Connect with us

छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिलासपुर दौरे की तैयारियों का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम स्थल पर पहुँचकर लिया जायजा

Published

on

₹33,000 करोड़ के विकास कार्यों की देंगे सौगात

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के बिलासपुर दौरे की तैयारियों का

बिलासपुर के मोहभठ्ठा में 30 मार्च को आयोजित होगी ऐतिहासिक जनसभा

रायपुर,

बिलासपुर के मोहभठ्ठा में 30 मार्च को आयोजित होगी ऐतिहासिक जनसभा
बिलासपुर के मोहभठ्ठा में 30 मार्च को आयोजित होगी ऐतिहासिक जनसभा
बिलासपुर के मोहभठ्ठा में 30 मार्च को आयोजित होगी ऐतिहासिक जनसभा
बिलासपुर के मोहभठ्ठा में 30 मार्च को आयोजित होगी ऐतिहासिक जनसभा
बिलासपुर के मोहभठ्ठा में 30 मार्च को आयोजित होगी ऐतिहासिक जनसभा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 30 मार्च को बिलासपुर जिले के बोदरी तहसील स्थित ग्राम मोहभठ्ठा में प्रस्तावित विशाल जनसभा की तैयारियों का आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वयं कार्यक्रम स्थल पर पहुँचकर जायजा लिया। उन्होंने कार्यक्रम से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं—मुख्य मंच, हेलीपैड, ग्रीन रूम, सांस्कृतिक मंच, हितग्राहियों एवं विशिष्ट अतिथियों की बैठक व्यवस्था आदि का गहन निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मौके पर अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिए कि 55 एकड़ क्षेत्र में आयोजित इस ऐतिहासिक सभा के लिए सभी तैयारियाँ समयबद्ध, सुव्यवस्थित और जनहित केंद्रित हों। बैठक में बताया गया कि कार्यक्रम में प्रदेशभर से लगभग 2 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है, जिसके मद्देनज़र सभी विभागों को अलर्ट मोड पर कार्य करने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अब तक का सबसे बड़ा छत्तीसगढ़ दौरा होगा। उनका आगमन नवरात्रि के शुभ अवसर पर हो रहा है, जो प्रदेश के विकास के लिए अत्यंत मंगलकारी संकेत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने स्वयं दिल्ली जाकर उन्हें आमंत्रित किया था, और आज पूरा प्रदेश उनके स्वागत के लिए आतुर है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि इस ऐतिहासिक आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग ₹33,000 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात देंगे। इनमें पीएम जनमन योजना के तहत विशेष रूप से बिरहोर, बैगा और पहाड़ी कोरवा जैसी जनजातियों के लिए संचालित योजनाएँ शामिल हैं, जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों के विकास को नई दिशा देंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जिला प्रशासन  को निर्देशित किया कि हितग्राहियों को घर से सभा स्थल तक लाना और वापस सुरक्षित पहुंचाना प्रशासन की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है। उन्होंने ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए जल, छाया, चिकित्सा आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासन पूरी तन्मयता से तैयारियों में जुटा है और यह कार्यक्रम प्रदेश के जनजीवन में एक ऐतिहासिक स्मृति के रूप में दर्ज होगा।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि आमसभा के सफल आयोजन के लिए सभास्थल में सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जा रही हैं।

इस अवसर पर विधायक धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, धरमजीत सिंह, पुन्नूलाल मोहले, सुशांत शुक्ला, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, संभागायुक्त महादेव कावरे, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर अवनीश शरण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कोरबा

भारतमाला प्रोजेक्ट…11 जिलों में भ्रष्टाचार की जांच करेगी EOW:किसानों की जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में धांधली की शिकायत; इनमें कई अफसरों के नाम

Published

on

रायपुर, एजेंसी। भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में घोटाले की जांच EOW करेगी। छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में भू-अर्जन की प्रक्रिया में अनियमितताएं पाए जाने के बाद जांच का दायरा बढ़ाया गया है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने सभी संभाग कमिश्नर को लेटर लिखा है। 15 दिन में इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। जिन जिलों से भारत माला प्रोजेक्ट होकर गुजर रहा है, उन सभी जिलों में मुआवजा और अधिग्रहण की जांच होगी।

रायपुर से विशाखापट्टनम तक हाईवे बनना है इसमें जमीन मुआवजे को लेकर गड़बड़ी की बात सामने आई है।

रायपुर से विशाखापट्टनम तक हाईवे बनना है इसमें जमीन मुआवजे को लेकर गड़बड़ी की बात सामने आई है।

पहले जानिए क्या है भारतमाला परियोजना?

भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं जो भारत सरकार की है। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरे हैं। इसी के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक करीब 463 किमी लंबी नई फोरलेन सड़क बनाई जा रही है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र जारी किया है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र जारी किया है।

अब जानिए घोटाले को लेकर क्या है शिकायत?

रायपुर से विशाखापट्टनम 463 किमी सड़क बन रही है इसमें छत्तीसगढ़ में 124 किमी सड़क 3 कंपनियां बना रही हैं। यह सड़क नवा रायपुर से भी होकर गुजरेगी। इसलिए यहां सड़क के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे का घोटाला सामने आया है।

छत्तीसगढ़ के अवर सचिव को 8 अगस्त 2022 को धमतरी निवासी शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू और हेमंत देवांगन ने शिकायत की थी। बताया गया कि, अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बांटने के नाम पर अधिकारियों ने पैसों का बंदरबांट किया। उनकी जमीन का खसरा बदल दिया गया। पूर्व खसरे पर उस राशि का भुगतान दिख रहा है।

एसडीएम, नायब तहसीलदार और पटवारी से इसकी शिकायत की है, लेकिन वो समाधान नहीं कर रहे हैं। इन अफसरों ने दस्तावेजों में हेर-फेर कर भू-माफियाओं की मदद से शासन के पैसों का दुरुपयोग किया है।

अधिग्रहण नियम क्या है?

अधिग्रहण नियमों के अनुसार, गांवों में 500 वर्गमीटर से कम जमीन है तो उसका मुआवजा ज्यादा मिलता है। जमीन 500 वर्गमीटर से ज्यादा है तो पैसा कम मिलता है। उदाहरण के तौर पर एक एकड़ जमीन का मुआवजा 20 लाख होगा। इसे टुकडों में बांटकर 500 वर्गमीटर से कम कर दिया जाए तो मुआवजा 1 करोड़ हो जाएगा।

इन 11 जिलों में होगी जांच

  1. रायपुर
  2. धमतरी
  3. कांकेर
  4. कोंडागांव
  5. कोरबा
  6. रायगढ़
  7. जशपुर
  8. राजनांदगांव
  9. दुर्ग
  10. बिलासपुर
  11. जांजगीर-चांपा
  12. EOW ने मांगी पिछली जांच रिपोर्ट
    रायपुर जिले में जांच के बाद प्रदेश के 11 जिलों में गड़बड़ी सामने आई है। अधिकारियों की तरफ से फर्जी नामांतरण, बंटवारा और अधिक मुआवजा बांटने की शिकायत है। इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेकर राजस्व विभाग ने जांच का दायरा बढ़ाया।
    भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच EOW को सौंपने का फैसला कैबिनेट में लिया गया था। अब इस पूरे मामले में EOW के अधिकारी जांच में जुट गए हैं। वहीं, राजस्व विभाग से पूर्व में की गई जांच की रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में EOW घोटाले में शामिल अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
    सीबीआई से भी की गई शिकायत
    स्वामी बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के संचालक नरेंद्र पारख ने बताया कि, अभनपुर के उरला गांव नहर के पास उनकी 88 डिसमिल जमीन है। इसमें 39 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण एनएचएआई ने किया है। भुगतान पत्रक में 1.36 करोड़ का मुआवजा बना। लेकिन इनकी जमीन का मुआवजा किसी हृदय लाल गिलहरे के नाम पर कर दिया गया।
    उसने बैंक से पूरा पैसा निकालकर खाता बंद कर दिया है। उन्होंने इसकी शिकायत सीबीआई में की गई है। अमित पाण्डेय ने बताया कि, उनके पास 1.80 लाख स्क्वायर फीट जमीन थी। उन्हें 29 करोड़ मुआवजा मिलना था, लेकिन 17 करोड़ ही मिले। बाकी 12 करोड़ कहां गए उन्हें पता नहीं।



