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छत्तीसगढ़

रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर शारदाधाम पर्यटन स्थलों की सूची में हुआ शामिल

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पर्यटन बोर्ड प्रचार प्रसार और सुविधा विकसित करने में देगा सहयोग
श्रद्वा और ज्ञान का अनोखा संगम है शारदाधाम

प्राकृतिक पर्यटन स्थल शारदाधाम

रायपुर । छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की अंर्तराज्यी सीमा पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन स्थल शारदाधाम को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ टुरीज्म बोर्ड ने राज्य के चिन्हाकित पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है। पर्यटन बोर्ड ने इसके लिए परिपत्र जारी कर दिया है। बोर्ड के इस निर्णय से इस पर्यटन स्थल को एक नई पहचान मिल सकेगी।  बोर्ड इसके प्रचार-प्रसार के साथ ही पर्यटको के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए बजट उपलब्ध करा सकेगा। 

श्रद्धा और ज्ञान का संगम है शारदाधाम
    शारदाधाम में विद्यादायनी माँ सरस्वती की श्रद्वा और ज्ञान अर्जन का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यहां छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य के जरूरतमंद बच्चों के रहने और पढ़ने के लिए कोचिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। शारदाधाम समिति के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि इस विशेष कोचिंग संस्था में बच्चों के रहने, खाने के साथ उनकी कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। बच्चों के रहने और कोचिंग का जो भी खर्चा होता है, उसका व्यय समिति श्रद्वालुओं के सहयोग से पूरा करती है। 
प्रकृतिक सौंदर्य से भरपूर है शारदाधाम प्रसिद्व धार्मिक पर्यटन स्थल
    शारदाधाम, जिला मुख्यालय जशपुर से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर, दुलदुला ब्लाक में स्थित है। माता सरस्वती का यह प्रसिद्व मंदिर चारो ओर घने जंगल से घिरा हुआ है। नजदीक ही गिरमा नदी की कलकल करती मधुर ध्वनि यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्वालुओं का मन मोह लेते हैं। संचालन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि विद्यादायनी मां सरस्वती का यह भव्य मंदिर पूरी तरह से श्रमदान से तैयार किया गया है। दोनों राज्यों के श्रद्वालुओं ने पसीना बहा कर मां के इस मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर के भवन का डिजाइन झारखंड के प्रसिद्व लचलागढ़ हनुमान मंदिर के तर्ज पर तैयार किया गया है।
पर्यटन हब के रूप में विकसीत हो रहा है जशपुर
    उल्लेखनीय है कि वनाँचल क्षेत्र जशपुर में पर्यटन उद्योग विकसित करने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तेजी से काम कर रहे हैँ। कुनकुरी ब्लाक में स्थित मयाली नेचर कैंप के विकास के लिए दस करोड़ रूपये भारत दर्शन योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए गए हैँ। यहीं स्थित मधेश्वर महादेव को हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड ने विश्व का सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में मान्यता दी है। इसके साथ ही सीएम विष्णुदेव साय ने जिले को पर्यटन नक्शे से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए फरसाबहार ब्लाक में स्थित कोतेबीराधाम में लक्ष्मण झूला के तर्ज पर पुल निर्माण की घोषणा की है। इसके साथ ही जिले में देशदेखा,रानीदाह जैसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय का लक्ष्य जिले में ग्रीन उद्योग विकसित कर जिलेवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है।

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छत्तीसगढ़

1 जुलाई से प्रति यूनिट 20 पैसे बढ़ेगा बिजली बिल:4 हजार करोड़ का घाटा जनता से वसूलने का प्रस्ताव;चिमनी-लालटेन के साथ कांग्रेस का विरोध

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रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के 64 लाख बिजली उपभोक्ताओं को जुलाई महीने से बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, CSPDCL ने विद्युत नियामक आयोग को 4550 करोड़ रुपए के घाटे की जानकारी दी है। CSPDCL ने इस घाटे को कवर करने के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। नया टैरिफ 1 जुलाई से लागू हो सकता है।

