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छत्तीसगढ़

इन्वेस्टर कनेक्ट…छत्तीसगढ़ को मिला 15184 करोड़ इन्वेस्ट का प्रपोजल:नई औद्योगिक नीति में उद्योगों को टैक्स, भूमि, बिजली में छूट; 7 दिन में मिलेगी सब्सिडी

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रायपुर,एजेंसी। नई दिल्ली में सोमवार को ‘छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट’ का आयोजन किया गया। CM विष्णुदेव साय ने निवेशकों को छत्तीसगढ़ में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया तो निवेशकों से 15 हजार 184 करोड़ निवेश का प्रस्ताव भी मिला।

सीएम साय ने कहा कि, हमारी नई औद्योगिक नीति उद्योगों को टैक्स, भूमि और बिजली में छूट के साथ-साथ सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देती है। यह नीति न केवल उद्योगों की स्थापना, बल्कि रोजगार सृजन पर भी जोर देती है।

मुख्यमंत्री ने नई औद्योगिक नीति, सिंगल विंडो सिस्टम और निवेश के लिए बने अनुकूल वातावरण की जानकारी उद्योगपतियों को दी। साय ने कहा कि, सिंगल विंडो सिस्टम से लेकर सभी सुविधाएं आप लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी। हमारी टीम 24 घंटे आप लोगों के सहयोग के लिए तैयार रहेगी।

देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की जताई इच्छा।

देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की जताई इच्छा।

लाइसेंस प्राप्त करना आसान

छत्तीसगढ़ में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, ऊर्जा, खनन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। डिजिटल सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से सभी तरह की मंजूरी और लाइसेंस प्राप्त करना आसान हो गया है। उद्योग विभाग ने सब्सिडी जारी करने के लिए अधिकतम 3 स्तर और 7 दिनों की समय सीमा तय की है।

उद्योग स्थापित करने भूमि उपलब्ध कराने के लिए निजी औद्योगिक पार्क को 30 प्रतिशत सब्सिडी देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ उद्योगों के लिए रेडी और विकसित प्लॉट 60 दिनों के अंदर सुनिश्चित कर रहे हैं।

सरकार के पास आने की जरूरत नहीं

सीएम साय ने कहा कि, हम यह सुनिश्चित कर रहे कि उद्योग स्थापना और संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो और सेल्फ सर्टिफिकेशन या ऑनलाइन माध्यम से काम हो। इससे उद्योग के लिए आपको सरकार के पास आने की जरूरत ना हो।

मुख्यमंत्री ने निवेशकों के सवालों का जवाब देते हुए भरोसा दिलाया कि छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने राज्य में उपलब्ध बेहतर बुनियादी ढांचे, कुशल मानव संसाधन और शांतिपूर्ण माहौल के बारे में विस्तार से बताया।

सीएम साय ने कहा कि, हमारी नई औद्योगिक नीति उद्योगों को टैक्स, भूमि और बिजली में छूट के साथ-साथ सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देती है।

सीएम साय ने कहा कि, हमारी नई औद्योगिक नीति उद्योगों को टैक्स, भूमि और बिजली में छूट के साथ-साथ सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देती है।

बस्तर क्षेत्र में निवेश पर विशेष प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि, बस्तर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कोर सेक्टर की स्टील इकाइयों और अन्य उद्योगों को बड़ी राहत दी गई है। आयरन ओर पर 50% और कोयले पर 100% रॉयल्टी की छूट का प्रावधान है।

इसके साथ ही उद्योगों की ओर से चुकाए गए रॉयल्टी और राज्य को मिलने वाले सेस की प्रतिपूर्ति (मुआवजा) 15 साल तक की जाएगी। इसके अलावा ग्राम नियानार में 118 एकड़ भूमि पर एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।

IIM के छात्र नियुक्त होंगे इन्वेस्टमेंट मैनेजर

मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योगपतियों को राज्य सरकार की तरफ से विशेष सहूलियत दी जा रही है। इसके लिए IIM रायपुर के साथ एमओयू (समझौता) कर वहां के पास आउट छात्रों को मुख्यमंत्री औद्योगिक इंटर्नशिप के तहत इन्वेस्टमेंट मैनेजर के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, जो घर बैठे प्रक्रियाओं को सुगम बनाएंगे।

आधुनिक तकनीकों में निवेश को प्राथमिकता

छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में कई नए और आधुनिक तकनीकों का ध्यान रखा गया है। जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, ग्रीन हाईड्रोजन और डेटा सेंटर। इसके अलावा, आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र भी फोकस में होंगे।

