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भारत में FDI का ऐतिहासिक उछाल, 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा निवेश

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मुंबई ,एजेंसी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के बजट में भारत को अगले पांच साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा था जिस पर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए थे। हालांकि अब यह सपना हकीकत के करीब पहुंचता हुआ नजर आ रहा है। अप्रैल 2000 के बाद से भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

FDI में बढ़ोतरी का असर

इस उपलब्धि को 2023 के पहले छमाही के दौरान एफडीआई में लगभग 26% की बढ़ोतरी से बल मिला है। वर्तमान वित्त वर्ष में एफडीआई 42.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह वृद्धि भारत को वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में एक प्रमुख स्थान दिला रही है जो सक्रिय नीति ढांचे गतिशील कारोबारी माहौल और बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता से प्रेरित है।

FDI ने भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह न केवल गैर-ऋण वित्तीय संसाधन प्रदान करता है, बल्कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को भी बढ़ावा देता है और रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है। “मेक इन इंडिया”, “उदार क्षेत्रीय नीतियां”, और “जीएसटी” जैसी पहलों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। इसके अलावा, प्रतिस्पर्धी श्रम लागत और रणनीतिक प्रोत्साहन ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित किया है।

अतीत में FDI की स्थिति

अप्रैल 2014 से सितंबर 2024 तक कुल एफडीआई इनफ्लो $709.84 बिलियन रहा जो पिछले 24 वर्षों में कुल एफडीआई का 68.69% है। यह मजबूत निवेश भारत की वैश्विक आर्थिक भूमिका को और सुदृढ़ करता है।

FDI से मिले अन्य लाभ

– कंपटीशन और इनोवेशन:

भारत ने वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक सूचकांक 2024 में 43वें से तीन पायदान ऊपर चढ़कर 40वें स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत की है। साथ ही भारत ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2023 में 81वां स्थान हासिल किया है जो 2015 में भारत की स्थिति से एक महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है। यह रैंकिंग देश के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बेहतर करने में उसकी प्रगति को दिखाती है।

– वैश्विक निवेश स्थिति

भारत ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में तीसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना है जिसमें 1,008 परियोजना घोषणाएं हुईं। इसके अलावा भारत में अंतर्राष्ट्रीय परियोजना वित्तीय सौदों की संख्या में 64% की वृद्धि हुई जिससे यह दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया। ये आंकड़े भारत की बढ़ती वैश्विक प्रमुखता को दिखाते हैं।

– कारोबारी माहौल में सुधार

भारत ने अपने कारोबारी माहौल को सुधारने में उल्लेखनीय प्रगति की है। विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में 2014 में भारत 142वें स्थान पर था जो 2020 में बढ़कर 63वें स्थान पर पहुंच गया। यह सुधार नियमों को सरल बनाने नौकरशाही बाधाओं को कम करने और निवेशकों के लिए एक अधिक व्यापार-अनुकूल वातावरण बनाने के परिणामस्वरूप हुआ।

– नीतियों में सुधार

सरकार ने एफडीआई को प्रोत्साहन देने के लिए एक निवेशक-अनुकूल नीति बनाई है। अब अधिकांश क्षेत्र स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई के लिए खुले हैं सिवाय कुछ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों के। इसके साथ ही स्टार्टअप्स और विदेशी निवेशकों के लिए कर अनुपालन को सरल बनाने के उद्देश्य से आयकर अधिनियम 1961 में 2024 में संशोधन किया गया है जिसमें एंजेल टैक्स को खत्म किया गया और विदेशी कंपनियों की आय पर आयकर दर को घटाया गया है।

बता दें कि भारत में एफडीआई का यह ऐतिहासिक वृद्धि देश की बढ़ती आर्थिक शक्ति और वैश्विक निवेश के लिए आकर्षण को दर्शाती है। यह निवेश न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है बल्कि देश को वैश्विक मंच पर भी एक प्रमुख स्थान दिला रहा है।

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भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट

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नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।

भारत के वनावरण में बढ़ोतरी

भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।

कार्बन अवशोषण में वृद्धि

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

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PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान:ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले पहले भारतीय PM; अब तक 20 देश कर चुके सम्मानित

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कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल ​​​​​​अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।

वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-

कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।

इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।

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खड़गे बोले- चुनाव नियम बदलना सरकार की सोची-समझी साजिश:यह EC की आजादी पर हमला; केंद्र ने कहा था- पोलिंग बूथ के फुटेज सार्वजनिक नहीं होंगे

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नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।

रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।

जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।

अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।

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