देश
अहमदाबाद प्लेन क्रैश- चेतावनी के बावजूद उड़ा ड्रीमलाइनर:विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल होने का अलर्ट था; सरकार बोली- अभी नतीजा न निकालें
Published
5 months agoon
By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। 12 जून 2025 को एअर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट (बोइंग एआई-171) हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शुक्रवार रात करीब ढाई बजे जारी की गई।
इसमें एक गंभीर चूक सामने आई है, जिसके केंद्र में है एक चेतावनी ‘STAB POS XDCR’ यानी विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल हो सकता है।
यह तकनीकी अलर्ट विमान की पिछली उड़ान (दिल्ली-अहमदाबाद) के ठीक बाद पायलट द्वारा दर्ज कराया गया था। इसके बावजूद महज एक घंटे में फिर से इस विमान को उड़ान के लिए क्लियर कर दिया गया।
यह बताता है कि विमान का हॉरिजेंटल स्टेबलाइजर (पिच बैलेंस बनाने वाला पिछला पंख) किस स्थिति में है। यदि यह डेटा सही न मिले, तो ऑटोपायलट, पिच कंट्रोल और स्टॉल प्रोटेक्शन जैसी अहम प्रणालियां गलत कमांड देने लगती हैं- विशेषकर टेकऑफ और शुरुआती चढ़ाई जैसे क्रिटिकल चरणों में।
पायलट ने सुबह 11:17 बजे यह अलर्ट दिया था और 12:40 बजे विमान को उड़ान की मंजूरी दे दी गई। दोपहर 1:38 बजे यही विमान लंदन के लिए टेकऑफ करता है और महज 30 सेकंड बाद दोनों इंजन बंद हो जाते हैं।
रिपोर्ट को लेकर सरकार ने कहा है कि इस पर स्टडी की जा रही है। अभी कोई निष्कर्ष न निकालें।
टेकऑफ के 3 सेकंड में ही दोनों इंजन के फ्यूल स्विच बंद हुए
अहमदाबाद में क्रैश एअर इंडिया विमान के साथ आखिरी पलों में क्या हुआ था? एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने 15 पेज की शुरुआती रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है।
इसके अनुसार दोनों पायलट अनुभवी और उड़ान के लिए फिट थे। विमान भी फिट था। कुछ समय पहले इंजन बदले थे। हालांकि, उड़ान भरने के 3 सेकंड में ही फ्यूल स्विच बंद हो गए।
रिपोर्ट किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। लेकिन जांच की दिशा काफी हद तक स्पष्ट हो रही है। इंजन फ्यूल कट ऑफ होना असामान्य है। ऐसे में, तकनीकी या मानवीय चूक दोनों पर जांच बढ़ेगी।
क्रिटिकल रिकवरी सिस्टम फेल या देर से एक्टिव होना भी जांच के दायरे में है। आइए विस्तार से जानते हैं रिपोर्ट में क्या-क्या कहा गया है…
अहमदाबाद विमान हादसा जांच रिपोर्ट जारी… तकनीकी दिक्कत थी, पर 1 घंटे में ही विमान रिलीज
- 12 जून को विमान दिल्ली से एआई 423 के रूप में अहमदाबाद पहुंचा। इसने सुबह 11:17 बजे लैंड किया।
- क्रू ने लॉग में STAB POS XDCR दर्ज किया। समाधान कर 12:10 बजे अगली उड़ान के लिए विमान रिलीज।
- इसे एआई 171 के रूप में लंदन जाना था। उड़ान दोपहर बाद 1:10 बजे थी। पायलट पर्याप्त विश्राम कर चुके थे।
- ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट में क्रू पूरी तरह फिट मिला। 54,200 किलो ईंधन था। टेकऑफ वजन 2,13,401 किलो था। यह सब सीमाओं के भीतर था।
…आखिरी उड़ान, टेकऑफ तक सब सामान्य ही दिखा
- एडवांस्ड सरफेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम के अनुसार विमान बे 34 से दोपहर 1:18:38 बजे रवाना हुआ। टैक्सी क्लियरेंस 1:25:15 बजे मिला।
- दोपहर 1:26:08 बजे विमान ने टैक्सी करना शुरू किया। टैक्सीवे R4 से रनवे 23 पर पहुंचा। विमान ने इसके बाद बैकट्रैक किया और लाइन अप हुआ।
- टेकऑफ़ की अनुमति 1:37:33 बजे मिली और विमान ने 1:37:37 बजे टेकऑफ रोल शुरू कर किया।
- ईएएफआर डेटा के अनुसार, विमान ने टेकऑफ निर्णय गति (V1) पार करते हुए 1:38:33 बजे 153 नॉट्स आईएएस (करीब 283 किमी प्रति घंटा)। विमान के एयर/ग्राउंड सेंसर्स 1:38:39 बजे एयर मोड में स्थानांतरित हो गए। यह लिफ्टऑफ की पुष्टि करता है।
- विमान के टेक ऑफ करने के इस बिंदु तक सब कुछ सही था। कहीं से भी कोई चीज असामान्य दर्ज नहीं की गई थी।
- सबसे पहले पेड़ों और फिर ऊंची चिमनी से टकराया विमान
