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यमन में भारतीय नर्स की फांसी को राष्ट्रपति की मंजूरी:निमिषा पर सहयोगी की हत्या का आरोप; भारत बोला- मदद मुहैया करा रहे

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सना ,एजेंसी।यमन में कैद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली मौत की सजा को वहां के राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी पुष्टि की है।

विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि सरकार इस मामले में हर संभव मदद मुहैया करा रही है।

केरल की रहने वाली निमिषा पर यमन के एक नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है। निमिषा ने 2017 में महदी को ड्रग का ओवरडोज देकर मार दिया था।

निमिषा और महदी यमन में एक प्राइवेट क्लिनिक में पार्टनर थे। आरोप है कि महदी ने निमिषा का पासपोर्ट कब्जे में ले रखा था और उसे प्रताड़ित करता था। निमिषा को एक महीने के अंदर सजा दी जाएगी।

गृहयुद्ध की वजह से यमन में फंसी निमिषा

निमिषा ने 2008 में नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद केरल में ही जॉब करना शुरू की थी। 2011 में उन्होंने केरल की टॉमी थॉमस से शादी की थी। इसके बाद दोनों 2012 में यमन चले गए थे। यहां सना नर्सिंग का काम कर रही थी।

2014 में आर्थिक तंगी के चलते निमिषा के पति और उनकी एक बेटी भारत वापस लौट आए थे। हालांकि निमिषा ने यमन में काम करना जारी रखा। इसी दौरान यमन में गृहयुद्ध की शुरुआत हो गई थी। इस वजह से नए वीजा मिलना बंद हो गए थे। इसके चलते निमिषा के पति वापस यमन नहीं जा पाए थे।

2015 में निमिषा ने यमन की राजधानी सना में महदी के साथ पार्टनरशिप में अपना क्लिनिक शुरू किया। यमन के कानून के मुताबिक यमन के नागरिक ही वहां अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इसलिए निमिषा ने महदी की मदद मांगी थी।

महदी ने धोखाधड़ी से निमिषा का पासपोर्ट जब्त किया निमिषा 2015 में एक महीने की छुट्टी पर केरल आई थी। निमिषा के साथ महदी भी आया था। उसने निमिषा के घर उसकी शादी की एक तस्वीर चुरा ली थी। बाद में उसने इस तस्वीर में छेड़छाड़ कर निमिषा का पति होने का दावा किया।

निमिषा की मां के मुताबिक उसने क्लिनिक मालिकाना हक वाले दस्तावेजों में हेरफेर किया। उसने दावा किया कि निमिषा उसकी पत्नी है और उसकी कमाई से हिस्सा लेना शुरू कर दिया।

तस्वीर निमिषा प्रिया की मां प्रेमा कुमारी की है।

तस्वीर निमिषा प्रिया की मां प्रेमा कुमारी की है।

निमिषा की मां ने कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि महदी ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर रखा था और उसे नशे की हालत प्रताड़ित करता था। उसने कई बार बंदूक की नोक पर निमिषा को धमकाया भी था।

जुलाई 2017 में निमिषा ने महदी को बेहोशी का दवा इंजेक्शन दिया था। हालांकि महदी पर उसका असर नहीं हुआ, इसके बाद निमिषा ने उसे दवा का ओवरडोज दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

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विदेश

सूरज के सबसे करीब पहुंचा NASA का स्पेसक्रॉफ्ट:982 डिग्री तापमान में भी सुरक्षित रहा, 1 जनवरी से डेटा भेजेगा

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वॉशिंगटन ।

पार्कर सोलर प्रोब ने 27 दिसंबर को धरती पर सिग्नल भेजा। - Dainik Bhaskar

पार्कर सोलर प्रोब ने 27 दिसंबर को धरती पर सिग्नल भेजा।

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के स्पेसक्राफ्ट पार्कर सोलर प्रोब ने 24 दिसंबर की शाम को सूरज के बेहद करीब पहुंचने का रिकॉर्ड बनाया है। नासा का यह यान सूरज से करीब 61 लाख किमी की दूरी से गुजरा। ये दुनिया का पहला यान है जिसने ऐसा रिकॉर्ड बनाया है।

एजेंसी ने आगे कहा कि पार्कर सोलर प्रोब यान 1 जनवरी को अपनी स्थिति और खोजों का विस्तृत डेटा भेजेगा। सूरज के पास से गुजरते समय स्पेसक्राफ्ट की स्पीड 6.9 लाख किमी/घंटा से अधिक थी। उस वक्त यह यान 982 डिगी सेल्सियस गर्मी झेल रहा था। इतनी तेज गर्मी के बावजूद यान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

पार्कर सूरज के जिस बाहरी वातावरण से गुजरा उसे कोरोना कहते हैं। यह सूर्य और हमारे सौर मंडल पर इसके प्रभाव को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

