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संयुक्त राष्ट्र ने माना- पहलगाम हमले के लिए TRF जिम्मेदार

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कहा- आतंकी संगठन ने अटैक की 2 बार जिम्मेदारी ली, लश्कर का भी नाम आया

नई दिल्ली,एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की सेंक्शंस मॉनिटरिंग टीम ने ग्लोबल टेररिस्ट संगठनों पर बुधवार को रिपोर्ट जारी की। इसमें माना कि पहलगाम हमले के लिए द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) जिम्मेदार है। TRF ने हमले के बाद दो बार जिम्मेदारी ली।

TRF ने हमले वाले दिन 22 अप्रैल को घटनास्थल की फोटो भी प्रकाशित की थी। अगले दिन फिर से जिम्मेदारी ली, लेकिन 26 अप्रैल को अचानक अपना दावा वापस ले लिया। इसके बाद TRF ने कोई और बयान नहीं दिया और किसी अन्य संगठन ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली।

संयुक्त राष्ट्र की यह 36वीं रिपोर्ट आतंकी संगठनों ISIL, अल-कायदा और उनसे जुड़े गुटों पर आधारित है। रिपोर्ट के मुताबिक,

एक सदस्य देश ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की मदद के बिना संभव नहीं था। TRF और LeT के बीच संबंध हैं। जबकि एक अन्य सदस्य देश ने LeT को निष्क्रिय बताया और इन दावों को खारिज किया।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पहलगाम क्षेत्र में हालात बहुत संवेदनशील हैं और आतंकवादी संगठन इस तनाव का फायदा उठाने की फिर कोशिश कर सकते हैं। पहलगाम की बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं। इस दौरान 1 नेपाली नागरिक समेत 26 लोगों की मौत हो गई थी।

UN की ग्लोबल टेररिज्म के ऊपर जारी रिपोर्ट में पॉइंट नंबर 84 पहलगाम हमले पर है। पूरी रिपोर्ट देखें...

UN की ग्लोबल टेररिज्म के ऊपर जारी रिपोर्ट में पॉइंट नंबर 84 पहलगाम हमले पर है। पूरी रिपोर्ट देखें…

25 अप्रैल को जारी बयान में पाकिस्तान के दबाव में TRF का नाम हटाया था

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को एक प्रेस बयान जारी कर आतंकवादी हमले की निंदा की थी, लेकिन उसमें TRF का नाम शामिल नहीं किया गया। इसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने बताया था कि हमने TRF का नाम हटवाने की कोशिश की थी और उसे सफलतापूर्वक हटा भी दिया गया था।

अमेरिका ने TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किया है

इससे पहले 18 जुलाई को अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) की लिस्ट में डाल दिया था। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसकी जानकारी दी थी।

मार्को रुबियो ने बयान में लिखा था, ‘लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक मुखौटा और प्रॉक्सी, TRF ने 22 अप्रैल, 2025 को भारत के पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 में मुंबई हमलों के बाद लश्कर का भारत में नागरिकों पर किया गया सबसे घातक हमला था।’

‘TRF ने भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली है, जिनमें 2024 का हमला भी शामिल है। अमेरिकी सरकार का यह फैसला राष्ट्रपति ट्रम्प की तरफ से पहलगाम हमले के लिए न्याय दिलाने की कोशिश है। यह कदम दिखाता है कि ट्रम्प सरकार देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ी है।’

पहलगाम हमले के बाद TRF ने ये फोटो जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली थी।

पहलगाम हमले के बाद TRF ने ये फोटो जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली थी।

जयशंकर बोले- आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने TRF पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद X पर लिखा, भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी सहयोग की मजबूत पुष्टि हुई है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो को धन्यवाद कि उन्होंने TRF (लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी संगठन) को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (SDGT) घोषित किया। TRF ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने TRF के खिलाफ कार्रवाई के बाद बयान जारी किया। इसमें बताया गया है कि TRF पहलगाम, 2008 मुंबई अटैक समेत कई हमलों के लिए जिम्मेदार है।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने TRF के खिलाफ कार्रवाई के बाद बयान जारी किया। इसमें बताया गया है कि TRF पहलगाम, 2008 मुंबई अटैक समेत कई हमलों के लिए जिम्मेदार है।

TRF पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने के 4 दिन बाद मुकरा

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसमें आतंकियों ने 26 पर्यटकों की जान ले ली थी। हमले के कुछ ही देर बाद TRF ने घटना की जिम्मेदारी ली थी और बयान जारी कर कहा था कि भारत सरकार कश्मीर में मुस्लिमों को बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक बना रही है।

हालांकि 26 अप्रैल को TRF इससे मुकर गया था। संगठन के प्रवक्ता अहमद खालिद ने कहा था कि पहलगाम हमले के लिए TRF को जिम्मेदार ठहराना गलत है। खालिद ने कहा कि उनकी वेबसाइट को हैक कर लिया गया था।

2019 में आर्टिकल-370 हटने के बाद अस्तित्व में आया TRF

जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों में ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) नया नाम है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद यह अस्तित्व में आया। भारत सरकार भी मानती है कि ये लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी आतंकी संगठन है।

ये आतंकी संगठन जवानों और आम नागरिकों की हत्या के अलावा सीमा पार से ड्रग्स और हथियार की तस्करी में शामिल रहा है। सुरक्षा मामलों के जानकार बताते हैं कि सीमा पार से ISI हैंडलर्स ने ही लश्कर-ए-तैयबा की मदद से TRF को खड़ा किया।

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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी

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मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।

अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…

पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।

आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।

कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।

रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।

लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।

कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।

जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी

अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।

इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।

रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था

24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।

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CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो

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नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-

जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।

बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।

सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है

गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,

न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।

वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।

VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना

VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।

हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद

याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।

याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं

राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।

खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।

वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।

जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था

जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।

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उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश

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नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।

इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।

हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।

देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।

मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।

25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।

चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

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