छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में धनतेरस पर 2200 करोड़ का कारोबार:1000 करोड़ के सोने-चांदी की खरीदारी, ऑटोमोबाइल-सेक्टर में रिकॉर्ड बिक्री, 10 हजार से ज्यादा कारें बिकी
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3 days agoon
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Divya Akash
रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ में इस बार धनतेरस पर खरीदारी का अलग ही जोश देखने को मिला। GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की दर कम होने का भी असर दिखा। पूरे राज्य में 2200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है। प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा कारें और 50,000 बाइक बिके हैं। वहीं दिवाली पर देसी मिठाई-खजूर की डिमांड बढ़ी है।
प्रदेश में सोने-चांदी का करीब 1000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। सिर्फ रायपुर में 500 करोड़ के आसपास का कारोबार बताया जा रहा है। इसके अलावा राज्य में ऑटोमोबाइल सेक्टर में 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हुआ है। ये आंकड़े अभी और बढ़ सकते हैं।
पहली बार धनतेरस सिर्फ एक दिन तक सीमित न रहकर चार दिन तक मनाया जा रहा है। खासकर ऑटोमोबाइल सेक्टर में रफ्तार देखने को मिली है। गाड़ियों की रिकॉर्ड बिक्री के चलते शो-रूम से लेकर सड़कों तक खरीदारों की भीड़ नजर आ रही है।
वहीं, मिठाई और ड्रायफ्रूट्स के बाजारों में भी लोगों की पसंद में बड़ा बदलाव दिखा है। विदेशी खजूर की जगह इस बार अहमदाबादी खजूर ने ड्रायफ्रूट गिफ्ट्स में अपनी जगह बना ली है। पैकेट्स वाली मिठाइयों की जगह लोकल और मिलेट्स से बनी मिठाइयां लोगों की पहली पसंद बनीं।

जीएसटी दरों के कम होने का भी असर दिखा। धनतेरस पर हुई जमकर खरीदारी.

प्रदेश में धनतेरस पर सोने-चांदी का करीब 1000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।

रायपुर में शनिवार देर रात तक हर बाजार में भीड़ और जाम की स्थिति बनी रही।
- रायपुर
सबसे ज्यादा ऑटोमोबाइल, सर्राफा और इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट में बिक्री
राजधानी रायपुर में शनिवार देर रात तक बाजारों में लोगों की भीड़ दिखी। राज्य की सबसे बड़ी व्यापारिक संस्था छत्तीसगढ़ चैंबर और कैट का दावा है कि इस बार बाजार में धनतेरस पर 2000 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है। सबसे ज्यादा ऑटोमोबाइल, सर्राफा और इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट में बिक्री हुई है।
जीएसटी की दरें कम होने की वजह से तीनों सेक्टरों में कीमत भी बहुत ज्यादा कम हुई है। लोगों ने इसका जमकर फायदा उठाया है। रायपुर में इस बार 4 हजार से ज्यादा कारें धनतेरस के दिन ही बिक गई। इस खास दिन में डिलिवरी के लिए लोगों ने पहले से ही बुकिंग करा ली थी। शो रूम से लोग देर रात तक गाड़ी ले जाते रहे।

धनतेरस पर अष्टलक्ष्मी लोटा, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, कुबेर यंत्र, छोटे पूजन आइटम खूब बिकें।
रायपुर में करीब 4 हजार कारें बिकी, दोपहिया में भी आगे
राडा के उपाध्यक्ष कैलाश खेमानी ने बताया कि राज्यभर में 10 हजार से ज्यादा कार और करीब 50 हजार दोपहिया वाहन बेचे गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा रायपुर में 4000 से ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। जीएसटी कम होने के सभी गाड़ियों की कीमतों में खासी कमी आई है। इसके अलावा कंपनियों ने भी ऑफर दिए थे। जिसका असर बाजार में हुआ।
चढ़े भाव, लेकिन बाजार में नहीं दिखा असर
धनतेरस के दिन रायपुर के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना रू.1,32,500 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। वहीं चांदी रू.1,69,000 प्रति किलो बिकी। हालांकि, महंगाई की मार ने ग्राहकों का बजट जरूर प्रभावित किया। पहले जहां लोग 2 तोला सोना खरीदते थे, अब एक तोला या आधा तोला तक ही सीमित रहे। लेकिन फिर भी बाजार में भीड़ और खरीदारी का जोश साफ नजर आया।

