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कांकेर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़
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2 years agoon
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Divya Akash
कुछ नक्सलियों के घायल होने की खबर, सर्च ऑपरेशन जारी, मौके से भारी मात्रा में नक्सली सामग्री जब्त कांकेर (एजेंसी)। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिया गया है। कांकेर जिले के आमाबेड़ा इलाके में डीआरजी और बीएसएफ जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई है। मुठभेड़ में कुछ नक्सलियों को गोली लगने की खबर है। एसपी दिव्यांग पटेल ने मुठभेड़ की पुष्टि की है। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, आमाबेड़ा क्षेत्र से डीआरजी और बीएसएफ जवानों की संयुक्त पार्टी नक्सली गश्त पर रवाना की गई थी। आमाबेड़ा के घने जंगलों में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है, जिसके बाद नक्सली मौके से भाग खड़े हुए। एसपी दिव्यांग पटेल ने बताया कि मुठभेड़ के बाद जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाया। मौके से भारी मात्रा में नक्सली सामग्री जब्त की गई है। अभी तक किसी नक्सली का शव बरामद नहीं हुआ है। बता दें कि 2 दिन पहले ही कांकेर जिले के धुर नक्सल प्रभावित ताड़ोकी थाना क्षेत्र में एसएसबी और डीआरजी के जवानों ने कोसरोंडा के पास रेलवे ब्रिज के नीचे से आईईडी बरामद की थी। इसे मौके पर ही ब्लास्ट कर जवानों ने निष्क्रिय कर दिया। दरअसल एसएसबी कैंप से जवानों की टुकड़ी रेलवे ट्रैक निर्माण को सुरक्षा देने निकली थी। इसी दौरान जवानों को सूचना मिली कि नक्सलियों ने कोसरोंडा के पास रेलवे ब्रिज के नीचे आईईडी प्लांट कर रखा है। जवानों ने बारीकी से ब्रिज के नीचे सर्चिंग की और बम को बरामद कर लिया। इसे सावधानी से बाहर निकालकर ब्लास्ट कर निष्क्रिय कर दिया गया था।
दंतेवाड़ा में भी 10 किलो की 4 आईईडी हुई थी बरामद
4 दिन पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भी नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के मंसूबे से आईईडी प्लांट कर रखी थी, जिसे सर्चिंग पर निकले जवानों ने बरामद कर डिफ्यूज कर दिया। बताया जा रहा है कि एक ही लोकेशन पर नक्सलियों ने 5केजी, 2केजी और 1केजी यानी कुल 10केजी की 4 सीरियल आईईडी प्लांट की हुई थी। नक्सलियों के बिछाए इस बारूद से भारी नुकसान हो सकता था। मामला किरंदुल थाना क्षेत्र का है।

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रेलवे में बड़ा बदलाव: स्लीपर के डिब्बों में भी यात्रियों को मिलेगी AC की ये सर्विस
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7 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली,एजेंसी। भारतीय रेलवे ने आम यात्रियों के लिए एक और राहत भरा कदम उठाया है। अब स्लीपर कोच में सफर करने वालों को भी वो सुविधा मिलेगी, जो अब तक सिर्फ एसी डिब्बों तक ही सीमित थी। रेलवे ने फैसला लिया है कि जिन मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (OBHS) उपलब्ध है, वहां अब स्लीपर कोच के टॉयलेट और वॉश बेसिन एरिया में लिक्विड हैंड वॉश डिस्पेंसर लगाए जाएंगे।
अब तक एसी कोच तक सीमित थी सुविधा
अब तक यह सुविधा केवल एसी कोच तक ही सीमित थी, लेकिन रेलवे की इस नई पहल के तहत स्लीपर क्लास यात्रियों को भी बेहतर स्वच्छता का अनुभव मिलेगा। वॉशबेसिन के पास हाथ धोने की साफ व्यवस्था से न केवल सफर hygienic होगा, बल्कि यात्रियों की सेहत का भी ध्यान रखा जा सकेगा।
रेलवे बोर्ड का सख्त निर्देश
रेलवे बोर्ड ने सभी ज़ोनल रेलों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि OBHS सुविधा से युक्त सभी ट्रेनों में यह बदलाव किया जाए। ट्रेन के रवाना होने से पहले इन डिस्पेंसरों को भरा जाएगा और यदि सफर के दौरान ये खत्म हो जाएं तो उन्हें दोबारा भरवाने की जिम्मेदारी हाउसकीपिंग स्टाफ की होगी।
लाखों यात्रियों को मिलेगा फायदा
हर दिन लाखों लोग स्लीपर क्लास में लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। ऐसे में यह बदलाव उनके सफर को न केवल स्वच्छ, बल्कि और भी आरामदायक बनाएगा। यह फैसला खासकर उन ट्रेनों के लिए राहत भरा है जहां यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है और हाइजीन को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ता एक और कदम
रेलवे की यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से भी जुड़ती है। अब सिर्फ राजधानी, वंदे भारत या शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में ही नहीं, बल्कि आम मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में भी साफ-सफाई को लेकर नया मानक तैयार हो रहा है।

