विदेश
इजराइल ने ईरान के 4 एटमी ठिकाने तबाह किए:2 सैन्य अड्डे भी बर्बाद; सेना प्रमुख, स्पेशल फोर्स चीफ और दो परमाणु वैज्ञानिकों की मौत
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6 months agoon
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Divya Akashतेहरान/तेल अवीव, एजेंसी। इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान के 4 एटमी और 2 सैन्य ठिकानों पर 200 फाइटर जेट से मिसाइलें दागीं। हमले में ईरान के सेना प्रमुख, स्पेशल फोर्स के चीफ, 2 बड़े परमाणु वैज्ञानिक समेत 5 बड़े अफसर मारे गए।
हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा कि ईरान परमाणु बम तैयार करने वाला था, इसलिए उस पर हमला किया गया। इजराइली सेना का दावा है कि ईरान के पास 15 परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम है।
इजराइल ने इसीलिए टारगेट भी 4 बड़े न्यूक्लियर प्लांट्स को किया। वहीं हथियार बनाने की क्षमता रखने वाली एक फैक्ट्री और बड़े मिलिट्री अफसरों के रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स को भी तबाह कर दिया।
अब उन 6 जगहों के बारे में जानिए जहां हमला हुआ…
1. नतांज- एटॉमिक फैसिलिटी सेंटर
तेहरान से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण में मौजूद इस सेंटर की सैटेलाइट तस्वीरें पहली बार 2002 में सामने आई थीं। कई रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि इस साइट पर 9 परमाणु बम बनाने जितना यूरेनियम मौजूद है।
हमला क्यों हुआ- यहां एडवांस सेंट्रीफ्यूज लगे हैं। इस मशीन की मदद से यूरेनियम-235 की सफाई होती है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने में किया जाता है। IAEA की हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान 60% संवर्धन तक पहुंच चुका है, जो हथियार-ग्रेड यूरेनियम के करीब है। इजराइली पीएम नेतन्याहू ने इसे ‘ईरान का सबसे बड़ा परमाणु खतरा’ बता चुके हैं।
IAEA रिपोर्ट- अंडरग्राउंड साइट को 7.6 मीटर मोटी कॉन्क्रीट की दीवार से ढंका गया था, लेकिन फिर भी हमले में मुख्य ट्रांसफॉर्मर को नुकसान पहुंचा।

हमले के बाद नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी साइट्स की सैटेलाइट इमेज।
2. तेहरान- एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ईरान
राजधानी में तेहरान न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर (TNRC) है। इसकी स्थापना 1967 में अमेरिका की मदद से हुई थी। TNRC में 600 ग्राम तक प्लूटोनियम उत्पादन करने में सक्षम है, जो परमाणु हथियारों के लिए संवेदनशील माना जाता है।
इसके साथ ही तेहरान ईरान की राजधानी है। यहां पर संसद के अलावा सरकार के सभी अहम ऑफिस है। ईरान के सुप्रीम लीडर का अयातुल्ला खामेनेई भी यही रहते हैं। इसके अलावा तेहरान में कई अहम मिलिट्री ठिकाने और एयरपोर्ट्स हैं।
तेहरान के आसपास इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कई ट्रेनिंग सेंटर और हथियार डिपो हैं।
IRGC कमांडर हुसैन सलामी, सेनाध्यक्ष मोहम्मद बघेरी और सभी परमाण वैज्ञानिकों की मौत तेहरान पर हुए हमले में ही हुई है।
हमला क्यों हुआ- इजराइल ने नेतृत्व पर सीधा हमला कर यह जताया कि वो ईरान के सबसे सुरक्षित केंद्रों तक पहुंच सकता है।
3. इस्फहान- परमाणु टेक्नोलॉजी सेंटर
इस शहर में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है, जहां कच्चे यूरेनियम को गैस में बदला जाता है।
यहां न्यूक्लियर फैसिलिटी की शुरुआत साल 1999 में हुई।
इस शहर में ईरान का एक बड़ा एयरबेस भी है, यहां पुराने अमेरिकी F-14 टॉमकैट फाइटर जेट रखे गए हैं, जो ईरान ने 1979 की क्रांति से पहले खरीदे थे।
माना जा रहा है कि इस बार के हमले में एयरबेस पर स्थित एक रडार केंद्र को निशाना बनाया गया था।
इस्फहान में हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियां भी हैं, जिनमें से एक पर पिछले साल भी इजराइल ने हमला किया था।
इस बार 3 ड्रोन से यहां हमला हुआ। ईरानी अधिकारियों ने कहा कि दो ड्रोन मार गिराए गए और एक ने फैक्ट्री की छत को थोड़ा नुकसान पहुंचाया।
हमला क्यों हुआ- ईरान की वायुसेना और रक्षा सिस्टम को कमजोर करना और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों को हथियार मिलने से रोकना।

