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‘कौन बनेगा करोड़पति’ के मंच पर चमके दुर्ग के रोमशंकर:27 साल में लगाए 8.5 लाख पौधे, अमिताभ बच्चन बोले-अभिषेक-श्वेता के नाम पर लगाएंगे पौधे

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दुर्ग-भिलाई,एजेंसी। दुर्ग जिले के रहने वाले रोम शंकर यादव को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (KBC) के मंच पर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने सम्मानित किया। बिग बी ने उन्हें ‘फोर्स फॉर गुड हीरोज’ सम्मान से नवाजा। साथ ही बच्चन ने कहा कि वह भी अपने बच्चों के बर्थडे में उनके नाम पर पौधे लगाएंगे।

रोम शंकर यादव पेशे से पत्रकार हैं। रोम शंकर की कलम से शुरू हुई पौधरोपण की यात्रा हरियाली की क्रांति बन चुकी है। बीते 27 सालों से वह पेड़ लगाकर जमीन नहीं, सोच को सींच रहे हैं। अब तक 8 लाख 50 हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं।

केबीसी के सेट पर अमिताभ बच्चन ने खुद इस पहल से जुड़ने की बात कही। साथ ही लोगों से भी जुड़ने की अपील की है। वहीं रोम शंकर कहते हैं कि सिर्फ पर्यावरण से प्रेम नहीं किया, बल्कि उसे जीया है। पेड़ मेरी पूजा है और उनकी रक्षा मेरा धर्म। जन्मदिन पर केक नहीं, पौधा लगाइए।

KBC के मंच पर अमिताभ बच्चन ने क्या-क्या कहा ?

9 अक्टूबर को कौन बनेगा करोड़पति के एक एपिसोड में अमिताभ बच्चन ने रोम शंकर के कामों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनकी यह सोच समाज में नई चेतना जगाती है। लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि आप सब भी अपने बच्चों के जन्मदिन पर एक पौधा लगाएं।

आदित्य बिड़ला ग्रुप की ओर से अमिताभ बच्चन ने कहा कि जब भी हमारे परिवार में कोई जन्मदिन मनाया जाएगा, एक पौधा हम जरूर लगाएंगे। इससे पहले जब मेरे बाबूजी जीवित थे। तब हम कभी भी नए स्थान में जाते थे, वहां पौधा लगाते थे। छोटे से पौधे में बच्चों का नाम लिखते थे।

अमिताभ बच्चन ने कहा कि धीरे धीरे पौधा बड़ा होता था। पौधा कोई सा भी हो आम, नीम लेकिन जानते थे उस बच्चे के नाम से। ये अभिषेक का पौधा है, ये श्वेता का पौधा है। अगला हम जो भी पौधा लगाएंगे जन्मदिन पर उनका नामकरण कर देंगे, जितने भी बच्चे हैं उनके नाम एक पौधा जरूर लगाएंगे।

पर्यावरण प्रेमी रोम शंकर यादव को 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) के मंच पर सम्मानित हुआ।

पर्यावरण प्रेमी रोम शंकर यादव को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (केबीसी) के मंच पर सम्मानित हुआ।

बंजर जमीन को पौधरोपण से बनाया घना जंगल

दुर्ग जिले के रिसाली नगर निगम क्षेत्र के डूंडेरा गांव के रहने वाले रोम शंकर यादव पेशे से पत्रकार हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही पेड़ों से गहरा लगाव रहा है। उन्होंने जल, जंगल और जमीन से जुड़े मुद्दों पर लगातार आर्टिकल लिखे हैं।

एक स्टोरी के दौरान उनकी मुलाकात पर्यावरण प्रेमी गेंदलाल देशमुख से हुई थी, जिन्होंने 5 एकड़ बंजर जमीन को पौधरोपण से घना जंगल बना दिया था। हालांकि अभी गेंदलाल देशमुख जीवित नहीं हैं। देशमुख से प्रेरित होकर रोम शंकर ने भी पर्यावरण संरक्षण का बीड़ा उठाया।

रोम शंकर बताते हैं कि पर्यावरण प्रेमी गेंदलाल देशमुख की इसी सोच के साथ उन्होंने मरौदा डैम और आसपास के इलाकों में पर्यावरण संरक्षण का काम शुरू किया।

सम्मान लेने रोम शंकर यादव अपनी बेटी के साथ KBC के सेट पर पहुंचे थे।

सम्मान लेने रोम शंकर यादव अपनी बेटी के साथ KBC के सेट पर पहुंचे थे।

केबीसी के सेट पर अमिताभ बच्चन ने कहा कि वे खुद भी इस पहल की शुरुआत करेंगे।

केबीसी के सेट पर अमिताभ बच्चन ने कहा कि वे खुद भी इस पहल की शुरुआत करेंगे।

पेड़ों की कटाई के खिलाफ शुरू किया अभियान

रोमशंकर ने बताया कि 1997-98 में जब बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हो रही थी, तब उन्होंने भिलाई स्टील प्लांट के लगाए गए पौधों की रक्षा के लिए एक अभियान चलाया। अब तक 6.5 लाख से अधिक पौधे रोपित और संरक्षित किए जा चुके हैं। इसके अलावा बीज छिड़काव के माध्यम से लगभग 2 लाख नए पौधे तैयार हुए हैं।

