जौनपुर ,एजेंसी।AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में शनिवार को पत्नी निकिता, सास निशा और पत्नी के भाई अनुराग को गिरफ्तार कर लिया गया। बेंगलुरु पुलिस ने यह कार्रवाई की।
DCP शिवाकुमार ने कहा- सास और साले को प्रयागराज से, जबकि पत्नी को गुरुग्राम से गिरफ्तार करके बेंगलुरु लाया गया। रविवार सुबह कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
अतुल ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु के फ्लैट में सुसाइड कर लिया था। आत्महत्या से पहले उसने 1.20 घंटे का वीडियो बनाया। इसमें पत्नी निकिता और उनकी फैमिली पर हैरेसमेंट का आरोप लगाया था। बेंगलुरु में पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया पर FIR दर्ज की गई थी।
सास और उनके बेटे की फरारी के 2 VIDEO
11 दिसंबर की रात 1.30 बजे अतुल की सास और साला घर में ताला लगाकर फरार हुए थे।
11 दिसंबर की रात ही जौनपुर के होटल में सास-साला दिखे थे। थोड़ी देर बाद फरार हो गए थे।
बेंगलुरु पुलिस ने घर पर नोटिस चिपकाया
13 दिसंबर को बेंगलुरु पुलिस जौनपुर पहुंची। अतुल की ससुराल के घर के बाहर नोटिस चस्पा किया।
सुसाइड के 2 दिन बाद निकिता के घर पहुंची थी भास्कर टीम
अतुल के सुसाइड के 2 दिन बाद 11 दिसबंर को दैनिक भास्कर का रिपोर्टर अतुल की ससुराल पहुंचा। छत पर इंजीनियर का साला और सास खड़े थे। वो गुस्से में थे। वीडियो बनाने की कोशिश की, तो मां-बेटे ने वीडियो बनाने से रोका। साले अनुराग ने कहा- पहले आप फोन बंद कीजिए। फोटो मत लीजिए। हम लोग खुद जवाब देंगे, आप लोग इस तरह का काम करेंगे, तो गलत हो जाएगा।
1 घंटे 20 मिनट का VIDEO मूल रूप से बिहार के रहने वाले अतुल सुभाष ने 24 पेज का सुसाइड लेटर लिखा और अपनी जिंदगी खत्म कर ली। उनका शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ था। मरने से पहले उन्होंने 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो भी बनाया। सुसाइड से पहले उन्होंने कोर्ट के सिस्टम और पुरुषों के खिलाफ झूठे केस पर भी सवाल उठाए।
अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को इंटरनेट पर 1.20 घंटे का वीडियो जारी कर बताया था कि उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है।
सुसाइड नोट के 5 पॉइंट
1. जस्टिस इज ड्यू अतुल के सुसाइड नोट की शुरुआत ‘जस्टिस इज ड्यू’ यानी इंसाफ बाकी है’ से हुई। इसमें अतुल लिखते हैं- मेरी पत्नी ने मेरे खिलाफ 9 केस दर्ज करवाए। इसमें से 2022 में दर्ज हत्या और अननेचुरल सेक्स का भी एक मामला है। बाद में उसने ये केस वापस ले लिया था। बाकी केसों में दहेज प्रताड़ना, तलाक और मेंटेनेंस के मामले हैं, जो जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में चल रहे हैं।
2. जौनपुर जज पर आरोप
अतुल ने जौनपुर कोर्ट के प्रिंसिपल फैमिली जज रीता कौशिक पर भी गंभीर आरोप लगाए। अतुल ने कहा कि जज ने कहा कि केस झूठे ही होते हैं, तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो। मैं केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी।
3. पत्नी ने 1 करोड़ मांगे
लेटर में लिखा था कि मेरी पत्नी, सास और उसके चाचा सुशील सिंघानिया ने 1 करोड़ रुपए की डिमांड की, जो अब बढ़कर 3 करोड़ रुपए हो गई है। कोर्ट ने मेरे 4.5 साल के बेटे की देखभाल के लिए 80,000 रुपए महीने देने का आदेश दिया। इससे मेरा तनाव बढ़ गया।
4. मेट्रिमोनी साइट से हुई शादी
अतुल ने लिखा था कि मैं 3 साल से बेटे से मिल नहीं सका था, जबकि मैंने कई बार कोर्ट में इसके लिए आवेदन किया था। पत्नी ने 2 लाख रुपए महीने की डिमांड की थी, जबकि वो एक पढ़ी-लिखी और कामकाजी महिला हैं। मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती हैं। 2019 में एक मैट्रिमोनी साइट से मैच मिलने के बाद अतुल ने निकिता से शादी की थी।
नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।
भारत के वनावरण में बढ़ोतरी
भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।
कार्बन अवशोषण में वृद्धि
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।
ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।
वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-
कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।
इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।
नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।
रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।
जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।
अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।