धनतेरस पर बाजार में चांदी के सिक्कों की भी जमकर खरीदारी हुई।
किन चीजों की सबसे ज्यादा मांग रही?
धनतेरस पर सिर्फ सोना-चांदी के गहने ही नहीं, बल्कि चांदी के सिक्के, अष्टलक्ष्मी लोटा, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, कुबेर यंत्र, छोटे पूजन आइटम और सांकेतिक निवेश वस्तुएं भी खूब बिकीं। व्यापारियों ने बताया कि ग्राहकों ने छोटे आइटम को प्राथमिकता दी ताकि धार्मिक परंपरा भी निभाए और बजट भी न बिगड़े।
महंगाई के बावजूद त्योहारों की खरीदारी पर असर नहीं पड़ा
पूर्व सर्राफा एसोसिएशन अध्यक्ष हरख मालू का कहना है कि, महंगाई के बावजूद त्योहारों की खरीदारी पर असर नहीं पड़ा। लोगों ने कम मात्रा में ही सही, लेकिन जरूर सोना-चांदी खरीदा। इस बार ऑनलाइन बुकिंग और डिजिटल भुगतान का भी अच्छा ट्रेंड देखने को मिला।
- दुर्ग
इस दिवाली बदला ट्रेंड, 4 दिनों का धनतेरस
दुर्ग जिले में इस बार दिवाली पर ट्रेंड बदल गया है। पहली बार ऑटोमोबाइल सेक्टर में 4 दिनों का धनतरेस मनाया जा रहा है। 17 अक्टूबर से इसकी शुरुआत हुई। दिवाली के दिन यानी 20 अक्टूबर तक धनतेरस मनाया जाएगा। ऑटोमोबाइल सेक्टर में गाड़ियों की ज्यादा खरीदी की वजह से ऐसा निर्णय लिया गया है।
लोकल मिठाइयों का लौटा ट्रेंड
इस बार दिवाली में स्वदेशी और लोकल बनी मिठाइयों का ट्रेंड लौटा है। लड्डू और बर्फी की डिमांड पैकेट्स वाली मिठाइयों से ज्यादा है। चैंबर ऑफ कॉमर्स छत्तीसगढ़ के प्रदेश महामंत्री अजय भसीन ने बताया कि इस बार दुर्ग जिले में लगभग 150 करोड़ का व्यापार धनतेरस पर हुआ है। इसमें इलेक्ट्रानिक्स, ऑटोमोबाइल, सर्राफा, मेटल, जूता, कपड़ा, बरतन और FMCG प्रोडक्ट शामिल है।

इस बार दिवाली पर ट्रेंड बदल गया है। पहली बार ऑटोमोबाइल सेक्टर में 4 दिनों का धनतरेस मनाया जा रहा है।
मिलेट्स से बनी मिठाइयों की बढ़ी बिक्री
मिठाइयों के बाजार में भी इस बार बड़ा बदलाव देखा गया। पहले लोग पैकेट्स में बंद मिठाइयों को तरजीह देते थे, लेकिन इस बार फ्रेश बनी हुई लोकल मिठाइयों जैसे लड्डू, बर्फी, चक्की आदि की मांग काफी बढ़ी है। खास बात यह रही कि गृह उद्योग से बनी स्वदेशी मिठाइयों को लोगों ने प्राथमिकता दी। इसके अलावा मिलेट्स से बनी मिठाइयों की बिक्री भी बढ़ी है, जो सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
पहली बार दिवाली में एक दूसरे को खजूर दे रहे लोग
दिवाली में पहली बार देखा जा रहा है कि लोग एक दूसरे को खजूर दे रहे हैं। इससे पहले तक दिवाली में खजूर देने का कोई ट्रेंड नहीं था। ड्रायफ्रूट्स में इस बार एक नया नाम जुड़ा अहमदाबादी खजूर। पहली बार देसी खजूर को उपहार के रूप में और लेन-देन के दौरान शामिल किया गया।
अहमदाबाद में खजूर की पैदावार और पैकेजिंग दोनों हो रही है, जो अब देशभर के बाजारों तक पहुंच रही है। दुर्ग और आसपास के इलाकों में खजूर का यह नया ट्रेंड पिछले 8 से 10 दिनों से तेजी पकड़ रहा है।

