Connect with us

कोरबा

बालको के पहल से महिलाएं बन रही हैं सशक्त एवं आत्मनिर्भर

Published

on

बालको । नवरात्रि का त्योहार स्त्रीत्व शक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने में निहित है। यह समाज में महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर देता है और पूज्य देवी-देवताओं की तरह चुनौतियों से उबरने की उनकी क्षमता को पहचानता है। नारियों को सशक्त बनाना नवरात्रि की भावना का केंद्र है जो बाधाओं को पार करने, समाज में बदलाव लाने और असमानताओं पर विजय पाने की उनकी शक्ति का उत्सव है। बालको सक्रिय रूप से महिलाओं को अवसर, कौशल और समर्थन के साथ सक्षम बना रहा है जो यह सुनिश्चित करता है कि वे न केवल बाधाओं को दूर करें बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरें। आत्मनिर्भर, दृढ़ संकल्प और सफलता की ये कहानियाँ नवरात्रि का प्रतीक हैं, जहाँ महिलाएँ चुनौतियों का सामना करके अपने भविष्य को उज्जवल बना रही हैं। बालको में कार्यरत स्नातक प्रशिक्षु हिमांशी गुप्ता पॉटलाइन फ़ंक्शन में कार्य करती हैं, जो कंपनी के ऑपरेशन क्षेत्र में काम करने वाली कई महिला पेशेवरों में से एक हैं। ऑपरेशन क्षेत्र पुरुषों के लिए उपयुक्त है इस धारणा को पीछे छोड़ती हिमांशी ने संगठन को मजबूत किया है। स्मेल्टर में काम करने की बात सुनकर लोग पूछते हैं कि क्या मेरे आसपास कोई महिला सहकर्मी है। मेरा जवाब होता है कि एक नहीं बल्कि कई हैं। मुस्कुराते हुए वह आगे कहती हैं कि कई युवा लड़कियां और उनके माता-पिता विनिर्माण उद्योग में करियर बनाने, शिक्षा और नौकरी की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने में उत्सुकता व्यक्त करते हैं क्योंकि मैं उत्साहपूर्वक अपने काम के प्रति अपने जुनून को साझा करती हूं। बालको में हेड-प्रोजेक्ट मैंनेजमेंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत सुनीला एमवीएस न केवल बालको की विस्तार परियोजना की देखरेख करती हैं, बल्कि वह इंजीनियरों की एक टीम का मार्गदर्शन भी करती हैं जो उनके सहयोगी के रूप में कार्य करते हैं। वह कहती हैं कि प्रबंधकीय कौशल को लैंगिक सीमाओं तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए। बालको में विविधता और समावेशन का अत्यधिक महत्व है जहां महिलाओं को समान अवसरों के साथ आगे बढऩे का मौका मिलता है। मैं वर्तमान में एक महिला टीम का प्रबंधन करती हूं। एक प्रबंधक के रूप में मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने युवा टीम के सदस्यों को उनके करियर में आगे बढऩे और सफलता की सीढिय़ां चढऩे के लिए प्रेरित करूं। बालको अपनी विभिन्न महिला केंद्रित सामुदायिक विकास परियोजनाओं के माध्यम से कंपनी के साथ-साथ समुदाय में महिला को नेतृत्व करने के लिए तैयार किया है जो महिलाओं को सशक्त बना रहा है। दोंदरो, छत्तीसगढ़ की सारिका अपने समुदाय की कई लड़कियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी हैं। वह माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के बारे में खुले मंच पर संवाद शुरू कर विभिन्न भ्रांतियों एवं बाधाओं को तोड़कर बदलाव की लहर का नेतृत्व करती हैं। समुदाय में एक पथप्रदर्शक के रूप में नेतृत्व करती सारिका को बालको की नयी किरण परियोजना के तहत प्रशिक्षित किया गया है, जिसका उद्देश्य माहवारी संबंधी मिथकों और भ्रातियों को खत्म करना तथा माहवारी के दौरान स्वच्छता प्रथाओं को विकसित करना है। सुरक्षित प्रजनन स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए व्यापक माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन (एमएचएम) क्षमता निर्माण से जुड़ा है। सारिका कहती हैं कि मैं सैनिटरी नैपकिन खरीदने या किसी से माहवारी के बारे में बात करने से नहीं कतराती। बालको की नयी किरण परियोजना मेरे लिए आशा की किरण लेकर आया है। आज मैं अपने आस-पास के सभी लोगों को माहवारी को समझने और स्वस्थ, सुखी जीवन के लिए स्वच्छ प्रथाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती हूं। सरकारी गल्र्स हायर सेकेंडरी स्कूल में 10वीं की छात्रा दिव्या अपने शिक्षक की तरह बनने की इच्छा व्यक्त करती हैं। जब उनसे पूछा गया कि ऐसा क्यों है? वह अपनी शिक्षिका उर्मिला की ओर देखकर मुस्कुराती हैं और कहती हैं कि जब मैम मुझे पढ़ाती हैं तो मुझे पढऩा अच्छा लगता है। उर्मिला उन कई सरकारी शिक्षकों में से एक हैं जिन्हें सीखने के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनाने के लिए बालको के प्रोजेक्ट कनेक्ट के तहत शिक्षाशास्त्र और व्यावहारिक-आधारित मॉडल सिखाने के लिए व्यापक रूप से प्रशिक्षित किया गया है। अवसर आपका दरवाजा जरूर खटखटाता है बस आपको उस अवसर के अनुरूप अपनी क्षमता को पहले से विकसित करना पड़ता है। 