  13. ननकी राम कंवर ने पिछले साल पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
    ननकी राम कंवर ने पिछले साल पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
    पूर्व गृहमंत्री ने लिखी थी पीएम को चिट्‌ठी
    मुआवजा घोटाले में रिव नाम के व्यक्ति की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। इसकी शिकायत बीजेपी नेता ननकीराम कंवर ने पत्र लिखकर 28 नवंबर 2024 को पीएम मोदी से की थी।
    चिट्‌ठी में मुआवजा घोटाले में शामिल अफसरों का नाम लिखा था और प्रोजेक्ट की जानकारी भू-माफियाओं को लीक करने की बात भी लिखी थी। इसमें जिन अफसरों का नाम लिखा हुआ था, उनमें से कई अफसर अभी भी जांच के दायरे के बाहर है।
  14. कई अफसर जांच के दायरे में

Continue Reading

कोरबा

“चैत्र नवरात्र में श्री हित सहचरी सेवा समिति का भक्ति महोत्सव: गूंजा सुंदरकांड, जस-गीतों पर थिरकी श्रद्धा, समय पर सहभागिता और सहयोग से सजी दिव्य संध्याएं”

Published

on

कोरबा । चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री हित सहचरी सेवा समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संध्या सुंदरकांड श्रृंखला ने क्षेत्र में राम नाम की ऐसी अखंड ज्योति जलाई, जिसने हर घर को मंदिर का स्वरूप दे दिया। समिति की प्रेरणास्रोत संरक्षिका श्रीमती नीरू राय के नेतृत्व में घर-घर जाकर सुंदरकांड पाठ, भजनों, जस गीतों और भाव नृत्य की ऐसी अनुपम श्रृंखला रची गई, जिसने श्रद्धालुओं के मन को पूर्णतः भक्ति में डुबो दिया।

श्रीमती श्वेता राय ने इस आयोजन में निस्वार्थ और आत्मीय सहयोग प्रदान किया, जिससे आयोजन की गरिमा और भक्ति दोनों का स्तर ऊँचा हुआ। संयोजन, समन्वय और सहयोग के रूप में उनका योगदान विशेष उल्लेखनीय रहा।

भक्ति, समय और सेवा का संगम:


इस आयोजन की विशेषता केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह एक ऐसा सांस्कृतिक एवं पारिवारिक मिलन बन गया, जिसमें समय पर उपस्थिति, सेवा भाव, और उत्साहपूर्वक भागीदारी ने आयोजन को सफलतम रूप प्रदान किया।
समिति की समर्पित महिलाओं ने न केवल संध्या में समय पर पहुंचकर प्रतिदिन आयोजन को क्रमबद्ध और दिव्य बनाए रखा, बल्कि घर-परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी भक्ति से अपना संबंध नहीं टूटने दिया। यह आयोजन वास्तव में उनकी निष्ठा, दीक्षा और अनुशासन का साक्षात् प्रमाण था।

भावनात्मक प्रस्तुतियां और जस गीतों की मधुरिमा:
सुंदरकांड पाठ के पश्चात जब जस गीतों की स्वर-लहरियां गूंजतीं, तो श्रद्धालु महिलाओं और बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत भक्ति नृत्य उस वातावरण को जैसे स्वर्गीय बना देते। उनकी भाव-भंगिमा, पारंपरिक वेशभूषा, और समर्पण, सभी ने मिलकर संध्या को एक भक्ति-दर्शन का स्वरूप दिया। ऐसा प्रतीत होता जैसे भक्ति साक्षात् मूर्त रूप में प्रकट हो गई हो।

सभी परिवारों का अनुपम सहयोग:


इस भक्ति यात्रा की सफलता केवल एक समिति की नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की सहभागिता का फल थी। हर परिवार ने, चाहे वह आयोजन स्थल हो या सहभागी, अपने समय, संसाधन और प्रेम से इसे पूर्णता दी। बच्चों से लेकर वरिष्ठजनों तक, सभी ने एक स्वर में राम नाम का संकीर्तन किया।

मातृशक्तियों का अमूल्य योगदान:
इस आयोजन की रीढ़ बनीं समिति की समर्पित सदस्याएं —

मंजूलता गुप्ता, मीनाक्षी शर्मा, राजश्री पांडे, मीना ठाकुर, निव्या विनायक, श्वेता दुबे, प्रियंका सिन्हा, श्रद्धा कर्मी, रजनी श्रीवास्तव (शाह आंटी), भावना स्वर्णकार, पटेल आंटी, सलिका गोयल, प्रियंका वर्मा, मीनू पांडे, नेहा सिन्हा, किरण सिंह, विनीता सिंह, अंजना सिंह, अंशु सिंह, कविता, मेघा उपाध्याय, अर्चना सिंह, मीणा वनाफर, राजेश्वरी, दमयंती सिंह, गीता वरवली, गुड़िया सिंह, कुसुम, प्रभा नायक, आभा प्रसाद, राम उपाध्याय, रीना दुबे, रूप मन्नार, रानी जयसवाल और तुलसी — सभी ने समय पर सहभागिता, प्रेमपूर्ण सेवा, और सच्चे समर्पण से आयोजन को एक आध्यात्मिक महोत्सव में परिवर्तित कर दिया।


