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Good News: निर्मला सीतारमण ने PPF खाताधारकों को दी बड़ी राहत, अब यह चीज़ बदलने पर नहीं लगेगा कोई शुल्क

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नई दिल्ली ,एजेंसी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) खाताधारकों के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब PPF खातों में नामांकन (नॉमिनी) बदलने या अपडेट करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह बदलाव हाल ही में वित्तीय संस्थानों द्वारा इस प्रक्रिया के लिए शुल्क वसूलने की शिकायतों के बाद किया गया है। सरकार ने इस बदलाव को लागू करने के लिए गवर्नमेंट सेविंग्स प्रमोशन जनरल रूल्स 2018 में संशोधन किया है और इसकी अधिसूचना 2 अप्रैल 2025 को जारी की गई है।

क्या है PPF?

PPF एक बेहद लोकप्रिय छोटी बचत योजना है जो विशेष रूप से सुरक्षित निवेश की तलाश करने वाले लोगों के बीच प्रचलित है। 2024 तक भारत में PPF के 7 करोड़ से अधिक सक्रिय खाते हैं और इन खातों में जमा राशि 8 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है। पहले PPF खातों में नामांकन बदलने या अपडेट करने पर 50 रुपये का शुल्क लिया जाता था लेकिन अब इसे पूरी तरह से हटा दिया गया है। गजट नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि गवर्नमेंट सेविंग्स प्रमोशन जनरल रूल्स 2018 की शेड्यूल II में “नामांकन रद्द करने या बदलने” के लिए शुल्क अब लागू नहीं होगा। यह संशोधन 2 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गया है।

नॉमिनी की संख्या भी बढ़ाई गई

इसके साथ ही बैंकिंग संशोधन विधेयक 2025 के तहत खाताधारकों के लिए एक और राहत आई है। अब बैंक खातों, सुरक्षित रखी वस्तुओं और सेफ्टी लॉकर्स के लिए एक साथ चार नॉमिनी नियुक्त किए जा सकते हैं। इससे खाताधारकों को अपनी संपत्ति के प्रबंधन में अधिक लचीलापन मिलेगा और परिवार के विभिन्न सदस्य भी नामांकित हो सकेंगे। यह बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अनावश्यक शुल्कों पर सवाल उठाए जाने के बाद किया गया है।

वित्तीय समावेशन को मिलेगा बढ़ावा

इस कदम को वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के PPF खाताधारकों के लिए जो अक्सर छोटे-छोटे शुल्कों से परेशान होते हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस फैसले से PPF खाताधारक हर साल नामांकन से जुड़े शुल्कों पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की बचत कर सकेंगे। यह 2019 के बाद PPF नियमों में किया गया पहला बड़ा बदलाव है जब खाते की अवधि को और लचीला बनाया गया था।

शुल्कों की आलोचना के बाद उठाया गया कदम

2024 में एक संसदीय रिपोर्ट में छोटी बचत योजनाओं पर लगाए गए शोषणकारी शुल्कों की आलोचना की गई थी जिसके बाद यह अहम कदम उठाया गया। साथ ही बैंकिंग संशोधन विधेयक 2025 ने भी जमा करने वालों के अधिकारों को मजबूत किया है क्योंकि 2024 में नामांकन के कुप्रबंधन से जुड़ी 15,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई थीं।

सरकार का कदम भरोसा और पारदर्शिता को देगा बढ़ावा 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह फैसला न केवल PPF खाताधारकों के लिए राहत लेकर आया है बल्कि वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास को भी बढ़ाने में मदद करेगा। इस निर्णय से PPF जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश को और अधिक आकर्षक बनाया जाएगा और यह निवेशकों के बीच बेहतर विश्वास और संतुष्टि पैदा करेगा।

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कोरबा

कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी गेवरा खदान के व्यू प्वाइंट तक पहुंचे, कोयला उत्खनन पर जोर

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0 कोरबा पहुंचने पर सीएमडी सहित अधिकारियों ने किया स्वागत
कोरबा/ गेवरा। केन्द्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी एसईसीएल की गेवरा खदान पहुंचे और व्यू प्वाइंट से खनन गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से खनन गतिविधियों की जानकारी ली और अधिक से अधिक उत्खनन और परिवहन पर जोर देने अधिकारियों को निर्देशित किया।


इसके पूर्व गेवरा पहुंचने पर सीएमडी हरीश दुहन सहित एसईसीएल के अधिकारियों ने श्री रेड्डी का स्वागत किया। इस अवसर पर भाजपा नेताओं ने भी श्री रेड्डी का भव्य स्वागत किया।
कामगारों से किया सीधा संवाद


