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भारत पर ट्रम्प का 50% टैरिफ, 25% आज से लागू:ज्वेलरी-टेक्सटाइल जैसे सेक्टर को ज्यादा नुकसान, एक्सपोर्ट आधा हो सकता है
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1 month agoon
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Divya Akash
नई दिल्ली,एजेंसी। भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर आज यानी, 7 अगस्त से 25% टैरिफ लागू हो गया है। वहीं 25% एक्स्ट्रा टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। अभी भारतीय सामानों पर करीब 10% टैरिफ लगता था। नए टैरिफ लगने से भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी, GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा- टैरिफ के कारण अमेरिका को होने वाले निर्यात में 40-50% की कमी आ सकती है।
हालांकि भारत के एक्सपोर्टर्स ने कहा- माल बेचने के किए उनके पास अमेरिका के अलावा दुनिया भर के बाजार हैं। ज्वेलरी जैसे कई सेक्टर्स में भारत का अमेरिका को निर्यात टैरिफ कम होने की वजह ज्यादा है। अब एक्सपोर्टर्स दुनिया के बाकी बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं।

1. इंजीनियरिंग गुड्स: सबसे ज्यादा निर्यात
पहले की स्थिति : भारत ने 2024 में 19.16 बिलियन डॉलर (करीब 1.68 लाख करोड़ रुपए) के इंजीनियरिंग गुड्स निर्यात किए। इसमें स्टील प्रोडक्ट्स, मशीनरी, ऑटोमोटिव पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, और अन्य औद्योगिक उपकरण शामिल हैं।
- मौजूदा टैरिफ: 5% +10% = 15%, कई इंजीनियरिंग उत्पादों को सेक्शन 232 के तहत छूट भी। अप्रैल 2025 में 10% टैरिफ ऐलान से पहले इस कैटेगरी पर टैरिफ करीब 5% था।
- उदाहरण: 100 डॉलर का पार्ट अमेरिका में 115 डॉलर में बिकता है।
टैरिफ के बाद:
- नया टैरिफ: 5%+25%= 30%
- नई लागत: 100 डॉलर का सामान अब 130 डॉलर में पड़ेगा।
- असर: कीमत बढ़ने से निर्यात में 10-15% की कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: भारत फोर्ज, टाटा स्टील, और L&T आदि।
- चुनौती: लाखों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। छोटे और मध्यम उद्यम सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे जो इंजीनियरिंग गुड्स के 40% निर्यात में योगदान देते हैं।
क्या कर सकता है भारत?
- यूरोप (जर्मनी, UK) और ASEAN देशों (सिंगापुर, मलेशिया) में इंजीनियरिंग गुड्स की मांग बढ़ रही है। भारत इन बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ा सकता है।
- इंजीनियरिंग गुड्स के लिए PLI स्कीम का विस्तार करके उत्पादन लागत को कम करना, ताकि कंपनियां अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धी रहें।
टैरिफ के कारण शिपमेंट में कमी आने की संभावना
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट एंड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा- अगर अमेरिका अपनी योजना के साथ आगे बढ़ता है और स्टील, एल्यूमीनियम और उनके डेरिवेटिव्स पर 50% टैरिफ लगाता है तो इन प्रमुख वस्तुओं का निर्यात महंगा हो जाएगा।