इस प्रस्ताव के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ता लालटेन और चिमनी लेकर विद्युत विनियामक आयोग की जनसुनवाई में पहुंचे। ​​​​कांग्रेस ने आरोप है लगाया कि बिजली बिल हाफ योजना से 65 लाख उपभोक्ताओं को फायदा मिल रहा था। बीजेपी सरकार ने इस स्कीम को बंद कर दिया और अब टैरिफ में बढ़ोत्तरी कर उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त दबाव डालने जा रहे हैं।

पूर्व विधायक उपाध्याय बोले- कटौती और लो वोल्टेज से आदमी परेशान

इस मौके पर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि “छत्तीसगढ़ एक समय में सरप्लस बिजली उत्पादन करने वाला राज्य था, लेकिन बीजेपी सरकार बनने के बाद बिजली विभाग की हालत बदहाल हो चुकी है।” उन्होंने कहा वर्तमान सरकार में लगातार हो रही कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या से आम जनता परेशान है।

सरकारी दफ्तरों पर बिल बकाया, लेकिन परेशान आम लोगों को किया जा रहा

विकास उपाध्याय ने दावा किया कि सरकारी कार्यालयों में अभी तक 15% स्मार्ट मीटर भी नहीं लगे। जबकि आम जनता को स्मार्ट मीटर के नाम पर जबरन परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकारी विभागों पर 1750 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है, फिर भी कार्रवाई नहीं होती।

इसके उलट आम नागरिक पर 500 रुपए बकाया हो तो विभाग के लोग तुरंत कनेक्शन काटने पहुंच जाते हैं।

जनसुनवाई पर भी उठाए सवाल

कांग्रेस ने जनसुनवाई की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया “चोरी-छुपे और बिना प्रचार के की जा रही है” ताकि जनता की आवाज़ सामने न आए।

अब CSPDCL का पक्ष जानिए

CSPDCL की माने तो उसे वर्तमान बिजली आपूर्ति में घाटा हो रहा है। घरेलू, कृषि और छोटे और मध्यम व्यापारिक उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने से भारी वित्तीय दबाव बना हुआ है। हालांकि, यही हवाला देकर पिछले साल जून महीने में दरें बढ़ाई गई थी।

अब आप पर क्या पड़ेगा असर ये भी समझिए

  • उपभोक्ताओं को हर महीने अतिरिक्त रू.15 से रू.50 तक ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है।
  • पहले से एफपीपीएएस शुल्क में 7.15% की वृद्धि की जा चुकी है ।
  • प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता
  • विरोध प्रदर्शन में गिरीश दुबे, विकास उपाध्याय, प्रमोद चौबे, कन्हैया अग्रवाल, आकाश तिवारी, कमलाकांत शुक्ला, प्रशांत ठेंगड़ी, ईश्वरी नामदेव, संदीप तिवारी, प्रीति सोनी, विकास अग्रवाल, हर्षित जायसवाल सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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छत्तीसगढ़

झारखंड शराब-घोटाला…रायपुर के कारोबारी सिंघानिया अरेस्ट:ACB ने पूछताछ के लिए भेजा था समन, छत्तीसगढ़ में रची गई थी 450 करोड़ के स्कैम की साजिश

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रायपुर,एजेंसी। झारखंड शराब घोटाला मामले में ACB की टीम ने छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को गिरफ्तार किया है। सिद्धार्थ सिंघानिया सुमित फैसिलिटीज मैनपावर सप्लाई कंपनी के मालिक हैं। इससे पहले झारखंड ACB ने सिंघानिया को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे।

इसके बाद जांच एजेंसी ने कोर्ट से उनके खिलाफ वारंट लिया। पिछले दिनों झारखंड एसीबी कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इससे पहले, झारखंड के पूर्व IAS अमित प्रकाश और IAS विनय चौबे को गिरफ्तार किया गया था। झारखंड में 450 करोड़ का शराब घोटाला हुआ है, जिसकी साजिश रायपुर में रची गई थी।

झारखंड के रांची का ACB दफ्तर।

झारखंड के रांची का ACB दफ्तर।

छत्तीसगढ़ की इन कंपनियों को मिला था मैनपावर सप्लाई का काम

झारखंड में छत्तीसगढ़ की चार प्लेसमेंट एजेंसियों को मैनपावर सप्लाई का काम मिला था। इनमें सुमित फैसिलिटीज, ईगल हंटर सॉल्यूशंस, एटूजेड इंफ्रा ​सर्विसेज और प्राइम वन शामिल है। इन सभी को विनय चौबे के कार्यकाल में काम मिला था।