22 साल की काजल ने बिल्कुल वैसा ही किया वह वेदांता स्किल स्कूल में इलेक्ट्रिकल ट्रेड में सबसे कुशल छात्रा में से एक है। स्किल स्कूल बालको की सीएसआर परियोजना है जो युवाओं को स्थायी आजीविका के लिए कौशल प्रदान करता है। काजल अपनी अन्य महिला सहपाठियों की तरह हर दिन मेहनत करती हैं जिनका लक्ष्य आत्मनिर्भर बनना है। वह कहती हैं कि किसान परिवार से होने के कारण मैंने अपनी आजीविका में अनिश्चितताएं देखी हैं। बालको की मदद से मेरे आत्मविश्वास को मजबूती मिली और सभी बाधाओं को पार किया। इलेक्ट्रिकल ट्रेड के कौशल प्रशिक्षण में कदम रखा जिसने मेरा जीवन बदल दिया है। परिवार अब आय के स्थिर स्रोत के लिए मुझ पर निर्भर है और मेरे समुदाय की लड़कियाँ भी स्वतंत्र बनकर अपने परिवार का समर्थन करने के लिए मुझसे प्रेरणा ले रही हैं। बालको की छत्तीसा व्यंजन रेसिपी कार्यशालाओं से लाभान्वित प्रतिभागी धनेश्वरी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं चॉकलेट बनाने और उसे बेचने की कला एवं कौशल सीखूंगी। कार्यशाला से चॉकलेट बनाने के कौशल ने मुझे और अन्य प्रतिभागियों को आत्मनिर्भर बनाया, जिससे हस्तनिर्मित चॉकलेट बेचकर अतिरिक्त आय उत्पन्न करने में सक्षम बनाया है। आज मैं न केवल चॉकलेट उत्पादन और बिक्री में शामिल हूं बल्कि आजीविका के रूप में चॉकलेट बनाने की इच्छा रखने वाली अन्य महिलाओं को ट्रेनिंग देने का कार्य कर रही हूं। धनेश्वरी उन 5700 महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2023 में उद्यमिता और स्थायी आजीविका के निर्माण के लिए बालको के प्रोजेक्ट उन्नति के तहत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया है। एक स्वस्थ और सशक्त माँ समृद्ध समाज का निर्माण करने की क्षमता रखती है। माताओं को उनके बच्चों के लिए आवश्यक पोषण के बारे में जानकारी देना मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण पहलू है। शुरुआत से ही सही पोषण प्रदान करने से बच्चे की वृद्धि और समग्र विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। माताओं और बच्चों के लिए पोषण के महत्व पर अपनी शैक्षिक जागरूकता पहल के माध्यम से बालको आसपास के समुदायों में माताओं को सशक्त बनाने में सफल रहा है। सलमा ने बताया कि कैसे इन सत्रों के माध्यम से उनके बेटे रुहान की सेहत में काफी सुधार हुआ था। सत्रों के माध्यम से उन्हें स्वस्थ खाने की आदतों और पौष्टिक भोजन के महत्व के बारे में पता चला। वित्त वर्ष 2023 में बालको के पीडी हर्थ सत्र के माध्यम से पोषण पुनर्वास के लिए पहचाना गया है, जिसमें सलमा के साथ अन्य 430 माताओं को अपने बच्चों के लिए एक उज्जवल और स्वस्थ भविष्य की कल्पना को साकार करने में मदद मिली है। ये कहानियाँ उन परियोजनाओं की एक झलक मात्र है, जिनका जश्न बालको ने ऐसी दुनिया बनाने के अपने मिशन में मनाया है जहां हर महिला अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सके। बालको में हमारा मानना है कि युवा लड़कियों और माताओं को बेहतर आजीविका और स्वतंत्रता के लिए सशक्त बनाना एक परिवर्तनकारी प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षा, कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता, स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच और लिंग आधारित बाधाओं को दूर करना शामिल है। वित्त वर्ष 2023 में 50 प्रतिशत से अधिक डायवर्स नियुक्तियां की गई हैं। बालको महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करने के साथ-साथ समग्र रूप से समाज के विकास और प्रगति में भी योगदान दे रहा है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कोरबा

