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कोरबा

कोरबा में बाइक सवार युवक ने की अश्लील हरकतें, गार्डन से लौट रही लड़कियों से भी बदसलूकी

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कोरबा । छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्कूटी सवार युवती को फ्लाइंग किस देकर छेड़खानी की गई है। बाइक सवार युवक ने चलती बाइक पर अश्लील हरकतें की। इसके अलावा गार्डन से लौट रही युवतियों से भी बदसलूकी हुई है। मामला राजगामार और सीएसईबी चौकी क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के मुताबिक युवती से छेड़छाड़ करने वाले युवक का नाम राजकुमार राठिया (24) है। वह कोरबा के घोटमार थाना क्षेत्र के करतला का रहने वाला है। युवक ने सड़क पर युवती को अकेले पाकर छेड़छाड़ की है।

कोरबा में युवती से छेड़छाड़ करने वाला आरोपी गिरफ्तार, भेजा गया जेल।

कोरबा में युवती से छेड़छाड़ करने वाला आरोपी गिरफ्तार, भेजा गया जेल।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, रविवार दोपहर एक युवती स्कूटी से घर जा रही थी। वह डुमरडीह पुल के पास पहुंची थी, तभी एक बाइक सवार भी वहां पास पहुंचा। उसने लड़की को देखकर पहले बाइक धीमी की। युवती से अश्लील हरकतें करने लगा।

इस दौरान लड़की ने इसका विरोध किया, तब भी युवक नहीं माना। इसके बाद परेशान होकर युवती ने मोबाइल से आरोपी की हरकतों का वीडियो बना लिया। आरोपी युवक वीडियो में स्कूटी सवार युवती को फ्लाइंग किस देता हुआ दिखाई दे रहा है।

युवती ने परिजनों के साथ दर्ज कराई FIR

वीडियो बनाने के बाद युवती घर पहुंची और अपनी आपबीती परिजनों को बताई। इसके बाद परिजन युवती को अपने साथ लेकर राजगामार पुलिस चौकी पहुंचे। जहां आरोपी युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर आरोपी की पहचान राजकुमार राठिया के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने करतला गांव में छापेमारी की। पूछताछ में आरोपी ने जुर्म स्वीकार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के मुताबिक आरोपी ने मोटरसाइकिल (CG12AL1249) को जब्त कर लिया है। साथ ही आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने जेल भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कुछ दिन पहले भी युवती से छेड़छाड़ मामले में 2 युवकों को हिरासत में लिया गया था।

कुछ दिन पहले भी युवती से छेड़छाड़ मामले में 2 युवकों को हिरासत में लिया गया था।

दूसरा केस- गार्डन से लौट रही युवतियों से बदसलूकी

वहीं दूसरी घटना रविवार दोपहर लगभग 2:30 बजे सीएसईबी चौकी के पास हुई। कुछ युवतियां अप्पू गार्डन से लौट रही थीं। इस दौरान कुछ बाइक सवार युवकों ने बदसलूकी की। लड़कियों को गालियां देकर भागने लगे। युवतियों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे फरार हो गए।

युवती को दिया था पब जाने का ऑफर

4 दिन पहले ही दो युवकों ने स्कूटी पर सवार एक युवती को पब चलने का ऑफर दिया। इस पर युवती ने हिम्मत दिखाते हुए आरोपियों का पीछा किया। रेड सिग्नल पर बाइक रुकते ही युवती ने चाबी निकालकर फेंक दी। इस करतूत के लिए दोनों युवकों को फटकार लगाई।

साथ ही युवती ने पूरी घटना का वीडियो भी बनाया। इसके बाद युवकों के खिलाफ थाने में शिकायत की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। कोरबा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि महिलाओं का सम्मान करें। अगर कोई छेड़छाड़ की घटना होती है, तो परिजन तुरंत नजदीकी थाने में सूचना दें।

छेड़छाड़ होने पर क्या करें ?