आरोप है कि, सिद्धार्थ सिंघानिया का उत्पाद विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे से बेहतर रिश्ता था, जिसकी बदौलत उन्हें झारखंड में काम मिला। हालांकि एक साल के भीतर ही अनियमितता के आरोप में छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसियों को काम से हटा दिया गया था।

यह भी आरोप है कि साजिश के तहत झारखंड में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर शराब की खुदरा बिक्री कराई गई। इसमें सिंघानिया की अहम भूमिका थी।

छत्तीसगढ़ ACB- EOW ने 7 सितंबर को FIR दर्ज की थी

छत्तीसगढ़ में जिस पैटर्न पर आबकारी विभाग में बड़ा घोटाला हुआ, उसी तर्ज पर झारखंड में शराब घोटाला हुआ। इस बात का खुलासा छत्तीसगढ़ ACB- EOW की ओर से 7 सितंबर को दर्ज की गई FIR से हुआ था। छत्तीसगढ़ में दर्ज इस FIR में झारखंड के CM हेमंत सोरेन के सचिव रहे चुके IAS विनय कुमार चौबे और पूर्व संयुक्त आयुक्त आबकारी गजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है।

दोनों अफसरों पर रायपुर EOW ने धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने की धाराओं में नया केस दर्ज किया था। वहीं छत्तीसगढ़ के लिकर सिंडिकेट से जुड़े सभी लोगों के नाम भी सामने आए हैं।

झारखंड के पावरफुल अफसर रहे हैं आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे। वे तत्कालीन आबकारी सचिव रहे।

झारखंड के पावरफुल अफसर रहे हैं आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे। वे तत्कालीन आबकारी सचिव रहे।

पहले जानिए FIR में क्या है ?

आर्थिक अपराध अन्वेषण और एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से यह FIR दर्ज की गई थी। इसमें बताया गया है कि तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट झारखंड के अधिकारियों के साथ मिले।

इन सभी ने मिलकर साजिश के तहत झारखंड की आबकारी नीति में फेरबदल किया। इसके बाद राज्य में देशी और विदेशी शराब का टेंडर भी सिंडिकेट के लोगों को दिलवाया। झारखंड में बिना हिसाब की डुप्लीकेट होलोग्राम लगी देशी शराब की बिक्री की गई।

साथ ही विदेशी शराब की सप्लाई का काम एफ.एल.10 ए लाइसेंस के रूप में नियम बनाकर अपने करीबी एजेंसियों को दिलाया। इसके बाद उन कंपनियों से करोड़ों रुपए का अवैध कमीशन लिया। इससे करोड़ों रुपयों की अवैध कमाई की गई।

छत्तीसगढ़ का सिस्टम झारखंड में लागू किया गया था

FIR के मुताबिक छत्तीसगढ़ का सिस्टम झारखंड में लागू किया गया था। इस वजह से दोनों घोटालों की तार जुड़े हैं। झारखंड शराब घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू की तो उसका असर छत्तीसगढ़ में भी रहेगा।

इसके जांच के घेरे में आबकारी के आला अधिकारियों के साथ तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा तक आएंगे। यह जांच आगे भी बढ़ेगी। क्योंकि छत्तीसगढ़ का ही सिस्टम झारखंड में लागू किया गया था।

आरोप– छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने मिलकर झारखंड में शराब घोटाला किया रांची के कारोबारी विकास सिंह की शिकायत पर सीजी एसीबी-ईओडब्ल्यू ने 450 करोड़ के शराब घोटाले का केस यहां दर्ज किया है। कारोबारी का आरोप था कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने मिलकर झारखंड में शराब घोटाला किया है। इससे वहां की सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है।

इनकी भूमिका की हो रही है जांच

  • विनय कुमार चौबे: झारखंड के आईएएस अधिकारी और तत्कालीन आबकारी सचिव।
  • गजेंद्र सिंह: झारखंड के संयुक्त आबकारी आयुक्त।
  • रोहित उरांव: झारखंड के पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के पुत्र।
  • अरुण पति त्रिपाठी: छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी सचिव को झारखंड में नई शराब नीति के लिए सलाहकार बनाया गया था।

