बिज़नस
गोल्ड लोन नियमों में बड़ा बदलाव, उछल गए इन कंपनियों के शेयर
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7 months agoon
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Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन को लेकर अंतिम दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं, जिससे इस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में सोमवार को जोरदार तेजी देखी गई। नए नियमों के अनुसार, ₹2.5 लाख तक के गोल्ड लोन पर LTV रेशियो 75% से बढ़ाकर 85% कर दिया गया है। इसके अलावा छोटे गोल्ड लोन के लिए क्रेडिट मूल्यांकन जरूरी नहीं होगा और दस्तावेज़ प्रक्रिया भी आसान होगी।
शेयरों में बढ़त
- Muthoot Finance: 3.3% उछलकर ₹2,527
- Manappuram Finance: 2.5% की बढ़त के साथ ₹253.90
- IIFL Finance: 4.4% की उछाल के साथ ₹470.90
क्या किया है रिजर्व बैंक ने
RBI ने छोटे गोल्ड लोन पर नियमों को आसान कर दिया है। इससे NBFCs को काफी राहत मिलेगी। उम्मीद है कि इससे लोन का वितरण बढ़ेगा और लोन देने वाले सभी संस्थानों के बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। हालांकि, RBI के नए नियम अप्रैल 2026 से लागू होंगे। इन नियमों के तहत, 2.5 लाख रुपए से कम के गोल्ड लोन पर LTV की सीमा 85% होगी। साथ ही इन लोन के लिए अनिवार्य क्रेडिट मूल्यांकन की भी जरूरत नहीं होगी। इसका मतलब है कि अब छोटे गोल्ड लोन आसानी से मिल सकेंगे। लोन किस काम के लिए लिया गया है, इस पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाएगा। खासकर उन लोन पर जो Priority Sector Lending (PSL) के तहत आते हैं। RBI का मकसद है कि लोन जल्दी प्रोसेस हो और कागजी काम कम हो।
ब्रोकरेज फर्मों की राय
Motilal Oswal ने कहा कि अंतिम दिशानिर्देश पहले के ड्राफ्ट की तुलना में माइल्ड हैं, जिससे NBFCs को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
Emkay Global ने इसे “ब्लॉकबस्टर सीक्वल” बताते हुए कहा कि RBI का यह कदम NBFC सेक्टर में विश्वास का संकेत है और Q1FY26 से नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIMs) बढ़ने की संभावना है।
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देश
सोने-चांदी के दाम लगातार तीसरे दिन ऑल टाइम हाई पर:सोना ₹344 बढ़कर ₹1.37 लाख पर पहुंचा, चांदी इस साल ₹1.33 लाख महंगी हुई
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6 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। सोने-चांदी के दाम आज, 24 दिसंबर को लगातार तीसरे दिन ऑलटाइम हाई पर हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार सोना 344 रुपए बढ़कर 1,36,627 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। इससे पहले मंगलवार को ये 1,36,283 रुपए पर था।
वहीं, 1 किलो चांदी की कीमत 7,983 रुपए बढ़कर 2,18,983 रुपए प्रति किलो के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई है। कल इसकी कीमत रू.2,11,020/किलो थी। दस दिन में चांदी 30,703 रुपए महंगी हुई है। 11 दिसंबर को इसकी कीमत 1,88,281 रुपए प्रति किलो थी।
अलग-अलग शहरों में रेट्स अलग क्यों होते हैं?