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फैन के हड्डियां-दांत तोड़े, सबूत के बावजूद साउथ-स्टार दर्शन बाहर:एक साल से अटका मर्डर केस, विक्टिम फैमिली बोली- कानून से भरोसा उठ गया
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20 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
बेंगलुरु,एजेंसी। शरीर पर चोट के 15 निशान, टूटे दांत और तीन जगह फ्रैक्चर। 9 जून, 2024 को बेंगलुरु में रेणुकास्वामी की डेडबॉडी मिली, तब कुत्ते उसे नोंच रहे थे। 33 साल के रेणुकास्वामी चित्रदुर्ग के रहने वाले थे। पुलिस ने जांच शुरू की, सबूत जुटाए तो मर्डर में 17 लोगों के नाम पता चले। सबसे बड़ा नाम था कन्नड़ सुपरस्टार दर्शन का।
पुलिस ने दावा किया कि रेणुकास्वामी दर्शन का फैन था और उनकी दोस्त पवित्रा को गंदे मैसेज भेजता था। इसी गुस्से में दर्शन ने रेणुकास्वामी को अगवाकर उसका मर्डर करवा दिया। मारने से पहले उसे बुरी तरह टॉर्चर किया। दर्शन के खिलाफ सबूत भी थे, लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने 13 दिसंबर, 2024 को उन्हें और बाकी आरोपियों को जमानत दे दी।
रेणुकास्वामी मर्डर केस को आज एक साल पूरा हो गया, लेकिन कोर्ट में इसकी सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है। रेणुकास्वामी के पिता काशीनाथ शिवनगौड़ा कांपती हुई आवाज में कहते हैं, ‘बेटे को गुजरे एक साल हो गए। हर दिन उसकी तस्वीर देखता हूं और सोचता हूं कि आखिरी वक्त में वो कितनी तकलीफ में रहा होगा।’
‘जिस तरह उसे मारा गया, वो किसी के बेटे के साथ नहीं होना चाहिए। मेरे बेटे के कातिल आज खुले घूम रहे हैं। मेरा कानून से भरोसा उठ गया है।’
4 पॉइंट्स में जानिए केस कहां अटका है…
1. बेंगलुरु पुलिस ने रेणुकास्वामी मर्डर केस पर सितंबर 2024 में 3,991 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इसमें एक्टर दर्शन, उसकी कथित गर्लफ्रेंड पवित्रा गौड़ा के साथ 15 आरोपियों के खिलाफ हत्या, अपहरण के आरोप लगे। नवंबर 2024 में दूसरी चार्जशीट पेश की गई, जिसमें हत्या वाली जगह पर आरोपियों की मौजूदगी के सबूत का जिक्र है। इसके बावजूद अदालत में सुनवाई की प्रोसेस आगे नहीं बढ़ पाई।
2. केस में मुख्य आरोपी दर्शन की याचिका पर सितंबर 2024 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने चार्जशीट की जानकारी पब्लिश करने पर रोक लगा दी। इस आदेश की वजह से केस से जुड़े अपडेट सामने नहीं आ पाए। इससे केस की ट्रांसपेरेंसी पर सवाल उठ रहे हैं।
3. दर्शन और बाकी आरोपियों को दिसंबर 2024 में जमानत मिल गई। इसके बाद दर्शन ने विदेश जाने की इजाजत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर रेणुकास्वामी के पिता ने कहा कि कातिलों के खिलाफ सबूत हैं, तो उन्हें जमानत कैसे मिली। इससे न्यायिक प्रक्रिया की गंभीरता पर शक होता है।
4. कर्नाटक सरकार ने रेणुकास्वामी हत्याकांड में तेजी से सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनाने पर विचार करने की बात कही थी। हालांकि, अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
8 जून 2024 को क्या हुआ था

