कांकेर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में कोरोना से 8 जुलाई की रात एक मरीज की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मरीज को पहले से लीवर की बीमारी से जूझ रहा था। कोरोना पॉजिटिव आने के बाद कांकेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी जान चली गई।
मिली जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम मनोज कुमार भुआर्य है, जो फरसगांव का निवासी था। मेडिकल अस्पताल में अलग से कोविड वार्ड नहीं होने के कारण स्थिति और खराब हो गई। ठीक से इलाज नहीं मिली पाया। भर्ती कराने के एक घंटे के अंदर ही मौत हो गई।
2025 में प्रदेश में तीसरी, जबकि जिले में पहली मौत है। इससे पहले राजनांदगांव जिले में 7 दिन के अंदर 2 कोविड पेशेंट ने दम तोड़ दिया था। वहीं प्रदेश में आंकड़ों की बात करें तो 8 जुलाई को 2 पॉजिटिव केस मिले, जिसमें रायपुर 1 और राजनांदगांव 1 मिले हैं। कुल एक्टिव केस 11 हैं। वहीं 211 लोग ठीक हो गए हैं।
कांकेर जिला अस्पताल में कोरोना से मौत के बाद शव को दूसरे दिन घर लाया गया।
जानिए कांकेर में कोरोना से कैसे गई जान ?
दरअसल, कोंडागांव जिले के फरसगांव के रहने वाले मरीज को पहले लीवर की बीमारी के कारण कांकेर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए 5 जुलाई को रायपुर रेफर किया गया। इसके बाद रायपुर के एक निजी अस्पताल में जांच के दौरान कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
परिजनों ने बताया कि आर्थिक कारणों से परिजन 7 जुलाई की रात 10 बजे मरीज को वापस कांकेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आए। अस्पताल में कोविड वार्ड नहीं होने के कारण कैदी वार्ड को खाली कराया गया, जहां मरीज को शिफ्ट किया जा रहा था। इसी दौरान मरीज की मौत हो गई।
कांकेर जिला अस्पताल में नहीं था कोविड वार्ड। महिला वार्ड में भर्ती कर किया जा रहा था इलाज।
शव वाहन 4 घंटे देर से पहुंची, दूसरे दिन अंतिम संस्कार
परिजनों ने बताया कि डॉक्टर्स ने मरीज की मौत की जानकारी 11.45 बजे दी थी। इसके बाद शव ले जाने शव वाहन के डायल फ्री नंबर 1099 में कई बार कॉल किया, लेकिन कॉल नहीं लगा। इसके बाद अस्पताल स्टाफ की मदद से शव वाहन के चालक के निजी नंबर पर कॉल किया।
इसके बावजूद वह चार घंटे देर सुबह 3.30 बजे अस्पताल पहुंचा। सुबह 4 बजे शव फरसगांव के लिए रवाना किया गया। प्रशासन की टीम की उपस्थिति में फरसगांव में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर अंतिम संस्कार किया गया।
राजनांदगांव में 2 कोविड पेशेंट की मौत हो चुकी है।
पैसा ज्यादा लगने की वजह से कांकेर लेकर आए थे
अस्पताल अधीक्षक विमल भगत ने बताया कि मरीज को रायपुर के मेडिसाइन हॉस्पिटल से कांकेर लाया गया था। रायपुर में वेंटिलेटर पर भर्ती था। खर्च ज्यादा होने और पैसों की कमी के कारण कांकेर मेडिकल कॉलेज लेकर आए। कैदी वार्ड को खाली कराकर शिफ्ट किया जा रहा था, लेकिन उनकी मौत हो गई।
मृतक के संपर्क में आए परिजनों के सैंपल लिए गए
कांकेर अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर देवेंद्र भोयर ने बताया कि मरीज को कोरोना के साथ-साथ क्रॉनिक लिवर की बीमारी भी थी। मृतक के संपर्क में आए परिवार के सदस्यों के सैंपल ले लिए गए हैं। एहतियात के तौर पर वार्ड को सैनिटाइज किया गया है, ताकि कोई और संक्रमित न हो।
4.76 करोड़ की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की होगी संरचनात्मक मरम्मत
कोरबा। राष्ट्रीय राजमार्ग-130 के कटघोरा-शिवनगर खंड के अंतर्गत गुरसियाँ में स्थित तान नदी पुल के मरम्मत एवं रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लगभग चार करोड़ 76 लाख रुपए की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की संरचनात्मक मरम्मत की जाएगी। पुल पर पूर्ण क्षमता के साथ शीघ्र यातायात सुचारु करने के लिए मरम्मत के कार्य को दो महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए तत्परता से सड़कों और पुलों की मरम्मत सुनिश्चित की जा रही है। तान नदी पुल की स्थिति और यातायात के दबाव को देखते हुए इसे आकस्मिक मरम्मत एवं रखरखाव (Emergent Work) की श्रेणी में रखा गया था। इसके लिए प्राप्त निविदाओं को आज खोल दिया गया है। तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद जल्दी ही चयनित एजेंसी को कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।
