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कोरबा

दर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद होगी पर्यावरणीय जनसुनवाई

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कोरबा/दर्री। दर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद पर्यावरणीय जनसुनवाई हो सकती है। जानकार सूत्रों के अनुसार 12 दिसंबर के बाद जनसुनवाई के लिए तारीख तय हो सकती है। इस विस्तार से एचटीपीपी संयंत्र में 660 मेगावाट की दो सुपर क्रिटिकल यूनिट लगेगी। इससे उत्पादन कंपनी की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। 12 दिसंबर के बाद की तारीख जनसुनवाई के लिए तय होगी। पहले 26 अक्टूबर की तारीख तय हुई थी। मगर चुनाव आचार संहिता के कारण जनसुनवाई स्थगित कर दिया गया था। बिजली की घरेलू मांग हर साल प्रदेश में बढ़ रही है। साल 2001 तक राज्य बिजली उत्पादन कंपनी छत्तीसगढ़ बिजली की जरूरत को पूरा करने में सक्षम था। अब साल के 12 महीने िनजी संयंत्रों की महंगी बिजली लेकर घरेलू मांग की पूर्ति करनी पड़ रही है। इस साल बिजली की सर्वाधिक डिमांड 5743 मेगावाट रही। जबकि पिछले साल बिजली की अधिकतम डिमांड 5600 मेगावाट थी। साल 2029-30 तक बिजली की घरेलू मांग 9 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इसकी पूर्ति के लिए एचटीपीपी संयंत्र विस्तार से 660 मेगावाट की दो सुपर क्रिटिकल यूनिट लगेगी। इससे उत्पादन कंपनी की बिजली क्षमता 1320 मेगावाट बढ़ जाएगी। उत्पादन कंपनी के पास एक विकल्प मड़वा प्लांट भी है। यहां 500 मेगावाट की तीन इकाईयों को स्थापित करने का निर्णय लिया गया था। मगर अभी दो इकाई ही स्थापित है। दूसरी ओर एचटीपीपी संयंत्र के विस्तार की पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया जनसुनवाई के बाद ही पूरी हो पाएगी। अक्टूबर में इसकी तारीख तय की गई थी। मगर जनसुनवाई स्थगित करना पड़ा था। एचटीपीपी संयंत्र के मुख्य अभियंता संजय शर्मा ने बताया कि दिसंबर में प्लांट स्थापना की पर्यावरण मंजूरी के लिए जनसुनवाई होगी। इसी महीने की 12 तारीख के बाद की तारीख तय होगी। अनशेड्यूल व पीक ऑवर की बिजली महंगी बिजली की डिमांड की पूर्ति के लिए निजी संयंत्रों से अनशेड्यूल या पीक ऑवर में ली गई बिजली महंगी होती है। इससे उत्पादन कंपनी पर आर्थिक भार पड़ता है। साल 2001 के बाद से राज्य बिजली उत्पादन कंपनी प्रदेश की बिजली जरूरत को पूरा करने निजी संयंत्रों की बिजली लेनी पड़ रही है। संयंत्र विस्तार और बैटरी स्टोरेज सौर ऊर्जा की परियोजना विकसित कर कमी लाने की दिशा में पहल हुई है। भविष्य में जिसका लाभ मिलेगा।

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कोरबा

कलश यात्रा के साथ श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ

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कोरबा। कोरबा के पंडित रविशंकर शुक्ल नगर में 22 अक्टूबर को सुबह भव्य कलश यात्रा निकाली गई और इसके साथ श्रीमद् देवी भागवत का शुभारंभ हो गया। पंवार परिवार द्वारा 22 से 30 अक्टूबर तक संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का आयोजन भूपेंद्र सिंह पंवार और श्रीमती विंध्यवासिनी पंवार द्वारा किया जा रहा है और आचार्य पंडित जनार्दन प्रसाद दुबे बरपाली वाले के श्रीमुख से आज 22 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक कथा का वाचन किया जाएगा।


कथा का कार्यक्रम:

  • 22 अक्टूबर: कलश यात्रा और कथा का शुभारंभ
  • 23 अक्टूबर: हयग्रीव अवतार कथा और कौरव-पांडव उत्पत्ति कथा
  • 24 अक्टूबर: भुवनेश्वरी देवी कथा और देवी मंत्र महात्म्य कथा
  • 25 अक्टूबर: वृत्तासुर कथा और वृत्ततनिहन्ति देवी कथा
  • 26 अक्टूबर: सरस्वती पूजन और हैहयवंशी राजाओं की कथा
  • 27 अक्टूबर: भगवान श्री कृष्ण के चरित्र का वर्णन
  • 28 अक्टूबर: श्री दुर्गा देवी कथा और देवी के अन्य अवतारों की कथा
  • 29 अक्टूबर: सदाचार वर्णन और गायत्री मां की महिमा
  • 30 अक्टूबर: गीता पाठ, तुलसी वर्षा, कपिला तर्पण, सहस्त्रधारा, कुमारी भोजन, ब्राह्मण भोजन और विसर्जन
    आयोजक परिवार:
  • पंवार परिवार ने नगरवासियों से इस कथा में शामिल होने और पुण्य लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया है।