इससे शिपमेंट में कमी आने की संभावना है। हमें लगभग तीन महीने तक इंतजार करना होगा यह देखने के लिए कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं। इसके बाद हम कोई रणनीति बना सकते हैं। पिछले कुछ महीनों में ऊंचे टैरिफ की आशंका के चलते ऑर्डर पहले से ही ज्यादा ले लिए गए थे।
2. इलेक्ट्रॉनिक्स: स्मार्टफोन पर ज्यादा असर
पहले की स्थिति : भारत ने 2024 में अमेरिका को 14 बिलियन डॉलर (करीब 1.23 लाख करोड़ रुपए) के इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात किया था। इसमें स्मार्टफोन, खासतौर पर आईफोन का बड़ा हिस्सा था। भारत अमेरिका का आईफोन का सबसे बड़ा सप्लायर है।
अप्रैल में जब डोनाल्ड ट्रम्प ने पहली बार टैरिफ का ऐलान किया था उससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स पर एवरेज 0.41% का टैरिफ लगता था।
- उदाहरण: 100 डॉलर का स्मार्टफोन अमेरिका में 100.41 डॉलर में बिकता था।

अमेरिका में बिकने वाले 44% स्मार्टफोन भारत में बनते हैं।
टैरिफ के बाद: अभी इलेक्ट्रॉनिक्स को छूट है। जब तक सेक्शन 232 टैरिफ की घोषणा नहीं होती तब तक अमेरिका को एपल, सैमसंग जैसे स्मार्टफोन्स के निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सेक्शन 232 अमेरिकी व्यापार विस्तार अधिनियम 1962 का हिस्सा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर आयात पर टैरिफ लगाने की अनुमति देता है। यदि आयात देश की सुरक्षा के लिए खतरा है, तो वाणिज्य विभाग जांच करता है और टैरिफ की सिफारिश करता है।
सेक्शन 232 की समीक्षा के बाद टैरिफ पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सेक्शन 232 टैरिफ की घोषणा के बाद अगर 25% का नया टैरिफ लागू होता है तो अमेरिका में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगे हो जाएंगे और निर्यात पर इसका असर पड़ेगा।
- नया टैरिफ: 25%
- नई लागत: 100 डॉलर का स्मार्टफोन करीब 125 डॉलर में पड़ेगा।
- असर: कीमत में 25% की बढ़ोतरी, जिससे मांग में 20-25% की कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: एपल और डिक्सन टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियां।
- चुनौती: वियतनाम और मेक्सिको जैसे देशों से कड़ा मुकाबला।
क्या कर सकता है भारत?
- स्मार्टफोन और सेमीकंडक्टर्स को टैरिफ से छूट बनाए रखने के लिए बातचीत करना।
- घरेलू बाजार को मजबूत करने और नए ब्रांड्स विकसित करने पर जोर देना।
3. फार्मा: 250% टैरिफ लगाने की धमकी
पहले की स्थिति : भारत ने 2024 में अमेरिका को 10.52 बिलियन डॉलर यानी, करीब 92 हजार करोड़ रुपए की दवाओं का निर्यात किया था। ये अमेरिकी प्रिस्क्रिप्शन का करीब 40% हिस्सा है। अगर ये लागू होता है तो अमेरिका और भारत दोनों पर असर पड़ेगा।
- मौजूदा टैरिफ: 0% (फार्मा को अभी तक छूट थी)।
- उदाहरण: 100 डॉलर की दवा की कीमत 100 डॉलर ही है, क्योंकि कोई टैरिफ नहीं है।
टैरिफ के बाद: अभी फार्मा को छूट है, लेकिन ट्रम्प ने 18 महीने में 150% और बाद में 250% टैरिफ की धमकी दी है।
- अगर 25% टैरिफ लागू हुआ: 100 डॉलर की दवा की कीमत 125 डॉलर हो जाएगी।
- प्रभावित कंपनियां: सन फार्मा, डॉ. रेड्डी, सिप्ला, ल्यूपिन।
- चुनौती: अगर टैरिफ लागू हुआ, तो वियतनाम जैसे देशों से मुकाबला करना पड़ेगा।
क्या कर सकता है भारत?
