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पृथ्वी से टकराया सबसे मजबूत सौर तूफान, आकाश में दिखे दुर्लभ नजारे

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वॉशिंगटन, एजेंसी। एनओएए की चेतावनी के कुथ घंटों बाद ही एक मजबूत सौर तूफान पृथ्वी से टकरा गया। अमेरिका की वैज्ञानिक एजेंसी नेशनल ओशनिक एंट एटमास्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार सौर तूफान जिसे भू-चुंबकीय तूफान भी कहते हैं, नेविगेशन, संचार और रेडियो सिग्नलों को प्रभावित कर सकते हैं। तूफान से पृथ्वी के ध्रुवों (नॉर्थ-साउथ पोल) के आसपास ऑरोरल एक्टिविटी बढ़ जाती है यानि नॉर्दर्न लाइट दिखाई देती है।
पृथ्वी की ओर प्रक्षेपित तेज सौर चुंबकीय तूफानों के कारण उच्च हिमालय में हानले डार्क स्काई रिजर्व में एक दुर्लभ स्थिर ऑरोरल लाल चाप घटना में लद्दाख के कुछ हिस्सों में गहरे लाल रंग की चमक ने अंधेरे आकाश को रोशन कर दिया। अंतरिक्ष विज्ञान उत्कृष्टता केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, सौर तूफान या कोरोनल मास इजेक्शन सूर्य केएआरव्ही 3664 क्षेत्र से हैं, जिसने कई उच्च ऊर्जा सौर ज्वालाएँ उत्पन्न की हैं, जिनमें से कुछ 800 किमी/सेकंड की गति से पृथ्वी की ओर यात्रा कर रही हैं।

सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइड करने वाली कंपनी स्टारलिंक के मालिक एलन मस्क ने कहा कि अभी मेजर जियोमैगनेटिक सबसे बड़ा सोलर स्टॉर्म चल रहा है। स्टारलिंक सैटेलाइट्स बहुत दबाव में हैं, लेकिन अब तक टिके हुए हैं।अपनी इस पोस्ट के साथ मस्क ने स्पेस वैदर प्रिडिक्शन का चार्ट भी शेयर किया है। इस चार्ट में जिओमैग्नेटिक स्टॉर्म की फ्रीक्वेंसी दिखाई गई है। इस तूफान का प्रभाव पूरे हफ्ते जारी रह सकता है।
यह तूफान 20 साल बाद पृथ्वी पर आने वाला सबसे शक्तिशाली सौर तूफान है। 2003 में आया तूफान इतना शक्तिशाली था कि स्वीडन में बिजली गुल हो गई और दक्षिण अफ्रीका में ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा था। नोआ के अनुसार, हम सोलर साइकिल 25 के पीक के करीब हैं। ये एक 11 साल की अवधि है जिसमें सूरज अपने उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों को फ्लिप करता है। इस समय के दौरान, विभिन्न अंतरिक्ष, मौसम की घटनाएं घटित हो सकती हैं। इसे सोलर मैक्सिमम भी कहते हैं।
सौर तूफान के प्रभाव

कोरोनल मास इजेक्शन सूर्य से प्लाज्मा और चुंबकीय मैग्नेटिक मटेरियल का विस्फोट है जो 15 से 18 घंटों में पृथ्वी तक पहुंच सकता है।
ये पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में करंट बना सकते हैं जो नॉर्थ और साउथ पोल्स पर कण भेजते हैं।
जब वे कण ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के साथ संपर्क करते हैं, तो वे नॉर्दर्न लाइट क्रिएट करते हैं।सूर्य की सतह पर विशाल विस्फोट होते हैं, जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन नाम से जाना जाता है।
ये ऊर्जावान कणों की धाराएं अंतरिक्ष में भेजते हैं। जब ये कण हमारी पृथ्वी तक पहुंचते हैं तो चुंबकीय क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा करते हैं।
इसीलिए इसे भू-चुंबकीय तूफान कहते हैं।नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने सोलर फ्लेयर्स की इन तस्वीरों को कैप्चर किया।

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भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट

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नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।

भारत के वनावरण में बढ़ोतरी

भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।

कार्बन अवशोषण में वृद्धि

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

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PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान:ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले पहले भारतीय PM; अब तक 20 देश कर चुके सम्मानित

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कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल ​​​​​​अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।

वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-

कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।

इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।

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खड़गे बोले- चुनाव नियम बदलना सरकार की सोची-समझी साजिश:यह EC की आजादी पर हमला; केंद्र ने कहा था- पोलिंग बूथ के फुटेज सार्वजनिक नहीं होंगे

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नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।

रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।

जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।

अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।

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