- गिरते वक्त विमान सबसे पहले आर्मी मेडिकल कॉर्प्स परिसर में कतार में लगे पेड़ों और एक ऊंची चिमनी से टकराया। फिर बिल्डिंग ‘ए’ की उत्तर-पूर्वी दीवार से टकराया। पेड़ और बिल्डिंग ‘ए’ की दूरी 293 फीट है। विमान आगे बढ़ता गया और टूटता-बिखरता रहा तथा अन्य ढांचों और पेड़ों से टकराया।
- वर्टिकल स्टैबलाइजर व रडर
- विमान में दो एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर यानी ईएएफआर थे। पिछले हिस्से के ईएएफआर से डेटा डाउनलोड नहीं हो पाया। अगले ईएएफआर के डेटा में 49 घंटे की 6 उड़ानों का ब्योरा मिला। दो घंटे के ऑडियो में इस उड़ान से जुड़ा डेटा है। इसमें विस्तार से पता चला कि आखिरी समय में क्या हुआ।
- दायां मुख्य लैंडिंग गियर
- टक्कर और आग से विमान पूरी तरह नष्ट हो गया। टक्कर और आग से 5 इमारतों को भीषण नुकसान हुआ। इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर एक्टिव नहीं हुआ। मलबा 4 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैला मिला। नीचे चित्र में ए, बी, सी, डी, ई और एफ के तौर पर चिह्नित इमारतों तक मलबा पड़ा मिला।
- एसोसिएशन ने कहा- पायलट की गलती बताने वाली रिपोर्ट पक्षपाती
- एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ने कहा है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के बिंदु और दिशा पायलट की गलती का संकेत देते हैं। हम इसे खारिज करते हैं। योग्य, अनुभवी कर्मियों को अभी भी जांच दल में शामिल नहीं किया जा रहा है। सवाल यह भी उठता है कि रिपोर्ट बिना किसी हस्ताक्षर मीडिया में लीक कैसे कर दी गई।
- सरकार ने कहा- ये प्रारंभिक रिपोर्ट, अभी कोई निष्कर्ष न निकाला जाए
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, ये शुरुआती जांच रिपोर्ट है। अंतिम रिपोर्ट आने तक आधिकारिक निष्कर्ष नहीं निकाला जाएगा। एएआईबी स्वतंत्र संस्था है और हम उन्हें हरसंभव सहयोग दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अंतिम रिपोर्ट जल्द आएगी, ताकि हम किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुंच सकें।
- अहमदाबाद प्लेन क्रैश, एक्सपर्ट बोले- पायलट ने जानबूझकर हादसा किया
- एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन मोहन रंगनाथन ने कहा कि रिपोर्ट देखकर लगता है कि हादसा जानबूझकर किया गया था। हालांकि, AAIB के पूर्व चीफ रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन अरबिंदो हांडा ने कहा- ज्यादातर मामलों में शुरुआती जांच फाइनल रिपोर्ट से अलग होती है।
- एक्सपर्ट बोले- फ्यूल स्विच को मैनुअली ही चेंज किया जा सकता
एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन रंगनाथन ने NDTV से बातचीत में कहा कि ड्रीमलाइनर के इंजनों में फ्यूल सप्लाई को मैनुअली ही बंद किया जा सकता है। ईंधन बंद करने का और कोई तरीका नहीं है। यह काम हाथ से करना होगा। यह ऑटोमेटिक या पॉवर कट के कारण नहीं हो सकता।
फ्यूल स्विच को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इन्हें बदलने के लिए स्लॉट से बाहर निकाला जाता है। यानी गलती या अनजाने में इन्हें बंद नहीं किया जा सकता।
AAIB के पूर्व डायरेक्टर बोले- शुरुआती और अंतिम रिपोर्ट में अंतर होता है
हादसे को लेकर जहां कुछ एक्सपर्ट पायलट की गलती का दावा कर रहे हैं, वहीं AAIB के पूर्व डायरेक्टर रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन अरबिंदो हांडा कहते हैं कि ज्यादातर मामलों में विमान दुर्घटना जांच की शुरुआती और अंतिम रिपोर्ट अलग-अलग होती है।
NDTV प्रॉफिट से बात करते हुए हांडा ने कहा- अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच AAIB के लिए बहुत मुश्किल होगी, क्योंकि विमान का ज्यादातर हिस्सा जलकर खाक हो गया है और अंतिम रिपोर्ट आने में समय लग सकता है।
जांच कर रही टीम को दुर्घटना के सटीक कारण या शायद संभावित कारण पर विचार-विमर्श करना होगा। अभी जो रिपोर्ट आई है उसमें सिर्फ 30 सेकेंड में हुई घटनाओं के तथ्य हैं। यह कोई फाइनल रिपोर्ट नहीं है।
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है।
जांच रिपोर्ट पर अन्य एक्सपर्ट ने क्या कहा….