पार्कर सोलर प्रोब 1 जनवरी को अपनी स्थिति और खोजों के विस्तृत डेटा भेजेगा।

पार्कर सोलर प्रोब 1 जनवरी को अपनी स्थिति और खोजों के विस्तृत डेटा भेजेगा।

27 दिसंबर को सिग्नल भेजा नासा से मिली जानकारी के अनुसार पार्कर सोलर प्रोब ने 27 दिसंबर को धरती पर नासा के जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी टीम को सिग्नल भेजा जिससे वैज्ञानिकों को उसके सुरक्षित होने और सही से काम करने के बारे में पता चला।

नासा के इस मिशन का मकसद पृथ्वी के सबसे करीबी तारे सूरज के बारे में ज्यादा जानकारी इकट्ठा करना है। यान के सूरज के बाहरी वातावरण में पहुंचने से वैज्ञानिकों को सूरज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

NASA बोला- सही तरीके से काम कर रहा है पार्कर यान

टाइम्स पर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नासा ने जानकारी देते हुए कहा- ‘सूर्य के सबसे करीब पहुंचने के बाद पार्कर सोलर प्रोब ने एक बीकन टोन भेजा है जो यह दर्शाता है कि यह अच्छी स्थिति में है और सामान्य रूप से काम कर रहा है। यह हमारे लिए अच्छी खबर है क्योंकि यान खराब स्थिति में सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहा था ’।

अगर पार्कर यान 27 दिसंबर तक धरती पर सिग्नल नहीं भेजता तो नासा के लिए ये बुरी खबर मानी जाती। इस मिशन से जुड़े वैज्ञानिक नूर रवाफी ने कहा कि पार्कर ने 24 दिसंबर को जो तस्वीरें ली हैं, वो अगले साल जनवरी में नासा को मिलेंगी। इसके बाद बाकी के डेटा तब मिलेंगे जब वो सूरज से और दूर चला जाएगा।

पार्कर सोलर प्रोब जब सूरज के सबसे नजदीक पहुंचा तब वहां का तापमान 982 डिगी सेल्सियस था।

पार्कर सोलर प्रोब जब सूरज के सबसे नजदीक पहुंचा तब वहां का तापमान 982 डिगी सेल्सियस था।

6 साल पहले लॉन्च हुआ था पार्कर पार्कर सोलर प्रोब को नासा ने 12 अगस्त 2018 को लॉन्च किया था। इसे सूरज के बाहरी वातावरण कोराना के नजदीक से अध्ययन करने के मकसद से लॉन्च किया गया था। इसके जरिए सोलर विन्ड्स यानी सौर हवा के सिस्टम को समझने की कोशिश की जा रही है।

इसका नाम भी सोलर साइंटिस्ट यूजीन पार्कर के नाम रखा गया है। पार्कर ने ही सबसे पहले सोलर विन्ड्स के बारे में जानकारी दी थी। 2022 में यूजीन पार्कर का निधन हो गया है। पहली बार किसी वैज्ञानिक के जीवित रहते हुए उनके नाम पर अंतरिक्षयान का नाम रखा गया था।

पार्कर सोलर प्रोब ने 2021 में पहली बार सूरज के नजदीक से उड़ान भरी थी। इतिहास में पहली बार कोई यान ने सूरज के इतने नजदीक से गुजरा था। इसे कुल 24 बार सूरज के नजदीक से गुजरने के लिए बनाया गया था। सूरज की गर्मी से बचाने के लिए इसे 4.5 इंच मोटे कार्बन-कंपोजिट हीट शील्ड के साथ लैस किया गया है।

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विदेश

साउथ कोरिया में प्लेन क्रैश, 96 की मौत:बैंकॉक से आ रहा विमान एयरपोर्ट बाउंड्री से टकराकर ब्लास्ट; 181 सवार थे, 2 को जिंदा बचाया

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सियोल । साउथ कोरिया में रविवार को बैंकॉक से आ रही जेजू एयर की एक फ्लाइट मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर क्रैश हो गई। कोरिया टाइम्स के मुताबिक हादसे में 181 लोगों में से 96 लोगों के शव बरामद हुए हैं। 2 लोगों को जिंदा बचा लिया गया है, इसके अलावा अन्य 76 यात्रियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।

न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक एयरपोर्ट पर लैंड करते वक्त प्लेन के लैंडिग गियर में खराबी आई थी। इसकी वजह से प्लेन को बिना लैंडिंग गियर के लैंड करना पड़ा।

लैंड करने के बाद प्लेन रनवे पर फिसलता हुआ, एयरपोर्ट की फैंस (बाउंड्री) से टकराकर क्रैश हो गया। एजेंसी के मुताबिक विमान में 6 क्रू मेंबर और 175 यात्री सवार थे।

हादसा भारतीय समय के मुताबिक सुबह 5:37 बजे (लोकल टाइम सुबह 9:07 बजे) हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट पर सभी लोकल और इंटरनेशनल फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं।

पहली बार में लैंड नहीं कर पाया प्लेन

जेजू एयरलाइन का जो प्लेन क्रैश हुआ है, वह अमेरिकी कंपनी बोइंग का 737-800 प्लेन था। प्लेन ने एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए दो बार कोशिश की। पहली बार में भी लैंडिग गियर नहीं खुलने की वजह से प्लेन लैंड नहीं हो पाया था। इसके बाद प्लेन ने एयरपोर्ट का एक चक्कर लगाया था।