इसी तरह उन्होंने कुल 8 लाख 50 हजार पेड़ों का हरित साम्राज्य स्थापित किया है। उनकी टीम ‘हितवा संगवारी’ में ज्ञानप्रकाश साहू, प्रेमनारायण वर्मा, सरोज साहू, राजेश चंद्राकर और विश्वकुमार साहू जैसे कई युवा सदस्य शामिल हैं।

यह समूह केवल पौधे लगाता ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल, सिंचाई, सुरक्षा और संवर्धन का कार्य भी करता है। हर सुबह रोम शंकर नर्सरी पहुंचते हैं, खुद गड्ढे खोदते हैं, पौधों को पानी देते हैं और जानवरों से बचाने के लिए बाड़ लगाते हैं। वे कहते हैं – “पेड़ ही अब मेरी पूजा हैं, और उनकी रक्षा मेरा धर्म।”

27 सालों से रोम शंकर पर्यावरण के लिए काम कर रहे है।

27 सालों से रोम शंकर पर्यावरण के लिए काम कर रहे है।

पेड़ों की कटाई का विरोध करने पर धमकियां मिलीं

रोमशंकर ने बताया कि विरोध, संघर्ष और विजय वृक्षों के संरक्षण का सफर आसान नहीं था। कई बार लोगों ने कुल्हाड़ी लेकर पेड़ों को काटने की कोशिश की, विरोध किया, यहां तक कि धमकियां भी दीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

रोमशंकर ने बताया कि कई बार पुलिस को बुलाना पड़ा, लेकिन जब हमने टीम बनाई और लोगों को जोड़ा, तो हौसला बढ़ता गया। धीरे-धीरे विरोध करने वाले भी हमारे साथ आ गए। आज “हितवा संगवारी” संगठन ने साढ़े 6 लाख से अधिक पेड़ों को कटने से बचाया। 2 लाख नए पौधे तैयार किए हैं। यह सिर्फ पौधे लगाने की नहीं, जीवित रखने की मुहिम है।

रोमशंकर यादव से अमिताभ बच्चन ने कहा कि वह भी अपने बच्चों के जन्मदिन पर पौधे लगाएंगे।

रोमशंकर यादव से अमिताभ बच्चन ने कहा कि वह भी अपने बच्चों के जन्मदिन पर पौधे लगाएंगे।

केबीसी से देशभर में पहुंचा संदेश

केबीसी मंच से इस मुहिम को देश के कोने-कोने तक पहचान मिली है। रोमशंकर यादव का कहना है कि अगर हर व्यक्ति अपने जन्मदिन या किसी खुशी के मौके पर एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी निभाएं, तो पृथ्वी फिर से हरी-भरी हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि यही सच्चा उपहार और प्रकृति के प्रति आभार है। उनकी इस सोच ने अब न केवल दुर्ग, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। उन्हें यह सम्मान आदित्य बिरड़ा ग्रुप की ओर से दिया गया है।

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छत्तीसगढ़

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए

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रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि मुख्यमंत्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में कुमार विश्वास भी शामिल हुए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दुख जताया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

शुक्ल की अंतिम विदाई की तस्वीरें …

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।

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छत्तीसगढ़

लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी

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रायपुर,एजेंसी। झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर पहुंची। गैंगस्टर को झारखंड से रायपुर लाने के दौरान दोनों राज्यों के 15 अधिकारी साथ रहे। मयंक सिंह को पुलिस ने रायपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मयंक को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 27 दिसंबर को मयंक सिंह को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।

बता दें कि 23 दिसंबर की रात 10 बजे गैंगस्टर मयंक को लेकर पुलिस झारखंड से निकली थी, जो 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मयंक सिंह अमन साव गैंग का सदस्य है। इसके साथ ही उसके लॉरेंस बिश्नोई से भी संबंध है।

मयंक पर रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल, वह झारखंड की जेल में बंद था, जहां दर्ज मामलों के चलते उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर भी उस पर बनी हुई थी। क्योंकि राज्य में भी मयंक के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।

कारोबारी के दफ्तर पर चलाई थी गोली

जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चली थी। इसका CCTV भी सामने आया था। बाइक सवार आरोपी ने 2 बार फायरिंग की थी, जिसमें एक हवा में और दूसरी गोली कार पर की गई थी। आरोप है कि मयंक सिंह ने यह गोली चलवाई थी, वह इस घटना का मुख्य आरोपी है।

गैंगस्टर मयंक सिंह।

गैंगस्टर मयंक सिंह।

लॉरेंस बिश्नोई से है संबंध

मयंक सिंह को गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता रहा है, जबकि चर्चा ये भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।

झारखंड का यह पहला मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पण कर देश वापस लाया गया हो। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।

45 से अधिक केस है दर्ज

पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे करीब 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा था।

जानकारी ये भी है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी भी वह मांग चुका है। अमन साव गैंग से उसके गहरे संबंध रहे हैं। अमन साव का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है, ऐसे में मयंक सिंह को पुलिस इस नेटवर्क की अहम कड़ी मान रही है।