सिविल एविएशन सुरक्षा परिषद (भारत सरकार) के पूर्व सदस्य सनत कौल ने कहा- एआई-171 की प्रारंभिक रिपोर्ट से साफ है कि टेकऑफ के दौरान अचानक फ्यूल सप्लाई रुक गई। वॉयस रिकॉर्डर बताता है कि न पायलट और न ही को-पायलट ने स्विच बंद किया। ऐसे में स्पष्ट है कि यह फ्यूल कटऑफ विमान की किसी आंतरिक तकनीकी गड़बड़ी से हुआ।
ऑस्ट्रेलिया के एविएशन कंसल्टेंट नील हैंसफोर्ड ने कहा- मैंने नौ एयरलाइनों का संचालन किया है, कभी नहीं सुना कि टेकऑफ के दौरान पायलट खुद ईंधन सप्लाई बंद करें- वो भी दोनों इंजनों की। इतने अनुभवी पायलट ऐसा नहीं करते। जरूरी है कि जांचकर्ता, पायलटों का निजी या मनोवैज्ञानिक पक्ष भी देखें। यह सिर्फ सिस्टम फेल नहीं हो सकता।
अमेरिका की एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट मेलिसा चेन ने कहा- ये स्विच ‘गार्डेड’ होते हैं- यानी इन्हें गलती से मूव नहीं किया जा सकता, उन्हें पहले खींचना होता है, फिर मूव। ऐसी डिजाइन एयरबस में भी होती है। अगर कोई पायलट इन्हें मूव करता है, तो वह ‘गलती’ नहीं मानी जा सकती। अब भी कई सवाल अनसुलझे हैं, जिनकी जांच कराया जाना जरूरी है।
एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट मार्क डी मार्टिन ने कहा- टेकऑफ के ठीक बाद फ्यूल कटऑफ स्विच खुद बंद होना एक वैश्विक चिंता का विषय है। बोइंग 787 ऑपरेटरों को पूरी प्रणाली की दोबारा समीक्षा करनी चाहिए। यह एक सामान्य खराबी नहीं है। पायलटों की भूमिका संदिग्ध नहीं लगती। डिजाइन या लॉजिक फेल्योर संभव।
पायलट कोशिश के बाद क्रैश से नहीं बचा पाए रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे वाले विमान में दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच बंद थे, जिसके बाद पायलटों ने इसे चालू किया और दोनों इंजन को दोबारा शुरू करने की कोशिश की थी। लेकिन विमान बहुत कम ऊंचाई पर था, इसलिए इंजनों को दोबारा ताकत पाने का समय नहीं मिल सका और विमान क्रैश हो गया। हालांकि ये सामने नहीं आया है कि फ्यूल स्विच बंद कैसे हुए थे।
15 पन्नों की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ से लेकर हादसे तक की पूरी उड़ान करीब 30 सेकेंड ही चली। इस समय तक रिपोर्ट में Boeing 787-8 विमान और GE GEnx-1B इंजन को लेकर किसी ऑपरेटर के लिए कोई चेतावनी या कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। साथ ही रिपोर्ट में मौसम, बर्ड-हिट और सबोटाज जैसे किसी भी कारण का जिक्र नहीं है। - तकनीकी दिक्कत थी, पर 1 घंटे में ही विमान रिलीज
- 12 जून को विमान दिल्ली से एआई 423 के रूप में अहमदाबाद पहुंचा। इसने सुबह 11:17 बजे लैंड किया।
- क्रू ने लॉग में STAB POS XDCR दर्ज किया। समाधान कर 12:10 बजे अगली उड़ान के लिए विमान रिलीज।
- इसे एआई 171 के रूप में लंदन जाना था। उड़ान दोपहर बाद 1:10 बजे थी। पायलट पर्याप्त विश्राम कर चुके थे।
- ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट में क्रू पूरी तरह फिट मिला। 54,200 किलो ईंधन था। टेकऑफ वजन 2,13,401 किलो था। यह सब सीमाओं के भीतर था।
- आखिरी उड़ान, टेकऑफ तक सब सामान्य ही दिखा
- एडवांस्ड सरफेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम के अनुसार विमान बे 34 से दोपहर 1:18:38 बजे रवाना हुआ। टैक्सी क्लियरेंस 1:25:15 बजे मिला।
- दोपहर 1:26:08 बजे विमान ने टैक्सी करना शुरू किया। टैक्सीवे R4 से रनवे 23 पर पहुंचा। विमान ने इसके बाद बैकट्रैक किया और लाइन अप हुआ।
