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वक्फ कानून पर बंगाल में हिंसा:TMC सांसद यूसुफ पठान ने चाय पीते फोटो पोस्ट की, भाजपा बोली- हिंदुओं के कत्लेआम का मजा ले रहे
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2 months agoon
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Divya Akash
मुर्शिदाबाद,एजेंसी। वक्फ कानून के विरोध में शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। वाहनों को आग लगाई और दुकानों-घरों में तोड़फोड़ कर लूट भी की गई। अबतक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। 15 पुलिसकर्मी घायल हैं। 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं। 300 के करीब BSF जवान हैं। कुल 21 कंपनियां की तैनात की गई हैं। हिंसाग्रस्त वाले इलाकों में इंटरनेट बैन है। धारा 144 भी लागू है। राज्य में वक्फ कानून के विरोध में 10 अप्रैल से हिंसा जारी है।
इस बीच TMC सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने चाय पीते हुए पोस्ट शेयर की, जिसपर विवाद हो रहा है। BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा- बंगाल जल रहा है। पुलिस चुप है। इन सबके बीच सांसद यूसुफ पठान चाय की चुस्की लेते हुए हिंदुओं के कत्लेआम के पल का आनंद ले रहे हैं।

इधर, नए वक्फ कानून को लेकर दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की कार्यकारी समिति की बैठक शुरू हो गई है। वहीं AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आज कहा- वक्फ कानून असंवैधानिक है। BJP वक्फ बोर्ड पर कब्जा करना चाहती है। वक्फ कानून से किसी की भलाई नहीं होगी।
सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की
पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें केंद्रीय बल की तैनाती और हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए।
जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा- हम उन रिपोर्ट्स पर आंखें मूंद नहीं सकते जो सामने आई हैं। इनमें राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाई देती है। मुर्शिदाबाद के अलावा जहां भी हिंसा नजर आती है, वहां केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की जाए।
हाईकोर्ट ने कहा- हम आंखें नहीं मूंद सकते
कोलकाता हाईकोर्ट ने शनिवार को मुर्शिदाबाद में तुरंत केंद्रीय बल तैनात करने का आदेश दिया है। इस दौरान कोर्ट ने कहा- ‘हम आंखें बंद नहीं कर सकते। संवैधानिक अदालतें मूकदर्शक नहीं बन सकतीं। जब लोगों की सुरक्षा खतरे में हो तो तकनीकी बचाव में उलझे नहीं रह सकते। ऐसा लगता है कि समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए। प्रत्येक नागरिक को जीवन का अधिकार है। यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक नागरिक का जीवन और संपत्ति सुरक्षित रहे।’
केंद्रीय गृह सचिव ने मुख्य सचिव-डीजीपी से की बात
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने जल्द से जल्द सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा।
ADG (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया- आज (शनिवार) की घटना का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है। पुलिस की ओर से गोली नहीं चली है, BSF की ओर से हो सकता है। ये शुरुआती जानकारी है। घायल खतरे से बाहर है।
ममता बोलीं- दंगा न करें, सबकी जान कीमती
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा- वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। कानून केंद्र ने बनाया है, इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र से मांगा जाना चाहिए। मेरी अपील है कि शांत रहें। सबकी जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं।
मुर्शिदाबाद, मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में 11 अप्रैल को हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी थी और पुलिस पर पथराव किया था। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम भी फेंके गए थे। इस दौरान 10 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
हालात काबू करने के लिए पुलिस ने चार राउंड फायरिंग की थी। गोलीबारी में दो लोग घायल हुए थे। दोनों का इलाज जारी है।
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प्लेन क्रैश में बचे इकलौते यात्री से मिले PM मोदी:10 मिनट बातचीत की; पैसेंजर रमेश बोला- दरवाजा टूटा और मैं सीट समेत नीचे गिर गया
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8 hours agoon
June 13, 2025By
Divya Akash
अहमदाबाद, एजेंसी। अहमदाबाद प्लेन हादसे में जिंदा बचे इकलौते यात्री रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। शायद दरवाजा टूटा और सीट समेत नीचे गिर गया। मुझे कुछ याद नहीं था।
रमेश कुमार अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। PM मोदी ने शुक्रवार को उनसे मुलाकात की और हालचाल जाना। दोनों के बीच करीब 10 मिनट बातचीत हुई।
इसके बाद रमेश ने DD न्यूज से बातचीत में कहा, PM ने उनका हालचाल जाना और पूछा कि हादसा कैसे हुआ। रमेश प्लेन की 11A सीट पर बैठे थे। हादसे के बाद वे घटनास्थल से खुद पैदल चलकर बाहर निकले।