कोरबा। कोरबा में धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए बंद के आह्वान पर शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद रहीं। निहारिका घंटाघर, सुभाष चौक, कोसाबाड़ी और टीपी नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराईं। सुबह खुली कई दुकानों को निवेदन कर बंद कराया गया।
यह बंद कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्व समाज के आह्वान पर बुलाया गया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।
सक्रिय दिखा हिंदू संगठन
कोरबा में हिंदू संगठन से जुड़े महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में खुली दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई।
विभिन्न हिंदू संगठन अलग-अलग गुटों में काम कर रहे थे। एक गुट सीतामढ़ी से कोरबा शहर तक दुकानें बंद करा रहा था, जबकि दूसरा निहारिका घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक सक्रिय था।
छत्तीसगढ़ बंद का कोरबा में भी समर्थन
हिंदू संगठन से जुड़े अजय विश्वकर्मा ने बताया कि बस्तर में ईसाई समुदाय और हिंदू आदिवासियों के बीच हुआ विवाद एक दुखद घटना है। उन्होंने आदिवासी भाइयों पर हुए हमले को गलत बताया। इसी के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है, जिसका कोरबा में भी समर्थन किया जा रहा है।
विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि कोरबा में भी धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। रूमगड़ा, कटघोरा, करतला क्षेत्रों के अलावा कोरबा शहर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिससे कई बार विवाद की स्थिति बनी है। पुलिस ने ऐसे मामलों में कई बार केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रलोभन और झूठ बोलकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे कोरबा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
सर्व हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन के तहत, खुले दुकानदारों से पूछा जा रहा था कि क्या वे धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं। उनसे कहा गया कि यदि वे समर्थन नहीं करते, तो अपनी दुकानें बंद रखें।
कोरबा। कोरबा के टीपी नगर स्थित सीएसईबी चौकी क्षेत्र में एक इलेक्ट्रिक ऑटो में आग लग गई। यह घटना बुधवार सुबह मोंट्रा इलेक्ट्रिक ऑटो एजेंसी के बाहर खड़ी गाड़ी में हुई। मौके पर मौजूद लोगों और एजेंसी कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
बताया जा रहा है कि ऑटो से अचानक धुआं निकलने लगा, जिससे वहां हड़कंप मच गया। शुरुआत में पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन धुआं फिर से निकलने लगा। काफी प्रयासों के बाद आग को पूरी तरह बुझाया जा सका।
इस घटना का वीडियो राहगीरों और आसपास के लोगों ने अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बाहर खड़ी गाड़ी में अचानक लगी आग
ऑटो चालक पुने राम दिनकर रजगामार निवासी हैं, जिन्होंने एक साल पहले ही यह ऑटो खरीदा था। वह बुधवार सुबह अपनी इलेक्ट्रिक ऑटो की सर्विसिंग के लिए एजेंसी पहुंचे थे। उन्होंने गाड़ी बाहर खड़ी की और अंदर गए ही थे कि तभी यह घटना सामने आई।
शॉर्ट सर्किट से ऑटो में लगी आग
जानकारी के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता, तो ऑटो पूरी तरह जलकर खाक हो सकता था और इससे बड़ा हादसा भी हो सकता था।
घटना के बाद ऑटो एजेंसी के संबंधित अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया है। वे आग लगने के कारणों की जांच कर रहे हैं और आगे की आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।