसों सुबह से मैं ठीक था लेकिन आज फिर से मुझे ICU में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है। मैं रहूं या ना रहूं इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं। अगर आज मेरे पास दौलत होती तो मैं प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाता। जिस मामले में मुझे फंसाना चाहते हैं, उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था, मैंने खुद प्रधानमंत्री को बताया था।’

सत्यपाल मलिक 11 मई से दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं।

सत्यपाल मलिक 11 मई से दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं।

CBI ने 22 मई को सत्यपाल मलिक समेत 5 लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें करीब 2,200 करोड़ रुपए के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी का आरोप है।

CBI ने इसी मामले को लेकर 22 फरवरी 2024 को सत्यपाल मलिक के ठिकाने पर छापा मारा था। साथ ही दिल्ली में 29 अन्य ठिकानों पर भी रेड की

सत्यपाल ने कहा- ₹150 करोड़ रिश्वत ऑफर हुई थी

मैं सरकार को और सरकारी एजेंसियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान कौम से हूं, मैं ना तो डरने वाला हूं ओर ना ही झुकने वाला हूं। सरकार ने मुझे बदनाम करने में पूरी ताकत लगा दी। सच्चाई यह है कि 50 साल से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में बहुत बड़े-बड़े पदों पर देशसेवा करने का मौका मिलने के बाद आज भी मैं एक कमरे के मकान में रह रहा हूं और कर्ज में भी हूं।

जब मैं गवर्नर था तो उस समय मुझे 150 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश हुई थी। अपने राजनीतिक गुरु किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी की तरह मैं ईमानदारी से काम करता रहा। मेरा ईमान कभी नहीं डिगा।

जब मैं गवर्नर था उस समय किसान आंदोलन चल रहा था, मैंने बग़ैर राजनीतिक लालच के किसानों की मांग को उठाया। महिला पहलवानों के आंदोलन में उनके साथ रहा। पुलवामा हमले में शहीद जवानों के मामले को उठाया।

सरकार मुझे CBI का डर दिखाकर झूठे चार्जशीट में फंसाने के बहाने ढूंढ रही है। जिस मामले में मुझे फंसाना चाहते हैं, उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था, मैंने खुद प्रधानमंत्री को बताया था इस मामले में करप्शन है और उन्हें बताने के बाद में मैंने खुद उस टेंडर को कैंसिल किया, मेरा तबादला होने के बाद किसी अन्य के हस्ताक्षर से यह टेंडर हुआ।

मलिक ने 2021 में लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप

सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनूं में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थीं। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी।

मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है, इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थीं। उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा, ‘मैंने कहा था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा। जब CBI पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा।’

CBI ने दो अलग-अलग मामलों में दर्ज की FIR

CBI ने इस मामले में 2 FIR दर्ज की थीं। पहली FIR लगभग 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट को जारी करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। यह रकम 2017-18 में जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने के लिए एक इंश्योरेंस कंपनी से रिश्वत के तौर पर ली गई थी।

दूसरी FIR 2019 में एक निजी फर्म को कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल वर्क के लिए 2,200 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से जुड़ी है। CBI इन दोनों मामलों की जांच कर रही है।

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सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी:शिमला के IGMC अस्पताल में भर्ती कराया गया; 5 दिन पहले प्रियंका संग फार्म हाउस पर आई थीं

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शिमला,एजेंसी। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की अचानक तबीयत बिगड़ गई है। इलाज के लिए उन्हें शिमला के IGMC अस्पताल में लाया गया है। यहां डॉक्टरों की टीम उनके टेस्ट कर रही है।

अभी यह सामने नहीं आया है कि सोनिया गांधी को क्या हुआ है। सोनिया गांधी अपनी बेटी प्रियंका गांधी के साथ 2 जून को ही शिमला आई थीं। वह यहां छराबड़ा में अपने फार्म हाउस पर ठहरी हुई थीं।

उधर, सोनिया गांधी के बारे में पता चलते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊना दौरा कैंसिल कर दिया है। वह शिमला लौट रहे हैं। कुछ देर में वह IGMC पहुंच सकते हैं।

शिमला में IGMC के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी।

शिमला में IGMC के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी।

मार्च 2024 में भी बिगड़ी थी सोनिया की तबीयत

मार्च 2024 में भी सोनिया गांधी को तबीयत बिगड़ने के चलते दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 76 साल की सोनिया को बुखार आने की वजह से एडमिट किया गया था। सोनिया का इलाज कर रहे डॉ. डीएस राणा ने बताया कि सोनिया सीनियर कंसल्टेंट की निगरानी में हैं। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। इसके पहले 5 जनवरी 2024 को भी उन्हें वायरल इन्फेक्शन के चलते दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में एडमिट होना पड़ा था।

सोनिया 2022 में कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती हुई थीं

12 जून 2022 को भी सोनिया गांधी को कोरोना होने के कारण गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 1 जून को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इससे पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था। लेकिन कोरोना के चलते तारीख बदल दी गई थी।

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जुलाई कर अवधि से समय-बाधित हो जाएगा जीएसटी रिटर्न

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  • नई दिल्ली,एजेंसी। जीएसटी नेटवर्क ने शनिवार को कहा कि जुलाई कर अवधि की शुरुआत से, जीएसटी करदाता मूल फाइलिंग की नियत तारीख से तीन साल बाद मासिक और वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। जुलाई, 2025 की कर अवधि का मतलब है कि करदाता इस साल अगस्त में मासिक रिटर्न दाखिल करेंगे। एक परामर्श में, माल और सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कहा कि करदाता फाइलिंग की नियत तारीख से तीन साल की समाप्ति पर जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-3बी, जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-5, जीएसटीआर-5ए, जीएसटीआर-6, जीएसटीआर-7, जीएसटीआर-8 और जीएसटीआर-9 दाखिल नहीं कर पाएंगे। समय सीमा के संबंध में माल और सेवा कर (जीएसटी) कानून में संशोधन वित्त अधिनियम, 2023 के माध्यम से प्रभावी किए गए थे।
  • इस प्रकार, देयता के भुगतान से संबंधित रिटर्न, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर एकत्रित कर के अलावा जीएसटी आउटवर्ड सप्लाई रिटर्न समय-बाधित हो जाएंगे। जीएसटीएन द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है, “तीन साल की समाप्ति के बाद रिटर्न दाखिल करने पर रोक लगा दी जाएगी। उक्त प्रतिबंध जुलाई, 2025 कर अवधि से जीएसटी पोर्टल पर लागू किया जाएगा।”
  • इसने करदाताओं को सलाह दी कि यदि उन्होंने अब तक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो वे अपने रिकॉर्ड का मिलान कर लें और जल्द से जल्द अपना जीएसटी रिटर्न दाखिल करें। इससे पहले अक्टूबर में, जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने करदाताओं को सचेत किया था कि कर प्रतिबंध का उक्त प्रावधान 2025 की शुरुआत में लागू किया जाएगा।  

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