इस्फहान में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है। यह जगह तेहरान से 410 किमी दूर है।
4. अराक- हैवी वाटर रिएक्टर
अराक में हैवी वाटर रिएक्टर है। इससे प्लूटोनियम बन सकता है। यह परमाणु हथियार बनाने का एक और तरीका है। जिसे आधिकारिक तौर पर IR-40 रिएक्टर के रूप में जाना जाता है।
यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा है और इसे मुख्य रूप से अनुसंधान और रेडियो आइसोटोप उत्पादन के लिए डिजाइन किया गया था।
अराक रिएक्टर ईरान के परमाणु कार्यक्रम के सबसे विवादास्पद हिस्सों में से एक रहा है। पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका और इजराइल, ने चिंता जताई थी कि इस रिएक्टर का उपयोग हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम के उत्पादन के लिए हो सकता है।
हमला क्यों हुआ- ईरान के एटमी प्रोग्राम के दूसरे रास्ते को भी रोकना।

अराक में हैवी वाटर रिएक्टर है। यह तेहरान से लगभग 280 किमी दूर है।
5. तबरीज- मिलिट्री बेस और एक बड़ा तेल रिफाइनरी
तबरीज ईरान के अजरबैजान प्रांत की राजधानी है। यहां कोई परमाणु ठिकाना नहीं है। यह तुर्की और आर्मेनिया की सीमा के करीब है। यहां कई मिलिट्री वेयरहाउस, मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट और IRGC से जुड़े ठिकाने हैं, जो बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों का उत्पादन करते हैं।
इजराइल ने 2023 में भी यहां पर एक ड्रोन फैक्ट्री पर हमला किया था। तबरीज में तेल रिफाइनरी भी है। यहां हमला करने का मकसद ईरान के तेल क्षमता को कमजोर करना है।
हमला क्यों हुआ- सैन्य और आर्थिक ढांचे को कमजोर करना।
6.करमनशाह- इराक की राजधानी बगदाद के पास
ईरान के मिसाइल बेस और औद्योगिक कॉम्प्लेक्स इराक सीमा के पास हैं। करमनशाह शहर इराक के दियाला प्रांत और सुलेमानिया जैसे क्षेत्रों के पास है। यह इराक की राजधानी बगदाद से बस 150-200 किलोमीटर दूर है।
करमनशाह में कई महत्वपूर्ण सीमा क्रॉसिंग पॉइंट हैं, जैसे खोस्रवी सीमा चौकी, जो ईरान और इराक के बीच व्यापार और तीर्थयात्रा (विशेष रूप से शिया तीर्थयात्रियों के लिए, जो इराक में करबला और नजफ जाते हैं) के लिए उपयोग होती है।
हमला क्यों हुआ- अक्टूबर 2024 के ईरानी मिसाइल हमलों के बाद, करमनशाह से संभावित जवाबी हमलों को रोकना।

यह तेहरान से लगभग 525 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में और इराक की सीमा के करीब है।
नेतन्याहू बोले- ईरान हमारे लिए खतरा इजराइल सेना ने कहा कि यह ‘प्री-एम्पटिव स्ट्राइक’ थी। यानी खतरे को भांपकर इजराइल ने हमला किया, ताकि ईरान कोई बड़ी कार्रवाई न कर सके। इजराइली सेना ने यह भी कहा कि आगे और भी ऐसे कई हमले हो सकते हैं।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान चोरी-छिपे परमाणु हथियार बना रहा था। यह हमारे देश के लिए खतरा था। इसलिए हमारी सेना ने नतांज जैसे अहम परमाणु ठिकानों और ईरान के कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों पर हमला किया।
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए ये कदम उठा रहा है। ईरान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और पूरी दुनिया को अस्थिर करना चाहता है। आज का दिन इतिहास में उस दिन के रूप में याद किया जाएगा जब अच्छाई ने बुराई पर और रोशनी ने अंधकार पर जीत की दिशा में कदम बढ़ाया।
ईरान पर इजराइली हमले के बाद की 5 तस्वीरें…