इन क्षेत्रों में उद्योगों को 30 से 50 प्रतिशत तक सहायता मिलेगी। इसके अलावा कंपनियों को अपना काम शुरू करने के लिए 5 से 12 साल तक टैक्स में छूट दी जाएगी। इससे वे आसानी से अपना काम शुरू कर सकें।

खनिज संपदा और खदानों के लिए प्रसिद्ध

उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने उद्योगपतियों से चर्चा करते हुए बताया कि, खनिज संपदा और खान के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ अब तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के मैन्यूफैक्चरिंग का केंद्र बनता जा रहा है। राज्य फार्मास्यूटिकल्स, ट्रेन शेल, टेलीविज़न और प्रकाश उपकरणों जैसे प्रोडक्ट के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है।

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छत्तीसगढ़

जूता-टोपी उतारकर टीआई ने धीरेंद्र शास्त्री के छूए पैर:सरकारी विमान से कथा करने छत्तीसगढ़ पहुंचे बागेश्वर बाबा, साथ दिखे मंत्री खुशवंत साहेब, छिड़ा विवाद

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रायपुर,एजेंसी। मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर सरकारी विमान से रायपुर पहुंचे। इस दौरान माना थाना प्रभारी मनीष तिवारी ने जूता और टोपी उतारकर बाबा के पैर छुए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

कोई पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग कर रहा है तो कोई पैर छूने को सही बता रहा है। इस मामले में रायपुर SSP डॉ लाल उमेद सिंह ने कहा कि पुलिसकर्मी पूरी वर्दी में नहीं था। उसने टोपी और जूते उतार दिए थे। फिलहाल, पुलिसकर्मी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

इसके अलावा बाबा बागेश्वर छत्तीसगढ़ सरकार के शासकीय विमान से रायपुर पहुंचे, जहां से वे भिलाई रवाना हुए। धीरेंद्र शास्त्री को सरकारी विमान की सुविधा मिलने पर सोशल मीडिया लोग सवाल उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि, उन्हें लाने के लिए प्रदेश सरकार के एक मंत्री पहले उसी सरकारी विमान से सतना गए, फिर बाबा बागेश्वर को लेकर रायपुर आए।

वीडियो में विमान से तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरू खुशवंत साहेब उतरते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, भिलाई के जयंती स्टेडियम में कथावाचक पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा 25 दिसंबर से 29 दिसंबर तक होगी। जिसके लिए वो गुरुवार को रायपुर से भिलाई पहुंचे थे।

सरकारी विमान से पं. धीरेंद्र शास्त्री के साथ मंत्री गुरू खुशवंत साहेब उतरते हुए नजर आए।

सरकारी विमान से पं. धीरेंद्र शास्त्री के साथ मंत्री गुरू खुशवंत साहेब उतरते हुए नजर आए।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देख माना टीआई ने पहले अपने जूते उतारे।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देख माना टीआई ने पहले अपने जूते उतारे।

इसके बाद टोपी उतारकर बाबा बागेश्वर के पैर छूने आगे बढ़े।

इसके बाद टोपी उतारकर बाबा बागेश्वर के पैर छूने आगे बढ़े।

माना टीआई का पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पैर छूने का वीडियो वायरल हो रहा है।

माना टीआई का पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पैर छूने का वीडियो वायरल हो रहा है।

निजी धार्मिक कार्यक्रम के लिए सरकारी विमान?

लोगों का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री एक कथावाचक हैं और किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं। ऐसे में निजी धार्मिक आयोजन के लिए सरकारी विमान का उपयोग नियमों के खिलाफ है। सोशल मीडिया पर इसे सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का मामला बताया जा रहा है।

पुलिसकर्मी के आचरण पर भी सवाल

विवाद यहीं नहीं थमा। रायपुर के स्टेट हैंगर से सामने आए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक वर्दीधारी पुलिसकर्मी जूते उतारकर बाबा बागेश्वर के पैर छूता है। वीडियो वायरल होने के बाद इस पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं।

लोगों ने पुलिसकर्मी के इस व्यवहार को पुलिस की गरिमा और सेवा नियमों के खिलाफ बताया है। सोशल मीडिया पर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।

SSP बोले- पूरी वर्दी में नहीं था पुलिसकर्मी

दैनिक भास्कर डिजिटल ने इस विषय पर रायपुर SSP डॉ लाल उम्मेद सिंह से बात की। SSP ने कहा कि पुलिसकर्मी पैर छूने के दौरान पूरी वर्दी में नहीं था। उसने अपनी कैप और शूज उतारा हुआ था। प्रारंभिक जांच में नियमों का उल्लंघन नहीं दिख रहा है। फिलहाल, पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

सोशल मीडिया पर बहस तेज

सरकारी विमान के इस्तेमाल और पुलिसकर्मी के आचरण दोनों ही मामलों को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकारी पद और वर्दी का इस्तेमाल इस तरह निजी धार्मिक आयोजनों के लिए किया जाना उचित है?

