Connect with us

देश

10 gram gold loan: 10 ग्राम सोने पर कितना गोल्ड लोन मिलेगा? RBI ने गोल्ड लोन के नियमों में किया बड़ा बदलाव

Published

on

मुंबई, एजेंसी। भारत में गोल्ड लोन के नियमों में आरबीआई ने हाल ही में बड़ा बदलाव किया है, आइए जानें कि नए नियम क्या हैं और 10 ग्राम सोने पर अब कितना गोल्ड लोन मिल सकता है।

आरबीआई के नए गोल्ड लोन नियम क्या हैं?
 S&P Global Ratings की रिपोर्ट के मुताबिक, अब 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन पर सोने की कीमत के 80% तक ऋण दिया जा सकेगा, जबकि 5 लाख रुपये से अधिक के लोन के लिए यह सीमा घटाकर 75% कर दी गई है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2026 तक सभी संबंधित संस्थानों द्वारा लागू करना अनिवार्य होगा। इसका मकसद है कि लोनदाताओं को अपने बिजनेस मॉडल को बेहतर बनाने का मौका मिले और उधारकर्ताओं को अधिक सुविधा मिल सके।

10 ग्राम सोने पर कितना गोल्ड लोन मिलेगा?
-गोल्ड लोन की राशि का निर्धारण सोने की शुद्धता और मार्केट कीमत के आधार पर होता है। आमतौर पर 22 कैरेट सोना गिरवी रखा जाता है।
-उदाहरण के तौर पर यदि 22 कैरेट सोने की प्रति ग्राम कीमत 9,000 रुपये हो, तो 10 ग्राम सोने की कुल कीमत 90,000 रुपये होगी।
-75% लोन-टू-वैल्यू (LTV) के हिसाब से, आप लगभग 67,500 रुपये तक का गोल्ड लोन प्राप्त कर सकते हैं।
-यह राशि लोन लेने के समय सोने की मार्केट वैल्यू और शुद्धता के अनुसार थोड़ी बढ़ या घट सकती है।

कहां से लें गोल्ड लोन: बैंक या NBFC?
गोल्ड लोन लेने के लिए आप बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) दोनों विकल्पों में से चुन सकते हैं। बैंक आमतौर पर कम ब्याज दर पर लोन देते हैं, लेकिन प्रक्रिया में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। वहीं, NBFC से गोल्ड लोन जल्दी अप्रूव हो जाता है लेकिन ब्याज दर थोड़ी ज्यादा होती है। इसलिए, अपने जरूरत और सुविधा के हिसाब से सही विकल्प चुनना जरूरी है।

क्या गोल्ड लोन लेना सही विकल्प है?
जब अचानक आर्थिक जरूरत पड़ती है, तो गोल्ड लोन एक अच्छा और किफायती विकल्प साबित हो सकता है। प्रॉपर्टी लोन या पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन की ब्याज दर कम होती है और इसे जल्दी भी प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि, ब्याज दर और लोन की शर्तों को ध्यान से समझना जरूरी है ताकि लोन लेना परेशानी का कारण न बने।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

देश

संसदीय समिति ने दालों, तिलहनों का आयात बढ़ने पर चिंता जताई, सरकार ने कहा बढ़ रहा है उत्पादन

Published

on

नई दिल्ली,एजेंसी। सरकार ने एक संसदीय समिति को बताया कि पिछले 10 वर्षों में दालों और खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन एक दशक पहले की तुलना में अधिक गति से बढ़ा है। दूसरी ओर सांसदों ने मांग को पूरा करने के लिए आयात पर भारत की निर्भरता पर चिंता जताई है। कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी संसद की स्थायी समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण में कहा गया कि 2023-24 में 156.6 लाख टन का आयात, खाद्य तेलों की घरेलू मांग का 56 प्रतिशत है।

सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने 20 जून की बैठक में इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए किए जा रहे कार्यों पर जोर दिया और कहा कि 2014-15 और 2024-25 के बीच तिलहन उत्पादन में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। तीसरे अग्रिम अनुमान में पिछले वित्त वर्ष में तिलहन उत्पादन 426.09 लाख टन होने का अनुमान है। इस तरह 2004-05 और 2014-15 के बीच 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। 

सूत्रों ने कहा कि देश पाम तेल की मांग को पूरा करने के लिए लगभग पूरी तरह से आयात पर निर्भर है। कुछ सांसदों ने अपेक्षाकृत सस्ते खाद्य तेल से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों का जिक्र किया। मंत्रालय ने कहा कि खाद्य तेल आयात पर भारत की भारी निर्भरता से सालाना 80,000 करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ रहा है। 

Continue Reading

देश

पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी! हर महीने मिलेगी अब ज्यादा रकम

Published

on

पटना,एजेंसी। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवा महिलाओं के लिए बड़ी सौगात दी है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत मिलने वाली मासिक पेंशन राशि को ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 प्रति माह कर दिया गया है। यह बढ़ी हुई राशि जुलाई 2025 से हर महीने की 10 तारीख को लाभार्थियों के खातों में भेजी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी देते हुए कहा कि इस फैसले से 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, “बुजुर्ग हमारे समाज का कीमती हिस्सा हैं और उनका सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।”