तेहरान में शुक्रवार तड़के इजराइली हमले का निशाना बने एक स्थान से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया।

ईरान की राजधानी तेहरान में इजराइली हमलों के बाद लोग एक क्षतिग्रस्त इमारत को देखते हुए।

तेहरान मे इमारत में हुए विस्फोट की जगह पर दमकलकर्मी काम कर रहे हैं।

इजराइली हमलों के बाद तेहरान में दमकलकर्मी साफ-सफाई करते हुए।

इजराइली हमलों के बाद सड़क किनारे बैठा एक घायल शख्स।
IAEA ने ईरान के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने गुरुवार को ईरान के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया था। एजेंसी ने कहा था कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर जो नियम तय हैं, उनका पालन नहीं कर रहा है।
IAEA के मुताबिक, ईरान के पास इतनी अधिक मात्रा में संवर्धित यूरेनियम है कि वह एक साल से भी कम समय में 10 परमाणु बम बना सकता है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ईरान कई जगहों पर परमाणु गतिविधियों की जानकारी देने से लगातार इनकार कर रहा है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा।
यह बीते 20 साल में पहली बार हुआ जब संयुक्त राष्ट्र की इस निगरानी संस्था ने ईरान को लेकर इतनी सख्त कार्रवाई की है।

IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के डायरेक्टर राफाएल मारियानो ग्रोसी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में। तस्वीर 11 जून की है।
IAEA के 35 देशों के बोर्ड में से 19 देशों ने इस ईरान के खिलाफ प्रस्ताव में वोटिंग की। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल थे। वहीं रूस और चीन ने इसके खिलाफ वोट दिया और बाकी देशों ने या तो हिस्सा नहीं लिया या वोटिंग से दूर रहे।
ईरान ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक है। ईरानी विदेश मंत्रालय और देश की परमाणु एजेंसी ने संयुक्त बयान में कहा कि इस तरह के फैसलों से अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।
हालांकि ईरान बार-बार कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण और नागरिक इस्तेमाल के लिए है, जैसे बिजली बनाना या दवा तैयार करना, न कि हथियार बनाने के लिए।
ईरान-इजराइल के बीच टकराव बढ़ा
ईरान लंबे समय से इजराइल को खत्म करने की बात करता आया है और उन क्षेत्रीय लड़ाकों का समर्थन करता है जो इजराइल के खिलाफ हैं। दूसरी तरफ इजराइल ईरान को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। उसका मकसद ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है।
पिछले कुछ सालों में यह टकराव लगातार बढ़ा है। 2019 में इजराइल ने सीरिया, लेबनान और इराक में उन ठिकानों पर हमले किए जहां से ईरान अपने सहयोगियों को हथियार भेजता था। साल 2020 में इजराइल ने ईरान के एक बड़े परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या कर थी।
फखरीजादेह अपनी कार में थे। इस दौरान एक रिमोट मशीन गन से लैस एक गाड़ी ने उन पर हमला कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हथियार सैटेलाइट से कंट्रोल होता था। इसमें AI का इस्तेमाल किया गया था ताकि सटीक निशाना लगाया जा सके।
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ललित मोदी ने खुद और माल्या को भारत के ‘दो सबसे बड़े भगोड़े’ कहा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा- माल्या भारत कब लौटेंगे
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8 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashलंदन/मुंबई,एजेंसी। भारत में आर्थिक अपराधी घोषित विजय माल्या और ललित मोदी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें ललित मोदी खुद को और माल्या को भारत के दो सबसे बड़े भगोड़े कह रहा है। वीडियो माल्या के जन्मदिन का है। इसे ललित मोदी ने 22 दिसंबर को खुद पोस्ट किया है। मीडिया में खबर 23 दिसंबर को आई।
अपनी पोस्ट में ललित ने लिखा- चलो, फिर से इंटरनेट हिला देता हूं। खासकर आप मीडिया वालों के लिए। जलन के साथ देखते रहिए। वहीं, माल्या अपनी पार्टनर पिंकी लालवानी के साथ मुस्कुराते नजर आ रहे हैं।
इस बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट में मंगलवार को माल्या की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में माल्या ने खुद को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के आदेश को चुनौती दी है। कोर्ट ने माल्या के वकील से पूछा कि वह (माल्या) भारत कब लौटेंगे।
कोर्ट ने कहा कि माल्या फिलहाल भारतीय अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। ऐसे में उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती।
माल्या 2016 से ब्रिटेन में है और 2019 में उसे आधिकारिक तौर पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। वहीं, ललित मोदी 2010 से विदेश में रह रहा है और उस पर टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और आईपीएल से जुड़े गंभीर आरोप हैं।
ED की दलील- विदेश में रहकर कानून को चुनौती नहीं दे सकते
चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखाड की बेंच ने मंगलवार को माल्या की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि विदेश में रहकर कानून को चुनौती देने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
माल्या के वकील ने दावा किया कि बैंकों की वित्तीय देनदारी काफी हद तक वसूल हो चुकी है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि आपराधिक जिम्मेदारी बिना अदालत के सामने आए खत्म नहीं की जा सकती। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
भारत से क्यों भागा था ललित मोदी?
ललित मोदी 2005 से 2009 तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष था। 2008 में उसने IPL शुरू किया। BCCI ने उसे IPL का अध्यक्ष और कमिश्नर बनाया। 2010 में ललित पर IPL में करप्शन के आरोप लगे।
ललित ने मॉरीशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को IPL का 425 करोड़ का ठेका दिया था। मोदी पर 125 करोड़ रुपए कमीशन लेने के आरोप लगे। ये भी कहा गया कि उसने दो नई टीमों की नीलामी के दौरान गलत तरीके अपनाए।
2010 में BCCI ने IPL के तीसरे सीजन के फाइनल के तुरंत बाद ललित को सस्पेंड कर दिया। 2010 में ही अंडरवर्ल्ड से धमकियों का हवाला देते हुए ललित मोदी भारत से भाग कर लंदन चला गया। ED ने उसके खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर’ नोटिस जारी किया। उसका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया।

