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कोरबा

देश और राज्य के विकास में बालको का महत्वपूर्ण योगदान

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बालकोनगर। भारत सरकार ने 27 नवंबर 1965 को भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) की स्थापना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में की और छत्तीसगढ़ के कोरबा में एल्यूमिनियम कारखाना स्थापित करने का निर्णय लिया। उस समय आज का विशाल औद्योगिक नगर कोरबा, मध्य प्रदेश के बिलासपुर जिले का हिस्सा था। बालको के एल्यूमिनियम कारखाना की योजना पर कार्य आरंभ हुआ, साथ ही व्यापार का नया क्षेत्र और विविध अवसर अपने साथ लेकर आया। वर्ष 1970 में बालको के एल्यूमिनियम संयंत्र का निर्माण प्रारम्भ हुआ। यह वह समय था, जब बड़ा आर्थिक निवेश के साथ हजारों हाथों को रोजगार के जरिये अतिरिक्त आर्थिक संबल और समृद्धि हासिल हुई। वर्ष 1975 में बालको के एल्यूमिनियम संयंत्र ने पूर्ण आकार ले लिया। फिर वह खुशनुमा सुबह आई, जब मई 1975 में बालको ने धातु का उत्पादन प्रारम्भ किया। सन् 2001 तक उत्पादन क्षमता 01 लाख टन प्रति वर्ष थी।

कंपनी सही मायने में रोजगार और व्यापार का पर्याय बन गया है। बालको में कार्यरत कुल 1986 कर्मचारियों में से छत्तीसगढ़ राज्य के 1379 कर्मचारी शामिल हैं। क्षेत्र की हजारों प्रतिभाओं का संयंत्र में नियोजन होने के साथ हजारों मेहनतकशों को नियमित रोजगार मिलने लगा। व्यापार तथा सहायक उद्योगों की नई राह खुल गई। कोरबा में सिल्वर (एल्यूमिनियम) अपनी चमक बिखरने लगा। वर्ष 2001 में हुए निजीकरण के बाद से बालको में सतत, सम्यक और तीव्रगति से प्रगति की एक नयी संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ। निजीकरण के बाद 49 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार तथा 51 प्रतिशत वेदांता समूह के पास है।

वर्तमान में, देश में एल्यूमिनियम की कुल मांग 4.1 मिलियन टन है, जिसमें बालको 14 प्रतिशत एल्यूमिनियम की पूर्ति कर रहा है। अभी भारत की एल्यूमिनियम खपत प्रति व्यक्ति लगभग 3 किलोग्राम है। दूसरी ओर, विश्व की प्रति व्यक्ति औसत एल्यूमिनियम खपत लगभग 12 किलोग्राम है। अनुमान है कि यह मांग 2030 तक बढ़कर लगभग 15 से 20 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो जाएगा। विकाशील देश की श्रेणी में होने की वजह से भारत में इस धातु की खपत विश्व के औसत खपत से ज्यादा होने की प्रबल संभावना है।

देश में बढ़ते एल्यूमिनियम की मांग को देखते हुए बालको की विस्तार परियोजना इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्ष 2026 तक 01 मिलियन टन के विस्तार परियोजना के बाद बालको, देश की कुल 20 प्रतिशत एल्यूमिनियम की मांग को पूरा करने में सक्षम होगा। बालको, अपने उत्पादन का 90 प्रतिशत एल्यूमिनियम घरेलू बाजार में ही विक्रय करता है। बालको सहित वेदांता समूह की एल्यूमिनियम बिजिनेस कुल 2.37 मिलियन टन एल्यूमिनियम उत्पादित कर रहा है। रिसाईकल और सस्टेनेबल गुणों की वजह से एल्यूमिनियम ‘भविष्य का धातु’ के रूप में देखा जा रहा है।

बालको के निजीकरण और विस्तार परियोजनाओं की शुरूआत से लेकर इसके प्रचालन में आने तक हजारों हाथों को रोजगार मिला है। कोरबा और बालको के व्यवसाय ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। बालको, अभी और प्रगति के नए सोपानों को तय करने के लिए प्रतिबद्ध है। बालको के वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार के कुशल नेतृत्व में कंपनी की विस्तार परियोजना को साकार रूप देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। कंपनी के प्रगति के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर का निर्माण होगा। शीघ्र ही 01 मिलियन क्लब की ऊंचाई को छू लेगा और देश और राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।

बालको के लिए समुदायों का सामाजिक-आर्थिक विकास सर्वोपरि है। कंपनी शिक्षा, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य संपदा, स्वच्छता, खेल, संस्कृति और बुनियादी जरूरतों के विकास में गहन हस्तक्षेप के माध्यम से सालाना लगभग 1.5 लाख लोगों के जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के अवसर प्रदान करती है। बालको के सामाजिक विकास प्रयास छत्तीसगढ़ के 4 जिलों को कवर करते हुए 123 गांवों तक पहुंचती है। कोरबा, कवर्धा, सरगुजा और रायपुर, और इसकी सीएसआर नीतियों और प्रणालियों को जमीन पर स्थायी प्रभाव देने के लिए तैयार और कार्यान्वित किया जाता है, जिससे इन समुदायों को राष्ट्र की प्रगति में एक समान भागीदार बनाया जाता है।