डंकी रुट से गया था विदेश

पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह डंकी रूट के जरिए विदेश पहुंचा था। पहले सिंगापुर, फिर ईरान, मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक गया और वहीं से गैंग का संचालन करता रहा। अब उसके प्रत्यर्पण के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

मीडिया को ई-मेल करके बताया था टारगेट

16 जून 2024 को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया था। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही थी।

वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई थी। गैंगस्टर ने कहा था कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP ने जांच कराने की बात कही थी।

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छत्तीसगढ़

मॉब लिंचिंग केस…30 लाख मुआवजा देगी केरल सरकार:मजदूर को बांग्लादेशी बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, छत्तीसगढ़ में 5 लाख की मदद

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रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर राम नारायण (40) को केरल में भीड़ ने 17 दिसंबर को बांग्लादेशी समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। जिसे लेकर परिवार ने 25 लाख रुपए मुआवजा मांगा था। केरल सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 लाख मुआवजा देने की बात कही है।

इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का मानना ​​है कि महिलाओं समेत करीब 15 आरोपी हैं। आशंका है कि बाकी संदिग्ध कथित तौर पर शुरुआती जांच में चूक के कारण राज्य छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में पैतृक गांव में राम नारायण बघेल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

कांग्रेस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की थी। इसके अलावा, केरल के मंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि 4 आरोपी RSS परिवार के कार्यकर्ता हैं। मजदूर पूरे देश में संघ परिवार की तरफ से फैलाई गई नफरत की राजनीति का शिकार हुआ है।

राम नारायण बघेल, जिनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

राम नारायण बघेल, जिनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

मजदूर को हाथ मुक्कों से मारने का यह वीडियो वायरल हुआ था।

मजदूर को हाथ मुक्कों से मारने का यह वीडियो वायरल हुआ था।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, 17 दिसंबर को अट्टापल्लम इलाके में स्थानीय लोगों ने छत्तीसगढ़ के सक्ती निवासी राम नारायण बघेल (31) को चोरी के शक में पकड़ा। उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस के मुताबिक राम नारायण नशे की हालत में थे, लेकिन उनके पास से चोरी का कोई सबूत नहीं मिला था।

पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर हितेश शंकर ने बताया था कि, शरीर का कोई भी हिस्सा बिना चोट के नहीं था। राम नारायण के शरीर पर 80 से ज्यादा चोटों के निशान थे। सिर पर गंभीर चोटों के साथ खून ज्यादा बह गया, जिससे राम नारायण की मौत हो गई।

केरल पुलिस के मुताबिक मजदूर के शरीर पर चोट के बहुत ज्यादा निशान थे। दर्द से उसकी मौत हुई है। मारपीट से मजदूर की छाती से खून भी बह रहा था। शरीर में कई घाव बन गए थे। वालैयार थाने में अपराध मामला दर्ज किया गया है।

रामनारायण बघेल (40) की डेडबॉडी बुधवार को छत्तीसगढ़ लाई गई।

रामनारायण बघेल (40) की डेडबॉडी बुधवार को छत्तीसगढ़ लाई गई।

परिवार को नहीं दी गई थी मौत की जानकारी

राम नारायण के चचेरे भाई शशिकांत बघेल ने बताया था कि परिवार को उनकी मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने सिर्फ यह कहा कि राम नारायण थाने में हैं और तुरंत पहुंचने को कहा। बाद में पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। राम नारायण के 2 बेटे हैं, जिनकी उम्र 8 और 10 साल है।

मृतक के परिजनों ने केरल सरकार सरकार से मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और रामनारायण के शव को उसके पैतृक गांव तक पहुंचाने की मांग की थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5 लाख आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय ने कहा था कि परिजनों को तत्काल केरल भेजने की व्यवस्था की गई है। मजदूर का शव आज हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ लाया गया।

मजदूर की हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग की है।

मजदूर की हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग की है।

सोशल एक्टिविस्ट जब्बार बोले- यह मॉब लिंचिंग है

वहीं सोशल एक्टिविस्ट जब्बार ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर पीटा गया। यह मॉब लिंचिंग है। पुलिस ने शुरू में बिना ठीक से जांच किए शव को वापस भेजने की कोशिश की। राम नारायण को सांप्रदायिक और नफरत भरी बातें कहकर निशाना बनाया गया। परिवार को सही मुआवजा मिलना चाहिए।

वालैयार पुलिस ने आधार कार्ड से पहचान के बाद परिजनों को सूचना दी थी।

वालैयार पुलिस ने आधार कार्ड से पहचान के बाद परिजनों को सूचना दी थी।

मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह के भीतर डिटेल में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मजदूर की हत्या के आरोप में इन आरोपियों को किया गिरफ्तार।

मजदूर की हत्या के आरोप में इन आरोपियों को किया गिरफ्तार।

पुलिस ने 7 आरोपियों को अरेस्ट किया

वालैयार पुलिस ने 18 दिसंबर को वारदात में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन शामिल हैं। ये सभी अट्टापल्लम गांव के निवासी हैं। इसके बाद 2 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।

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