  • तुरंत विरोध करें
  • सुरक्षित स्थान पर जाएं
  • सबूत इकट्ठा करें
  • पुलिस में शिकायत करें
  • ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करें (https://www.cybercrime.gov.in)

आत्मरक्षा और जागरूकता के लिए टिप्स

  • सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग लें। कई NGOs और पुलिस विभाग मुफ्त ट्रेनिंग देते हैं।
  • परिवार या दोस्तों से लोकेशन शेयर करें, खासकर रात में यात्रा करते समय।
  • अकेले ट्रैवल करने पर बिना पहचान वाले ड्राइवर या कैब से बचें।

जरूरी हेल्पलाइन नंबर

छत्तीसगढ़- 181 महिला हेल्पलाइन- 1091 पुलिस हेल्पलाइन- 112 साइबर अपराध- 1930 चाइल्ड-लाइन (18 से कम उम्र)- 1098 राष्ट्रीय महिला आयोग- 7827170170

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कोरबा

आदिवासी कोरवा परिवार के तीन सदस्यों की जघन्य हत्या करने वाले आरोपियों की सजा उम्रकैद में बदली

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कोरबा/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सामुहिक कुकर्म और तीन हत्या के मामले में पांच दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने माना है कि यह केस समाज को झकझोरने वाला है। फिर भी तथ्यों और परिस्थितियों में आरोपियों को मृत्युदंड की कठोर सजा देना उचित नहीं है, क्योंकि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मामला नहीं है, जिसमें मृत्युदंड की कठोर सजा की पुष्टि की जानी चाहिए।

यह मामला जनवरी 2021 का है, जब कोरबा जिले में एक 16 साल की पहाड़ी कोरवा जाति की लड़की के साथ सामुहिक कुकर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। साथ ही उसके पिता और एक चार साल की बच्ची को भी बेरहमी से मार दिया गया था। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने और उनकी उम्र को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

दरअसल, कोरबा जिले के देवपहरी निवासी विशेष जनजाति समुदाय के परिवार के सदस्य सतरेंगा के संतराम मंझवार के मवेशियों को चराने का काम करता था। इसके एवज में 8000 रुपए सालाना और हर महीने 10 किलो चावल देने की बात कही थी। लेकिन, संतराम मंझवार ने साल भर से बकाया भुगतान नहीं किया और मवेशी चराने के लिए केवल 600 रुपए और प्रति माह केवल 10 किलो चावल दिया। बाकी पैसे मांगने पर संतराम मंझवार टालमटोल करता रहा।

हाईकोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना

हाईकोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना

पति और बच्चियों को ढूंढती रही पत्नी

धरमू की पत्नी ने पुलिस को बताया कि वो अपने पति और बच्ची के साथ मवेशी चराने का हिसाब-किताब करने संतराम के पास गई थी। इस दौरान कहा था कि हमारा पैसा दे दो फिर हम अपने घर चले जाएंगे, तब संतराम ने उसे 600 रुपए नकद, अनाज दे दिया। जिसके बाद धरमू अपने गांव जाने के लिए ग्राम सतरेंगा के बस स्टैंड निकल गया।

कुछ देर बाद संतराम अपने साथियों के साथ आया। सभी को बाइक से घर छोड़ने की बात कही। पत्नी को एक बाइक से आगे भेज दिया। उसके पति, नाबालिग बेटी और नातिन को रोक लिया। इसके बाद जब तीनों घर नहीं पहुंचे, तब धरमू की पत्नी तीनों की तलाश करते हुए संतराम के घर भी गई थी। लेकिन उनकी कोई जानकारी नहीं मिली। उसने थाने में शिकायत की। उसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

जंगल में मिली परिवार के तीन सदस्यों की लाश

इस घटना के दूसरे दिन 29 जनवरी 2021 को गढ़-उपोड़ा के कोराई जंगल में तीनों की हत्या कर दी गई थी। मृतकों में देवपहरी गांव के धरमू उर्फ झकड़ी राम (45), उनकी बेटी (16) और नातिन सतमति (4) शामिल थे। 30 जनवरी को जंगल में तीनों का शव मिला था।