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कोरबा

विभिन्न मांगों को लेकर 24 दिसंबर को सीजीएम कार्यालय गेवरा में तालाबंदी करेंगे भूविस्थापित

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रीना अजय जायसवाल करेंगे नेतृत्व: कल तैयारी बैठक
कोरबा/गेवरा। 24 दिसंबर को कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में भू विस्थापित बेरोजगार युवक सीजीएम कार्यालय एसईसीएल गेवरा में तालाबंदी करेंगे। एसईसीएल गेवरा खदान प्रभावित ग्राम भिलाई बाजार, बरभांठा, मुडिय़ानार, सलोरा, पंडरीपानी, नरईबोध, उमेंदी भांठा, केसला आदि ग्रामों में धारा 4 का प्रकाशन कर अधिग्रहण किया जाना है। आगामी दिनों में हजारों एकड़ जमीन से कोयला उत्खनन होगा। वर्तमान में बड़ी-बड़ी कंपनिया गेवरा खदान में नियोजित हैद्व जिसमें हजारों की संख्या में अन्य राज्य और अन्य जिलों से मजदूरों को मंगाकर काम कराया जा रहा है और स्थानीय भू विस्थापित युवक रोजगार मांगने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। भू विस्थापितों ने बताया इन ग्रामों से 100 युवकों को भी रोजगार इन कंपनियों ने नहीं दी है और क्षेत्र में एसईसीएल के खिलाफ जमकर आक्रोश है।
रीना अजय जायसवाल करेंगी नेतृत्व
24 दिसंबर को तालाबंदी करने की योजना भू विस्थापित युवकों ने बनायी है, जिसका नेतृत्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल करेंगी।
कल तैयारी बैठक

24 दिसंबर को होने वाली तालाबंदी में भू विस्थापित कल रणनीति तैयार करेंगे। इस बैठक में आधा दर्जन गांव के युवक एवं ग्रामीण शामिल होंगे और अजय जायसवाल के नेतृत्व में रणनीति तैयार की जाएगी।
इस तालाबंदी आंदोलन को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और तालाबंदी आंदोलन को सफल बनाने युवकों ने कमर कस ली है। एसईसीएल प्रबंधन की आंख खुलते तक भू विस्थापित युवक आंदोलन करते रहेंगे।

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कोरबा

श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न

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कोरबा । व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान के उडीसा प्रभारी उडीसा अध्यक्ष गोविन्द अग्रवाल का कोरबा आगमन हुआ एवं उनके द्वारा कोरबा के ह्दय स्थल पर निर्मित श्री सप्तदेव मंदिर में आकर समस्त देवी देवताओं के दर्शन कर उनका आर्शीवाद लिया गया। गोविन्द अग्रवाल के ’’ मुख्य आथित्य ’’ में श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम किया गया एवं इस अवसर पर मंदिर में बडी संख्या में उपस्थित असहायों एवं साधु संतो व साध्वियों को उनके द्वारा कम्बल वितरित किया गया।

इस अवसर पर छ.ग. प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमेन अशोक मोदी, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति की प्रीति मोदी, श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल की अध्यक्षा सरला मित्तल उपस्थित थी जिनके गरिमामय उपस्थिति में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

गोविन्द अग्रवाल ने कोरबा के विशाल एवं भव्य श्री सप्तदेव मंदिर की प्रशंसा करते हुए उपस्थित समस्त भक्तजनों का आभार किया एवं श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति एवं अशोक मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके द्वारा किये गये इस प्रकार के सेवा कार्यों से इस भीषण ठण्ड से काफी लोगो को राहत मिलेगी एवं इस प्रकार के कार्यो से लोगो को प्रेरणा भी मिलेगी।

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कोरबा

अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे जूनियर नरेन्द्र मोदी को मिला रनर अप का खिताब

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कोरबा । नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे कोरबा के जूनियर नरेन्द्र मोदी ने रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा नगर को गौरान्वित किया है।

विदित हो कि दिल्ली में बच्चों की अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा दिनॉक 15 दिसम्बर 2024 दिन रविवार को आयोजित की गई थी जिसमें लगभग 8000 से अधिक बच्चो ने इस अंतर्राष्ट्रीय यू.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में नरेन्द्र मोदी जो कि कोरबा के प्रसिद्व व्यवसायी गौरव मोदी के सुपुत्र है ने भी भाग लिया जिसमे उसने रनर-अप ( द्वितीय) पुरस्कार का खिताब अपने नाम किया।

कोरबा नगर के लिये अत्यंत गौरव एवं गर्व की बात है कि इस अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे लगभग 8000 बच्चों के बीच रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर जूनियर नरेन्द्र मोदी ने कोरबा नगर को गौरान्वित किया।

नरेन्द्र मोदी पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद एवं जूडो कराटे में भी रूचि रखते है एवं नरेन्द्र ने उक्त सभी में पुरस्कार प्राप्त कर सदैव कोरबा नगर को गौरान्वित किया है, उनके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में रनर-अप पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा आने पर नगरवासियों ने नरेन्द्र मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

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