जालंधर,एजेंसी। पंजाब के जालंधर जिले के नकोदर निवासी जीशान अख्तर उर्फ जस्सी पुरेवाल, जो बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है, को कनाडा के सरे (Surrey) शहर में गिरफ्तार कर लिया गया है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों की सूचना के आधार पर हुई है या कनाडाई पुलिस ने स्वतंत्र रूप से यह कार्रवाई की है। लेकिन इतना तय है कि जीशान इस समय कनाडा पुलिस की हिरासत में है, और इस गिरफ्तारी को केस में बड़ी सफलता माना जा रहा है।
जीशान पर बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश रचने और घटना के पीछे मुख्य भूमिका निभाने का आरोप है। भारतीय एजेंसियां लंबे समय से उसकी तलाश में थीं और उस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजर रखी जा रही थी।
नई दिल्ली,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे और राज्य को 46 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं समर्पित कीं। इस दौरान उन्होंने दो ऐतिहासिक और तकनीकी दृष्टि से अद्वितीय पुलों चिनाब ब्रिज और अंजी पुल का उद्घाटन किया। साथ ही कटरा से श्रीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। चिनाब नदी पर बना चिनाब ब्रिज अब विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज बन चुका है। इसकी ऊंचाई एफिल टॉवर से भी अधिक है और यह समुद्र तल से 359 मीटर ऊपर स्थित है। यह पुल न केवल इंजीनियरिंग की दृष्टि से बेमिसाल है बल्कि यह देश के हर कोने को कश्मीर घाटी से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है, जो जम्मू-कश्मीर के भौगोलिक और भावनात्मक दोनों रूपों में भारत से जोड़ने का कार्य करेगा।
अंजी पुल की विशेषताएं भी कम नहीं
प्रधानमंत्री ने अंजी पुल का भी उद्घाटन किया, जो भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज है। यह पुल कटरा और रियासी को जोड़ता है और इसकी खूबसूरती के साथ मजबूती भी अद्वितीय है। कठिन भौगोलिक स्थितियों में इस पुल का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन से हर मौसम में यात्रा संभव
प्रधानमंत्री ने कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन को रवाना किया। यह ट्रेन अब हर मौसम में घाटी को जम्मू क्षेत्र से जोड़ेगी। यह सुविधा न केवल यात्रियों को राहत देगी बल्कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए भी बड़ी सौगात होगी। इससे कटरा से श्रीनगर की यात्रा का समय घटकर सिर्फ 3 घंटे के करीब रह जाएगा।
सुरक्षा के बाद अब विकास की दस्तक
प्रधानमंत्री का यह दौरा पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद हो रहा है, जिससे यह संदेश गया कि अब जम्मू-कश्मीर में विकास को रोका नहीं जा सकता। कश्मीर में यह यात्रा सुरक्षा और स्थिरता के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।
मुंबई,एजेंसी। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से हाल ही में एक बेहद ही दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मशहूर एक्टर शाइन टॉम चाको और उनका परिवार भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया है। यह हादसा इतना खतरनाक था कि शाइन के पिता की मौके पर ही मौत हो गई और परिवार के बाकी सदस्य भी बुरी तरह घायल हो गए हैं। इस खबर के सामने आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री के लोगों भी गहरा झटका लगा है।
हादसा इतना भीषण था कि एक्टर के पिता की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इस एक्सीडेंट में एक्टर उनके परिवार के सदस्यों को भी गंभीर चोट आई है। घायलों को धर्मपुरी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं इस खबर को सुनते ही उनके फैंस और इंडस्ट्री के लोग सदमे में हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हादसा तमिलनाडु के धर्मपुरी के पास पलाकोट्टई के पास हुआ। गाड़ी में शाइन, उनके माता-पिता और भाई मौजूद थे। एक रिपोर्ट के अनुसार घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि गाड़ी की एक लॉरी से जोरदार टक्कर हुई, जिससे गाड़ी पूरी क्षतिग्रस्त हो गई।
नई दिल्ली,एजेंसी। इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर सैटेलाइट को सिग्नल भेजता है। सिग्नल सैटेलाइट से टकराकर वापस आता है, जिसे डिश कैप्चर करती है। डिश यूजर्स के मॉडेम से जुड़ा होता है, जो कंप्यूटर सहित अन्य डिवाइस को इंटरनेट प्रोवाइड करता है।
इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत में ऑपरेट करने के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट का लाइसेंस मिल गया है।
अब उसे सिर्फ इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर यानी, IN-SPACe के अप्रूवल का इंतजार है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।
स्टारलिंक तीसरी कंपनी है जिसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ऑपरेट करने का लाइसेंस मिला है। इससे पहले वनवेब और रिलायंस जियो को मंजूरी मिली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टारलिंक भारत में 840 रुपए में महीनेभर अनलिमिटेड डेटा देगा। आधिकारिक तौर पर मस्क की कंपनी ने इसकी जानकारी नहीं दी है।
6 सवाल-जवाब में जानें स्टारलिंक से जुड़ी जरूरी बातें…
सवाल 1: स्टारलिंक क्या है और ये खास क्यों है?