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कोरबा

इलेक्ट्रिक ऑटो चालकों को पार्ट्स-सब्सिडी नहीं मिल रही:कोरबा में वाहन खड़े होने से आजीविका प्रभावित, कंपनी ने दिया समाधान का आश्वासन

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कोरबा। कोरबा जिले में इलेक्ट्रिक ऑटो चालकों को पार्ट्स की कमी और सब्सिडी मिलने में देरी के कारण बड़ी परेशानी हो रही है। इससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है और कई ऑटो खड़े हो गए हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर टीपी नगर स्थित जिला ऑटो संघ कार्यालय में बुधवार को बैठक हुई।

परसाभाठा बालको क्षेत्र के इलेक्ट्रिक ऑटो चालक त्रिलोक साहू ने बताया कि उन्होंने महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटो खरीदा था, लेकिन पिछले तीन सालों से उन्हें वाहन के पार्ट्स नहीं मिल पा रहे हैं। उनके अनुसार, 500 रुपए का अग्रिम भुगतान करने के बावजूद भी आवश्यक पुर्जे अब तक नहीं मिले हैं। जिससे उनका ऑटो खड़ा है।

सब्सिडी के लिए लगाने पड़ रहे चक्कर

एक अन्य ऑटो चालक अमित कुमार प्रजापति ने बताया कि उन्हें ऑटो लिए तीन साल हो चुके हैं। एजेंसी की ओर से सब्सिडी के रूप में 30,000 से 32,000 रुपए की छूट का आश्वासन दिया गया था, जो अब तक नहीं मिली है। सब्सिडी के लिए उन्हें लगातार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

समस्याओं का निराकरण का आश्वासन

जिला ऑटो संघ के सदस्य श्याम दास गुरु ने बताया कि चालकों की समस्याओं को सुनने के बाद महिंद्रा कंपनी के संबंधित मैनेजर और अधिकारियों से बातचीत की गई है। कंपनी ने चालकों को समय पर पार्ट्स उपलब्ध कराने और सब्सिडी की सुविधा देने पर सहमति जताई है, और जल्द ही इन समस्याओं का निराकरण होने का आश्वासन दिया है।

इस मामले में महिंद्रा कंपनी के मैनेजर वीरेंद्र पाटिल ने कॉल पर बताया कि सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और चालकों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। कोरबा जिले में इलेक्ट्रिक ऑटो की शुरुआत लगभग 2022 में हुई थी।

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कोरबा

एक महीने से लापता ग्रामीण का जंगल में कंकाल मिला:कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट बेटे को देखने आया था, फांसी लगाकर आत्महत्या की आशंका

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कोरबा। कोरबा के श्यांग थाना क्षेत्र के सोलवा गांव में एक महीने से लापता 38 वर्षीय सुखसागर का कंकाल जंगल में मिला है। सुखसागर 18 सितंबर से लापता था, जिसकी तलाश परिजन कर रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

मृतक के भाई लक्ष्मी नारायण चौहान ने बताया कि 15 सितंबर को सुखसागर के बेटे का बाइक एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उसके दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे। उसे जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था। एक्सीडेंट की सूचना पर 18 सितंबर को सुखसागर भी अस्पताल पहुंचा था।

अस्पताल में बेटे को देखने के बाद सुखसागर ने घर लौटने की बात कही, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन जब वह नहीं मिला तो इसकी सूचना श्यांग थाना पुलिस को दी गई।

लापता होने के बाद शुरू हुई तलाश

पुलिस के अनुसार, सूचना के बाद परिजन-रिश्तेदार और आसपास के लोग उसकी तलाश में जुटे हुए थे। एक महीने बाद गांव से लगे जंगल में एक पेड़ के नीचे नरकंकाल मिलने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की।

फांसी लगाकर आत्महत्या की आशंका

घटनास्थल पर एक गमछा और कुछ कपड़े मिले, जो पेड़ पर बंधे हुए थे और नीचे कंकाल पड़ा था। परिजनों को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने कपड़ों के आधार पर नरकंकाल की पहचान सुखसागर के रूप में की।पुलिस को आशंका है कि सुखसागर ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या की होगी।

पारिवारिक तनाव से था परेशान

इसी आधार पर आगे की जांच की जा रही है। परिजनों ने बताया कि सुखसागर खेती-किसानी का काम करता था और उसके चार बच्चे हैं, जिनमें से बड़े बेटे का एक्सीडेंट हुआ था। वह पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहा था, लेकिन पूछने पर कभी कुछ नहीं बताता था।

फोरेंसिक टीम कर रही जांच

इस मामले में श्यांग थाना प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है और मामले में आगे की जांच जारी है।

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