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कोरबा

ग्राम पंचायत पोड़ी के पूर्व सरपंच सचिव पर गबन के आधार पर अधिरोपित राशि 3341972/- रुपये शीघ्र वसूल हो- कय्युम बेग

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लगभग 40 लाख रुपये के निर्माण कार्यों का जांच सत्यापन शेष
कोरबा/ पाली। शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत को ग्राम विकास के उद्देश्य से मूलभुत एवं बुनियादी सुविधाओं के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाती है! लेकिन अगर धरातल पर बिना काम किये ही अथवा आधेअधूरे कार्य के एवज में केवल कागजों में कार्य पूर्ण दर्शाकर संपूर्ण राशि आहरित कर ली जाये तो शासन प्रशासन किसी भी ग्राम पंचायत को करोड़ों रुपये आबंटित कर दे, उस ग्राम पंचायत का कदापि भला नहीं हो सकता! उक्त बातें पूर्व जनपद सदस्य मिर्जा कय्यूम बेग ने ग्राम पंचायत पोड़ी के पूर्व सरपंच एवं सचिव के उनके तत्कालीन कार्यकाल में हुए अनियमितता को लेकर कही है!
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत पोड़ी में 2010 से 2015 के दौरान सरपंच श्रीमती मालती राज एवं सचिव मोहन चंद कौशिक पदस्थ थे, जहाँ शासन-प्रशासन द्वारा ग्राम विकास के उद्देश्य से करोड़ों रुपये तो जरूर आबंटित किये गए किंतु धरातल पर बिना काम किये ही अथवा आधे अधूरे कार्य को पूरा दर्शाकर संपूर्ण राशि आहरित कर ग्राम विकास को ग्रहण लगा दिया एवं जनता के लाखों रूपए को हजम कर गए।
जिसकी शिकायत तथ्यात्मक दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन जनपद सदस्य मिर्जा कय्यूम बेग एवं ग्रामवासियों द्वारा प्रशासन से की गई थी!
मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन एसडीएम कटघोरा बिरेंद्र बहादुर पंचभाई ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर शिघ्र प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देशित किया था !
जिसके आधार पर जांच कमेटी मे शामिल जनपद पंचायत पाली में पदस्थ वरिष्ठ करारोपण अधिकारी एस एल मरावी तथा सहायक करारोपण अधिकारी एस पी मरावी द्वारा पूर्व सरपंच एवं सचिव पर 33,41,972 रुपये( तैंतीस लाख इकतालीस हजार नौ सौ बहत्तर रुपये ) की व्यापक अनियमितता प्रमाणित करते हुए वसूली हेतु जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया!
वहीं दूसरी ओर जांच कमेटी में शामिल आर ई एस विभाग के उपयंत्री श्रीमती विनिता सोनी ने अपने प्रतिवेदन में सरपंच सचिव द्वारा किसी भी कार्य का इस्टीमेट, तकनीकी प्रतिवेदन मूल्यांकन पंजी उपलब्ध नहीं कराने के कारण जांच सत्यापन नहीं किया गया प्रतिवेदित किया है!
बहरहाल पंचायत अधिनियम में निहित प्रावधानों के आधार पर न्यायालय एसडीएम कटघोरा द्वारा 33,41,972 लाख रुपये अधिरोपित करते हुए वसूली का आदेश जारी किया गया था!
जिसके खिलाफ पूर्व सरपंच-सचिव ने न्यायालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कोरबा के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत किया था।
जहाँ संपूर्ण तथ्यों के अवलोकन के आधार पर न्यायालय एसडीएम कटघोरा के आदेश जिसमें राशि 33,41,972 लाख रुपये जमा करने का उल्लेख है, को यथावत रखा गया। अर्थात गबन की गई संपूर्ण राशि जमा करने आदेश जारी किया गया था।
बहरहाल मामला न्यायालय एसडीएम राजस्व पाली में विचाराधीन है।
पूर्व जनपद सदस्य मिर्जा कय्यूम बेग ने एसडीएम राजस्व पाली से निवेदन किया है कि न्यायालय एसडीएम राजस्व कटघोरा के आदेश दिनांक 18/11/2016 तथा न्यायालय कलेक्टर कोरबा के आदेश दिनांक 06/04/2018 को वैध करार देते हुए पूर्व सरपंच श्रीमती मालती राज एवं पूर्व सचिव मोहन चंद कौशिक से गबन की अधिरोपित संपूर्ण राशि 33,41,972/- रुपये (तैंतीस लाख इकतालीस हजार नौ सौ बहत्तर रुपये) प्रभाव से वसूल किये जाने की मांग की है!
कलेक्टर के आदेश के 08 साल बाद भी रिकव्हरी नहीं
2018 में तत्समय के कलेक्टर ने आदेश जारी कर ग्राम पंचायत पोड़ी की सरपंच मालती राज एवं सचिव मोहनचंद कौशिक से तैंतीस लाख इकतालीस हजार नौ सौ बहत्तर रुपये की रिकव्हरी करने का निर्देश जारी किया था, लेकिन 08 साल बीत जाने के बाद भी उक्त राशि की वसूली नहीं हो पायी। वर्तमान जिला पंचायत सीईओ संबित मिश्रा ने फिर से सभी जनपदों को निर्देशित किया है और वसूली योग्य राशि को संबंधित सरपंच सचिव से वसूली करने का आदेश जारी किया है और सभी जनपदों से रिपोर्ट मांगी है। जिला पंचायत सीईओ के इस आदेश के बाद भ्रष्ट सरपंच-सचिवों की नींद उड़ी हुई है।
सबसे ज्यादा जनपद पाली में भ्रष्टाचार
पूरे जिले में जनपद पंचायत पाली क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है। वर्तमान सीईओ की कार्यशैली भी संदेहास्पद है और कार्यवाही करने के बजाय ऐसे सरपंच सचिवों को सह देने के कारण आज भी ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्य या तो आधे-अधूरे हैं या फिर गुणवत्ताहीन। आज भी क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में सही जांच होगी तो लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की रिकव्हरी निकलेगी। जिम्मेदार अधिकारी सरपंच सचिवों को सह देते आ रहे हैं, जिसके कारण जनता को शासकीय योजनाओं का सही लाभ नहीं मिल पा रहा है और भ्रष्टाचार के जरिये शासन का पैसा कुछ लोगों की जेब में जा रहा है। सीसी रोड एक साल भी टिक नहीं पा रही है, भवनें बनते ही दरक रहे हंै। मूलभूत, 14 वें- 15 वें वित्त की राशि का जहां देखो बंदरबाट हो गया।