पीएम मोदी ने विश्वास से करीब 5 मिनट बात की।
रमेश ने कहा- मुझे विश्वास नहीं होता, मैं कैसे जिंदा बचा
सवाल: हादसा कैसे हुआ? जवाब: सब कुछ मेरे सामने हुआ। मुझे पता नहीं कैसे यह हुआ। मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। थोड़े वक्त के लिए लगा था कि मैं भी मरने वाला हूं। मेरी आंख खुली तो लगा कि मैं जिंदा हूं। मैंने सोचा मैं यहां से निकल सकता हूं और मैं निकल गया। सवाल: फ्लाइट के टेक ऑफ होते ही क्या हुआ? जवाब: टेक ऑफ होते ही पांच-दस सेकेंड के अंदर लगा कि स्टाप हो गया हो है। बाद में ग्रीन और व्हाइट लाइट ऑन हो गई। फिर जैसे ही स्पीड बढ़ाई। उसी समय गिर गया और धमाका हो गया। सवाल: जब फ्लाइट हॉस्टल पर गिरी तभी आप बाहर निकले थे। जवाब: मेरी सीट प्लेन के जिस हिस्से में थी, वो बिल्डिंग के निचले हिस्से से टकराया होगा। ऊपर के हिस्से में आग लग गई थी, कई लोग वहीं फंसे गए। शायद मैं सीट समेत नीचे गिर गया था। मैं जैसे-तैसे निकल पाया। दरवाजा टूट गया था और सामने कुछ खाली जगह दिखी, तो निकलने की कोशिश की। दूसरी साइड पर दीवार थी, वहां से शायद कोई नहीं निकल सका। आंखों के सामने ही दो एयर होस्टेस, एक अंकल-आंटी और सब कुछ जल रहा था। सवाल: आप पैदल चलकर आए वहां से। जवाब: हां।

प्लेन हादसे के बाद रमेश विश्वास कुमार घटनास्थल से खुद ही पैदल चलकर बाहर आए थे।

अस्पताल में भर्ती रमेश विश्वास कुमार। उन्हें चेहरे और शरीर पर जख्म आए हैं।
विमान में 242 लोग सवार थे, 241 की जान चली गई एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन) अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। गुरुवार दोपहर 1.40 बजे क्रैश हो गई। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। एक यात्री जिंदा बचा है। 240 लोगों की मौत हुई है।
प्लेन जिस बिल्डिंग से टकराया, वहां अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते हैं। जानकारी के मुताबिक हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे, इनमें 15 से ज्यादा घायल हो गए हैं। हादसे की जगह से मिले ज्यादातर शव पूरी तरह से झुलस गए।