- टेकऑफ़ की अनुमति 1:37:33 बजे मिली और विमान ने 1:37:37 बजे टेकऑफ रोल शुरू कर किया।
- ईएएफआर डेटा के अनुसार, विमान ने टेकऑफ निर्णय गति (V1) पार करते हुए 1:38:33 बजे 153 नॉट्स आईएएस (करीब 283 किमी प्रति घंटा)। विमान के एयर/ग्राउंड सेंसर्स 1:38:39 बजे एयर मोड में स्थानांतरित हो गए। यह लिफ्टऑफ की पुष्टि करता है।
- विमान के टेक ऑफ करने के इस बिंदु तक सब कुछ सही था। कहीं से भी कोई चीज असामान्य दर्ज नहीं की गई थी।
- APAI ने कहा- पायलट्स की बातचीत से किसी निष्कर्ष पर न पहुंचे
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (APAI) ने एजेंसी PTI को लेटर लिखा है। इसमें कहा है कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती जांच रिपोर्ट से लग रहा है कि क्रैश में पायलट्स की गलती है। हम इस बात को पूरी तरह से खारिज करते हैं। हम निष्पक्ष और सबूत आधारित जांच की मांग करते हैं।
APAI ने कहा- जांच रिपोर्ट बिना किसी जिम्मेदार अधिकारी के साइन और जानकारी के मीडिया में लीक कर दी गई। जांच में पारदर्शिता की कमी है। जांच की विश्वसनीयता पर सवाल है। जनता का विश्वास कम हो रहा है। योग्य, अनुभवी कर्मचारियों विशेषकर लाइन पायलटों को अभी भी जांच टीम में शामिल नहीं किया जा रहा है। - फ्यूल स्विच का काम और तकनीक

फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के कॉकपिट में थ्रस्ट लीवर के पास होते हैं।
फ्यूल स्विच विमान के कॉकपिट में थ्रस्ट लीवर के पास होते हैं। ये इंजन में फ्यूल की सप्लाई को कंट्रोल करते हैं। इसका मुख्य काम इंजन में फ्यूल की सप्लाई को शुरू करना (‘रन’ पोजिशन) या बंद करना (‘कटऑफ’ पोजिशन) है।
हर इंजन के लिए अलग-अलग फ्यूल कंट्रोल स्विच होता है। उदाहरण के लिए, बोइंग 787 में दो इंजन हैं, तो दो स्विच होंगे – एक बाएं इंजन के लिए, एक दाएं के लिए।
रन पोजिशन: जब स्विच ‘रन’ पर होता है, तो फ्यूल वाल्व खुलता है और इंजन में फ्यूल की सप्लाई शुरू हो जाती है। इससे इंजन चालू रहता है और विमान को थ्रस्ट मिलता है।
कटऑफ पोजिशन: जब स्विच को ‘कटऑफ’ पर किया जाता है तो फ्यूल वाल्व बंद हो जाता है और इंजन में फ्यूल की सप्लाई रुक जाती है। इससे इंजन तुरंत बंद हो जाता है।
फ्यूल स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं और इनमें डिटेंट (एक तरह का लॉक) होता है, जो इन्हें अपनी पोजिशन में स्थिर रखता है। स्विच को हिलाने के लिए तीन स्टेप्स चाहिए – पकड़ना, डिटेंट से बाहर निकालना, और रिलीज करना। ये कोई नॉर्मल स्विच नहीं है जो गलती से धक्का लगने से दब जाए जाए।
विमान के उड़ते ही रैम एयर टर्बाइन खुली
AAIB ने CCTV फुटेज में RAT को चालू होने की पुष्टि की है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इंजन बंद होते ही रैम एयर टर्बाइन (RAT) खुल गया। यह एक छोटी प्रॉपेलर जैसी डिवाइस होती है। यह हवा की गति से घूमती है और बिजली और हाइड्रॉलिक पावर पैदा करती है। खासतौर पर तब जब विमान की मेन पावर कट हो जाए, या हाइड्रॉलिक सिस्टम फेल हो जाए। RAT विमान को कम से कम नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम को थोड़ा बहुत चालू रखने में मदद करता है।
