अमरावती(एजेंसी)। आंध्रप्रदेश के विजयनगरम जिले में रविवार की शाम दो ट्रेनें टकरा गईं। इस हादसे में 9 यात्रियों की मौत हो गई थी। सोमवार सुबह मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 14 हो गया। हादसे में 50 यात्री घायल हुए हैं। ट्रेनों की टक्कर विजयनगरम में अलमांडा-कंकटपल्ली के बीच हुई। ईस्ट कोस्ट रेलवे के सीपीआरओ बिस्वजीत साहू ने बताया, हादसा मानवीय भूल के चलते हुआ। विशाखापट्टनम-रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन के ड्राइवर ने सिग्नल को ओवरशूट किया, जिससे यह आगे चल रही विशाखापट्टनम-पलासा पैसेंजर ट्रेन से भिड़ गई। टक्कर से दोनों ट्रेन के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से 3 कोच आगे की ट्रेन के और दो पीछे आ रही ट्रेन के थे। रेलवे सीपीआरओ के मुताबिक, सिग्नल ओवरशूट तब होता है जब कोई ट्रेन रेड सिग्नल पर रुकने के बजाय आगे बढ़ जाती है। हादसे के बाद इस रूट पर 33 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, 11 ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द की गई हैं और 22 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है। रेलवे ने आपात नंबर जारी किए ईस्ट कोस्ट रेलवे ने आपात नंबर जारी किए हैं। इनमें भुवनेश्वर- 0674-2301625, 2301525, 2303069 और वाल्टेयर डिवीजन- 0891- 2885914 हैं।
केंद्र सरकार ने 10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किय
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए, घायलों को 2 लाख और मामूली चोट लगने पर 50 हजार रुपए मुआवजे का ऐलान किया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अधिकारियों को राज्य के मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया।
खडग़े ने कहा- सुरक्षा की बातें हवा-हवाई हो गई हैं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने आंध्र प्रदेश ट्रेन हादसे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोमवार को कहा कि ट्रेनों को धूमधाम से हरी झंडी दिखाने में जितना उत्साह दिखाया जाता है, उतना ही उत्साह रेलवे की सेफ्टी और पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए एक्शन लेने में दिखाया जाना चाहिए। एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा कि विजयानगर ट्रेन हादसे के बारे में जानकर दुखी हूं। मृतकों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने बालासोर हादसे के बाद सुरक्षा के जो भी दावे किए थे, वे हवा-हवाई हो गए हैं।
रेल मंत्री ने एक्सीडेंट रोकने कवच सिस्टम लगाने की बात कही थी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मई 2022 में ट्रेन में लगने वाले कवच सिस्टम के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था- कवच एक ऑटोमेटिक रेल प्रोटेक्शन की टेक्नोलॉजी है। इसमें ये होता है कि मान लीजिए दो ट्रेन गलती से एक ही ट्रैक पर आ जाएं तो उनके पास आने से पहले कवच ब्रेक ट्रेन को रोक देगी, जिससे एक्सीडेंट होने से बच जाएगा। रेल मंत्री के इस ब्यान के बाद से ट्रेन डीरेल होने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
ट्रायल के एक साल बाद सिर्फ 65 इंजनों में लगा कवच
मई 2022 में अश्विनी वैष्णव ने रेल हादसे रोकने के लिए इंजनों को सुरक्षा कवच पहनाने की घोषणा की थी। एक साल बाद भी 19 रेलवे जोन में से सिर्फ सिकंदराबाद में ही कवच लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। देश में कुल 13,215 इलेक्ट्रिक इंजन हैं। इनमें सिर्फ 65 लोको इंजनों को ही कवच से लैस किया गया है। 2022-23 वित्तीय वर्ष में भारतीय रेलवे ने देशभर में कम-से-कम 5000 किलोमीटर रूट पर कवच लगाने का लक्ष्य रखा है। 0रेल कवच दो ट्रेनों के बीच टक्कर को रोकता कैसे है0 इस टेक्नोलॉजी में इंजन माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएसऔर रेडियो संचार के माध्यम सिग्नल सिस्टम और कंट्रोल टावर से जुड़ा होता है। यह ट्रेन के ऐसे दो इंजनों के बीच टक्कर को रोकता है, जिनमें रेल कवच सिस्टम काम कर रहा हो।