वनविभाग आई एक्शन मोड में, बांकीमोंगरा क्षेत्र मे विभाग ने चलाया बुलडोजर, देखते रहे बेजाकब्जा धारी,,,।

Published

on

संवाददाता साबीर अंसारी

बांकीमोंगरा:– थाना बांकीमोंगरा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग का बांस बाड़ी जो इंदिरा नगर में है, जहां काफी लंबे अर्शे से वन विभाग ने अपना जोन (डिपो) बना रक्खा है, जहां के बेखौफ स्थानीय लोगों के द्वारा जोन के ठीक बाजू से 10 मीटर के दूरी से ही वन भूमि को कब्जा कर मकान निर्माण किया हुआ था जिनको पहले भी कई बार नोटिस दिया जा चुका था पर कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। कार्यवाही न होने के वजह से कब्जाधारी लोगों को कोई डर ही नहीं था और अभी वर्तमान में उनके द्वारा बिना किसी डर के धड़ल्ले से वन भूमि में निर्माण का कार्य किया जा रहा था जो लगभग वन भूमि के अंदर 100 मीटर तक घुस कब्जा कर लिए थे,,,।

इस बढ़ते कब्जे को देख वन विभाग के द्वारा 8 कब्जाधारियों को चिन्हित कर दिनांक 29/05/25 को शॉर्ट नोटिस दिया गया,,, जिसमें 4 लोगों ने कब्जा भूमि पर पक्का मकान निर्माण करा लिया था और चार लोग बाड़ी बनाए हुए थे, और इस बार भी लोग नोटिस को नजरअंदाज करते हुए अपना कब्जा बरकरार रखा जिसके बाद दिनांक 04/06/25 को वन विभाग का अमला सुबह सुबह पूरे विभाग के दल बल के साथ बुलडोजर लेकर बांस बाड़ी के पीछे पंहुचा, और चिन्हित लोगों के बेजा कब्ज़ा को तोडना शुरू कर दिया, बेजाकब्जा धारियों ने विरोध करने की कोशिश की पर नाकाम रहे और वन अमला अपना काम करता रहा।

बेजा कब्जा हटाने के बाद विभाग द्वारा स्थानीय लोगों को कड़ी शब्दों में हिदायत दी गई कि वन भूमि के दायरे अंदर जो भी कब्जा करेगा उन सब पर कार्यवाही की जाएगी,,।

जानकारी के अनुसार इसी क्षेत्र में जल्द ही एक बार फिर हो सकती है कार्यवाही।

Continue Reading

कोरबा

कांगे्रस का संविधान बचाओ आंदोलन : वक्ताओं ने कहा – संविधान बदलने भाजपा की साजिश कभी सफल नहीं होगी

Published

on

कोरबा। भाजपा की नफरत में डूबी बयानबाजी, भारत के सामाजिक ताने – बाने के लिए एक गंभीर खतरा है। इस नफरत का एकमात्र विकल्प हमारे सविंधान में निहित संदेश है । यह एक ऐसा विचार है, जो भारत के नागरिकों को परस्पर सम्मान, प्रेम और सबके सम्मिलित उत्थान के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता के आधार पर एकबद्ध करता है ।


उक्त कथन सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कोरबा सुभाष चौक पर आयोजित विधानसभा स्तरीय सविंधान बचाओ आंदोलन की आमसभा में अपने उद्बोधन में व्यक्त किया। सांसद महंत ने आगे कहा कि भारत में दो विचारधाराएं है, एक जो सविंधान की रक्षा करती है तथा समानता और एकता की बात करती है और दूसरी विचारधारा सविंधान खतम करने वालों की है ।


पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सविंधान की रक्षा करते रहेंगे । यह सविंधान डॉ.अंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी और देश के हर नागरिक का सविंधान है, इसलिए हम सबको इसकी रक्षा करनी चाहिए। किसी भी हालात में हमें, हमारे सविंधान को नष्ट नहीं होने देंगे। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ.भीमराव अंबेडकर के तैल्यचित्र एवं नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें नमन किया गया ।
जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष नत्थुलाल यादव ने कहा कि भाजपा भारत में धर्म, भाषा और जाति के नाम पर नफरत फैलाने का काम रही है । कांग्रेस इस नफरत का खिलाफत करते रहेगी ।


जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष मनोज चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से भारत को एकजूट रखने की कोशिश की है। श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी देश को एकजूट रखने के लिए अंतिम सांस तक कार्य करते रहे और शहीद हुए।


पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि देश की संपत्ति को केन्द्र सरकार द्वारा लगातार बेची जा रही है । रेल्वे स्टेशनों पर वेटिंग हॉल में प्रति घण्टे के दर से किराया देना पड़ रहा है ।
प्रदेश कांग्रेस सचिव विकास सिंह ने कहा कि देश और प्रदेश में जो सरकार चल रही है, वह सविंधान को तोडऩे और बदलने का असफल प्रयास कर रही है। उनका यह प्रयास कभी भी सफल नहीं होगा ।
श्याम सुंदर सोनी ने कहा कि जिस तरह से केन्द्र सरकार की भाजपा सरकार सविंधान के साथ छेड़छाड़ कर रही है, वह चिंता का विषय है। सविंधान से हम सबको अधिकार मिले हैं। केन्द्र सरकार तमाम जांच एजेंसी को अपना एजेंट बनाकर विपक्ष को परेशान करने में लगी है। यह विषय भी सविंधान के नियमों के विरूद्ध है
कार्यक्रम में दुलेश्वरी सिदार, सूरज महंत, रेखा त्रिपाठी, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ.रामगोपाल कुर्रे, सांसद प्रतिनिधि मोहन प्रधान, सुरेश सहगल, सपना चैहान, बी एन सिंह, कुसुम द्विवेदी, प्रदीप पुरायणे, राकेश पंकज, सुभाष राठौर, संतोष राठौर, सुकसागर निर्मलकर, बसंत चंद्रा, दुष्यंत शर्मा, रमेश जायसवाल, जयप्रकाश यादव, राजेन्द्र तिवारी, बद्रीकिरण, नारायण कुर्रे, अविनाश बंजारे, मस्तुल कंवर, रवि चंदेल, अनुज जायसवाल, अर्जुन सिंह, आकाश पटेल, पालुराम साहू, अश्वनी पटेल, मनक साहू, अतुल दास, गिरधारी बरेठ, रमेश वर्मा, राजेश यादव, लक्ष्मी महंत, दीपक राठौर, शशिलता पाण्डेय, राजेन्द्र ठाकुर, रामकुमार राठौर, गणेश दास, जीवन चैहान ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने किया और अंत में पार्षद मुकेश राठौर ने आभार व्यक्त किया ।

Continue Reading

कोरबा

X-बॉयफ्रेंड बोला- तू मुझे छोड़ नहीं सकती, फिर मारा चाकू:नाबालिग लड़की बोली- उसने जेल से छूटने के बाद भी मारने की धमकी दी

Published

on

कोरबा,एजेंसी। कोरबा जिले में एक्स बॉयफ्रेंड ने अपनी एक्स गर्लफ्रेंड के सीने में चाकू मारा है। सिविल लाइन के डिंगापुर रिक्शा पारा में शनिवार (7 जून) को पीड़िता और उसकी मां पूर्व प्रेमी राहुल सारथी (19 साल) के घर उसे समझाने गए थे कि वह उनकी बेटी से दूर रहे, तभी उसने मारपीट की। इसी बीच बचाव करने आई मां को भी चोट लगी है।

मामला रामपुर थाना क्षेत्र का है। राहुल का लड़की के घर आना-जाना था। वह छोटी-छोटी बातों पर टोकता और शक के चलते मारपीट करता था। परेशान होकर रिलेशनशिप के 1 साल बाद लड़की ने उससे ब्रेकअप कर लिया। इसके बाद भी राहुल ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। पीड़िता का कहना है कि, लड़के ने जेल से छूटने के बाद भी मारने की धमकी दी है।

नाबालिग के सीने में टांके लगे है।

नाबालिग के सीने में टांके लगे है।

आरोपी राहुल सारथी ने ये फोटो अपने इंस्टाग्राम पेज पर डाली है।

आरोपी राहुल सारथी ने ये फोटो अपने इंस्टाग्राम पेज पर डाली है।

नाबालिग लड़की ने क्या कहा?

वह अक्सर घर आकर गाली-गलौच और मारपीट करता था। उसका कहना है कि तू किसी और कि नहीं हो सकती न होने दूंगा क्योंकि तेरे चक्कर में मोहल्ले और घर में बदनाम हो चुका हूं इसलिए तु मेरे को छोड़कर नहीं जा सकती।

आगे नाबालिग ने बताया कि, मेरे चेहरे पर वो पहले भी मारा है। आंख के ऊपर टांके आए थे, इस बार फिर मारा है तो सीने में टांके आए है। राहुल कुछ काम नहीं करता था। अभी भी वह धमकी दिया है कि जेल से निकल के फिर मारुंगा। वह धमकी देता था कि वह किसी और की नहीं हो सकती। राहुल के पिता स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी करते हैं।

बता दें कि पीड़िता के शरीर पर पहले से भी कई चोटों के निशान हैं। परिजनों की शिकायत के बाद थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने जांच की बात कही है।

Continue Reading
Advertisement

Trending