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छत्तीसगढ़

‘A’ से AK-47…’B’ से बंदूक पढ़ाता था सुधाकर:नक्सल-एजुकेशन-सेंटर्स के लिए बनाया सिलेबस; बच्चों-युवाओं का ब्रेनवॉश कर हथियार थमाया, छुट्टी से लौटते ही मारा गया

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रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में फोर्स ने गुरुवार को नक्सलियों के सीसी मेंबर और एजुकेशन हेड सुधाकर को मार गिराया। इस पर 1 करोड़ का इनाम था। सुधाकर दंडकारण्य क्षेत्र में बच्चों और युवाओं को ‘अ’ से ‘अनार’ नहीं, ‘असलहा’ और ‘ब’ से ‘बंदूक’ पढ़ाता था।

इसी तरह अंग्रेजी में भी ‘A’ से AK-47 और ‘B’ से बम जैसे शब्दों का उपयोग करता था। बस्तर के बीहड़ जंगलों के बीच नक्सल एजुकेशन सेंटर्स में मासूमों के मन में किताब की जगह कारतूस और कलम की जगह कट्टा थमाता था।

बच्चों के भविष्य को बारूद की राह पर ले जाने वाला वह खतरनाक दिमाग था, जिसने नक्सली एजुकेशन सेंटर्स के लिए सिलेबस की स्क्रिप्टिंग खुद की थी। सुधाकर सिर्फ नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य नहीं था, वह पूरे दंडकारण्य क्षेत्र में हिंसक विचारधारा के प्रचार-प्रसार का मास्टरमाइंड भी था।

गांव-गांव में खुलवाए गए नक्सली शिक्षा केंद्रों में जो सिलेबस पढ़ाया जाता था, उसकी स्क्रिप्ट खुद सुधाकर ने लिखी थी। बच्चों का ब्रेनवॉश कर शिक्षा की आड़ में लाल आतंक की शिक्षा देता था। दरअसल, जंगल के सूत्रों के मुताबिक सुधाकर पिछले कुछ समय से छुट्टी पर था। इस बीच बस्तर में फोर्स का दबाव बढ़ रहा था। ऐसे में वह छुट्टियों से लौटकर यहां सक्रिय होकर नए सिरे से दहशत फैलाने के लिए आ रहा था।

बताया जा रहा है कि छुट्टी से लौटे सुधाकर को लोकल कैडर बुधवार को अन्नपुर से लेकर छत्तीसगढ़ लौटे थे। वह कड़ी सुरक्षा में आगे बढ़ रहा था। सुरक्षित जंगलों में पहुंच भी गया था, लेकिन सुधाकर की जानकारी फोर्स तक पहले से पहुंच चुकी थी।

फोर्स ने सुधाकर को घेर लिया था, ताकि वह भाग न पाए। इसके बाद सुधाकर जैसे ही अपने सुरक्षित स्थान पर पहुंचा, जवानों ने गोलीबारी तेज की। इस दौरान दोनों तरफ से गोलियां चली, जिसमें सुधाकर मारा गया।

नक्सल लीडर सुधाकर को जवानों ने मुठभेड़ में मार गिराया। ये सुधाकर की तस्वीर है।

नक्सल लीडर सुधाकर को जवानों ने मुठभेड़ में मार गिराया। ये सुधाकर की तस्वीर है।

रूपेश भी था मौके पर, लेकिन बच निकला नक्सली

मिली जानकारी के मुताबिक सुधाकर के साथ मौके पर नक्सली लीडर रूपेश भी मौजूद था। भारी गोलाबारी के बीच वह मौके से सुरक्षित निकल गया है। बताया जा रहा है कि यहां पापा राव, बंडी प्रकाश व कुछ अन्य बड़े नक्सली लीडर भी मौजूद थे।

बताया जा रहा है कि जवान कुछ नक्सलियों के पीछे लगे हुए हैं। बसवाराजू के मारे जाने के बाद नक्सली एक साथ इकट्ठा नहीं हो पा रहे हैं। बड़े नक्सली लीडर की लोकेशन पुलिस ट्रेस करने में कामयाब हो रही है।

अब जानिए नक्सल लीडर सुधाकर के बारे में ?

सुधाकर मूल रूप से तेलंगाना का रहने वाला था। वह पढ़ा-लिखा और तेज दिमाग का था। युवा उम्र से ही नक्सल संगठन में जुड़ा। बसवाराजू के ढेर होने के बाद छुट्टियों से लौटा। बस्तर में एक्टिव होने की तैयारियों में जुटा था। जंगल में एंट्री लेते ही मारा गया।

महीनेभर पहले बस्तर में मारे गए नक्सली की डेडबॉडी लाते हुए जवानों की तस्वीर है। (फाइल फोटो)

महीनेभर पहले बस्तर में मारे गए नक्सली की डेडबॉडी लाते हुए जवानों की तस्वीर है। (फाइल फोटो)

