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छत्तीसगढ़

रायपुर : छत्तीसगढ़ की जनजातियों पर शोध और अनुसंधान की राह खुली

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गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय और टी.आर.के.सी. के बीच हुआ एमओयू

छत्तीसगढ़ की जनजातियों को मिलेगी नई पहचान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में निवास करने वाली जनजातियों पर विशेष शोध और अनुसंधान की राह खुल गई है। राज्य की जनजातियों की गौरवशाली परंपरा, उनकी संस्कृति और उनके आर्थिक-समाजिक ताने-बाने को लेकर अब विद्यार्थी उच्च स्तरीय शोध कर पाएंगे। राज्य के गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय और ट्रायबल रिसर्च एण्ड नॉलेज सेंटर नई दिल्ली के बीच इसके लिए महत्वपूर्ण एमओयू हुआ है। टीआरकेसी विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में भारतीय जनजातियों के बारे में शोध कार्याें के लिए महत्वपूर्ण संस्था है। विश्वविद्यालय के ओर से इस एमओयू पर कुलसचिव प्रो. अभय एस रणदिवे और टीआरकेसी की ओर से छतीसगढ़ प्रभारी राजीव शर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस एमओयू के तहत् संस्था द्वारा अगले तीन वर्षों तक छत्तीसगढ़ में निवासरत जनजातियों पर शोध कार्य किए जाएंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कूलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. नीलांबरी दवे, वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय युवा कार्यप्रमुख वैभव सुरंगे सहित अनेक प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।

एमओयू के बारे में टीआरकेसी के राज्य प्रभारी राजीव शर्मा ने बताया कि टीआरकेसी देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में जनजातीय विषयों पर शोध कार्यों को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण संस्था है। गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर से एमओयू के बाद छत्तीसगढ़ की विभिन्न जनजातीयों पर रिसर्च तेज होगी। उन्होंने बताया कि राज्य की पुरातन और गौरवशाली जनजातीय के कई अनछुए पहलुओं और उनकी सभ्यता और संस्कृति के बारे में इन शोधों से आम नागरिकों को भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी। इन शोध कार्यों से सरगुजा और बस्तर के क्षेत्रों की विभिन्न जनजातियों के आदिकालीन सामाजिक संगठन, उनके अर्थशास्त्र, सुशासन, ग्रामीण उद्यमिता, सतत् विकास और नवाचार के बारे में भी लोगों को जानकारियां मिलेंगी। शर्मा ने बताया कि इससे खुद जनजातीय युवा अपने गौरवशाली अतीत और उसकी व्यवस्थाओं के बारे में जान पाएंगे। 

विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि संपादित एमओयू के बाद जनजातीयों पर संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं शुरू होंगी। क्षेत्राधारित केस स्टडी और युवाओं, प्रशासकों, जनजातीय हितधारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, नेतृत्व विकास कार्यशालाएं और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी आयोजित होंगे। युवाओं के लिए सामाजिक प्रभाव आधारित र्स्टाटअप और नवाचारों पर मार्गदर्शन तथा परामर्श सत्र रखे जाएंगे। विशेषज्ञों और प्राघ्यापकों की भागीदारी से जनजातीय वर्ग में जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे। जनजातीय पर आधारित संगोष्ठीयों, व्याख्यानों, सम्मेलनों, गोलमेज चर्चाओं तथा सार्वजनिक संवादों का भी आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि रिसर्च वर्क से मिले परिणामों को पुस्तकालयों, अनुसंधान प्रकाशनों तथा डेटाबेस के द्वारा विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे राज्य के जनजातीय समुदाय के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंच सकेगी। स्वयं जनजातीय समुदायों को भी अपने गौरवशाली अतीत के बारे में पता चलेगा और भविष्य में यह रिसर्च वर्क जनजातीयों के विषयों को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल करने का जरिया बनेंगे।

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कोरबा

आदि कर्मयोगी अभियान अंतर्गत  आदि सेवा केन्द्रों का किया गया शुभारंभ

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कोरबा। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार आदि कर्मयोगी अभियान अंतर्गत दिनांक 17 सितम्बर 2025 से 02 अक्टूबर 2025 तक आदि सेवा पर्व एवं सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है ।


सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरबा जिले के चिन्हांकित समस्त 479 ग्रामों में 17 सितम्बर  को आदि सेवा केन्द्रों का शुभारंभ किया गया है। इन आदि सेवा केन्द्रों में सेवा पखवाड़ा के दौरान आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जनधन खाता, किसान क्रेडिट कार्ड, वन अधिकार पत्र बनाने संबंधी कार्य किये जाएंगे। शासन के मंशानुरूप प्रत्येक गांवो में 20.20 वालेन्टियर्स आदि साथी एवं आदि सहयोगी के रूप में लगभग 10 हजार वालेन्टियर्स की टीम तैयार की गई है, जो ग्रामीणों की मांग, शिकायत एवं समस्याओं को शासन तक सीधे पहुंचाने का कार्य करेगी । यह टीम ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों, युवाओं के साथ 17 सितम्बर  से 30 सितम्बर  के मध्य ग्राम के संपूर्ण क्षेत्रों का भ्रमण करेगी तथा विजन 2030 के लिये निर्धारित प्रपत्रों  में विलेज एक्शन प्लान तैयार करेगी तथा 02 अक्टूबर  को विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर तैयार की गई विलेज एक्शन प्लान को सर्व सहमति से अनुमोदन करेगी । ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित विलेज एक्शन प्लान को विलेज नोडल अधिकारी द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्धारित पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।  


उल्लेखनीय है कि भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान् के तहत् कोरबा जिले के 479 जनजातीय बाहुल्य ग्रामों का चयन किया गया है। इन गांवो में आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं से  शत प्रतिशत संतृप्त किया जाना मिशन के माध्यम से नियत किया गया है । वर्तमान में कैडर आधारित मॉडल के माध्यम से जो कि भागीदारी योजना निर्माण एवं अंतर विभागीय अभिसरण पर आधारित है।

आदि कर्मयोगी अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है ताकि उत्तरदायी शासन को संस्थागत रूप दिया जा सके एवं आदिवासी क्षेत्रों में अंतिम छोर तक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा सके । आदि कर्मयोगी अभियान के तहत् जिले के चिन्हांकित सभी ग्रामों में आदि सेवा केन्द्र की स्थापना की गई है जहॉं शासन द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाएं जो जानकारी के अभाव में ग्रामीणों तक नही पहुंच पाती थी, अब आदि सेवा केन्द्र के माध्यम से सभी योजनाओं की जानकारी सीधे ग्रामीणों को मिल सकेगी । ग्रामीणों से अपील की गई है कि शासन के इस अभियान का अधिक से अधिक लाभ उठायें।

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कोरबा

सेवा पखवाड़ा दिवस के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम होंगे आयोजित

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मैराथन दौड़ का आयोजन 20 सितंबर को, 21 सितंबर को सांस्कृतिक एवं खेलकूद
कोरबा।
सेवा पखवाड़ा अन्तर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा 20 सितंबर को घंटाघर चौक से निर्मला स्कूल कोरबा तक प्रातः 7 बजे से 7.30 बजे तक नशामुक्त मैराथन का आयोजन किया गया है। मैराथन में कालेज के छात्र-छात्राएं, स्काउट गाइड सहित आम नागरिक भाग ले सकेंगे। इसी कड़ी में 21 सितंबर को सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल सीएसईबी पूर्व में प्रातः 9 बजे से शाम 4 बजे तक दिव्यांग छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक एवं खेलकूद का कार्यक्रम रखा गया है। सेवा पखवाड़ा अन्तर्गत 22 सितंबर को नशामुक्ति केन्द्र मुड़ापार कोरबा में प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

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कोरबा

छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कोरबा प्रवास 21 एवं 22 को

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कोरबा। छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष केबिनेट मंत्री दर्जा आर.एस.विश्वकर्मा आई.ए.एस.(से.नि.) तथा सदस्यगण नीलांबर नायक, बलदाउ राम साहू, हरिशंकर यादव, यशवंत सिंह वर्मा, श्रीमती शैलेन्द्री परगनिहा, कृष्णा गुप्ता एवं सचिव अमित श्रीवास्तव 21 सितंबर एवं 22 सितंबर को कोरबा प्रवास पर रहेंगे। वे अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेंगे एवं विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यगण 21 सितंबर को दोपहर 12 बजे रायपुर से रवाना होकर सायं 4 बजे सर्किट हाउस कोरबा पहुंचेंगे। शाम 6 बजे एकलव्य स्पोर्ट्रस एसोसिएशन अरेना कोरबा द्वारा आयोजित बैडमिंटन लीग प्रतियोगिता में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे एवं रात्रि विश्राम सर्किट हाउस में करेंगे। वे 22 सितंबर को प्रातः 11 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभागों द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग के भागीदारी एवं जनगणना के डाटा प्रतिष्टि के संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेंगे। दोपहर 02.30 बजे सर्किट हाउस सभाकक्ष में पिछड़ा वर्ग जनप्रतिनिधियों से भेंट,चर्चा करेंगे और शाम 4 बजे प्रेस वार्ता करेंगे।

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