भिलाई के जवाहर मार्केट में पटाखों के लिए लगी लंबी लाइन। 500 से ज्यादा लोग लाइन में खड़े हैं।
- बिलासपुर
1500 कार-बाइक की हुई डिलीवरी
बिलासपुर में हर बार की तरह इस बार भी ऑटोमोबाइल सेक्टर में ज्यादा उत्साह दिखा। सुबह से लेकर देर रात तक एजेंसियों में भीड़ लगी रही। धनतेरस पर 1500 कार-बाइक की डिलीवरी हुई। कार और बाइक में कई गाड़ियों की पूर्ति एजेंसियां नहीं कर पा रही हैं। नवरात्रि से दीपावली तक लगभग 2500 गाड़ियों की बुकिंग हो चुकी है।
इस बार खासकर लाइट वेट ज्वेलरी, छोटे सिक्के और पारंपरिक डिजाइन की डिमांड सबसे ज्यादा रही। हालांकि, चांदी और डायमंड ज्वेलरी की मांग पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम देखी गई। व्यापारियों ने अनुमान लगाया कि जिले में करीब 8 से 10 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। कैट अध्यक्ष किशोर पंजवानी के अनुसार जिले में कपड़ों का करीब 5 से 6 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।

धनतेरस पर 1500 कार-बाइक की डिलीवरी हुई।
- जगदलपुर
जगदलपुर में 70 से 80 करोड़ का कारोबार
इस धनतेरस जगदलपुर में ऑटोमोबाइल से लेकर सर्राफा बाजार सेक्टर में जमकर खरीददारी हुई। जगदलपुर में बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स का दावा है कि एक ही दिन में 70 से 80 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है। जिसमें आधे से ज्यादा कारोबार ऑटो मोबाइल सेक्टर में हुआ है।
करीब 600 बाइक और 300 से ज्यादा फोर व्हीलर वाहनों की बिक्री हुई है। बाजार में करीब 35 करोड़ आए हैं। इसके अलावा 18 से 20 करोड़ के साथ ही सर्राफा दूसरे और 5 करोड़ रुपए की बिक्री के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार का कारोबार रहा है।
- रायगढ़
रायगढ़ में 70 करोड़ का कारोबार
रायगढ़ जिले में धनतेरस के दिन सर्राफा बाजार में जमकर खरीदारी हुई। सर्राफा एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष श्याम सुंदर गर्ग ने बताया कि पिछले 15 साल में पहली बार सर्राफा बाजार में अच्छा बिजनेस हुआ है। अनुमानित 25 से 30 करोड़ का बिजनेस किया गया है। वहीं, ऑटोमोबाइल्स में करीब 40 से 50 करोड़ का बिजनेस हुआ है।

रायगढ़ जिले में धनतेरस के दिन सर्राफा बाजार में हुई जमकर खरीदारी।

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छत्तीसगढ़
रायपुर : अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों के लिए ‘श्रेष्ठ योजना’ हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर
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10 minutes agoon
October 22, 2025By
Divya Akashगुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए देश के श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में मिलेगा प्रवेश अवसर
रायपुर। अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों को देश के सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार की “श्रेष्ठ योजना” (Scheme for Residential Education for Students in High Schools in Targeted Areas – SHRESHTA) के तहत आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2025, शाम 5 बजे निर्धारित की गई है। इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कक्षा 9 और 11 में प्रवेश के लिए 3000 नए विद्यार्थियों का चयन किया जाता है, जो कक्षा 12वीं तक की शिक्षा पूरी करते हैं। स्कूलों का आबंटन योग्यता और विद्यार्थियों की प्राथमिकता के आधार पर आनलाइन काउंसिलिंग के माध्यम से किया जाता है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022-23 से संचालित यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित निजी आवासीय विद्यालयों के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं एवं 11वीं में प्रवेश का अवसर प्रदान करती है। इसके लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा “राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (श्रेष्ठ)” (NETS) का आयोजन किया जाता है। आगामी परीक्षा दिसंबर 2025 में संभावित है।
श्रेष्ठ योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष सर्वोत्तम निजी आवासीय विद्यालयों का चयन का मापदंड ऐसे विद्यालय हैं जो न्यूनतम पाँच वर्षों से सतत रूप से संचालित हों, पिछले तीन वर्षों में कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाओं में कम से कम 75 प्रतिशत या उससे अधिक उत्तीर्णता दर प्राप्त कर चुके हों, तथा जिनके पास कक्षा 9वीं और 11वीं में अतिरिक्त रूप से कम से कम 10 अनुसूचित जाति विद्यार्थियों को समायोजित करने हेतु आवश्यक एवं उपयुक्त बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हों।
इस योजना के अंतर्गत चुने गए विद्यार्थियों को शिक्षण एवं छात्रावास शुल्क का पूरा व्यय भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है। विद्यार्थियों को किसी प्रकार का शुल्क या अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता। साथ ही, शैक्षणिक समायोजन में सहायता हेतु ‘ब्रिज कोर्स’ के लिए वार्षिक शुल्क का 10% तक का प्रावधान है।
योजना अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन NTA की वेबसाइट पर किया जा सकता है। आवेदन सुधार हेतु विंडो 1 से 2 नवंबर 2025 तक खुली रहेगी। विस्तृत दिशा-निर्देश एवं सार्वजनिक सूचनाhttps://cdnbbsr.s3waas.gov.inपर उपलब्ध हैं।
राज्य शासन ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे अपने जिलों में स्कूलों, वेबसाइटों और सोशल मीडिया के माध्यम से इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें, ताकि पात्र विद्यार्थी समय पर आवेदन कर सकें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के इस अवसर का लाभ उठा सकें।
कोरबा
कलश यात्रा के साथ श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ
Published
14 minutes agoon
October 22, 2025By
Divya Akash
कोरबा। कोरबा के पंडित रविशंकर शुक्ल नगर में 22 अक्टूबर को सुबह भव्य कलश यात्रा निकाली गई और इसके साथ श्रीमद् देवी भागवत का शुभारंभ हो गया। पंवार परिवार द्वारा 22 से 30 अक्टूबर तक संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का आयोजन भूपेंद्र सिंह पंवार और श्रीमती विंध्यवासिनी पंवार द्वारा किया जा रहा है और आचार्य पंडित जनार्दन प्रसाद दुबे बरपाली वाले के श्रीमुख से आज 22 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक कथा का वाचन किया जाएगा।

