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मंत्रालयों के लिए ₹1500 करोड़ किराया चुका रही सरकार:मोदी बोले- डेली 8-10 हजार कर्मचारियों का आना-जाना, कर्तव्य भवन से यह परेशानी दूर होगी

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नई दिल्ली,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-03 बिल्डिंग का उद्घाटन किया। पीएम ने कहा- कर्तव्य भवन में विकसित भारत की नीतियां बनेंगी। ये सिर्फ इमारत नहीं, करोड़ों लोगों के सपनों को साकार करने की भूमि है।

पीएम ने कर्तव्य भवन की जरूरत के बारे में बताया कि, 100 सालों से होम मिनिस्ट्री एक ही बिल्डिंग में है। कुछ मंत्रालय किराए की बिल्डिंग में हैं। सालाना 1500 करोड़ रुपए रेंट देना पड़ता है। इससे सरकार का कितना खर्च हो रहा है।

कर्तव्य भवन 2019 में शुरू हुई सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है और कॉमन सेंट्रल सेक्रेटरिएट (CSS) की 10 में से पहली बिल्डिंग है। कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन सबसे पहले किया गया है। इसे दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर स्थित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर उनके बीच बेहतर कोआर्डिनेशन और कामों में तेजी लाने के लिए डिजाइन किया गया है।

PM मोदी ने कर्तव्य भवन के उद्घाटन के बाद प्रोजेक्ट की जानकारी ली।

PM मोदी ने कर्तव्य भवन के उद्घाटन के बाद प्रोजेक्ट की जानकारी ली।

मोदी की स्पीच, 6 पॉइंट में

1. इन्फ्रास्ट्रक्चर पर क्रांति का महीना अगस्त और 15 अगस्त से पहले ये ऐतिहासिक अवसर है। हम एक के बाद एक आधुनिक भारत के निर्माण से जुड़ी उपलब्धियों के साक्षी बन रहे हैं। दिल्ली में कर्तव्य पथ, नया संसद भवन, रक्षा भवन, भारत मंडपम, यशो भूमि, नेशनल वॉर ममोरियल, सुभाष चंद्र की प्रतिमा, ये केवल कुछ नए भवन और सामान्य इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। कर्तव्य पथ भवन ये नाम हमारे लोकतंत्र की हमारे संविधान की मूल भावना का उद्घोष करते हैं।

2. बिल्डिंग रिनोवेशन पर आजादी के बाद देश की एडमिनिस्ट्रेटिव उन बिल्डिंग से चलाई गईं जो अंग्रेजों के समय में बनी है। होम मिनिस्ट्री करीब 100 साल से एक ही बिल्डिंग में चल रही थी। अलग अलग मंत्रालय दिल्ली के 50 अलग अलग जगहों से चल रहे हैं। कुछ मंत्रालय किराए की बिल्डिंग में हैं। किराए में डेढ़ हजार करोड़ रुपए जाते हैं। काम की वजह से कर्मचारियों का आना जाना होता है। रोज 8-10 हजार कर्मचारी एक से दूसरे मंत्रालय आना जाना पड़ता है। इसमें भी समय खराब होता है। इससे काम में असर पड़ता है।

3. आधुनिक भारत पर 21वीं सदी के भारत को 21वीं सदी की आधुनिक व्यवस्था और इमारतें चाहिए। ऐसी बिल्डिंग जो टेक्नोलाजी और सुविधा के हिसाब से बेहतरीन हों। इसलिए कर्तव्य भवन जैसी विशाल इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसी ही कई इमारतें बनाई जाएंगी। ताकि कर्मचारियों को सही वर्क एनवायरमेंट मिलेगा।

4. गुड गवर्नेंस और डेवलेपमेंट पर अगर दिल्ली में संसद की नई इमारत बनी है तो देश में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बने हैं। भारत मंडपम बना तो 1300 से ज्यादा अमृत भारत रेलवे स्टेशन भी बनाए गए। कर्तव्य भवन भारत के वैश्विक विजन का प्रतीक है। कर्तव्य भवन जैसे आधुनिक इमारतों में भी रूफ सोलर लगाए गए हैं, ग्रीन बिल्डिंग का विजन भारत में विस्तार ले रहा है। गुड गवर्नेंस और विकास की धारा रिफॉर्म्स की गंगोत्री से निकलती है।