सबसे पहले पेड़ों और फिर ऊंची चिमनी से टकराया विमान गिरते वक्त विमान सबसे पहले आर्मी मेडिकल कॉर्प्स परिसर में कतार में लगे पेड़ों और एक ऊंची चिमनी से टकराया। फिर बिल्डिंग ‘ए’ की उत्तर-पूर्वी दीवार से टकराया। पेड़ और बिल्डिंग ‘ए’ की दूरी 293 फीट है। विमान आगे बढ़ता गया और टूटता-बिखरता रहा तथा अन्य ढांचों और पेड़ों से टकराया।
लैंडिंग गियर 345 फीट और पंख 670 फीट दूर जा गिरा बाएं मुख्य लैंडिंग गियर और बाएं पंख का बाहरी और मध्य भाग बिल्डिंग ‘सी’ से टकराया और 345 फीट दूर गिरा। पंख का मध्य भाग बिल्डिंग ‘सी’ की चौथी मंजिल के उत्तरी कोने में फंसा मिला। पंख का अंदरूनी भाग बिल्डिंग ‘ए’ से 670 फीट दूर दक्षिण-पश्चिम में पड़ा मिला था। डेटा के अनुसार, इंजन 1 का फ्यूल कटऑफ स्विच कटऑफ से रन स्थिति में स्थानांतरित हुआ। लगभग 01:38:54 बजे एपीयू इनलेट डोर खुलने लगा। ये एपीयू ऑटो स्टार्ट लॉजिक के अनुरूप था।
8 डिग्री नोज अप की स्थिति में था विमान
इमारतों और विमान पर मिले निशान संकेत देते हैं कि टक्कर के समय विमान की स्थिति संभवतः ‘नोज-अप’ यानी लगभग 8 डिग्री ऊपर उठी हुई नाेज की थी। वहीं, पंख क्षैतिज स्थिति में थे।
लैंडिंग गियर डाउन मिला; थ्रस्ट लीवर जल गया
लैंडिंग गियर लीवर डाउन मिला। थ्रस्ट लीवर जल गया। ईएएफआर डेटा बताता है कि टक्कर तक थ्रस्ट लीवर आगे यानी टेकऑफ थ्रस्ट की स्थिति में थे। रिवर्सर लीवर मुड़े थे लेकिन ‘स्टोव्ड’ स्थिति में थे।
फ्लैप का हैंडल टेकऑफ की सेटिंग में ही मिला
फ्लैप हैंडल असेंबली को आग की वजह से काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा था। हालांकि, जांच में हैंडल 5 डिग्री की फ्लैप स्थिति में मजबूती से मिला। यह स्थिति सामान्य टेकऑफ फ्लैप सेटिंग के अनुसार थी। इस स्थिति की ईएएफआर डेटा से पुष्टि हुई थी।
बोइंग बोला- जांच एजेंसियों का सहयोग कर रहे बोइंग ने रिपोर्ट आने के बाद अपने बयान में कहा, ‘हमारी संवेदनाएं एअर इंडिया फ्लाइट 171 के यात्रियों, क्रू मेंबर्स और अहमदाबाद में प्रभावित लोगों के परिवारों के साथ हैं। हम जांच एजेंसियों और अपने कस्टमर के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।’ यह बयान AAIB की शुरुआती जांच रिपोर्ट के बाद आया है।
फ्यूल स्विच क्यों है इतना अहम? ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजनों में रन और कटऑफ नाम के दो पोजिशन होते हैं। अगर विमान हवा में है और स्विच कटऑफ पर चला जाए तो इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो जाता है, जिससे ताकत (थ्रस्ट) खत्म हो जाती है और बिजली सप्लाई भी रुक सकती है, जिससे कॉकपिट के कई उपकरण भी बंद हो सकते हैं।
You may like
देश
सोने-चांदी के दाम लगातार तीसरे दिन ऑल टाइम हाई पर:सोना ₹344 बढ़कर ₹1.37 लाख पर पहुंचा, चांदी इस साल ₹1.33 लाख महंगी हुई
Published
10 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। सोने-चांदी के दाम आज, 24 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन ऑलटाइम हाई पर हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार सोना 344 रुपए बढ़कर 1,36,627 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। इससे पहले मंगलवार को ये 1,36,283 रुपए पर था।
वहीं, 1 किलो चांदी की कीमत 7,983 रुपए बढ़कर 2,18,983 रुपए प्रति किलो के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई है। कल इसकी कीमत रू.2,11,020/किलो थी। दस दिन में चांदी 30,703 रुपए महंगी हुई है। 11 दिसंबर को इसकी कीमत 1,88,281 रुपए प्रति किलो थी।
अलग-अलग शहरों में रेट्स अलग क्यों होते हैं?