ललित मोदी IPL का फाउंडर, पहला चेयरमैन और लीग कमिश्नर था। उसने 2008 से 2010 तक टूर्नामेंट का आयोजन किया।
खेल
पाकिस्तान ने दूसरी बार U-19 एशिया कप जीता:भारत को 191 रन से हराया, समीर मिन्हास का शतक, मोहसिन नकवी ने ट्रॉफी सौंपी
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3 days agoon
December 21, 2025By
Divya Akashदुबई,एजेंसी। पाकिस्तान ने दूसरी बार अंडर-19 एशिया कप का खिताब जीत लिया है। टीम ने रविवार को खेले गए फाइनल में भारत को 191 रन से हरा दिया। दुबई के ICC एकेडमी में पाकिस्तान ने समीर मिन्हास की शानदार पारी के दम पर भारत के सामने 348 रन का बड़ा लक्ष्य रखा।
जवाब में भारतीय टीम 26.2 ओवर में 159 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। ओपनर वैभव सूर्यवंशी 26 रन ही बना सके। दीपेश देवेंद्रन ने सबसे ज्यादा 36 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से अली रजा ने 4 विकेट झटके, जबकि मोहम्मद सैय्याम, हुजैफा अहसान और अब्दुल सुभान को 2-2 विकेट मिले।
एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने विजेता पाकिस्तान टीम और उनके कप्तान को ट्रॉफी सौंपी। सीनियर टीम के एशिया कप में विजेता भारतीय टीम ने नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से मना कर दिया था। वह ट्रॉफी अब तक टीम इंडिया को नहीं मिली है।