समापन की भक्ति लहर:
हर दिन का समापन सामूहिक आरती, प्रसाद वितरण, और परिवार संग भजन-कीर्तन के साथ होता, जिससे पूरे क्षेत्र में एकता, अध्यात्म और आनंद की लहर दौड़ जाती। यह आयोजन भक्ति के उस स्वरूप का प्रतीक बन गया, जिसमें केवल पूजा नहीं, संस्कार, संस्कृति और समर्पण का संगम हो।

Continue Reading

कोरबा

छत्तीसगढ़ महिला फुटबॉल को मिली नई ऊर्जा, प्रदेश व जिला कार्यकारिणी गठितकोरबा में हुआ सम्मान समारोह, संजू देवी राजपूत बनीं प्रदेश अध्यक्ष

Published

on

कोरबा। छत्तीसगढ़ महिला फुटबॉल एसोसिएशन की नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा एवं सम्मान समारोह का आयोजन सोमवार को कोरबा के होटल कावेरी, पावर रोड में किया गया। इस अवसर पर महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने तथा संगठन को सशक्त करने के उद्देश्य से विचार-विमर्श और योजनाओं की चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव शेख जावेद ने की।

समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय महासचिव द्वारा प्रदेश अध्यक्ष संजू देवी राजपूत को शाल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए हुई। उन्होंने अपने संबोधन में महिला फुटबॉल के क्षेत्र में एसोसिएशन की सक्रियता की सराहना की और कहा कि इस संगठन की भूमिका राज्य में महिला खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में अहम रहेगी।

प्रदेश अध्यक्ष संजू देवी राजपूत ने इस अवसर पर नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में वे एक सामान्य सदस्य के रूप में इस संघ से जुड़ी थीं और अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है, यह उनके लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण से कार्य करेंगी।

घोषित नवीन प्रदेश कार्यकारिणी इस प्रकार है:

प्रदेश अध्यक्ष – संजू देवी राजपूत, प्रदेश उपाध्यक्ष – गुलशन अरोरा, दीपक यादव, जगदीश श्रीवास, सुधा झा, डॉ. अंजना सिंह, दिलीप डोमने, कामायनी दुबे, भागवत सिंह ,महासचिव – साजी टी. जान ,सहसचिव – रवीन्द्र साहू, जानकी साहू, स्मिता बेग, सरोज राठौर, मनोज मिश्रा, राजेश मिश्रा, पवन सिन्हा, मीना सिंह ,कोषाध्यक्ष – अंजू सिंह, प्रदेश प्रवक्ता – दिब्येन्दु मृधा, सुशील दास , कार्यकारिणी सदस्य – डॉ. चंचल, रितु मिश्रा, सुनीता देवांगन, स्मिता सिंह, राकेश सोनी, शहनाज शेख, मनोज सिंह राजपूत

कोरबा जिला महिला फुटबॉल संघ की कार्यकारिणी भी घोषित:

जिला अध्यक्ष – आभा दुबे ,उपाध्यक्ष – सिकन्दर टोप्पो, रश्मि श्रीवास, अमीश केलब ,सचिव – सुरेन्द्र दास ,सहसचिव – पद्मिनी साहू, समीउल्ला खान, अविनाश कुमार, एन. मुर्ती, सुनील नर्मदा ,कोषाध्यक्ष – कविता सोनी ,कार्यकारिणी सदस्य – मो. दानीश, सुनील कुमार बहरीया, हेमंत साहू, गीता

इस भव्य समारोह में अनेक समाजसेवी, खेलप्रेमी, पदाधिकारी एवं अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान महिला फुटबॉल के विकास के लिए योजनाएं प्रस्तुत की गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि छत्तीसगढ़ में महिला खेलों को बढ़ावा देने हेतु ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि महिला खिलाड़ियों को समान अवसर देने के लिए समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।

Continue Reading
Advertisement

Trending