दूसरे दिन की कथा के बाद मुंबई रवाना हुए धीरेंद्र शास्त्री

इस विवाद बीच बताया जा रहा है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री भिलाई में आयोजित कथा के दूसरे दिन कथा समाप्ति के बाद मुंबई के लिए रवाना हो गए। जानकारी के मुताबिक वे कल यानी शनिवार को कथा के समय से पहले भिलाई लौट आएंगे। भिलाई में 25 से 29 दिसंबर तक कथा का आयोजन होना है।

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छत्तीसगढ़

पूर्व पीएम अटल सुशासन और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित थे: जांगड़े

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जांजगीर। प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया। जिले में दिनभर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने जांजगीर के अटल चौक पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अटल स्मृति वर्ष के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। जिले के विभिन्न चौक-चौराहों पर उनके जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री और प्रदर्शनी भी लगाई गई। भाजपा जिलाध्यक्ष अंबेश जांगड़े ने कहा कि अटल जी का विराट व्यक्तित्व और उनके द्वारा किए गए योगदान देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे। उन्होंने कहा कि अटल जी सुशासन और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित थे। उनका व्यक्तित्व अत्यंत विराट था, जो एक बार मिलने पर किसी को भी प्रभावित कर देता था। अंबेश जांगड़े ने कहा कि अटल जी महान कवि, कुशल संगठक और देश के बेहतरीन नेताओं में से एक थे। कार्यक्रम में सांसद कमलेश जांगड़े, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, रेखा गढ़वाल, कमला पाटले मौजूद रहे।

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छत्तीसगढ़

जांजगीर-चांपा के किसानों ने प्रशासन से की अपील:रबी धान, सिंचाई, धान-खरीदी को लेकर उठाए कई मुद्दे, सहकारी बैंकों के भुगतान को लेकर जताई नाराजगी

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जांजगीर-चांपा। जांजगीर-चांपा जिले के किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर एक बार फिर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। किसानों ने सिंचाई व्यवस्था, धान खरीदी और आगामी रबी धान फसल की तैयारी से संबंधित अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।

किसानों के अनुसार, पूर्व में माइनरों और शाखा नहरों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने तथा नहरों से रबी धान फसल लेने पर सहमति बनी थी। हालांकि, जमीनी स्तर पर अभी भी कई समस्याएं बनी हुई हैं, जिससे किसानों को संभावित नुकसान की आशंका है।

किसानों ने एबीसी और जेबीसी नहरों पर कार्रवाई की मांग की

किसानों ने जल उपयोगिता समिति की बैठक में एबीसी और जेबीसी नहरों से संबंधित मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका कहना है कि वर्तमान धान खरीदी और आगामी रबी धान फसल के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।

किसानों की प्रमुख मांगों में आगामी रबी फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज की समय पर व्यवस्था करना शामिल है। साथ ही, खाद की नकद बिक्री में हो रही कालाबाजारी पर सख्त रोक लगाने की भी मांग की गई है। किसानों का आरोप है कि खाद की कमी और ऊंचे दाम उनकी कृषि लागत को बढ़ा रहे हैं।

सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग

इसके अतिरिक्त, किसानों ने उन नहरों और माइनरों में भी सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग की है, जहां मरम्मत कार्य नहीं हुआ है या जिनके टेंडर अभी तक जारी नहीं किए गए हैं। किसानों का तर्क है कि पानी के बिना रबी धान की फसल लेना संभव नहीं है।

वर्तमान धान खरीदी प्रक्रिया को लेकर भी किसानों ने गंभीर समस्याएं बताई हैं। उनका आरोप है कि कई किसानों का धान रकबा कम कर दिया गया है, जिससे धान खरीदी में बाधा आ रही है। किसानों ने मांग की है कि कटे हुए रकबों को पुनः जोड़कर धान की खरीदी की जाए।

सहकारी बैंकों के भुगतान को लेकर भी किसानों ने नाराजगी व्यक्त की है। किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी मांग के अनुरूप भुगतान नहीं किया जा रहा है। साथ ही, पिछले एक-दो वर्षों से सहकारी और निजी दोनों स्तरों पर धान खरीदी में प्रति क्विंटल अतिरिक्त कटौती किए जाने का आरोप भी लगाया गया है।

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