IBJA की सोने की कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज, ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता। इसलिए शहरों के रेट्स इससे अलग होते हैं। इन रेट्स का इस्तेमाल RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के रेट तय करने के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं।
इस साल सोना रू.60,465 और चांदी रू.1.33 लाख महंगी हुई
- इस साल अब तक सोने की कीमत 60,473 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,36,627 रुपए हो गया है।
- चांदी का भाव भी इस दौरान 1,32 ,966 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 2,18,983 रुपए प्रति किलो हो गई है।
गोल्ड में तेजी के 3 प्रमुख कारण
- डॉलर कमजोर- अमेरिका के ब्याज दर घटाने से डॉलर कमजोर हुआ और सोने की होल्डिंग कॉस्ट कम हुई, इससे लोग खरीदने लगे।
- जियोपॉलिटिकल- रूस-यूक्रेन जंग और दुनिया में तनाव बढ़ने से निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मानकर खरीद रहे हैं।
- रिजर्व बैंक- चीन जैसे देश अपने रिजर्व बैंक में सोना भर रहे हैं, ये सालभर में 900 टन से ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं, इसलिए दाम ऊपर जा रहे हैं।
चांदी में तेजी के 3 प्रमुख कारण
- इंडस्ट्रियल डिमांड- सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और EV में भारी इस्तेमाल, चांदी अब सिर्फ ज्वेलरी नहीं, जरूरी कच्चा माल बन गई है।
- ट्रंप का टैरिफ डर- अमेरिकी कंपनियां चांदी का भारी स्टॉक जमा कर रही हैं, ग्लोबल सप्लाई में कमी से कीमतें ऊपर चढ़ीं।
- मैन्युफैक्चरर होड़ में- प्रोडक्शन रुकने के डर से सभी पहले से खरीद रहे हैं, इसी वजह से आने वाले महीनों में भी तेजी बनी रहेगी।
आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं दाम
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि चांदी की डिमांड में अभी तेजी है जिसके आगे भी बने रहने का अनुमान है। ऐसे में चांदी अगले 1 साल में 2.50 लाख तक जा सकती है। वहीं इस साल के आखिर तक चांदी की कीमत 2.10 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है।
वहीं अगर सोने के बात करें इसकी डिमांड में भी तेजी बनी हुई। ऐसे में अगले साल तक ये 1.50 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है। वहीं इस साल के आखिर तक इसकी कीमत 1.35 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है।
सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान
1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है।
2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
देश
इसरो ने 6100kg का अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च किया:भारत से भेजा गया यह सबसे भारी उपग्रह, धरती पर कहीं से भी वीडियो कॉल कर सकेंगे
Published
10 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashश्रीहरिकोटा,एजेंसी। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने बुधवार सुबह LVM3-M6 रॉकेट से अमेरिकी सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 लॉन्च किया। 6,100 किलोग्राम वजनी ब्लूबर्ड, भारत से लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है।
इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने इसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। इससे पहले, नवंबर में लॉन्च किया गया LVM3-M5 कम्युनिकेशन सैटेलाइट-03 करीब 4,400 किलोग्राम का था। इसे जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित किया गया था।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को जिस LVM3-M6 रॉकेट से लॉन्च किया गया, उसका वजन 640 टन है। यह भारत का सबसे भारी लॉन्च व्हीकल है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 नेक्स्ट-जेन कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका मकसद सामान्य स्मार्टफोन तक सीधे हाई-स्पीड सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है।
इसके जरिए धरती पर कहीं से भी बिना टावर 4G और 5G वॉयस कॉल, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिका स्थित AST स्पेसमोबाइल (AST एंड साइंस, LLC) के बीच हुए एक कॉमर्शियल समझौते का हिस्सा है। न्यूस्पेस इंडिया, ISRO का कॉमर्शियल ब्रांच है।
लॉन्चिंग के 15 मिनट के बाद रॉकेट से अलग हुआ सैटेलाइट
इसरो के मुताबिक, करीब 43.5 मीटर ऊंचा LVM3-M6 रॉकेट बुधवार सुबह 8:54 बजे श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से रवाना हुआ। लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट रॉकेट से अलग हुआ और करीब 520km ऊपर अंतरिक्ष के लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में उसे सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
