रायपुर ,एजेंसी। महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर विकास छापरिया के करीबी ब्रोकर गोविंद केडिया से ED लगातार पूछताछ कर रही है। गोविंद स्टॉक पोर्टफोलियो फर्म का मालिक है। केडिया पर सट्टे की रकम को शेयर बाजार में लगाने का आरोप है। ED ने गोविंद केडिया के नाम से डीमैट होल्डिंग्स में 160 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की है।
गोविंद केडिया पर परफेक्ट प्लान इन्वेस्टमेंट्स (एलएलपी), एक्जिम जनरल ट्रेडिंग एफजेडसीओ और टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस एलएलसी जैसी कंपनियों के जरिए सट्टे की अवैध कमाई को निवेश करने का आरोप है। वहीं पैसों को छिपाने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) का इस्तेमाल किया।
विकास छपरिया के कहने पर गोविंद केडिया ने शेयर बाजार में सट्टे की कमाई को निवेश किया। इन निवेशों से होने वाले लाभ और हानि को कथित तौर पर 75:25 के अनुपात में बांटा गया था। जिसमें गोविंद केडिया ने कुल निवेश के केवल 25% पर ब्याज लिया था। पिछले साल ED ने गोविंद केडिया के ठिकानों पर छापेमारी कर 18 लाख रुपये कैश और 13 करोड़ रुपए के सोने के ज्वेलरी जब्त की थी।
गोविंद केडिया और विकास छापरिया की पार्टनरशिप फर्म
इससे पहले भी जांच के दौरान ED ने 236.3 करोड़ रुपये के नगद डेरिवेटिव और सुरक्षा होल्डिंग्स को फ्रीज कर दिया था, जो विकास छपरिया से संबिधत कंपनियां थी। ED ने जांच में पाया कि गोविंद केडिया की शेल कंपनी मेसर्स लैक्सिस रेजीडेंसी एलएलपी जो विकास छपरिया की पार्टनशिप फर्म थी और एक अन्य महादेव सट्टा एक के आरोपी नितिन टिबरेवाल से जुड़ी थी।
नितिन टिबरेवाल की मदद करने में गोविंद केडिया की भूमिका अहम
जांच में पाया गया है कि गोविंद केडिया का नाम टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस लिमिटेड के शेयर होल्डर नितिन टिबरेवाल से भी जुड़ा है। नितिन टिबरेवाल पर महादेव ऑनलाइन बुक सिंडिकेट के लिए कंपनी का इस्तेमाल करने का आरोप है।
ईडी का दावा है कि टिबरेवाल ने अवैध सट्टेबाजी संचालन से होने वाली आय को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के माध्यम से शेयर बाजार में लगाया, जिससे शेयर ट्रेडिंग के माध्यम से करोड़ों रुपये के काले धन को वैध संपत्ति में बदला गया। नितिन टिबरेवाल की मदद करने में गोविंद केडिया की भूमिका अहम रही ।
बुधवार को अगली पेशी
गोविंद केडिया की 5 दिनों की कस्टोडियल रिमांड पूरी होने के बाद ED की टीम उसे रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश करेंगी। जहां ED फिर से रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है। वहीं इस मामले में और भी कई खुलासे हो सकते हैं।
388 करोड़ की संपत्ति कुर्क
इससे पहले ईडी ,रायपुर जोनल ऑफिस ने महादेव सट्टा ऐप मामले में 387.99 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया था। गौरतलब है कि इस केस में फरार चल रहे आरोपी हरि शंकर टिबरेवाल से संबंधित मॉरीशस स्थित कंपनी मेसर्स टानो इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज द्वारा FPI and FDI में निवेश किया गया।
साथ ही छत्तीसगढ़, मुंबई और मध्य प्रदेश में स्थित प्रमोटर्स के नाम पर कई अचल संपत्ति खरीदी गई और उनका इन्वेस्टमेंट किया गया है। इस मामले में अब तक प्रवर्तन निदेशालय ने महादेव ऑनलाइन बुक मामले में जुड़े कई सट्टेबाज, वेबसाइट पैनल ऑपरेटर, प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों की 2295.61 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है।