बच्चों और युवाओं के लिए बनाया नक्सल एजुकेशन सेंटर

सुधाकर ने नक्सली पाठशाला में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बच्चों को नक्सली विचारधारा से परिचित कराने का उद्देश्य रखा था। इन पाठशालाओं को ऐसा बनाया कि यहां से पढ़ने वाले बच्चे और युवा हथियार चलाने और संघर्ष में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएं।

इन पाठशालाओं में बच्चों को वामपंथी विचारधारा, नक्सलवाद के इतिहास और नक्सली नेताओं के बारे में बताए जाने की व्यवस्था की गई। बच्चों को नक्सलवाद की विचारधारा, माओवाद और कम्युनिस्ट क्रांति के सिद्धांतों को सिखाता था।

ये तस्वीर मारे गए नक्सली सुधाकर की है। ये अत्याचारों की कहानी सुनाकर नक्सलवाद से युवाओं को जोड़ने का काम करता था।

ये तस्वीर मारे गए नक्सली सुधाकर की है। ये अत्याचारों की कहानी सुनाकर नक्सलवाद से युवाओं को जोड़ने का काम करता था।

अत्याचारों की कहानी सुनाकर नक्सलवाद से युवाओं को जोड़ा

नक्सल पाठशाला की स्थापना के बाद इनका उपयोग व्यापक तौर पर किया जाने लगा। सुधाकर की ही साजिश थी कि नक्सली पाठशाला में बड़े नक्सली लीडर्स का व्याख्यान शुरू करवाया। यहां अपनी विचारधारा बच्चों और युवाओं को बताया जाता था।

इस दौरान माइंडवॉश के लिए पुलिस, वन विभाग और सरकार की ओर से स्थानीय लोगों पर अत्याचार करने की कहानी भी बच्चों को बताई जाती थी। सुधाकर उनका माइंड वॉश कर अपने संगठन से जोड़ लेते थे। बच्चों-युवाओं को हथियार थमा देता था।

लगातार बड़े नक्सली लीडर मारे जा रहे

  • इससे पहले 21 मई को हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए। इसमें 1.5 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी था।
  • 21 मई की मुठभेड़ से 7 दिन पहले पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्रेगुट्टा ऑपरेशन की भी जानकारी दी थी। इसमें 31 नक्सलियों को मार गिराया था।
  • छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ों पर सुरक्षाबलों ने 24 दिनों तक ऑपरेशन चलाया था।

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छत्तीसगढ़

आरोही सिंह को इंडिया सुपर स्टार में मिस छत्तीसगढ़ का खिताब

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बिलासपुर के लखीराम ऑडिटोरियम मे हुआ जागृति फाउंडेशन का आयोजन

कुछ कर गुज़रने का जज्बा आपको चैम्पियन बनाता है: आरोही

बिलासपुर। जागृति फाउंडेशन कोरबा के तत्वावधान में बिलासपुर के लखीराम ऑडिटोरियम में आयोजित सीजी इंडिया सुपर स्टार इवेंट्स में कोरबा की आरोही सिंह मिस छत्तीसगढ़ खिताब विजेता रहीं। जागृति फाउंडेशन की डॉयरेक्टर अंजू कुर्रे ने बताया कि ट्रांसजेंडर, हेंडिकेप, गरीब बच्चे और बड़ी संख्या में महिलाओं व किशोरियों ने छत्तीसगढ़ इंडिया सुपर स्टार कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर प्रोड्यूसर मोहन सुंदरानी,मोर छैया भुइयां फिल्म के एक्टर विवेक, प्रोड्यूसर रामनाथ साहू, मुंबई से सलमान, सेलिब्रिटी मैनेजर दीपक, दक्षिण भारतीय अभिनेत्री सविता दुबे, शिवानी गज्जु के साथ पायल एक नया सवेरा वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव चंचल सलूजा भी उपस्थित थे।


गौरतलब है कि इस शो में छत्तीसगढ़ से आई प्रतिभाओं ने भाग लिया जिसमें कोरबा की आरोही सिंह ने मिस छत्तीसगढ़ का खिताब हासिल किया। अपनी इस उपलब्धि से आरोही ने कोरबा का नाम गौरवान्वित किया है।
मध्यम वर्गीय परिवार की आरोही सिंह का मानना है कि दूरदृष्टि, पक्का इरादा और दिल दिमाग में कुछ कर गुज़रने की ललक हों तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहींं रोक सकता। वे अपनी सफलता का श्रेय अपनी मम्मी नीरा और पापा सुख सागर को देती हैं। आरोही का कहना है कि पॉजिटिव सोच ही आदमी को आगे ले जाती है। इसी सोच में वह बहुत कुछ हासिल भी कर लेता है। आरोही का कहना है कि छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, कमी है तो बस गॉड फादर की जो उन्हें मार्गदर्शन दे सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ की प्रतिभाएं बहुत जल्द प्रदेश का नाम रोशन करेंगी।

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छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास मद्दी के पदभार ग्रहण समारोह में हुए शामिल