- जेनेरिक दवाओं की कीमतों को कम रखने के लिए अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर जोर देना।
- यूरोप और लैटिन अमेरिका जैसे वैकल्पिक बाजारों में निर्यात बढ़ाना।
4. जेम्स एंड ज्वेलरी: टैरिफ से पहले एक्सपोर्ट डबल
पहले की स्थिति: भारत ने 2024 में अमेरिका को 9.94 बिलियन डॉलर (करीब 87 हजार करोड़) के रत्न और आभूषण एक्सपोर्ट किए थे। ये अमेरिकी हीरा आयात का 44.5% है।
- मौजूदा टैरिफ: ज्वेलरी (6%+10%=16%), डायमंड (0%+10%=10%)। अप्रैल 2025 में 10% टैरिफ ऐलान से पहले ज्वेलरी पर 6% और डायमंड पर 0% टैक्स लगता था।
- उदाहरण: 100 डॉलर की ज्वेलरी अमेरिका में 116 डॉलर में बिकती है।

अमेरिका में कीमत बढ़ने से निर्यात में 15-20% की कमी हो सकती है।
टैरिफ के बाद:
- नया टैरिफ: ज्वेलरी (6%+25%=31%), डायमंड (0%+25%=25%)।
- नई लागत: 100 डॉलर की ज्वेलरी अब 131 डॉलर में पड़ेगी।
- असर: कीमत बढ़ने से निर्यात में 15-20% की कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: राजेश एक्सपोर्ट्स, टाइटन, कल्याण ज्वेलर्स।
- चुनौती: अमेरिकी खरीदार सस्ते विकल्पों की ओर जा सकते हैं, जिससे लाखों कारीगरों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
क्या कर सकता है भारत?
- भारत-अमेरिका बाइलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट को तेजी से पूरा करना।
- यूरोपीय बाजारों में डायमंड निर्यात बढ़ाना।
एक्सपोर्टर बोले- हमसे ज्यादा असर अमेरिका पर
जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल में सूरत रीजन के प्रेसिडेंट जयंती सावलिया ने कहा- दुनियाभर के ज्वेलरी मार्केट में हमारी हिस्सेदारी 6% ही है। हमारे पास अभी 94% मार्केट के लिए जगह है। यूएस मार्केट में अभी तक एक्सपोर्ट हम इसलिए कर रहे थे क्योंकि टैरिफ कम था।
अब सीधा 25% टैरिफ लगेगा, लेकिन ये धीरे-धीरे स्टेबल भी हो जाएगा। हमसे ज्यादा असर तो अमेरिका पर ही होगा। उन्होंने ये भी कहा कि टैरिफ बढ़ाए जाने की खबर से एक्सपोर्ट डबल-ट्रिपल हो गया है। 7 अगस्त से पहले लोग माल बेचकर टैरिफ से बचना चाहते हैं। इससे अगले 3-4 महीने तक माल की रिक्वायरमेंट नहीं रहेगी।
हालांकि अभी आगे क्या सिचुएशन होगी, इसके बारे में कोई नहीं बता सकता।
5. टेक्सटाइल: कपड़ों की मांग पर ब्रेक
पहले की स्थिति : भारत ने 2024 में अमेरिका को 10 बिलियन डॉलर, यानी करीब 87 हजार करोड़ के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट किए थे। इसमें रेडीमेड गार्मेंट से लेकर कॉटन यार्न और कारपेट शामिल है।
- मौजूदा टैरिफ: 10%+10%= 20%, अप्रैल 2025 में 10% टैरिफ ऐलान से पहले टेक्सटाइल पर 10-15% टैक्स लगता था।
- उदाहरण: 100 का कपड़ा अमेरिका में 120 डॉलर में बिकता था।

अमेरिका में भारतीय कपड़ों की कीमत बढ़ने से मांग घट सकती है।
टैरिफ के बाद:
- नया टैरिफ: 10%+25%=35%
- नई लागत: 100 डॉलर का कपड़ा अब 135 डॉलर में पड़ेगा।
- असर: कीमत में 25% की बढ़ोतरी, जिससे मांग में 20-25% की कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: केपीआर मिल, अरविंद, वर्धमान टेक्सटाइल्स।
- चुनौती: बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा।
क्या कर सकता है भारत?