विजेता टीम की ट्रॉफी और पाकिस्तान के प्लेयर्स के साथ खड़े ACC चीफ मोहसिन नकवी।
इससे पहले भारतीय कप्तान आयुष म्हात्रे ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। पाकिस्तान ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 347 रन बनाए। टीम के लिए समीर मिन्हास ने शानदार शतक जड़ा। उन्होंने 113 गेंदों पर 172 रन की दमदार पारी खेली। अहमद हुसैन ने 56 रन का योगदान दिया। भारत की ओर से दीपेश देवेंद्रन ने 3 विकेट लिए, जबकि खिलन पटेल और हेनिल पटेल को 2-2 विकेट मिले। कनिष्क चौहान ने एक विकेट हासिल किया।

U-19 एशिया कप फाइनल में दूसरी सबसे बड़ी हार U-19 एशिया कप फाइनल के इतिहास में भारत को दूसरी सबसे बड़ी हार झेलनी पड़ी है। इससे पहले 2023 के फाइनल में बांग्लादेश ने UAE को 195 रन से हराया था, जो टूर्नामेंट की सबसे बड़ी जीत भी है।
देश
पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ ओमान सम्मान मिला:सुल्तान हैथम ने सम्मानित किया, भारत-ओमान ने ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन किए
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6 days agoon
December 18, 2025By
Divya Akashओमान,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओमान का दूसरा सर्वोच्च सम्मान मिला है। उन्हें सुल्तान हैथम बिन तारिक ने ऑर्डर ऑफ ओमान से सम्मानित किया है।
इससे पहले दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान भारत और ओमान के बीच व्यापार समझौते पर साइन हुए।
समझौते से भारत के टेक्सटाइल, फुटवियर, ऑटोमोबाइल, जेम्स एंड ज्वैलरी, रिन्युएबल एनर्जी और ऑटो कंपोनेंट्स जैसे सेक्टर्स को सीधा फायदा होगा। इस पर नवंबर 2023 में बातचीत शुरू हुई थी।
इससे पहले पीएम ने बताया कि भारत और ओमान के बीच होने वाला व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता यानी CEPA आने वाले कई दशकों तक दोनों देशों के रिश्तों की दिशा तय करेगा। उन्होंने इसे दोनों देशों के साझा भविष्य का खाका बताया।

भारत और ओमान के बीच व्यापारिक समझौते पर साइन हुए।
मोदी ने बिजनेस समिट को संबोधित किया
मस्कट में भारत-ओमान बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए मोदी ने दोनों देशों के मजबूत रिश्तों की सराहना की। उन्होंने स्टार्टअप से भी अपील की कि वे भारत में निवेश करें, नए प्रयोग करें और भारत-ओमान के साथ मिलकर आगे बढ़ें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-
आज हम एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला ले रहे हैं, जिसकी गूंज आने वाले कई दशकों तक सुनाई देगी। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता यानी सीईपीए 21वीं सदी में हमें नया भरोसा और नई ऊर्जा देगा। यह हमारे साझा भविष्य का खाका है। इससे हमारे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, निवेश को नया आत्मविश्वास मिलेगा और हर क्षेत्र में नए अवसरों के दरवाजे खुलेंगे।

पीएम मोदी ने गुरुवार को प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया।
मोदी बोले- ओमान से दोस्ती नहीं बदलेगी
ओमान पहुंचे पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि कितने भी मौसम बदल जाएं लेकिन भारत से उनकी दोस्ती नहीं बदलेगी।
उन्होंने राजधानी मस्कट में भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित किया। उन्होंने प्रवासी भारतीयों की तारीफ करते हुए कहा कि वे जहां भी जाते हैं, वहां की विविधता की तारीफ करते हैं।
पीएम मोदी बुधवार शाम को ओमान की राजधानी मस्कट पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर ओमान के रक्षा मामलों के उप प्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद ने मोदी का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने औपचारिक बातचीत भी की। रात में सईद ने पीएम मोदी के लिए डिनर भी रखा।
मोदी के ओमान दौरे की तस्वीरें…

ओमान के रक्षा मामलों के उप प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी का स्वागत किया।

मोदी ने उप प्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद से हाथ मिलाकर अभिवादन किया।

मोदी ने तारिक अल सईद से औपचारिक बातचीत की।

मोदी होटल पहुंचने पर प्रवासी भारतीयों से मिले।

मोदी के स्वागत में भारतीय मूल के कलाकारों ने परफॉर्मेंस दी।

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