कथा का कार्यक्रम:

- 22 अक्टूबर: कलश यात्रा और कथा का शुभारंभ
- 23 अक्टूबर: हयग्रीव अवतार कथा और कौरव-पांडव उत्पत्ति कथा
- 24 अक्टूबर: भुवनेश्वरी देवी कथा और देवी मंत्र महात्म्य कथा
- 25 अक्टूबर: वृत्तासुर कथा और वृत्ततनिहन्ति देवी कथा
- 26 अक्टूबर: सरस्वती पूजन और हैहयवंशी राजाओं की कथा
- 27 अक्टूबर: भगवान श्री कृष्ण के चरित्र का वर्णन
- 28 अक्टूबर: श्री दुर्गा देवी कथा और देवी के अन्य अवतारों की कथा
- 29 अक्टूबर: सदाचार वर्णन और गायत्री मां की महिमा
- 30 अक्टूबर: गीता पाठ, तुलसी वर्षा, कपिला तर्पण, सहस्त्रधारा, कुमारी भोजन, ब्राह्मण भोजन और विसर्जन
आयोजक परिवार: - पंवार परिवार ने नगरवासियों से इस कथा में शामिल होने और पुण्य लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया है।




छत्तीसगढ़
रायपुर : गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री ने किया गौपूजन, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की
Published
19 minutes agoon
October 22, 2025By
Divya Akash


रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास रायपुर में स्थित गौशाला में गोवर्धन पूजा के अवसर पर गौमाता की पूजा-अर्चना की और गौ माता को खिचड़ी खिलाकर गोसेवा की परंपरा निभाई। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की मंगलकामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा प्रकृति, गौवंश और पर्यावरण के प्रति आभार व्यक्त करने का पावन पर्व है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद वितरण के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने गौशाला में सेवा कर रहे गौसेवकों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। उन्होंने गौसेवा के लिए उनकी सराहना करते हुए सभी से गौवंश की रक्षा एवं संरक्षण के कार्यों में आगे आने का आग्रह किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने गौशाला की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गौसेवकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि गौशाला में गौवंश की देखरेख की सभी व्यवस्था मौजूद है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा हमारे जीवन में प्रकृति, अन्न और पशुधन के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। गाय भारतीय संस्कृति की आधारशिला है, जो न केवल हमारे ग्रामीण जीवन से जुड़ी है, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था और आस्था दोनों का केंद्र भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में गोसेवा और प्रकृति पूजन की भावना गहराई से रची-बसी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय, अन्न और धरती का सम्मान करना उस मातृशक्ति को प्रणाम करना है, जिससे हमारा जीवन जुड़ा है। जब हम इन्हें नमन करते हैं, तब हम अपनी संस्कृति की जड़ों, अपनी आत्मा की गहराइयों और समृद्धि के स्रोतों को स्पर्श करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में गाय गौमाता के रूप में पूजनीय है, और इसी भावना के साथ राज्य सरकार गोसेवा को ग्रामीण विकास की धुरी बनाने के लिए कार्य कर रही है।

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