छत्तीसगढ़
2161 करोड़ का शराब-घोटाला…EOW के रडार पर 16 आरोपी
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5 hours agoon
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Divya Akash
इनमें सिंघानिया-बिजलानी और हवाला कारोबारी चावड़ा भी, सिंडिकेट के ठिकानों तक पहुंचाते थे शराब-पैसा और रॉ-मटेरियल
रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच की रफ्तार तेज हो गई है। दिल्ली से शराब कारोबारी विजय भाटिया की गिरफ्तारी के बाद EOW EOW की नजर अब सिंडिकेट के उन 16 आरोपियों पर है, जिन्होंने शराब की आपूर्ति, पैसे के लेनदेन और रॉ-मटेरियल की डिलीवरी में भूमिका निभाई है।
EOW के मुताबिक सिंडिकेट में नामी कारोबारी, प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक और हवाला नेटवर्क से जुड़े चेहरे शामिल हैं। जांच एजेंसी अब इन आरोपियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक शराब सिंडिकेट में शामिल इन लोगों से विजय भाटिया से तगड़े कनेक्शन मिले हैं।
EOW की लिस्ट में सिद्धार्थ सिंघानिया, पीयूष बिजलानी और हवाला कारोबारी दिपेंद्र चावड़ा जैसे कई नामी चेहरे हैं, जिन पर घोटाले के लिए शराब, पैसा और रॉ मटेरियल की लॉजिस्टिक सप्लाई की जिम्मेदारी रही।
राजनीतिक और आर्थिक गठजोड़ हो सकता है उजागर
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी पप्पू बंसल से पूछताछ के बाद अब जांच का दायरा और बड़ा होता जा रहा है। EOW इस महीने के अंत तक आरोपियों के बयान दर्ज कर सकती है। माना जा रहा है कि ये बयान घोटाले के कई और अनदेखे पहलुओं को उजागर कर सकते हैं, जो बड़े राजनीतिक और आर्थिक गठजोड़ की ओर इशारा करेंगे।

शराब कारोबारी विजय भाटिया EOW की रिमांड पर है।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला
A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन
2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन को देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई।
B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना
डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता को तैयार किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई।
खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।
शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिले शॉर्ट लिस्टेड किए गए
शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिलों को चुना गया। शराब खपाने का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में ना चढ़ाने की नसीहत दुकान संचालकों को दी गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई। इसकी एमआरपी सिंडिकेट के सदस्यों ने शुरुआत में प्रति पेटी 2880 रुपए रखी थी। इनकी खपत शुरू हुई, तो सिंडिकेट के सदस्यों ने इसकी कीमत 3840 रुपए कर दी।
डिस्टलरी मालिकों को शराब सप्लाई करने पर शुरुआत में प्रति पेटी 560 रुपए दिया जाता था, जो बाद में 600 रुपए कर दिया गया था। ACB को जांच के दौरान साक्ष्य मिला है कि सिंडिकेट के सदस्यों ने दुकान कर्मचारियों और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 40 लाख पेटी से अधिकारी शराब बेची है।
C: डिस्टलरीज की सप्लाई एरिया को कम/ज्यादा कर अवैध धन उगाही करना
देशी शराब को CSMCL के दुकानों से बिक्री करने के लिए डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को सिंडिकेट ने 8 जोन में विभाजित किया। इन 8 जोन में हर डिस्टलरी का जोन निर्धारित होता था। 2019 में सिंडिकेट की ओर से टेंडर में नई सप्लाई जोन का निर्धारण प्रतिवर्ष कमीशन के आधार पर किया जाने लगा।
एपी त्रिपाठी ने सिंडिकेट को शराब बिक्री का जोन अनुसार विश्लेषण मुहैया कराया था, ताकि क्षेत्र को कम-ज्यादा करके पैसा वसूल किया जा सके। इस प्रक्रिया को करके सिंडिकेट डिस्टलरी से कमीशन लेने लगा। EOW के अधिकारियों को जांच के दौरान साक्ष्य मिले हैं कि तीन वित्तीय वर्ष में देशी शराब की सप्लाई के लिए डिस्टलरीज ने 52 करोड़ रुपए पार्ट C के तौर पर सिंडिकेट को दिया है।
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कोरबा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी आरोही ने जीता मिस छत्तीसगढ़ का खिताब