जवाब: स्टारलिंक, स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट देता है। इसके सैटेलाइट्स पृथ्वी के करीब घूमते हैं, जिससे इंटरनेट तेज और स्मूथ चलता है। ये खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है, जैसे गांव या पहाड़, जहां आम इंटरनेट नहीं पहुंचता।
सवाल 2: भारत में इसके इंटरनेट प्लान्स की कीमत कितना हो सकती है?
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेसएक्स भारत में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज मंथली 10 डॉलर यानी लगभग 840 रुपए से कम कीमत वाले शुरुआती प्रमोशनल अनलिमिटेड डेटा प्लान से शुरू करेगा।
सवाल 3: स्टारलिंक को लाइसेंस मिलने में इतना वक्त क्यों लगा?
जवाब: स्टारलिंक 2022 से कोशिश कर रही थी, लेकिन सिक्योरिटी चिंताओं की वजह से देरी हुई। भारत सरकार ने डेटा सिक्योरिटी और कॉल इंटरसेप्शन जैसी शर्तें रखी थीं। स्टारलिंक ने इन शर्तों को माना, और मई 2025 में लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के बाद अब लाइसेंस मिल गया।
सवाल 4: आम लोगों को क्या फायदा होगा?
जवाब: स्टारलिंक से गांवों और दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचेगा, जिससे ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, और बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, टेलीकॉम मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से सस्ते और बेहतर प्लान्स मिल सकते हैं।
सवाल 5: अब स्टारलिंक का अगला कदम क्या है?
जवाब: स्टारलिंक को अब IN-SPACe से फाइनल अप्रूवल और स्पेक्ट्रम चाहिए। अगले 15-20 दिनों में ट्रायल स्पेक्ट्रम मिल सकता है, और फिर कॉमर्शियल सर्विस शुरू होगी।
सवाल 6: भारत मस्क के लिए क्यों जरूरी है?
जवाब: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट मार्केट है। मस्क के लिए ये लाइसेंस बड़ी कामयाबी है, खासकर जब अमेरिका में उनकी डोनाल्ड ट्रम्प के साथ तनातनी चल रही है। इससे स्पेसएक्स के कॉन्ट्रैक्ट्स खतरे में हैं।
सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट?
सैटेलाइट धरती के किसी भी हिस्से से बीम इंटरनेट कवरेज को संभव बनाती है। सैटेलाइट के नेटवर्क से यूजर्स को हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट कवरेज मिलता है। लेटेंसी का मतलब उस समय से होता है जो डेटा को एक पॉइंट से दूसरे तक पहुंचाने में लगता है।
स्टारलिंक किट में स्टारलिंक डिश, एक वाई-फाई राउटर, पॉवर सप्लाई केबल्स और माउंटिंग ट्राइपॉड होता है। हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए डिश को खुले आसमान के नीचे रखना होगा। iOS और एंड्रॉइड पर स्टारलिंक का ऐप मौजूद है, जो सेटअप से लेकर मॉनिटरिंग करता है।
जून 2020 में सरकार ने IN-SPACe स्थापित किया था
डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने जून 2020 में IN-SPACe को स्थापित किया था। यह स्पेस एक्टिविटीज में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को रेगुलेट करने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिए सिंगल-विंडो एजेंसी के रूप में काम करती है। IN-SPACe नॉन-गवर्नमेंटल एंटिटीज के लिए लाइसेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग और स्पेस बेस्ड सर्विसेज को बढ़ावा देने का काम भी करती है।