रॉकेट को 90 सेकेंड देरी से, सुबह 8:55:30 लॉन्च किया गया था। इसे पहले सुबह 8:54 बजे लॉन्च किया जाना था। इसरो के अनुसार, श्रीहरिकोटा के स्पेस एरिया के ऊपर हजारों एक्टिव सैटेलाइट लगातार गुजर रहे थे। अन्य सैटेलाइट के साथ टकराव की आशंका को देखते हुए मिशन का लॉन्च समय 90 सेकेंड बढ़ाया गया।

यह तस्वीर LVM3-M6 रॉकेट के लॉन्चिंग की है, जिस पर ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट भेजा गया।
LVM3 से चंद्रयान-3 लॉन्च हुआ था, यह तीसरा कॉमर्शियल मिशन
LVM3-M6, जिसे GSLV Mk-III भी कहा जाता है, ISRO का तीन-चरणीय रॉकेट है। इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है, जिसे इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर ने विकसित किया है। रॉकेट में लिफ्ट-ऑफ के लिए दो S200 सॉलिड रॉकेट बूस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर ने तैयार किया है।
यह LVM3 की 9वीं उड़ान और ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट के लिए तीसरा कॉमर्शियल मिशन है। ISRO के मुताबिक, LVM3 अब तक आठ लगातार सफल लॉन्च पूरे कर चुका है, जिनमें चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे प्रमुख मिशन भी शामिल हैं।
इसी रॉकेट ने 2023 में चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचाकर इतिहास रचा था। LVM3 को उसके भारी भरकम वजन के चलते, पब्लिक और मीडिया ने लोकप्रिय फिल्म बाहुबली से प्रेरित होकर ‘बाहुबली रॉकेट’ नाम दिया है।
इसरो चेयरमैन बोले- LVM-3 का 9वां उड़ान मिशन सफल रहा
इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने लॉन्चिंग के बाद अपने संबोधन में ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट के सफल लॉन्च को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा- लॉन्च व्हीकल ने ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक और सटीक रूप से तय ऑर्बिट में स्थापित किया है।
वी. नारायणन ने कहा- यह अमेरिका की कंपनी AST स्पेसमोबाइल के लिए पहला डेडिकेटेड कॉमर्शियल लॉन्च है। यह श्रीहरिकोटा से 104वां लॉन्च और LVM-3 लॉन्च व्हीकल का 9वां सफल मिशन है, जिससे इसकी 100% विश्वसनीयता साबित होती है। नारायणन ने कहा- यह LVM-3 का 52 दिनों के भीतर दूसरा लगातार मिशन है।

इसरो चेयरमैन वी. नारायणन और वैज्ञानिकों ने बाद ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 के सफल लॉन्च के बाद, उसे ले जाने वाले LVM3-M6 रॉकेट का एक मॉडल प्रदर्शित किया।
PM मोदी बोले- भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का पत्थर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में लिखा- यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर है। यह भारत की भारी-भरकम लॉन्च क्षमता को मजबूत करता है और ग्लोबल कॉमर्शियल लॉन्च मार्केट में हमारी बढ़ती भूमिका को मजबूत करता है।
अमेरिकी कंपनी बोली- सेलुलर ब्रॉडबैंड को पूरी दुनिया में पहुंचाना टारगेट
अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल स्पेस-आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क तैयार कर रही है, जो सीधे स्मार्टफोन से जुड़ सकता है। इसे कॉमर्शियल और सरकारी दोनों तरह के इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया है।
कंपनी के अनुसार, सितंबर 2024 में उसने ब्लूबर्ड 1 से 5 तक कुल पांच सैटेलाइट लॉन्च किए थे, जो अमेरिका और कुछ अन्य देशों में लगातार कवरेज देते हैं। नेटवर्क के विस्तार के लिए आगे भी ऐसे सैटेलाइट लॉन्च किए जाने की योजना है।
कंपनी दुनिया भर के 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटर्स के साथ साझेदारी कर चुकी है। कंपनी के मुताबिक, उनका टारगेट सेलुलर ब्रॉडबैंड को पूरी दुनिया में पहुंचाने का है। कंपनी हर उस जगह पर कनेक्टिविटी देना चाहती हैं, जहां ट्रेडिशनल नेटवर्क नहीं पहुंच पाता।
इससे शिक्षा, सोशल नेटवर्किंग, स्वास्थ्य सेवा समेत कई क्षेत्रों में बहुत से अवसर खुलेंगे। कंपनी के मुताबिक, उनकी सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए किसी को सर्विस प्रोवाइडर्स (मोबाइल नेटवर्क देने वाली कंपनियां जैसे- एयरटेल, वोडाफोन) बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

AST स्पेसमोबाइल के CEO एबेल एवेलन ने 2024 में ब्लूबर्ड के ब्लॉक 2 सैटेलाइट लॉन्च करने की घोषणा की थी।
देश
गडकरी बोले- देश में हिंदू-मुस्लिम समस्या के लिए कांग्रेस जिम्मेदार:सेक्युलरिज्म की गलत व्याख्या की, इसका अर्थ धर्मनिरपेक्षता नहीं, सर्व धर्म समभाव है
Published
10 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा, ‘देश में आज भी जो हिंदू-मुस्लिम से जुड़ी समस्याएं दिखती हैं, उनकी वजह कांग्रेस की सेक्युलरिज्म की सोच और वोट बैंक की राजनीति है। कांग्रेस ने सेक्युलरिज्म की गलत व्याख्या की।’
गडकरी के मुताबिक, ‘सेक्युलर का अर्थ धर्मनिरपेक्षता या किसी एक वर्ग का तुष्टिकरण करना नहीं है। इसका सही मतलब ‘सर्व धर्म समभाव’ होता है, यानी सभी धर्मों को समान सम्मान और सबको न्याय और सभी के साथ बराबरी का व्यवहार करना है।’