पायलट ने दूसरी बार प्लेन को बिना लैंडिग गियर के ही लैंड करा दिया। कई मीडिया रिपोर्ट्स में मुताबिक प्लेन के विंग से पक्षी के टकराने का दावा किया जा रहा है। इसकी वजह से लैंडिग गियर खराब हुआ और लैंड करते वक्त खुल नहीं पाया।

आग बुझाने में 43 मिनट लगे

मुआन एयरपोर्ट के दमकल अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए बताया कि प्लेन में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। हालांकि आग को बुझाने में 43 मिनट का वक्त लगा।

फिलहाल क्रैश साइट पर बचाव कार्य जारी है। ज्यादातर लोग प्लेन के पिछले हिस्से में थे, उन्हें वहां से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। प्लेन में सवार यात्रियों में 173 साउथ कोरियाई और 2 थाईलैंड के नागरिक थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिंदा बचे दोनों लोग क्रू मेंबर्स हैं।

4 दिन पहले कजाकिस्तान में हुआ था प्लेन क्रैश

25 दिसंबर को अजरबैजान से रूस जा रहा एक प्लेन कजाकिस्तान के अक्ताउ एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया था। प्लेन में 5 क्रू मेंबर समेत 67 लोग सवार थे। इनमें से 38 लोगों की मौत हो गई थी। प्लेन अजरबैजान की राजधानी बाकू से ग्रोज्नी पहुंचा पहुंचना था।

हादसे की तस्वीरें…

जेजू एयरलाइन्स की फ्लाइट 2216 बैंकॉक से आ रही थी। लैंडिंग के दौरान हादसा हुआ।

जेजू एयरलाइन्स की फ्लाइट 2216 बैंकॉक से आ रही थी। लैंडिंग के दौरान हादसा हुआ।

फ्लाइट रनवे पर फिसल गई, जिससे तेज धमाका हुआ और विमान में आग लग गई।

फ्लाइट रनवे पर फिसल गई, जिससे तेज धमाका हुआ और विमान में आग लग गई।

घटनास्थल से उठता धुएं का गुबार। विमान के पिछले गेट से लोगों को रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है।

घटनास्थल से उठता धुएं का गुबार। विमान के पिछले गेट से लोगों को रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है।

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देश

बांग्लादेश की भारत से मांग- शेख हसीना को वापस भेजें:पूर्व पीएम के खिलाफ अपहरण-देशद्रोह समेत 225 केस; तख्तापलट के बाद भारत में पनाह ली

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ढाका,एजेंसी। बांग्लादेश ने सोमवार को भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने इसकी पुष्टि की है।

हुसैन ने कहा-

हमने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार को एक राजनयिक चिट्ठी भेजी है। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश सरकार कानून का सामना करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को वापस चाहती है।

इससे पहले गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। दरअसल, 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने भागकर भारत में पनाह ले ली थी। वे तब से यही पर हैं।

शेख हसीना की भारत से वापसी को लेकर सवाल पूछे जाने पर जहांगीर ने कहा कि भारत-बांग्लादेश के बीच अपराधियों की अदला-बदली को लेकर समझौता है। यह उसी समझौते के तहत किया जाएगा।

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।

शेख हसीना 5 अगस्त की शाम अपनी बहन के साथ ढाका से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंची थीं।

शेख हसीना 5 अगस्त की शाम अपनी बहन के साथ ढाका से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंची थीं।

भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण समझौता क्या है?

साल 2013 की बात है। भारत के नॉर्थ-ईस्ट उग्रवादी समूह के लोग बांग्लादेश में छिप रहे थे। सरकार उन्हें बांग्लादेश में पनाह लेने से रोकना चाहती थी। इसी वक्त बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के लोग भारत में आकर छिप रहे थे। दोनों देशों ने इस समस्या से निपटने के लिए एक प्रत्यर्पण समझौता किया।

इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के यहां पनाह ले रहे भगोड़ों को लौटाने की मांग कर सकते हैं। हालांकि इसमें एक पेंच ये है कि भारत राजनीति से जुड़े मामलों में किसी व्यक्ति के प्रत्यर्पण से इनकार कर सकता है, लेकिन अगर उस व्यक्ति पर हत्या और किडनैपिंग जैसे संगीन मामले दर्ज हों तो उसके प्रत्यर्पण को रोका नहीं जा सकता।

ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक इस समझौते की बदौलत, बांग्लादेश ने 2015 में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के नेता अनूप चेतिया को भारत को सौंपा था। भारत भी अब तक बांग्लादेश के कई भगोड़ों को वापस भेज चुका है।

समझौते में 2016 में हुए संशोधन के मुताबिक, प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश को अपराध के सबूत देने की जरूरत भी नहीं है। इसके लिए कोर्ट से जारी वारंट ही काफी है। इससे हसीना के लिए मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।

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