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कोरबा

डीएसपीएम संयंत्र के एस. ई. (सिविल) भौरया की मुख्यमंत्री से शिकायत.. मैन्युअल निविदाओं में भ्रष्टाचार का आरोप

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कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र में सुपेरिंटेंडिंग इंजीनियर (सिविल) के पद पर पदस्थ एच एल भौरया के द्वारा भ्रष्टाचार करने की शिकायत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की गई है। उन पर मैन्युअल निविदाओं में भ्रष्टाचार कर अपने चहेते ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। भाजपा सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व विधायक प्रतिनिधि नवनीत राहुल शुक्ला ने कोरबा विधायक व उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन तथा कल कोरबा प्रवास पर पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को इस संबंध में पत्र सौंपा।

अपने पत्र में श्री शुक्ल ने बताया की विद्युत कंपनी में निविदाएं ऑनलाइन पद्धति से भरी जाती हैं जिसके लिए ठेकेदारों को कंपनी का वेंडर कोड लेना अनिवार्य होता है। परंतु निविदा ऑनलाइन होने के कारण प्लांट के अधिकारियों को उसमें भ्रष्टाचार करने का अवसर प्राप्त नहीं होता है। इसी कारण अपना निजी स्वार्थ साधने के लिए एच एल भौरया के द्वारा कार्यों को छोटे हिस्सों में बाँटकर 2 लाख रुपये मूल्य की निविदाएँ मैन्युअल पद्धति से जारी की जा रही है जिसमें पृथक रजिस्ट्रेशन व मनमानी शर्तें जोड़कर एच एल भौरया के द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।

अपने पत्र में शुक्ला ने बताया कि कंपनी का वेंडर कोड होने के पश्चात भी ठेकेदारों को इन 2 लाख की मैन्युअल निविदाओं में भाग लेने के लिए प्लांट के सिविल विभाग में पृथक से रजिस्ट्रेशन करवाने कहा जाता है। परंतु यह रजिस्ट्रेशन सिविल विभाग के सुपेरिंटेंडिंग इंजीनियर एच एल भौरया की इजाजत के बिना नहीं किया जा रहा है। जो भी ठेकेदार रजिस्ट्रेशन कराने आता है उसे बाबू द्वारा एच एल भौरया से मिलने कह दिया जाता है। भौरया के निर्देश देने पर ही बाबू द्वारा उक्त ठेकेदार का रजिस्ट्रेशन किया जाता है नहीं तो उसे वापस लौटा दिया जाता है। इस संबंध में ठेकेदार यदि शिकायत करना चाहे तो भौरया के द्वारा ठेकेदार से मिलने से इनकार कर दिया जाता है तथा प्लांट के गेट पर सुरक्षा गार्ड को ठेकेदार का गेट पास नहीं बनाने का निर्देश दे दिया जाता है। श्री शुक्ल ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है की वेंडर कोड लेकर करोड़ों के टेंडर में भाग ले सकने वाले ठेकेदार को मात्र 2 लाख रुपये के टेंडर में भाग लेने हेतु इंजीनियर भौरया की इजाजत व पृथक रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है। निविदा नियमों में यह विरोधाभास भौरया के भ्रष्टाचार को रेखांकित करता है।

इसके अतिरिक्त इंजीनियर भौरया के द्वारा निविदाओं में मनमानी शर्तें जोड़कर भी निविदाओं को प्रभावित किया जाने का आरोप लगाया गया है। श्री शुक्ल ने इस संबंध में विभाग द्वारा जारी अलमारी व फर्नीचर खरीदी की निविदा की ओर ध्यान आकर्षित कराया जिसमें दो लाख के अलमारी व फर्नीचर खरीदी हेतु “सिविल कार्य में अनुभवी व ब से ऊपर श्रेणी” के पंजीकृत ठेकेदारों को ही निविदा में हिस्सा लेने का मापदंड रखा गया। श्री शुक्ल ने कहा कि उपरोक्त शर्तों से यह स्पष्ट है की उक्त निविदा में किसी विशेष ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का प्रयास एच एल भौरया के द्वारा किया गया है।

अपने पत्र में श्री शुक्ल ने बताया कि भौरया के द्वारा गेट पास को हथियार बनाकर अपने भ्रष्टाचारों पर पर्दा डाला जा रहा है। कोई ठेकेदार यदि किसी निविदा में हिस्सा लेने संयंत्र पहुंचता है तो उसे सुरक्षा गार्ड के द्वारा भौरया या संबंधित विभाग के किसी अधिकारी से बात कराने कहा जाता है। ऐसे में यदि कोई ठेकेदार पहली बार किसी निविदा में हिस्सा लेने पहुंचा हो और किसी अधिकारी के संपर्क में ना हो तो उसे प्लांट में प्रवेश नहीं दिया जाता। वहीं फोन पर बात करा देने पर भी कई मौकों पर इंजीनियर भौरया के द्वारा ठेकेदार का नाम व कार्य पूछ कर उसे प्रवेश देने से मना कर दिया जाता है। इस प्रकार इंजीनियर भौरया के द्वारा ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन नही करके व प्लांट में प्रवेश रोक कर निविदाओं में प्रतिस्पर्धा समाप्त करते हुए अपने कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को अनैतिक लाभ पहुंचाया जा रहा है।