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छत्तीसगढ़

नक्सलियों ने 2 स्टूडेंट समेत 3 लोगों को मार-डाला:एक डॉक्टर बनना चाहता था, दूसरा नौकरी की कर रहा था तैयारी, सभी सरेंडर-नक्सली के रिश्तेदार

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जगदलपुर ,एजेंसी। 17 जून 2025… ये वो तारीख है जब नक्सलियों ने बीजापुर जिले के एक गांव में 3 ग्रामीणों की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। इनमें एक 13 साल का 7वीं और दूसरा 20 साल का कॉलेज का छात्र है। तीसरा ग्रामीण युवक है। पूरा मामला पेद्दाकोरमा गांव का है।

नक्सली गांव के 10 से ज्यादा लड़कों को बंधक बनाकर अपने साथ लेकर गए। हालांकि, उनकी बेदम पिटाई करने के बाद उन्हें छोड़ दिया। पुलिस के एक्शन से बौखलाए नक्सली अब स्कूल और कॉलेज के बच्चों का कत्ल कर रहे हैं।

छात्रों के दस्तावेज दिखाते परिजन।

छात्रों के दस्तावेज दिखाते परिजन।

सरेंडर नक्सली के रिश्तेदारों की हत्या

दरअसल, ये सभी ग्रामीण DVCM कैडर के सरेंडर नक्सली दिनेश मोड़ियम के रिश्तेदार हैं। नक्सलियों ने आरोप लगाया कि इन्हीं लोगों ने उसे सरेंडर करने के लिए उकसाया, उससे पैसे लिए। इसी वजह से इनकी हत्या कर मौत की सजा दे दी।

70 से 80 की संख्या में पहुंचे थे नक्सली

गांववालों का कहना है कि 17 जून की शाम करीब 70 से 80 की संख्या में हथियार बंद नक्सली पहुंचे थे। उन्होंने छात्र सोमा मोड़ियाम (20), अनिल माड़वी (13) समेत एक अन्य ग्रामीण को घर से उठा लिया था।सोमा इसी साल 12वीं पास कर कॉलेज में दाखिल हुआ था, जबकि अनिल 7वीं का छात्र था।

सोमा सरकारी नौकरी की तैयारी में भी जुटा हुआ था। सोमा के परिजनों ने उसके दस्तावेज दिखाए, जिसमें आबकारी निरीक्षक की भर्ती का आवेदन से लेकर NCC सर्टिफिकेट और दसवीं, बारहवीं की अंकसूचियां शामिल थी।

बीहड़ जंगल में गांव बसा है।

बीहड़ जंगल में गांव बसा है।

डॉक्टर बनना चाहता था अनिल

अनिल के परिजनों ने बस इतना कहा कि, वह फिलहाल 7वीं में पढ़ाई कर रहा था। बड़ा होकर MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर बनना चाहता था। नक्सलियों ने तीनों ग्रामीणों के हाथ को पहले रस्सी से बांधा, फिर परिवार और गांव वालों के सामने रस्सी से गला घोंटकर मार डाला।

दहशत में ग्रामीण

3 लोगों की हत्या करने के बाद 10 से ज्यादा लड़कों को अपने साथ लेकर चले गए थे। उन लड़कों की रात में बेदम पिटाई किए। जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिए। गांव में इतनी दहशत है कि कोई भी ग्रामीण कैमरे के सामने घटना को लेकर कुछ भी नहीं बोल रहा है।

परिजनों ने छात्रों के दस्तावेज दिखाए।

परिजनों ने छात्रों के दस्तावेज दिखाए।

IG बोले- नक्सलियों की कायराना करतूत

बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की लगातार कार्रवाई चल रही है। बसवाराजू जैसे बड़े कैडर्स के नक्सलियों को मार गिराया गया है। इसलिए नक्सलियों में दहशत है। नक्सलियों ने एक नाबालिग समेत 3 ग्रामीणों की हत्या कर दी है। ये नक्सलियों की कायराना करतूत है।

आने वाले समय में नक्सलियों का खात्मा निश्चित है। एरिया डोमिनेशन किया जा रहा है। पीड़ित परिवार के लिए सभी प्रकार की आर्थिक सहायता की कोशिश की जा रही है। उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करवाने की कोशिश जारी है।

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