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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास मद्दी के पदभार ग्रहण समारोह में हुए शामिल
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास मद्दी के पदभार ग्रहण समारोह में हुए शामिल

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के नव नियुक्त अध्यक्ष श्रीनिवास मद्दी के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने श्री मद्दी को नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्री मद्दी सामाजिक रूप से लंबे समय से सक्रिय हैं और उनके पास विभिन्न पदों पर कार्य करने का गहरा अनुभव है। मुझे विश्वास है कि उनका यह अनुभव स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के कार्यों को सुदृढ़ करने में उपयोगी सिद्ध होगा। श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार अनेक नवाचारों के माध्यम से शासकीय कार्यों में पारदर्शिता ला रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में शांति स्थापना और विकास के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। नक्सल उन्मूलन के साथ-साथ हम बस्तर में अधोसंरचना और पर्यटन विकास के कार्यों को गति दे रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सकें। हमने हाल ही में दुधारू पशु योजना के माध्यम से आदिवासी परिवार को दो अच्छी नस्ल की गाय प्रदान करने की शुरुआत की है, जिससे प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात में प्रदेश के विकास को लेकर हुई महत्वपूर्ण चर्चाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री से बस्तर में सिंचाई परियोजनाओं और इंद्रावती एवं महानदी को जोड़ने की महत्वाकांक्षी पहल के बारे में सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बस्तर के विकास के साथ-साथ यह विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि श्री श्रीनिवास के सामाजिक जीवन के लंबे अनुभव का लाभ निश्चित ही बेवरेजेस कॉर्पोरेशन को मिलेगा। उन्हें पहले भी वन विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का मौका मिला था और उन्होंने बेहतर ढंग से दायित्व का निर्वहन किया। इस अवसर पर नई जिम्मेदारियों के लिए उन्होंने श्री मद्दी को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने भी संबोधित किया एवं शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, सांसद महेश कश्यप, सांसद भोजराज नाग, विधायक राजेश मूणत, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक आशाराम नेताम, विधायक चैतराम अटामी, विधायक विनायक गोयल, विधायक धरमलाल कौशिक, विभिन्न निगम-मंडलों के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक श्री श्याम धावड़े, आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़

वनांचल के गांवों में लौटी शिक्षा की रौशनी

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युक्तियुक्तकरण से दूरदराज़ के स्कूलों में पहुंचे शिक्षक, ग्रामीणों ने जताया आभार

युक्तियुक्तकरण से दूरदराज़ के स्कूलों में पहुंचे शिक्षक, ग्रामीणों ने जताया आभार

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का असर अब वनांचल के गांवों में साफ़ दिखाई देने लगा है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के दूरस्थ और पहुंचविहीन गांवों में वर्षों से शिक्षक की कमी से जूझते स्कूलों को अब राहत मिली है। लंबे समय से शिक्षक की मांग कर रहे ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी झलक रही है।

हाईस्कूल बड़गांवखुर्द को मिले दो व्याख्याता

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में स्थित हाईस्कूल बड़गांवखुर्द में पहले कोई भी स्थायी शिक्षक नहीं था। केवल एक अतिथि शिक्षक के सहारे स्कूल चल रहा था। लेकिन युक्तियुक्तकरण के तहत अब हिन्दी और गणित के दो व्याख्याताओं की पदस्थापना की गई है। इससे ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब बच्चों को विषय विशेषज्ञों से पढ़ने का मौका मिलेगा, जिससे पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा।

ढाब गांव में शिक्षा को मिला नया सहारा

विकासखंड भरतपुर के ग्राम ढाब की प्राथमिक शाला में वर्षों से सिर्फ एक शिक्षक कार्यरत थे। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अब यहां एक सहायक शिक्षक की नियुक्ति हुई है। गांव के सरपंच और अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे शिक्षा का माहौल सुधरेगा और बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से हो सकेगी।

खोखनिया गांव में पूरी हुई वर्षों की मांग

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के भीतर बसे खोखनिया गांव की प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में लंबे समय से शिक्षक नहीं थे। यहां 87 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन शिक्षक कम थे। अब युक्तियुक्तकरण के बाद प्राथमिक शाला में एक और माध्यमिक शाला में दो शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। इससे गांववालों को बड़ी राहत मिली है।

देवशील में शिक्षकों की पदस्थापना से जागी नई उम्मीद

ऐसे ही एक अन्य पहुंचविहीन गांव देवशील की प्राथमिक शाला में 57 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल में केवल एक शिक्षक कार्यरत थे। अब एक और शिक्षक की नियुक्ति से यहां शिक्षा को नई गति मिलेगी। ग्रामीणों ने शिक्षक की नियुक्ति पर प्रसन्नता जताई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है, कि शिक्षा की पहुंच अंतिम गांव तक हो। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के माध्यम से हमने उन स्कूलों में शिक्षक भेजे हैं, जहां सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी । बच्चों को अच्छी पढ़ाई का अवसर मिले, यह हमारा संकल्प है। ग्रामीणों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं।

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