गडकरी दिल्ली में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी की किताब ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन भी मौजूद थे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को दोहराते हुए कहा कि भारत पहले भी सेक्युलर था, आज भी है और हमेशा रहेगा। यह बीजेपी-RSS की वजह से नहीं, बल्कि भारतीय, हिंदू और सनातन संस्कृति की वजह से है, जो विश्व का कल्याण सिखाती है।
- भारतीय संस्कृति सहिष्णु, करुणामय और सभी को साथ लेकर चलने वाली है और इतिहास में किसी हिंदू राजा द्वारा धार्मिक स्थलों को नष्ट करने का उदाहरण नहीं मिलता।
गडकरी बोले- ‘नेशन फर्स्ट’ की सोच केवल नारों तक सीमित नहीं हो

गडकरी उदय माहुरकर की किताब ‘माय आइडिया ऑफ नेशन फर्स्ट: रिडिफाइनिंग अनएलॉयड नेशनलिज्म’ लोकार्पण समारोह में पहुंचे थे।
नितिन गडकरी मंगलवार को ही एक अन्य कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा-
‘नेशन फर्स्ट’ की सोच केवल नारों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके लिए देश के इतिहास को ईमानदारी से समझना, व्यवस्था की कमियों को पहचानना और भविष्य की क्षमताएं विकसित करना जरूरी है।
गडकरी ने कहा कि आधुनिकीकरण अंधी नकल पर नहीं, बल्कि सभ्यतागत आत्मविश्वास पर आधारित होना चाहिए। इस मौके पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे भी मौजूद थे।
गडकरी की बड़ी बातें…
- सबसे पहली समस्या है, जो 1947 के बाद कांग्रेस लगातार हती आई है वह है सेक्युलरवाद। सबसे पहले आप घर जाकर डिक्शनरी में सेक्युलर शब्द का अर्थ क्या है, वह निकालिए। सेक्युलर का अर्थ धर्म-निरपेक्षता नहीं है। सेक्युलर का अर्थ है सर्वधर्म समभाव। लेकिन वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए समस्या सुलझाने के बजाए उसका निर्माण किया।
- जावेद अख्तर ने एक बार अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की थी। जावेद अख्तर ने वाजपेयी से पूछा- कि अगर आपका शासन आएगा तो सेक्युलरवाद खत्म हो जाएगा। तो अटलजी ने कहा- यह देश सेक्युलर है, सेक्युलर था और सेक्युलर ही रहेगा। हम कहते हैं कि विश्व का कल्याण हो। हम कभी ये नहीं कहते कि मेरा कल्याण हो, मेरे परिवार का कल्याण हो।
- स्वामी विवेकानंद ने भी शिकागो में जो भाषण दिया था। उसमें उन्होंने कहा था कि मैं यहां यह कहने नहीं आया हूं कि मेरा धर्म श्रेष्ठ है और मेरा भगवान श्रेष्ठ है। मैं यह कहने के लिए आया हूं कि आप जिस भगवान पर विश्वास करते हो, जिस धर्म पर विश्वास रखते हो, वह श्रेष्ठ है। अंत में हम एक ही जगह पहुंचने वाले हैं।
- किसी हिंदू राजा ने किसी दूसरे धर्मस्थल ध्वस्त किए हों, यह पूरे इतिहास में कहीं नहीं मिलता है। इसका कारण है कि हमारा वो कल्चर नहीं है। हम सर्वधर्म समभाव का अनुकरण करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश 47 के बाद राजनीति में जो धर्म निरपेक्षता की व्याख्या बनकर जो समस्या खड़ी हुई। वह आज भी हमारे सामने खड़ी हुई है।
- हम अधिकारवादी नहीं हैं, विस्तारवादी नहीं हैं। हमारे अगल-बगल में छोटे-मोटे देश हैं, लेकिन उनके मन में ये डर नहीं है कि हिंदुस्तान हमारी भूमि ले लेगा। जबकि, दुनिया के अन्य छोटे-मोटे देशों के यह डर है। क्यों? क्योंकि, हमारा कल्चर, हमारी संस्कृति ही यही है।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए
लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी
मॉब लिंचिंग केस…30 लाख मुआवजा देगी केरल सरकार:मजदूर को बांग्लादेशी बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, छत्तीसगढ़ में 5 लाख की मदद
कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर के गुर्गों द्वारा दिव्य आकाश कर्मियों पर हमला की कोशिश
सुमेधा पुल पर लुट कांड सहित तीन अलग अलग जगह पर लुटकांड करने वाले आरोपी पुलिस के गिरफ्त में,,,दो आरोपी नाबालिक,,,देखे पूरी खबर
ग्राम पंचायत पोड़ी के पूर्व सरपंच सचिव पर गबन के आधार पर अधिरोपित राशि 3341972/- रुपये शीघ्र वसूल हो- कय्युम बेग
Trending
कोरबा2 years agoकटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर के गुर्गों द्वारा दिव्य आकाश कर्मियों पर हमला की कोशिश
Uncategorized3 months agoसुमेधा पुल पर लुट कांड सहित तीन अलग अलग जगह पर लुटकांड करने वाले आरोपी पुलिस के गिरफ्त में,,,दो आरोपी नाबालिक,,,देखे पूरी खबर
कोरबा1 year agoग्राम पंचायत पोड़ी के पूर्व सरपंच सचिव पर गबन के आधार पर अधिरोपित राशि 3341972/- रुपये शीघ्र वसूल हो- कय्युम बेग
कोरबा2 years agoकुसमुंडा खदान में डंपर पलट कर लगी आग, सरकारी गाड़ी में कोयला और डीजल चोर सवार थे, जलने से दोनों गंभीर
कोरबा2 years agoश्रीमती स्वाति दुबे का निधन
कोरबा2 years agoकटघोरा जनपद की 25 करोड़ की जमीन उनके करीबी कांग्रेसियों की 25 लाख में कैसे हो गई?
कोरबा2 years agoदर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद होगी पर्यावरणीय जनसुनवाई
छत्तीसगढ़2 years agoबिलासपुर में अपोलो अस्पताल के 4 सीनियर डॉक्टर अरेस्ट