पंचायती राज प्रतिनिधियों के भत्ते में बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री ने पंचायती राज प्रतिनिधियों के भत्तों में भी इजाफा करने का ऐलान किया:

  • जिला परिषद अध्यक्ष: ₹20,000 → ₹30,000 प्रति माह
  • उपाध्यक्ष: ₹10,000 → ₹20,000 प्रति माह
  • मुखिया: ₹5,000 → ₹7,500 प्रति माह

इसके अलावा, मनरेगा योजनाओं में मुखिया को अब ₹10 लाख तक की योजना को स्वीकृत करने का अधिकार दिया गया है, जो पहले ₹5 लाख तक सीमित था।

चुनावी माहौल में बड़ा राजनीतिक संदेश

इस घोषणा को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जेडीयू-बीजेपी गठबंधन एक बार फिर सरकार बनाने की कोशिश में है, जबकि इंडिया गठबंधन भी अपने अभियान को आक्रामक रूप दे रहा है।

नीतीश सरकार की यह घोषणा न केवल सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि ग्रामीण सशक्तिकरण और पंचायती व्यवस्था को मजबूती देने का भी संकेत देती है।
 

Continue Reading

देश

चीन-पाक और बांग्लादेश मिलकर पका रहे भारत के खिलाफ खिचड़ी ! कुनमिंग में हुई ऐतिहासिक बैठक

Published

on

नई दिल्ली,एजेंसी। चीन ने पहली बार पाकिस्तान और बांग्लादेश  के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक  आयोजित कर दक्षिण एशिया के कूटनीतिक संतुलन को नया मोड़ दे दिया है। यह बैठक कुनमिंग शहर (चीन के युन्नान प्रांत) में 19 जून को हुई, जिसमें तीनों देशों ने व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत के लिए यह घटनाक्रम सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि एक  गंभीर कूटनीतिक संकेत है कि उसके पारंपरिक पड़ोसी अब  चीन की छतरी के नीचे आकर एक नया समीकरण बना रहे हैं। 

बैठक के बाद तीनों देशों ने विशेष कार्य समूह (Working Group)” के गठन की घोषणा की, जो आपसी सहयोग के क्षेत्रों में ठोस परियोजनाओं को मूर्त रूप देगा।बैठक में प्रमुख प्रतिनिधि रहे:

  •  चीन के उप विदेश मंत्री  सुन वेइदोंग 
  •  बांग्लादेश के कार्यवाहक विदेश सचिव रूहुल आलम सिद्दीकी 
  •  पाकिस्तान की विदेश सचिव अमना बलोच 
  •  पाकिस्तान के एशिया-प्रशांत विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी इमरान अहमद सिद्दीकी 
  • भारत के लिए रणनीतिक संकेत
  • भारत के लिए यह गठजोड़ एक चिंताजनक रणनीतिक संकेत  है, क्योंकि बांग्लादेश पूर्वोत्तर भारत के लिए भौगोलिक जीवनरेखा है। पाकिस्तान ने नवंबर 2023 से  चटगांव बंदरगाह से अपने जहाज भेजने शुरू किए हैं, जिससे बंगाल की खाड़ी में भारत की उपस्थिति कमजोर पड़ सकती है। भारत और बांग्लादेश के रिश्ते फिलहाल अस्थिर हैं, खासकर प्रधानमंत्री शेख हसीना की विदाई के बाद।
  • बदले समीकरण, बदली दोस्ती
  • सूत्रों के अनुसार,  पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और सेना ने शेख हसीना की सत्ता से विदाई में पर्दे के पीछे से भूमिका निभाई। शेख हसीना के हटते ही चीन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से संपर्क तेज़ किया और अब आर्थिक, सामरिक सहयोग के ज़रिए एक नया गठजोड़ बन चुका है।चीन ने दावा किया कि यह बैठक  किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है। मगर भारत इसे नेबरहुड फर्स्ट नीति पर सीधी चोट मानता है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ चीन की नज़दीकी, भारत के सुरक्षा, व्यापार और भू-राजनीतिक हितों  को कमजोर कर सकती है।
  • भारत को अब पड़ोसी देशों के साथ अपने रिश्तों की  पुनर्समीक्षा करनी होगी, विशेषकर बांग्लादेश के साथ। इस त्रिपक्षीय गठबंधन से यह स्पष्ट हो चुका है कि क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं , बल्कि बंदरगाहों, समुद्रों और आर्थिक नीतियों तक पहुंच चुकी है। कुनमिंग में हुई यह त्रिपक्षीय बैठक केवल कूटनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक नई ध्रुवीयता की शुरुआत  है। भारत को अब अपनी रणनीतिक नीति को नए सिरे से परखना होगा वरना पड़ोस की बिसात पर चीन बाज़ी मार सकता है। 

Continue Reading

Trending