5. करप्शन पर भारत में सरकारी योजनाओं की डिलिवरी को ट्रांसपेरेंट बनाया गया है। पहले की सरकारें 10 करोड़ ऐसे लोगों के नाम पर पैसे भेज रही थीं जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। ये पैसे बिचौलिए खा रहे थे। इसे बंद किया गया। जिससे 4.20 लाख करोड़ रुपए की चोरी रुक गई। अब ये पैसा देश के काम आ रहा है। सिर्फ करप्शन और लीकेज ही नहीं अनावश्यक नियम कानून देश हित में बाधा थे। हमने 1500 से ज्यादा पुराने कानून समाप्त किए कई कानून अंग्रेजों के जमाने थे जो रोड़ा बने थे।

6. गवर्नेंस वर्क कल्चर पर पहले कितने विभागों और मंत्रालयों में जिम्मेदारी की ओवरलेपिंग होती थी जिससे डिसीजन लटक जाते थे। इसके लिए मंत्रालय मर्ज किए गए और जहां जरूरत थी नए मंत्रालय बनाए गए। सरकार के वर्क कल्चर को अपग्रेड करने के लिए काम किया जा रहा है। मिशन कर्मयोगी के जरिए कर्मचारियों को ट्रेंड किया जा रहा है।

कर्तव्य भवन-3 में 7 फ्लोर, 24 कॉन्फ्रेंस रूम कर्तव्य भवन-3 में ग्राउंड फ्लोर सहित 7 फ्लोर हैं। यहां गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऑफिस होंगे।

कर्तव्य भवन 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैला है। यहां एक साथ 600 कारें खड़ी हो सकती हैं। इसमें क्रेच (शिशुगृह), योग रूम, मेडिकल रूम, कैफे, किचन और हॉल है। कर्तव्य भवन में 24 कॉन्फ्रेंस रूम भी हैं। हर रूम 45 लोगों के बैठने की क्षमता है।

सरकार के अनुसार, अभी कई मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच बने शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों में काम कर रहे हैं, जो अब संरचनात्मक रूप से जर्जर हो चुकी हैं।

कर्तव्य भवन की बिल्डिंग ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनी हैं। इससे मेंटेनेंस में कम लागत लगेगी।

कर्तव्य भवन की बिल्डिंग ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनी हैं। इससे मेंटेनेंस में कम लागत लगेगी।

यह IT-फ्रेंडली, सेंट्रलाइज्ड कमांड सिस्टम, ID कार्ड बेस्ड एक्सेस जैसी एडवांस तकनीक से लैस है।

यह IT-फ्रेंडली, सेंट्रलाइज्ड कमांड सिस्टम, ID कार्ड बेस्ड एक्सेस जैसी एडवांस तकनीक से लैस है।

बिल्डिंग में सेंसर बेस्ड LED लाइट्स और एडवांस टेक्नोलॉजी वाली रिजनरेटिव लिफ्ट लगी हैं।

बिल्डिंग में सेंसर बेस्ड LED लाइट्स और एडवांस टेक्नोलॉजी वाली रिजनरेटिव लिफ्ट लगी हैं।

अगले महीने पूरा होगा कर्तव्य भवन-1 और 2 का काम

केंद्र ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CSS) की शुरुआत की है। इसके तहत दस बिल्डिंग और एक एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव बनाने की योजना है। इनमें कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। यह अगले महीने तक पूरी हो जाएंगी। वहीं, अगले 22 महीनों में बचे हुए 7 भवन भी बन जाएंगे।

कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट में एक नया प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय होगा। एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव के दूसरे चरण में, प्रधानमंत्री आवास का निर्माण होगा।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नया संसद भवन बना

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट है, जिसका मकसद दिल्ली स्थित सेंट्रल विस्टा एरिया का पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण करना है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत, सरकार ने नया संसद भवन और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का निर्माण किया है और विजय चौक से इंडिया गेट तक फैले कर्तव्य पथ का पुनर्विकास किया है।

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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी

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मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।

अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…

पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।

आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।

कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।

रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।

लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।

कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।

जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी

अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।

इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।

रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था

24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।

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CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो

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नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-

जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।

बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।

सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है

गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,

न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।

वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।

VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना

VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।

हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद

याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।

याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं

राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।

खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।

वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।

जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था

जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।

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उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश

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नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।

इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।

हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।

देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।

मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।

25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।

चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

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