नवनीत शुक्ला ने अपने पत्र में मैन्युअल निविदाओं के लिए पृथक रजिस्ट्रेशन के नियम को समाप्त करने, प्लांट में ठेकेदारों को कार्य से संबंधित विभाग की जानकारी देने पर प्रवेश प्रदान करने तथा भ्रष्टाचार में लिप्त सिविल विभाग के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर भौरया व अन्य अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की जिसपर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रकरण की जाँच कराने व दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।

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कोरबा

कैदियों की सुविधों, स्वास्थ्य और विधिक सहायता की हुई गहन समीक्षा

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कोरबा। न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने एवं बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में जिला जेल कोरबा का सघन निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल में निरूद्ध कैदियों की स्थिति, उन्हें उपलब्ध करायी जा रही मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था। निरीक्षण के दौरान बोर्ड सदस्यों ने जेल परिसर के विभिन्न हिस्सों का बारीकी से अवलोकन किया। उसमें कौदियों के बैरक, रसोईघर, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वच्छता व्यवस्था तथा अन्य सामान्य उपयोग के स्थान शामिल रहे। अधिकारियों ने कौदियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उसी समस्याओं आवश्यकताओं एवं दैनिक दिनचर्या की जानकारी प्राप्त की। भोजन की गुणवत्ता, पोषण मानकों, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, दवाईयों एवं चिकित्सकों की उपस्थिति, शिक्षा कर्यक्रमों जैसी गतिविधियों का भी आकलन किया गया। जेल लीगल एड क्लीनिक की कार्यप्रणाली की भी जांच की गयी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को समय पर और सरल रूप से कानूनी सहायता प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा के अध्यक्षता में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि कैदियों के लिए स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थय परीक्षण एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित की जाए। वहींं निरीक्षण के दौरान 17 महिला एवं 189 पुरूष बंदी जेल में रहे। इस संयुक्त निरीक्षण में सुश्री मयुरा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कु. त्राप्ति कु. ग्रेसी – न्यायिक मजिस्टेट, प्रथम श्रेणी, ओमप्रकाश यादव- अपर कलेक्टर कोरबा, नीतिश िसह ठाकुर- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विजय लक्ष्मी- लोक निर्माण विभाग, सी.के. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,  तामेश्वर उपाध्याय- जिला शिक्षा अधिकारी,  दिपेश भारती रोजगार अधिकारी, विनय कुमार उद्योग अधिकारी, मुकेश कुमार वेलफेयर अधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक हरीश सक्सेना उपस्थित रहे।

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कोरबा

ईएमटी पद हेतु अनंतिम मेरिट सूची जारी

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दावा आपत्ति 31 दिसंबर तक आमंत्रित

कोरबा। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा के द्वारा जिला खनिज न्यास मद अंतर्गत 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस हेतु इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन ;ईएमटी के 14 पदों हेतु पात्र/अपात्र सूची प्रकाशन कर दिनांक 28.11.2025 को सायं पांच बजे तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी।
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोरबा से प्राप्त जानकारी अनुसार दावा आपत्ति निराकरण पश्चात् दावा अपत्ति निराकरण सूची एवं अंनंतिम मेरिट सूची कार्यालयीन सूचना पटल पर चस्पा तथा कोरबा जिले के शासकीय वेबसाईट www.korba.gov.in  मे सर्व संबंधितों के अवलोकनार्थ एवं दावा आपत्ति हेतु अपलोड़ कर दिया गया है। अनंतिम मेरिट सूची के समस्त कॉलमों का उम्मीद्वारों द्वारा सूक्ष्म अवलोकन कर दावा आपत्ति कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा में 31 दिसंबर 2025 समय 5ः00 बजे तक मय आवश्यक दस्तावेज सहित प्रस्तुत कर सकते हैं।

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कोरबा

26 दिसम्बर को मनाया जाएगा वीर बाल दिवस

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स्कूल कॉलेजों में  विद्यार्थियों को सम्मिलित कर विविध गतिविधियां होंगी आयोजित

कोरबा। भारत सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को दसवें सिक्ख गुरु गोविन्द सिंह  के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत को राष्ट्रीय दिवस घोषित करते हुए 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया है। उक्त शहादत दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर विद्यालयों/महाविद्यालयों में विविध गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए गए है। स्कूल -कॉलेज  के विद्यार्थियों को सम्मिलित करते हुए बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह के  शहादत की स्मृति में भाषण प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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