IBJA की सोने की कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज, ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता। इसलिए शहरों के रेट्स इससे अलग होते हैं। इन रेट्स का इस्तेमाल RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के रेट तय करने के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं।
इस साल सोना रू.60,465 और चांदी रू.1.33 लाख महंगी हुई
- इस साल अब तक सोने की कीमत 60,473 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,36,627 रुपए हो गया है।
- चांदी का भाव भी इस दौरान 1,32 ,966 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 2,18,983 रुपए प्रति किलो हो गई है।
गोल्ड में तेजी के 3 प्रमुख कारण
- डॉलर कमजोर- अमेरिका के ब्याज दर घटाने से डॉलर कमजोर हुआ और सोने की होल्डिंग कॉस्ट कम हुई, इससे लोग खरीदने लगे।
- जियोपॉलिटिकल- रूस-यूक्रेन जंग और दुनिया में तनाव बढ़ने से निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मानकर खरीद रहे हैं।
- रिजर्व बैंक- चीन जैसे देश अपने रिजर्व बैंक में सोना भर रहे हैं, ये सालभर में 900 टन से ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं, इसलिए दाम ऊपर जा रहे हैं।
चांदी में तेजी के 3 प्रमुख कारण
- इंडस्ट्रियल डिमांड- सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और EV में भारी इस्तेमाल, चांदी अब सिर्फ ज्वेलरी नहीं, जरूरी कच्चा माल बन गई है।
- ट्रंप का टैरिफ डर- अमेरिकी कंपनियां चांदी का भारी स्टॉक जमा कर रही हैं, ग्लोबल सप्लाई में कमी से कीमतें ऊपर चढ़ीं।
- मैन्युफैक्चरर होड़ में- प्रोडक्शन रुकने के डर से सभी पहले से खरीद रहे हैं, इसी वजह से आने वाले महीनों में भी तेजी बनी रहेगी।
आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं दाम
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि चांदी की डिमांड में अभी तेजी है जिसके आगे भी बने रहने का अनुमान है। ऐसे में चांदी अगले 1 साल में 2.50 लाख तक जा सकती है। वहीं इस साल के आखिर तक चांदी की कीमत 2.10 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है।
वहीं अगर सोने के बात करें इसकी डिमांड में भी तेजी बनी हुई। ऐसे में अगले साल तक ये 1.50 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है। वहीं इस साल के आखिर तक इसकी कीमत 1.35 लाख रुपए किलो पहुंच सकती है।
सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान
1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है।
2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
देश
फरवरी से बदल जाएगा महंगाई-GDP मापने का तरीका:सरकार नई सीरीज जारी करेगी, अभी 14 साल पुराने आंकड़ों के आधार पर कैलकुलेट होती है
Published
2 days agoon
December 22, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। केंद्र सरकार देश की इकोनॉमी को मापने के पैमानों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। फरवरी 2026 से रिटेल महंगाई (CPI) और देश की विकास दर यानी GDP के आंकड़े नई सीरीज (नए बेस ईयर) के साथ जारी किए जाएंगे। वहीं मई 2026 से इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन यानी IIP के आंकड़े भी नई सीरीज में जारी होंगे।
GDP और IIP के लिए नया आधार वर्ष 2022-23 होगा। वहीं रिटेल महंगाई के लिए बेस ईयर 2024 होगा। मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन (MoSPI) ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है।
अभी GDP और रिटेल महंगाई के आंकड़े पुराने आधार वर्ष 2011-12 के हिसाब से कैलकुलेट किए जाते हैं। जबकि दुनिया के कई देशों में ये हर 5 साल में अपडेट होता है। बेस ईयर में इस बदलाव का मुख्य मकसद डेटा को मौजूदा दौर की जरूरतों और खपत के हिसाब से ज्यादा सटीक बनाना है।
नए बेस ईयर से क्या बदलेगा?
फिलहाल देश में महंगाई और GDP के कैलकुलेशन के लिए पुराना बेस ईयर (आधार वर्ष) इस्तेमाल किया जा रहा है। लंबे समय से एक्सपर्ट्स यह मांग कर रहे थे कि आधार वर्ष को अपडेट किया जाए।
क्योंकि पिछले एक दशक में लोगों के खर्च करने के तरीके और सामानों की प्राथमिकता बदल गई है। नई सीरीज आने से सरकारी डेटा देश की आर्थिक स्थिति की ज्यादा वास्तविक तस्वीर पेश कर पाएगा।
खाने-पीने की चीजों का वेटेज कम होगा
अभी रिटेल महंगाई के कैलकुलेशन में फूड आइटम्स यानी खाद्य पदार्थों का हिस्सा काफी ज्यादा है। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नई सीरीज में खाने-पीने की चीजों के ‘वेटेज’ को कम किया जा सकता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे-जैसे लोगों की कमाई बढ़ती है, वे खाने के बजाय दूसरी सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन पर ज्यादा खर्च करने लगते हैं। नई सीरीज में इन आधुनिक जरूरतों को ज्यादा महत्व दिया जाएगा।
IIP डेटा मई से नई सीरीज में आएगा
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP), जो देश के मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर की रफ्तार बताता है। उसे मई 2026 से नई सीरीज में शिफ्ट किया जाएगा। इसमें उन नए प्रोडक्ट्स को शामिल किया जाएगा, जिनका उत्पादन हाल के वर्षों में शुरू हुआ है। जबकि उन पुराने सामानों को लिस्ट से हटाया जा सकता है, जिनकी अब बाजार में मांग नहीं रही।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
सांख्यिकी मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग ने पहले भी संकेत दिए थे कि डेटा में सुधार की प्रोसेस चल रही है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
ऐसे में पुराने मानकों पर डेटा जारी करने से कई बार पॉलिसी बनाने में दिक्कत आती है। नया बेस ईयर आने से रिजर्व बैंक (RBI) को भी ब्याज दरों पर फैसला लेने में आसानी होगी। क्योंकि उनके पास महंगाई का ज्यादा सटीक डेटा होगा।
आम जनता पर क्या असर होगा?