रमेश विश्वास कुमार का टिकट, वे 11A नंबर की सीट पर बैठे थे।
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3th Grade शिक्षकों के नहीं होंगे तबादले, बना हुआ सस्पेंस!, सरकार से पूछ रहे सवाल
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9 hours agoon
June 13, 2025By
Divya Akash
जयपुर, एजेंसी। राजस्थान में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के तबादलों को लेकर एक बार फिर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सरकार की ओर से तबादलों पर से आधिकारिक रूप से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है, लेकिन शिक्षा विभाग ने कई श्रेणियों के कर्मचारियों के तबादलों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। खास बात यह है कि तृतीय श्रेणी (Third Grade) के शिक्षकों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है, जिससे उनमें जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने भाजपा विधायकों को एक विशेष प्रोफॉर्मा भेजा है, जिसमें प्राचार्य, उप प्राचार्य, व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी शिक्षक, कनिष्ठ लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों के लिए 70-70 नाम मांगे गए हैं। ये नाम सीधे शिक्षा मंत्री को ईमेल के माध्यम से भेजने को कहा गया है।
वहीं करौली जिले के सपोटरा विधायक हंसराज बालौती ने सोशल मीडिया के जरिए तृतीय श्रेणी शिक्षकों को छोड़कर अन्य सभी ग्रेड के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल उन्हीं कर्मचारियों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे जो सपोटरा विधानसभा में स्थानांतरण के इच्छुक हैं।
किसे नहीं मिलेगा तबादले का मौका?
जिनकी नियुक्ति को 2 साल पूरे नहीं हुए
· संविदा कर्मी व प्रबोधक
· गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, किडनी, नेत्रहीनता से ग्रसित
· एक वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले
हालांकि, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने तबादला प्रोफॉर्मा को फर्जी बताया है और स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। बावजूद इसके विभागीय स्तर पर जो गतिविधियां हो रही हैं, उनसे साफ है कि तबादलों को लेकर कोई न कोई कवायद जरूर चल रही है।राज्य में करीब 4 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग एक लाख पद अभी भी खाली हैं। ऐसे में थर्ड ग्रेड शिक्षकों को तबादले से बाहर रखने का फैसला न केवल विरोधाभासी है, बल्कि इससे शिक्षक समुदाय में नाराजगी भी बढ़ी है।
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जूठण की बावड़ी में जल संरक्षण का संगम, मान फाउंडेशन की ऐतिहासिक पहल
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9 hours agoon
June 13, 2025By
Divya Akash
जयपुर, एजेंसी। राजस्थान सरकार की “वंदे गंगा – जल संरक्षण जन अभियान” के तहत 430 साल पुरानी ऐतिहासिक जूठण की बावड़ी एक बार फिर जागी। मान द वैल्यू फाउंडेशन की पहल पर यहां “पौधारोपण और श्रमदान” का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था – जल संरक्षण, धरोहरों का संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता को जन-आंदोलन में बदलना। इस अभियान में “एक पेड़ मां के नाम” संकल्प के तहत पौधारोपण भी किया गया। साथ ही, बावड़ी की साफ-सफाई, परिसर में वृक्षारोपण और लोगों के बीच जागरूकता संवाद आयोजित किए गए।
मान फाउंडेशन की संस्थापिका डॉ. मनीषा सिंह ने बताया कि यह सिर्फ एक सफाई या पौधारोपण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी को पुनः जागृत करने की एक प्रेरणादायक पहल थी। “हमारी धरोहर, हमारी जिम्मेदारी” के भाव के साथ फाउंडेशन आने वाले समय में और भी ऐसे आयोजन करेगा।
इस कार्यक्रम में प्रशासन और समाज का जुड़ाव उल्लेखनीय रहा। एसडीएम रवि गोयल (RAS), भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ, सांगानेर मंडल अध्यक्ष सुनील शर्मा, पार्षद गिर्राज शर्मा सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।
नगर निगम का भी पूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम में मान फाउंडेशन की टीम – सिद्धि रांका, कुसुम ललवानी, वंशिका सिंह, भावना मिश्रा, राजीव राय, छवि अग्रवाल, वैदेही, नवीन – ने भी श्रमदान कर योगदान दिया। यह पहल न केवल बावड़ी जैसे ऐतिहासिक स्थल को सहेजने की कोशिश है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए जल और प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक सशक्त कदम भी है।


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