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3 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
कहा-गरीब प्रतिभाओं को उभारने पर होगा काम
कोरबा। जागृति फाउंडेशन के द्वारा आयोजित सीजी इंडिया सुपर स्टार काम्पीटिशन में आरोही सिंह ने मिस छत्तीसगढ़ का खिताब जीत लिया। वे मिस कैटेगरी में विजेता रही। उन्होंने कहा है कि आगामी दिनों में गरीब प्रतिभाओं को उभारने के लिए काम किया जाएगा।
प्रेस क्लब तिलक भवन में आहूत पत्रवार्ता में आरोही ने बताया कि काफी समय से वह मॉडलिंग के क्षेत्र में सक्रिय है और अब तक कई पुरस्कार जीत चुकी है। अब उन्होंने मिस छत्तीसगढ़ का खिताब प्राप्त किया है। आरोही ने बताया कि उनकी माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। वे स्लम बस्ती से वास्ता रखने के बावजूद अपने टैलेंट के बलौलत आगे बढ़ रही है। आगामी समय में गरीब, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर की प्रतिभाओं के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ के बच्चों के लिए उनका संदेश है कि वे दूसरों की प्रतिक्रियाओं पर ध्यान न देते हुए अपना काम करें। उनकी ऐसी ही कोशिश से सफलता प्राप्त होगी और फिर आपको एक अलग पहचान मिलेगी पत्रकार वार्ता में विनर और रनर मिस आरोही के आलवा मिस इशिका मिस छत्तीसगढ़ टीन इंडिया,मिस मुनमुन सिंह व अंजू कुर्रे डायरेक्टर उपस्थित थे
कोरबा
कोरबा पुलिस की कार्यवाही : 1.7 टन अवैध कबाड़ जप्त के विरुद्ध
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3 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
कोरबा । पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीतीश ठाकुर, नगर पुलिस अधीक्षक रविन्द्र कुमार मीणा एवं नगर पुलिस अधीक्षक दर्री विमल कुमार पाठक के निर्देशन में अवैध कबाड़ के विरुद्ध लगातार कारवाही की जा रही है।
07/06/2025 को थाना दीपका पुलिस को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि मलगांव क्षेत्र में कुछ अज्ञात व्यक्ति चोरी के लोहे के सरिया, रॉड एवं अन्य कबाड़ को पिकअप, ऑटो एवं अन्य वाहनों से परिवहन कर रहे हैं। प्राप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मलगांव में दबिश दी गई, जहाँ पाँच वाहनों से बड़ी मात्रा में अवैध कबाड़ बरामद किया गया। इस संबंध में चार आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए थाना दीपका में इस्तगासा क्रमांक 08-11/2025 धारा 106 बीएनएसएस के तहत मामला पंजीबद्ध कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
जप्त संपत्ति का विवरण:
- ऑटो क्रमांक CG 12 S 4328 – लगभग 300 किलोग्राम लोहे का सरिया
- टाटा एस क्रमांक CG 12 S 2328 – लगभग 400 किलोग्राम लोहे का सरिया
- टाटा एस क्रमांक CG 12 BM 5032 – लगभग 600 किलोग्राम लोहे का सरिया
- पिकअप क्रमांक CG 12 BG 1958 – लगभग 400 किलोग्राम लोहे का सरिया
- टाटा एस क्रमांक CG 12 BK 8946 – 2 नग ऑक्सीजन सिलेंडर, 1 नग एलपीजी सिलेंडर, कटिंग सेट, होस पाइप, नोजल एवं हैंड कटिंग उपकरण
➡️ कुल जप्त कबाड़: लगभग 1.7 टन
गिरफ्तार आरोपी:
- विकास राय, पिता – स्व. राजकुमार राय, उम्र – 21 वर्ष, पता – सर्वमंगला रोड, थाना कोतवाली, कोरबा
- बाबा प्रसाद, पिता – कृष्ण गोपाल नामदेव, उम्र – 27 वर्ष, पता – सर्वमंगला रोड, थाना कोतवाली, कोरबा
- नंद नायडू, पिता – राजू नायडू, उम्र – 25 वर्ष, पता – सर्वमंगला रोड, थाना कोतवाली, कोरबा
- बलराम यादव, पिता – स्व. रामधन यादव, उम्र – 37 वर्ष, पता – रामसागर पारा, थाना कोतवाली, कोरबा
कोरबा
मादक पदार्थों का समाज पर पड़ता है दूरगामी दुष्प्रभाव,इसकी रोकथाम के लिए करें सख्त कार्यवाही -कलेक्टर
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3 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
सभी मेडिकल दुकानों, पेट्रोल टंकी और मदिरा दुकानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के दिए निर्देश
मादक पदार्थ बेचने वालों को किया जाएं चिन्हित-एसपी
निगम,राजस्व, पुलिस सहित स्वास्थ्य विभाग समन्वय से करें कार्यवाही
नारकोटिक्स को-आर्डिनेशन की हुई बैठक