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कोरबा

कलश यात्रा के साथ श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ

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कोरबा। कोरबा के पंडित रविशंकर शुक्ल नगर में 22 अक्टूबर को सुबह भव्य कलश यात्रा निकाली गई और इसके साथ श्रीमद् देवी भागवत का शुभारंभ हो गया। पंवार परिवार द्वारा 22 से 30 अक्टूबर तक संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का आयोजन भूपेंद्र सिंह पंवार और श्रीमती विंध्यवासिनी पंवार द्वारा किया जा रहा है और आचार्य पंडित जनार्दन प्रसाद दुबे बरपाली वाले के श्रीमुख से आज 22 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक कथा का वाचन किया जाएगा।


कथा का कार्यक्रम:

  • 22 अक्टूबर: कलश यात्रा और कथा का शुभारंभ
  • 23 अक्टूबर: हयग्रीव अवतार कथा और कौरव-पांडव उत्पत्ति कथा
  • 24 अक्टूबर: भुवनेश्वरी देवी कथा और देवी मंत्र महात्म्य कथा
  • 25 अक्टूबर: वृत्तासुर कथा और वृत्ततनिहन्ति देवी कथा
  • 26 अक्टूबर: सरस्वती पूजन और हैहयवंशी राजाओं की कथा
  • 27 अक्टूबर: भगवान श्री कृष्ण के चरित्र का वर्णन
  • 28 अक्टूबर: श्री दुर्गा देवी कथा और देवी के अन्य अवतारों की कथा
  • 29 अक्टूबर: सदाचार वर्णन और गायत्री मां की महिमा
  • 30 अक्टूबर: गीता पाठ, तुलसी वर्षा, कपिला तर्पण, सहस्त्रधारा, कुमारी भोजन, ब्राह्मण भोजन और विसर्जन
    आयोजक परिवार:
  • पंवार परिवार ने नगरवासियों से इस कथा में शामिल होने और पुण्य लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया है।

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कोरबा

इलेक्ट्रिक ऑटो चालकों को पार्ट्स-सब्सिडी नहीं मिल रही:कोरबा में वाहन खड़े होने से आजीविका प्रभावित, कंपनी ने दिया समाधान का आश्वासन