गेवरा खदान पहुंचने के बाद कोयला मंत्री सबसे पहले कामगारों से मिले और उनसे सीधा संवाद किया और समस्याओं के बारे में जानकारी ली। व्यू प्वाइंट पहुंचने पर वे कामगारों को सम्मानित भी किया। उसके बाद शोवेल-शावेल आपरेटरों से मिले और उनके साथ केबिन में बैठकर मशीन का संचालन देखा और समझा।
सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर


कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने सर्फेस माइनर का आपरेशन देखा और सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर दिया। उन्होंने कोयला उत्खनन, लोडिंग एवं परिवहन बढ़ाने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य हो कि बीते वित्तीय सत्र में एसईसीएल ने अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया और एसईसीएल गेवरा खदान के विस्तार के लिए भू अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी ना आने के कारण एसईसीएल गेवरा खदान में प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है और भू विस्थापितों का आक्रोश प्रबंधन को झेलना पड़ रहा है। कोयला मंत्री के आगमन के पूर्व सीएमडी हरीश दुहन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी मिले और भू अधिग्रहण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने सहयोग कर चर्चा भी की।


लक्ष्य हासिल न होने के कारण कोयला मंत्री ने इसे संज्ञान में लिया और स्वयं खदान का निरीक्षण करने और अधिकारियों-कामगारों में जोश भरने दीपका पहुंचे और गेवरा खदान के व्यू प्वाइंट में पहुंचकर प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया।

एसईसीएल के सुरक्षा अधिकारियों ने कोयला मंत्री किशन रेड्डी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया

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डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति -Gold Price में ऐतिहासिक छलांग, क्या ₹55,000 तक आएगी कीमत? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

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मुंबई,एजेंसी। डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के बाद निवेशकों का रुख गोल्ड की ओर बढ़ गया है। चीन पर 125% टैरिफ बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर की आशंका गहरा गई है। ऐसे में निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प की तलाश में सोने की खरीदारी तेज कर दी है, जिसके चलते 9 अप्रैल को इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमतों में रिकॉर्डतोड़ उछाल दर्ज किया गया। केवल एक दिन में सोने की कीमतों में $100 से अधिक की छलांग देखी गई, जो अब तक की सबसे बड़ी तेजी मानी जा रही है।

बुधवार रात गोल्ड यूएसडी 3 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था और अब सवा प्रतिशत की तेजी के साथ 3124 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था।

क्या है तेजी के पीछे की वजह?

अमेरिका द्वारा चीन पर कड़ा टैरिफ लगाने और अन्य देशों को अस्थायी राहत देने से बाजार में अनिश्चितता का माहौल बन गया है। निवेशक जोखिम भरे एसेट्स से हटकर गोल्ड जैसे सेफ हेवन में निवेश बढ़ा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि इंटरनेशनल मार्केट में स्पॉट गोल्ड 0.2% बढ़कर $3,089.17 प्रति औंस पर पहुंच गया है।

घरेलू बाजार में भी गोल्ड का दम

भारत के कई शहरों में सोने की कीमत 90,400 रुपए प्रति 10 ग्राम से ऊपर पहुंच चुकी है। ये तेजी ऐसे समय में आई है जब बीते पांच दिनों से गोल्ड में गिरावट का दौर था।

क्या सच में गिरकर ₹55,000 पर आएगा गोल्ड?

हालांकि मौजूदा तेजी के बीच कुछ विश्लेषक आने वाले वर्षों में गोल्ड में बड़ी गिरावट की संभावना जता रहे हैं। अमेरिका स्थित मॉर्निंगस्टार के एनालिस्ट जॉन मिल्स के मुताबिक, सप्लाई बढ़ने, डिमांड घटने और ऊंची कीमतों की वजह से गोल्ड में 38% तक गिरावट आ सकती है। ऐसे में भारत में सोने का रेट ₹55,000 प्रति 10 ग्राम तक लुढ़क सकता है।

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कोरबा

भारतमाला प्रोजेक्ट…11 जिलों में भ्रष्टाचार की जांच करेगी EOW:किसानों की जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में धांधली की शिकायत; इनमें कई अफसरों के नाम

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रायपुर, एजेंसी। भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में घोटाले की जांच EOW करेगी। छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में भू-अर्जन की प्रक्रिया में अनियमितताएं पाए जाने के बाद जांच का दायरा बढ़ाया गया है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने सभी संभाग कमिश्नर को लेटर लिखा है। 15 दिन में इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। जिन जिलों से भारत माला प्रोजेक्ट होकर गुजर रहा है, उन सभी जिलों में मुआवजा और अधिग्रहण की जांच होगी।

रायपुर से विशाखापट्टनम तक हाईवे बनना है इसमें जमीन मुआवजे को लेकर गड़बड़ी की बात सामने आई है।

रायपुर से विशाखापट्टनम तक हाईवे बनना है इसमें जमीन मुआवजे को लेकर गड़बड़ी की बात सामने आई है।

पहले जानिए क्या है भारतमाला परियोजना?

भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं जो भारत सरकार की है। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरे हैं। इसी के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक करीब 463 किमी लंबी नई फोरलेन सड़क बनाई जा रही है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र जारी किया है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र जारी किया है।

अब जानिए घोटाले को लेकर क्या है शिकायत?

रायपुर से विशाखापट्टनम 463 किमी सड़क बन रही है इसमें छत्तीसगढ़ में 124 किमी सड़क 3 कंपनियां बना रही हैं। यह सड़क नवा रायपुर से भी होकर गुजरेगी। इसलिए यहां सड़क के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे का घोटाला सामने आया है।

छत्तीसगढ़ के अवर सचिव को 8 अगस्त 2022 को धमतरी निवासी शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू और हेमंत देवांगन ने शिकायत की थी। बताया गया कि, अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बांटने के नाम पर अधिकारियों ने पैसों का बंदरबांट किया। उनकी जमीन का खसरा बदल दिया गया। पूर्व खसरे पर उस राशि का भुगतान दिख रहा है।

एसडीएम, नायब तहसीलदार और पटवारी से इसकी शिकायत की है, लेकिन वो समाधान नहीं कर रहे हैं। इन अफसरों ने दस्तावेजों में हेर-फेर कर भू-माफियाओं की मदद से शासन के पैसों का दुरुपयोग किया है।

अधिग्रहण नियम क्या है?

अधिग्रहण नियमों के अनुसार, गांवों में 500 वर्गमीटर से कम जमीन है तो उसका मुआवजा ज्यादा मिलता है। जमीन 500 वर्गमीटर से ज्यादा है तो पैसा कम मिलता है। उदाहरण के तौर पर एक एकड़ जमीन का मुआवजा 20 लाख होगा। इसे टुकडों में बांटकर 500 वर्गमीटर से कम कर दिया जाए तो मुआवजा 1 करोड़ हो जाएगा।

इन 11 जिलों में होगी जांच

  1. रायपुर
  2. धमतरी
  3. कांकेर
  4. कोंडागांव
  5. कोरबा
  6. रायगढ़
  7. जशपुर
  8. राजनांदगांव
  9. दुर्ग
  10. बिलासपुर
  11. जांजगीर-चांपा
  12. EOW ने मांगी पिछली जांच रिपोर्ट
    रायपुर जिले में जांच के बाद प्रदेश के 11 जिलों में गड़बड़ी सामने आई है। अधिकारियों की तरफ से फर्जी नामांतरण, बंटवारा और अधिक मुआवजा बांटने की शिकायत है। इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेकर राजस्व विभाग ने जांच का दायरा बढ़ाया।
    भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच EOW को सौंपने का फैसला कैबिनेट में लिया गया था। अब इस पूरे मामले में EOW के अधिकारी जांच में जुट गए हैं। वहीं, राजस्व विभाग से पूर्व में की गई जांच की रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में EOW घोटाले में शामिल अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
    सीबीआई से भी की गई शिकायत
    स्वामी बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के संचालक नरेंद्र पारख ने बताया कि, अभनपुर के उरला गांव नहर के पास उनकी 88 डिसमिल जमीन है। इसमें 39 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण एनएचएआई ने किया है। भुगतान पत्रक में 1.36 करोड़ का मुआवजा बना। लेकिन इनकी जमीन का मुआवजा किसी हृदय लाल गिलहरे के नाम पर कर दिया गया।
    उसने बैंक से पूरा पैसा निकालकर खाता बंद कर दिया है। उन्होंने इसकी शिकायत सीबीआई में की गई है। अमित पाण्डेय ने बताया कि, उनके पास 1.80 लाख स्क्वायर फीट जमीन थी। उन्हें 29 करोड़ मुआवजा मिलना था, लेकिन 17 करोड़ ही मिले। बाकी 12 करोड़ कहां गए उन्हें पता नहीं।



  13. ननकी राम कंवर ने पिछले साल पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
    ननकी राम कंवर ने पिछले साल पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
    पूर्व गृहमंत्री ने लिखी थी पीएम को चिट्‌ठी
    मुआवजा घोटाले में रिव नाम के व्यक्ति की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। इसकी शिकायत बीजेपी नेता ननकीराम कंवर ने पत्र लिखकर 28 नवंबर 2024 को पीएम मोदी से की थी।
    चिट्‌ठी में मुआवजा घोटाले में शामिल अफसरों का नाम लिखा था और प्रोजेक्ट की जानकारी भू-माफियाओं को लीक करने की बात भी लिखी थी। इसमें जिन अफसरों का नाम लिखा हुआ था, उनमें से कई अफसर अभी भी जांच के दायरे के बाहर है।
  14. कई अफसर जांच के दायरे में

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