कोरबा। जिले में अवैध मादक,नशीले पदार्थों की बिक्री और ड्रग तस्करी की रोकथाम के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। नारकोटिक्स को-आर्डिनेशन की बैठक में कलेक्टर अजीत वसंत और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने जिले में मादक पदार्थों की उपलब्धता, उपयोग,और बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि मादक पदार्थों का समाज पर दूरगामी दुष्प्रभाव पड़ता है। मादक पदार्थों के उपयोग,बिक्री पर रोक लगाने के लिए विभागों के द्वारा लगातार छापामार कार्यवाही की जाए, तथा संबंधितों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
उन्होंने निर्देशित किया कि शैक्षणिक संस्थानों के आस पास तथा प्रतिबंधित क्षेत्रों में तंबाकू, सिगरेट सहित अन्य मादक सामग्री किसी भी स्थिति में न बेची जाएं और अवैध शराब, गांजा ,नशीले इंजेक्शन, टेबलेट आदि वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए राजस्व, पुलिस, नगर निगम तथा स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी आपस में समन्वय कर संयुक्त कार्यवाही करें। कलेक्टर अजीत कुमार वसंत ने नारकोटिक्स को-आर्डिनेशन की बैठक में में निर्देश दिए कि सभी मेडिकल दुकानों, पेट्रोल टंकी और मदिरा दुकानों के भीतर और बाहर कम से कम दो सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं, ताकि गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
कलेक्टर श्री वसंत ने निर्देशित किया कि डॉक्टर के बिना प्रिस्क्रिप्शन के नींद की दवाएं बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि किसी दुकान में अवैध मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त होती पाई गई, तो उसका गुमास्ता लाइसेंस निरस्त कर नियमानुसार दुकान को सील कर आवश्यक कार्यवाही की जाए। ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस संबंध में सख्त कार्रवाई करें, दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी करें, जुर्माना लगाएं और आवश्यकतानुसार पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराएं।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि खाद्य एवं औषधि विभाग, नगर निगम, पुलिस, समाज कल्याण, शिक्षा, आदिवासी विकास, स्वास्थ्य और आबकारी विभाग मिलकर समन्वित अभियान चलाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभागों के द्वारा अवैध मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए की जा रही कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट प्रतिमाह कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करें।
इसके अलावा, जिले में शैक्षिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में मादक और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लागू करने के निर्देश दिए गए। जिले में अवैध मादक पदार्थों और नशीली दवाओं की खरीद-फरोख्त पर सतत निगरानी रखते हुए सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
बैठक में प्रभारी कमिश्नर,नगर निगम एडिशनल एसपी,अपर कलेक्टर को मनोज कुमार,सीएमएचओ डॉ एस एन केशरी, सभी एसडीएम,एसडीओपी, तहसीलदार थाना प्रभारी, सहित सभी संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संबंध में बैठक हुई
कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संबंध में कलेक्ट्रेट के नवीन सभा कक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक सिद्वार्थ तिवारी, अपर कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जेल अधीक्षक, लीड बैंक मैनेजर एवं उपसंचालक अभियोजन, लोक अभियोजक, अतिरिक्त लोक अभियोजक बैठक में उपस्थित रहे। बैठक में नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संबंध में कलेक्टर वसंत द्वारा विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये-
जिला कोरबा अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग में अन्य जिलों से स्थानांतरण पर आये डॉक्टर्स एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को माननीय न्यायालय के अनुमति से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से साक्ष्य के लिए उपस्थिति होने हेतु निर्देशित किया गया। तत्संबंध में सभी डॉक्टर को सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं बैंकर्स को वीडियो कान्फ्रेसिंग कक्ष स्थापित कर प्रारंभ करने के लिए निर्देशित किया गया।


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