अहमदाबाद , एजेंसी अहमदाबाद विमान हादसे में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी का निधन हुआ था। सोमवार सुबह उनका शव परिजनों को सौंपा गया। चार्टर्ड प्लेन से शव को राजकोट लाया गया।
पुलिस सुरक्षा के बीच कई रास्तों से गुजरते हुए रूपाणी का पार्थिव शरीर उनके राजकोट वाले घर प्रकाश सोसाइटी (निर्मला रोड) लाया गया। यहां करीब एक घंटे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। इसके बाद रामनाथ परा श्मशान घाट ले जाया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल देवव्रत आचार्य, गुजरात CM भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल समेत कई नेता रूपाणी के घर पहुंचे। यहां अंतिम दर्शन कर रूपाणी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इधर, अहमदाबाद विमान हादसे को 4 दिन बीत चुके हैं। इन चार दिनों में 250 शवों का DNA सैंपल लिया गया। अब तक 119 DNA मैच हो गए हैं, जिनमें से 74 शव उनके परिजनों को सौंपे गए हैं।
12 जून को एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-171 (787-8 बोइंग ड्रीमलाइनर) उड़ान के कुछ देर बाद ही क्रैश हुई थी। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज ऐंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया था।
इस हादसे में प्लेन में सवार 241 लोग (229 यात्री (एक जीवित) और 10 केबिन क्रू, 2 पायलट), हॉस्टल बिल्डिंग और बाकी 34 लोगों को मिलाकर 275 की मौत हुई है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, कुल मौत का अंतिम आंकड़ा सभी DNA टेस्ट होने के बाद साफ होगा।
15 जून की शाम अहमदाबाद सिविल अस्पताल की जारी लिस्ट, 33 शव उनके परिजनों को सौंपे गए
ब्लैक बॉक्स का वॉयस रिकॉर्डर भी मिला
रविवार को अधिकारियों ने पीएम मोदी के सचिव डॉ. मिश्रा को बताया है कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) का पता लगा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित कर लिया गया है। विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स मिलने से जांचकर्ताओं के लिए दुर्घटना का कारण पता लगाना आसान हो जाएगा।
विमान हादसे में अपनों को गंवाने वाले विदेशी नागरिक उनके शवों को पाने के लिए अहमदाबाद पहुंचे।
विमान हादसे के मृतक रोजर डेविड क्रिस्टिन का शव रविवार को अहमदाबाद में दफनाया गया।
14 साल के आकाश पटनी की जान क्रैश में गई। रविवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया।
मुंबई, एजेंसी। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार (18 जून) को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 138 अंक गिरकर 81,444 के स्तर पर जबकि निफ्टी 41 अंक टूटा ये 24,812 के स्तर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 6 में तेजी जबकि 24 में गिरावट रही। अडानी पोर्ट्स, NTPC और कोटक महिंद्रा बैंक में 1% की गिरावट रही। जबकि इंडसइंड बैंक का शेयर 4.5% चढ़ा।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार
एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 255 अंक (0.66%) की बढ़त के साथ 38,791 पर और कोरिया का कोस्पी 17 अंक (0.57%) चढ़कर 2,967 पर कारोबार कर रहा है।
हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स करीब 300 अंक (1.20%) गिरकर 23,690 के स्तर पर और चीन का शंघाई कंपोजिट 7 अंक नीचे 3,380 पर कारोबार कर रहे हैं।
17 जून को अमेरिका का डाउ जोन्स 0.70% गिरकर 42,216 पर बंद हुआ। वहीं, नैस्डेक कंपोजिट 0.91% नीचे 19,521 पर और S&P 500 0.84% गिरकर 5,983 पर बंद हुए।
कोलकाता,एजेंसी। अग्रणी रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक रहेगी। एजेंसी ने अपने ताजा परिदृश्य में कहा कि इसी अवधि के दौरान देश की वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि 6.3 प्रतिशत से अधिक होगी। जहां जीडीपी देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को निर्धारित करता है, वहीं जीवीए उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य में से मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं की लागत को घटाने पर प्राप्त होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति के संबंध में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर के 4.2 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है, जबकि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) चालू वित्त वर्ष के लिए 2.7 प्रतिशत से अधिक रहेगा। इक्रा ने राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इक्रा के अनुसार, रबी के नकदी प्रवाह और सामान्य से अधिक जलाशय स्तर की सहायता से ग्रामीण मांग में तेजी बनी रहने की संभावना है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में आयकर में बड़ी राहत, दरों में कटौती से ईएमआई (मासिक किस्त) में कमी और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी से घरेलू खर्च योग्य आय में वृद्धि होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के वस्तु निर्यात में सुस्ती निकट भविष्य में भी जारी रह सकती है। इक्रा के अनुमान के अनुसार, सेवा निर्यात वस्तु निर्यात वृद्धि से आगे निकलने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र का पूंजीगत व्यय 2025-26 में 10.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जिससे निवेश गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
मुंबई, एजेंसी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सख्ती का सामना अब एक और बड़े बैंक को करना पड़ सकता है। इंडसइंड बैंक के बाद अब विदेशी बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Plc) की भारत में गतिविधियों पर अब आरबीआई की पैनी नजर है। खबर है कि बैंक ने छोटे और मझोले उद्यमों (SMEs) को ऐसे जटिल डेरिवेटिव प्रोडक्ट्स बेचे, जिनमें उच्च जोखिम था लेकिन ग्राहकों को इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। मामला गंभीर होने के चलते केंद्रीय बैंक कभी भी सख्त कार्रवाई कर सकता है।
क्या है पूरा मामला?
एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने SMEs को Target Redemption Forwards (TRFs) जैसे जटिल डेरिवेटिव्स बेचे—जो आमतौर पर केवल बड़े कॉर्पोरेट्स के लिए उपयुक्त होते हैं। इन प्रोडक्ट्स में बड़े नुकसान की आशंका होती है। जांच में खुलासा हुआ कि बैंक ने इन जोखिमों की जानकारी देने में लापरवाही बरती।
RBI की जांच के दायरे में ये पहलू शामिल
डेरिवेटिव सेल्स की पारदर्शिता और प्रक्रिया
जोखिम प्रबंधन (Risk Governance)
रिजर्व की पर्याप्तता
FRA (Forward Rate Agreement) लेनदेन की अकाउंटिंग ट्रीटमेंट
बैंक का रुख क्या है?
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने प्रतिक्रिया में कहा है कि RBI का सालाना निरीक्षण रूटीन प्रक्रिया है और अगर कोई विशेष ऑब्जर्वेशन होता है, तो उसे समय पर सुधारा जाता है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इस बार मामला ‘रूटीन’ से कहीं अधिक गंभीर है और RBI इस पर गहराई से जांच कर रहा है।
RBI लंबे समय से डेरिवेटिव बिक्री में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर दे रहा है। हाल ही में इंडसइंड बैंक पर भी इसी तरह की सख्ती देखने को मिली थी। अब स्टैंडर्ड चार्टर्ड को लेकर भी यही पैमाना अपनाया जा रहा है।