रेणुकास्वामी बेंगलुरु हाईवे पर अपोलो फार्मेसी स्टोर पर काम करते थे। 8 जून की सुबह वे रोज की तरह काम पर गए थे, लेकिन रात तक घर नहीं लौटे। उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। इससे परिवार परेशान हो गया। पिता ने पुलिस को बेटे के लापता होने की जानकारी दी।
पुलिस ने तलाश शुरू की। रेणुकास्वामी के ऑफिस से लेकर रास्तों के CCTV फुटेज खंगाले गए। 14 घंटे बाद 9 जून को रेणुकास्वामी की डेडबॉडी करीब 200 किमी दूर बेंगलुरु में मिली।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि रेणुकास्वामी के शरीर पर 15 चोटें लगी थीं। तीन तरफ की हड्डियां टूटी हुई थीं और पेट में खून का रिसाव हुआ था। चार दांत टूटे थे। शरीर में खून जम गया था। बॉडी पर सिगरेट से जलाने के निशान मिले।
फार्मेसी के पास मिली आखिरी लोकेशन
8 जून को रेणुकास्वामी फार्मेसी से दोस्तों के साथ बाहर निकले थे। इसकी CCTV फुटेज भी है। उन्होंने बालाजी बार के पास बाइक खड़ी की और चार लोगों के साथ ऑटो में बैठकर 2 किमी दूर एक पेट्रोल पंप पर गए। इसके बाद से उनका पता नहीं चला।
शुरुआती जांच में CCTV फुटेज और चश्मदीदों के बयानों से खुलासा हुआ कि हत्या के पीछे किसी एक आदमी का हाथ नहीं, बल्कि कई लोग शामिल हैं। पुलिस जांच में ये खुलासा हुआ कि रेणुकास्वामी दर्शन के फैन थे।
उन्होंने दर्शन की दोस्त पवित्रा को इंस्टाग्राम अकाउंट से गंदे मैसेज भेजे थे। इसी गुस्से में दर्शन ने रेणुकास्वामी का मर्डर करवा दिया। हालांकि रेणुकास्वामी का परिवार पुलिस की इस थ्योरी को झूठा बताता है। फैमिली का कहना है कि ये सब एक्टर दर्शन को बचाने के लिए गढ़ी झूठी कहानियां हैं।
पिता बोले- पुलिस और सिस्टम दर्शन को बचा रहा
कर्नाटक के चित्रदुर्ग में लक्ष्मी वेंकटेश्वर लेआउट मोहल्ले में दोमंजिला मकान ‘सिद्धम साधना’ में रेणुकास्वामी का परिवार रहता है। घर पर फिलहाल रेणुका के पिता काशीनाथ शिवनगौड़ा और मां रत्नप्रभा रहते हैं। पत्नी सहाना ने 16 अक्टूबर 2024 को एक बच्चे को जन्म दिया। रेणुकास्वामी की हत्या के समय सहाना 5 महीने की गर्भवती थी, इस वक्त वे मायके में रह रही हैं।
रेणुकास्वामी मर्डर केस में एक साल बाद भी कोई फैसला न आने से उनके पिता काशीनाथ शिवनगौड़ा निराश हैं। वो कानूनी प्रक्रिया पर नाराजगी जताते हुए कहते हैं, ‘हमारा बेटा चला गया, लेकिन अब तक इंसाफ नहीं मिला। पुलिस ने पहले दर्शन को गिरफ्तार किया, फिर कुछ महीनों बाद उसे जमानत मिल गई। ये कैसा न्याय है।’
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राजस्थान में गुर्जर समाज के लोगों ने ट्रेन रोकी:पटरी उखाड़ने की कोशिश, आरक्षण को लेकर महापंचायत खत्म होने के बावजूद विरोध पर अड़े
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34 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
भरतपुर,एजेंसी। राजस्थान में गुर्जर महापंचायत खत्म होने के बाद समाज के लोगों ने भरतपुर के पीलूपुरा भरतपुर में ट्रेन रोक दी। भीड़ पटरियों पर पहुंची और कोटा-मथुरा पैसेंजर को रोक दिया। दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया।
इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने पटरी उखाड़ने की भी कोशिश की। ट्रैक महापंचायत स्थल से मात्र डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर है। पूर्व के आंदोलनों में भी इस ट्रैक को कई बार जाम किया जा चुका है।

ट्रेन को रोकने के बाद वहां मौजूद युवकों ने पटरियों को भी नुकसान पहुंचाया।
इससे पहले आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर भरतपुर के बयाना इलाके के कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) पर रविवार को हुई महापंचायत में सरकार की ओर से मांगों को लेकर ड्राफ्ट भेजा था।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने लोगों को वह पढ़कर सुनाया। समाज की सहमति के बाद महापंचायत को समाप्त कर दिया।
गुर्जर समाज की ओर से सरकार को आज (रविवार) दोपहर तक का अल्टीमेटम दिया गया था।
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा था- कुछ लोग इस बात पर अड़े हुए हैं कि हम सरकार के खिलाफ ही रहेंगे और बोलेंगे। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। जब सरकार बिना किसी महापंचायत और आंदोलन के टेबल पर बात करने के लिए तैयार है तो महापंचायत क्यों?
पटरियां रोकने और डैमेज करने की फोटोज…

भरतपुर के बयाना इलाके के कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) महापंचायत स्थल के पास ट्रेन को रोकते गुर्जर समाज के लोग।

भरतपुर जिले के बयाना इलाके के कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) पर महापंचायत के लिए करीब डेढ़ बीघा में टेंट लगाया गया था।

भरतपुर जिले के बयाना इलाके के कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) में महापंचायत में मौजूद गुर्जर समाज के लोग।

भरतपुर के बयाना-हिंडौन स्टेट हाईवे पर पीलूपुरा गांव के पास का ड्रोन व्यू। बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के लोग अपनी प्राइवेट गाड़ियों से भी पहुंचे थे।

गुर्जर समाज की महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही जुटने शुरू हो गए थे।

महापंचायत के लिए डेढ़ बीघा में लगा पंडाल भीड़ के लिए छोटा पड़ गया। पंडाल के बाहर तक लोग जमा है, जिन्हें जगह नहीं मिली वे पेड़ों के नीचे छाया में खड़े हो गए थे।


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