सीधे तौर पर इसका आम आदमी की जेब पर असर नहीं पड़ता, लेकिन सरकार की योजनाएं इसी डेटा पर आधारित होती हैं। अगर महंगाई का डेटा सही होगा, तो सरकार कीमतों को कंट्रोल करने के लिए बेहतर कदम उठा पाएगी। साथ ही GDP के सटीक आंकड़ों से विदेशी निवेशकों का भरोसा भी भारत की अर्थव्यवस्था पर बढ़ता है।
बेस ईयर क्या होता है?
बेस ईयर वो साल होता है जिसकी कीमतों को आधार (बेस) माना जाता है। यानी, उसी साल की चीजों की औसत कीमत को 100 का मान देते हैं। फिर, दूसरे सालों की कीमतों की तुलना इसी बेस ईयर से की जाती है। इससे पता चलता है कि महंगाई कितनी बढ़ी या घटी है।
उदाहरण: मान लीजिए 2020 बेस ईयर है। उस साल एक किलो टमाटर ₹50 का था। अब 2025 में वो ₹80 का हो गया। तो महंगाई = (80 – 50) / 50 × 100 = 60% बढ़ी। यही फॉर्मूला CPI में यूज होता है, लेकिन ये पूरे बाजार की चीजों पर लागू होता है।
बेस ईयर कैसे चुना जाता है और कैसे काम करता है?
- सरकार आमतौर पर हर 5-10 साल में नया बेस ईयर चुनती है।
- ये ऐसा साल होता है जो सामान्य हो, न ज्यादा सूखा हो, न महामारी, न ज्यादा महंगाई।
देश
चांदी ₹1,609 बढ़कर ₹2.01 लाख किलो के ऑलटाइम हाई पर:इस साल कीमत ₹1.15 लाख बढ़ चुकी, इस महीने ₹2.10 लाख तक जा सकती है
Published
6 days agoon
December 18, 2025By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। चांदी आज यानी 18 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 1 किलो चांदी 1,609 रुपए बढ़कर 2,01,250 रुपए किलो पर पहुंच गई है। इससे पहले 17 दिसंबर को ये 1,99,641 रुपए पर बंद हुई थी।
वहीं कल चांदी पहली बार 2 लाख रुपए किलो के ऊपर निकली थी। कल ये सुबह 2,00,750 रुपए पर ओपन हुई थी। इस साल अब तक चांदी की कीमत 1,15,233 रुपए बढ़ चुकी है।
चांदी में तेजी के 4 बड़े कारण
1. इंडस्ट्रियल डिमांड सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के चलते चांदी अब सिर्फ ज्वेलरी तक सीमित नहीं रही।
2. ट्रंप के टैरिफ को लेकर आशंका अमेरिकी कंपनियां संभावित टैरिफ पॉलिसी के डर से चांदी का भारी स्टॉक जमा कर रही हैं। इससे ग्लोबल सप्लाई पर दबाव बना है।
3. मैन्युफैक्चरर्स की अग्रिम खरीद प्रोडक्शन रुकने की आशंका के चलते मैन्युफैक्चरर्स पहले से खरीदारी कर रहे हैं, जिससे आने वाले महीनों में भी तेजी बनी रह सकती है।
4. निवेश में बढ़ोतरी निवेशक सिल्वर ETF के जरिए चांदी में निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे डिमांड और मजबूत हुई है।
सोना 137 रुपए बढ़कर 1.32 लाख रुपए पर पहुंचा आज 24 कैरेट शुद्धता वाला सोना भी 137 रुपए बढ़कर 1,32,454 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। इससे पहले ये कल यानी, 17 दिसंबर को 1,32,317 रुपए पर था। वहीं सोने ने 15 दिसंबर को 1,33,442 रुपए प्रति 10 ग्राम का ऑल टाइम हाई बनाया था।
इस साल सोना रू.56,292 और चांदी रू.1,15,233 महंगी हुई
- इस साल अब तक सोने की कीमत 56,292 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,32,454 रुपए हो गया है।
- चांदी का भाव भी इस दौरान 1,15,233 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 2,01,250 रुपए प्रति किलो हो गई है।

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