- भारत-अमेरिका बाइलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट को तेजी से पूरा करना।
- घरेलू ब्रांड्स और वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स पर ध्यान देना।
बिजनेसमैन बोले- टैरिफ से पूरा ट्रेड डिस्टर्ब हो गया
गुजरात बेस्ड टेक्सटाइल बिजनेसमैन आशीष गुजराती ने कहा- ओवरऑल इंडस्ट्री पर इसका असर तो होने ही वाला है। होम टेक्सटाइल्स का सबसे बड़ा बायर US ही है। इस सेगमेंट में भारत के टोटल एक्सपोर्ट का 35% हम US एक्सपोर्ट करते हैं।
मुझे लगता है 2 -3 महीने में इसका सॉल्यूशन भी आ जाना चाहिए। अभी कोई क्लैरिटी नहीं है। 7 तारिख से टैरिफ लग रहा है तो सब पैनिक में ही हैं। क्या होगा-कैसे होगा- आगे डेट एक्सटेंड होगी कि नहीं। इससे तो पूरा ट्रेड डिस्टर्ब हो गया है।
6. ऑटोमोबाइल: ऑटो पार्ट्स एक्सपोर्ट पर असर
पहले की स्थिति : 2024 में भारत ने अमेरिका को केवल 8.9 मिलियन डॉलर की पैसेंजर कार्स एक्सपोर्ट कीं, जो देश के कुल 6.98 बिलियन डॉलर के निर्यात का सिर्फ 0.13% है।
वहीं अमेरिका को सिर्फ 12.5 मिलियन डॉलर के ट्रक निर्यात किए गए, जो भारत के वैश्विक ट्रक निर्यात का 0.89% है। ये आंकड़े इस सेक्टर की सीमित जोखिम को दर्शाते हैं।
सबसे ज्यादा ध्यान देने वाला सेगमेंट है ऑटो पार्ट्स। 2024 में भारत ने अमेरिका को 2.2 बिलियन डॉलर (करीब 19 हजार करोड़ रुपए) के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए, जो इसके वैश्विक ऑटो पार्ट्स निर्यात का 29.1% है।
अमेरिका ने पिछले साल वैश्विक स्तर पर 89 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स आयात किए, जिसमें मेक्सिको का हिस्सा 36 बिलियन डॉलर, चीन का 10.1 बिलियन डॉलर, और भारत का सिर्फ 2.2 बिलियन डॉलर था।
- मौजूदा टैरिफ: 25%, ट्रंप प्रशासन ने मई 2025 से भारत से आयात होने वाले पैसेंजर वाहनों और कुछ चुनिंदा ऑटो कंपोनेंट्स पर 25% टैरिफ लगाया है।
टैरिफ के बाद :
- नया टैरिफ: 25%
- प्रभावित कंपनियां: टाटा मोटर्स, भारत फोर्ज, समवर्धन मदरसन।
- चुनौती: वियतनाम और मेक्सिको जैसे देशों से कड़ा मुकाबला, जो सस्ते विकल्प दे सकते हैं।
क्या कर सकता है भारत?
- नए बाजार जैसे यूरोप और ASEAN देशों में निर्यात बढ़ाना।
- लागत कम करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम का विस्तार।
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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी
Published
5 hours agoon
September 18, 2025By
Divya Akash
मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।
अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…
पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।
आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।
कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।
रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।
लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।
कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।
जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी
अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।
इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।
रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था
24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।
देश
CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो
Published
5 hours agoon
September 18, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-
जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।
बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।
सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है
गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,
न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।
वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।
VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना
VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।
हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।
बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद
याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।
याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं
राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।
खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।
वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।
जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था
जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।
देश
उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश
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8 hours agoon
September 18, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।
इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।
हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।
देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।
मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।
25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।
चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।


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