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यमन में भारतीय नर्स को माफी नहीं:मृतक का भाई बोला- मुआवजा नहीं चाहिए, सजा में भले ही देरी हो, बदला लेकर रहेंगे
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2 months agoon
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Divya Akash
सना/नई दिल्ली,एजेंसी। यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में फंसी भारत की नर्स निमिषा प्रिया को माफ करने से महदी परिवार ने इनकार कर दिया है।
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक महदी के भाई अब्देल फत्तह महदी ने सोशल मीडिया पर साफ कहा कि मैं अपने भाई की हत्या के मामले में कोई माफी या समझौता नहीं चाहता।
महदी ने कहा, न्याय की जीत होगी ,भले ही सजा में देरी हो, लेकिन बदला लेकर रहेंगे। चाहे कोई भी कितना दबाव डाले या मिन्नतें करे, हम क्षमा नहीं करेंगे और ब्लड मनी (खून के बदले दी जाने वाली रकम) नहीं लेंगे। निमिषा को मौत की सजा 16 जुलाई को होनी थी, लेकिन इसे फिलहाल टाल दिया गया है।
महदी बोले- निमिषा को मौत की सजा मिलनी चाहिए
BBC अरबी को दिए एक इंटरव्यू में भी महदी ने कहा, हम शरियत कानून के तहत ‘किसास’ यानी बदले की मांग करते हैं। निमिषा को मौत की सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ हत्या ही नहीं, बल्कि सालों तक चले इस केस की लंबी कानूनी लड़ाई ने भी हमारे परिवार को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसलिए वे मुआवजे की कोई रकम नहीं लेना चाहते।
निमिषा का पासपोर्ट जब्त करने का दावा झूठा
महदी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि कुछ भारतीय मीडिया संस्थान जानबूझकर ऐसे झूठे दावे फैला रहे हैं कि तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था या उसका शोषण किया गया था।
लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। महदी ने दावा किया कि न तो खुद निमिषा प्रिया ने और न ही उसकी कानूनी टीम ने कभी अदालत में ऐसा कोई आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी कहा कि निमिषा की पूरी कानूनी प्रक्रिया में भारतीय दूतावास की तरफ से नियुक्त वकील मौजूद थे और सभी कार्यवाही पारदर्शी रही।
महदी ने भारतीय मीडिया पर यह आरोप लगाया कि वह दोषी को पीड़ित के रूप में प्रस्तुत कर रही है। उन्होंने लिखा, ‘इसका मकसद जनता को गुमराह करना और अपराधी के लिए झूठी सहानुभूति पैदा करना है।’

निमिषा को प्रताड़ित करने वाले तलाल अब्दो महदी की तस्वीर, जिसकी ड्रग के ओवरडोज से मौत हो गई।
भारत और यमन के धर्मगुरुओं ने बातचीत की थी
रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जुलाई को भारत में कंथापुरम के ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार और यमन के चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज इस मसले पर बातचीत की थी। इसमें यमन के सुप्रीम कोर्ट के एक जज और मृतक का भाई भी शामिल था।
यमन के शेख हबीब को बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया था। ऐसा भी पहली बार हुआ, जब पीड़ित परिवार का कोई करीबी सदस्य बातचीत को तैयार हुआ हो।
यह बातचीत शरिया कानून के तहत हुई, जो पीड़ित परिवार को दोषी को बिना किसी शर्त के या फिर ब्लड मनी के बदले में माफ करने का कानूनी अधिकार देता है।
यमन में भारतीय दूतावास नहीं, रियाद के जरिए बातचीत हुई
भारत के पास यमन में स्थायी राजनयिक मिशन (दूतावास) नहीं है। 2015 में राजनीतिक अस्थिरता के कारण राजधानी सना में भारतीय दूतावास बंद कर दिया गया था और इसे जिबूती (अफ्रीका) में ट्रांसफर कर दिया गया था।
भारत सरकार यमन सरकार से मुख्य रूप से ‘नॉन-रेजिडेंट राजदूत’ के जरिए बात करती है। फिलहाल भारत सरकार रियाद में मौजूद राजदूत के जरिए बातचीत कर रही है।
निमिषा की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी
भारत सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वो निमिषा के मामले में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कोर्ट को बताया था- हम एक हद तक ही जा सकते हैं और हम वहां तक पहुंच चुके हैं।
इस मामले में ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ के वकील ने कोर्ट को बताया था कि उसे बचाने का एकमात्र रास्ता यह है कि मृतक का परिवार ‘ब्लड मनी’ (मुआवजा) स्वीकार कर ले।
पीड़ित के परिवार को 10 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 8.5 करोड़ रुपए) की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। परिवार ने कहा था कि यह मामला उनकी इज्जत से जुड़ा हुआ है।