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कोरबा। कोरबा जिले में इलेक्ट्रिक ऑटो चालकों को पार्ट्स की कमी और सब्सिडी मिलने में देरी के कारण बड़ी परेशानी हो रही है। इससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है और कई ऑटो खड़े हो गए हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर टीपी नगर स्थित जिला ऑटो संघ कार्यालय में बुधवार को बैठक हुई।

परसाभाठा बालको क्षेत्र के इलेक्ट्रिक ऑटो चालक त्रिलोक साहू ने बताया कि उन्होंने महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटो खरीदा था, लेकिन पिछले तीन सालों से उन्हें वाहन के पार्ट्स नहीं मिल पा रहे हैं। उनके अनुसार, 500 रुपए का अग्रिम भुगतान करने के बावजूद भी आवश्यक पुर्जे अब तक नहीं मिले हैं। जिससे उनका ऑटो खड़ा है।

सब्सिडी के लिए लगाने पड़ रहे चक्कर

एक अन्य ऑटो चालक अमित कुमार प्रजापति ने बताया कि उन्हें ऑटो लिए तीन साल हो चुके हैं। एजेंसी की ओर से सब्सिडी के रूप में 30,000 से 32,000 रुपए की छूट का आश्वासन दिया गया था, जो अब तक नहीं मिली है। सब्सिडी के लिए उन्हें लगातार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

समस्याओं का निराकरण का आश्वासन

जिला ऑटो संघ के सदस्य श्याम दास गुरु ने बताया कि चालकों की समस्याओं को सुनने के बाद महिंद्रा कंपनी के संबंधित मैनेजर और अधिकारियों से बातचीत की गई है। कंपनी ने चालकों को समय पर पार्ट्स उपलब्ध कराने और सब्सिडी की सुविधा देने पर सहमति जताई है, और जल्द ही इन समस्याओं का निराकरण होने का आश्वासन दिया है।

इस मामले में महिंद्रा कंपनी के मैनेजर वीरेंद्र पाटिल ने कॉल पर बताया कि सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और चालकों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। कोरबा जिले में इलेक्ट्रिक ऑटो की शुरुआत लगभग 2022 में हुई थी।

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कोरबा

एक महीने से लापता ग्रामीण का जंगल में कंकाल मिला:कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट बेटे को देखने आया था, फांसी लगाकर आत्महत्या की आशंका

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कोरबा। कोरबा के श्यांग थाना क्षेत्र के सोलवा गांव में एक महीने से लापता 38 वर्षीय सुखसागर का कंकाल जंगल में मिला है। सुखसागर 18 सितंबर से लापता था, जिसकी तलाश परिजन कर रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

मृतक के भाई लक्ष्मी नारायण चौहान ने बताया कि 15 सितंबर को सुखसागर के बेटे का बाइक एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उसके दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे। उसे जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था। एक्सीडेंट की सूचना पर 18 सितंबर को सुखसागर भी अस्पताल पहुंचा था।

अस्पताल में बेटे को देखने के बाद सुखसागर ने घर लौटने की बात कही, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन जब वह नहीं मिला तो इसकी सूचना श्यांग थाना पुलिस को दी गई।

लापता होने के बाद शुरू हुई तलाश

पुलिस के अनुसार, सूचना के बाद परिजन-रिश्तेदार और आसपास के लोग उसकी तलाश में जुटे हुए थे। एक महीने बाद गांव से लगे जंगल में एक पेड़ के नीचे नरकंकाल मिलने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की।

फांसी लगाकर आत्महत्या की आशंका

घटनास्थल पर एक गमछा और कुछ कपड़े मिले, जो पेड़ पर बंधे हुए थे और नीचे कंकाल पड़ा था। परिजनों को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने कपड़ों के आधार पर नरकंकाल की पहचान सुखसागर के रूप में की।पुलिस को आशंका है कि सुखसागर ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या की होगी।

पारिवारिक तनाव से था परेशान

इसी आधार पर आगे की जांच की जा रही है। परिजनों ने बताया कि सुखसागर खेती-किसानी का काम करता था और उसके चार बच्चे हैं, जिनमें से बड़े बेटे का एक्सीडेंट हुआ था। वह पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहा था, लेकिन पूछने पर कभी कुछ नहीं बताता था।

फोरेंसिक टीम कर रही जांच

इस मामले में श्यांग थाना प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है और मामले में आगे की जांच जारी है।

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