यमन में गृह युद्ध की वजह से निमिषा वहीं फंसी रह गई
यमन में गृह युद्ध की वजह से भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए ‘ऑपरेशन राहत’ शुरू किया। यह ऑपरेशन अप्रैल-मई 2015 तक चला, जिसमें 4,600 भारतीयों और करीब एक हजार विदेशी नागरिकों को यमन से निकाला, लेकिन इनमें सिर्फ निमिषा ही भारत नहीं लौट पाईं।
2016 में महदी ने निमिषा के साथ शारीरिक उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। उसने निमिषा के क्लिनिक का प्रॉफिट भी हड़प लिया। जब निमिषा ने इस बारे में सवाल किया तो दोनों के रिश्ते खराब हो गए। महदी निमिषा को यमन से बाहर नहीं जाने देना चाहता था, इसलिए उसने निमिषा का पासपोर्ट अपने पास रख लिया।
निमिषा ने पुलिस में महदी की शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने निमिषा को ही 6 दिनों की हिरासत में ले लिया, क्योंकि महदी ने एडिटेड फोटो दिखाकर निमिषा का पति होने का दावा किया।

तस्वीर में निमिषा के पति थॉमस शादी की एल्बम दिखाते हुए।
निमिषा ने ड्रग्स का ओवरडोज दिया, जिससे महदी की मौत हो गई
निमिषा काफी परेशान हो चुकीं थीं। जुलाई 2017 में महदी से पासपोर्ट लेने के लिए निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया, लेकिन इसका असर नहीं हुआ। फिर निमिषा ने महदी को ओवरडोज दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निमिषा ने महदी के शरीर के टुकड़े कर वाटर टैंक में फेंक दिए। इसके बाद पुलिस ने निमिषा को गिरफ्तार कर लिया।
यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने निमिषा को महदी की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई। निमिषा ने यमन की सुप्रीम कोर्ट में माफी की अपील दायर की, जिसे 2023 में खारिज कर दिया गया। राष्ट्रपति रशद ने भी 30 दिसंबर 2024 को सजा को मंजूरी दे दी।
निमिषा को बचाने के लिए क्राउड फंडिंग से जुटाई गई ब्लड मनी
निमिषा को माफी दिलाने के लिए उनकी मां ने अपनी संपत्ति बेचकर और क्राउड फंडिंग के जरिए ‘ब्लड मनी जुटाने की भी कोशिश की।
2020 में निमिषा को सजा से बचाने और ब्लड मनी इकट्ठा करने के लिए ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ बनाई गई। केरल के एक जाने-माने बिजनेसमैन ने निमिषा को बचाने के लिए 1 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था।
शरिया कानून के मुताबिक, पीड़ित पक्ष को अपराधियों की सजा तय करने का हक है। हत्या के मामले में मौत की सजा है, लेकिन पीड़ित का परिवार पैसे लेकर दोषी को माफ कर सकता है। इसे ‘दीया’ या ‘ब्लड मनी’ कहा जाता है, जिसका जिक्र कुरान में भी किया गया है।
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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी
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6 hours agoon
September 18, 2025By
Divya Akash
मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।
अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…
पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।
आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।
कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।
रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।
लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।
कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।
जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी
अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।
इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।
रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था
24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।
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CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो
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6 hours agoon
September 18, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-
जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।
बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।
सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है
गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,
न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।
वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।
VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना
VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।
हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।
बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद
याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।
याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं
राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।
खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।
वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।
जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था
जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।
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उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश
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8 hours agoon
September 18, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।
इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।
हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।
देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।
मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।
25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।
चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।


भाजपा जिला अध्यक्ष ने किया देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा के दर्शन

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