कोर्ट से सजा सुनाने के बाद आरोपियों को ले जाती हुई पुलिस।

कोर्ट से सजा सुनाने के बाद आरोपियों को ले जाती हुई पुलिस।

पिता के सामने लड़की से किया सामुहिक कुकर्म फिर तीनों को मार डाला

धरमू की पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस ने संदेहियों को पकड़कर पूछताछ की, तब पता चला कि आरोपी संतराम और अन्य साथियों ने मिलकर धरमू को अपने साथ ले गए। जहां रास्ते में आरोपियों ने रास्ते में शराब पी। इस दौरान उन्होंने धरमू को भी शराब पिलाई। आरोपियों ने पहले तय साजिश के तहत मिलकर वारदात अंजाम दिया। पिता धरमू के सामने उसकी बेटी से सामुहिक कुकर्म किया, जिसका उसने विरोध किया तो लाठी-डंडे से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी, जिसके बाद उसकी बेटी और चार साल की नातिन को भी मार डाला।

जिला न्यायालय ने सुनाई थी फांसी की सजा

जांच के बाद पुलिस ने सतरेंगा निवासी संतराम मंझवार (45), अनिल कुमार सारथी (20), आनंद दास (26), परदेशी दास (35) और जब्बार उर्फ विक्की (21) के साथ ही उमाशंकर यादव (22) को गैंगरेप और हत्या के केस में गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच पूरी कर सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया।

ट्रॉयल के बाद कोर्ट ने सभी को दोषी ठहराया। मामले की सुनवाई करते हुए जिला एवं अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो कोर्ट) की विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने अपने फैसले में कहा, मानवीय और निर्दयतापूर्वक किया गया कृत्य वीभत्स, पाशविक और कायरतापूर्ण है। वासना को पूरा करने के लिए निर्दोष और कमजोर लोगों की हत्या की गई, जिससे पूरे समाज की सामूहिक चेतना को आघात पहुंचा है। इसलिए, चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। जबकि, एक आरोपी उमाशंकर यादव को उम्रकैद की सजा दी।

कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट ने फांसी को आजीवन कारावास में बदला

फांसी की सजा की पुष्टि के लिए केस को हाईकोर्ट भेजा गया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि हालांकि, यह पूरे समाज को झकझोरने वाला है, फिर भी, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में, अपीलकर्ताओं की आयु को देखते हुए और विचारपूर्वक विचार करने पर, हमारा मानना है कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में मृत्युदंड की कठोर सजा उचित नहीं है।

यह ‘दुर्लभतम से दुर्लभतम मामला’ नहीं है, जिसमें मृत्युदंड की कठोर सजा की पुष्टि की जानी है। हमारे विचार में उम्रकैद की सजा पूरी तरह से पर्याप्त होगा और न्याय के उद्देश्यों को पूरा करेगा। जिस पर हाईकोर्ट ने मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। वहीं, आरोपी उमाशंकर यादव की उम्रकैद की सजा को यथावत रखते हुए उसकी अपील खारिज कर दी है।

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कोरबा

गेवरा खदान में इलेक्ट्रिशियन की मौत:कोरबा के खदान में मेंटेनेंस के दौरान 6.6 केवी लाइन से करंट लगा, मुआवजे की मांग

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कोरबा ,एजेंसी। कोरबा में गेवरा खदान में बुधवार दोपहर एक इलेक्ट्रिशियन की करंट लगने से मौत हो गई। घटना दोपहर 3:30 से 4:00 बजे के बीच की है। पीक्यू सर्किट के बैकअप क्षेत्र में मेंटेनेंस कार्य के दौरान यह हादसा हुआ।

नागार्जुन कंपनी के इलेक्ट्रिशियन हीरा और उनके सहयोगी विवेक पटेल 6.6 केवी लाइन में आई स्पार्किंग की समस्या को ठीक करने पहुंचे थे। काम करते समय हीरा अचानक करंट की चपेट में आ गए। साथी कर्मचारी उन्हें तुरंत नेहरू शताब्दी चिकित्सालय ले गए। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

दीपका थाना प्रभारी प्रेमचंद पटेल ने बताया कि पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद कर्मचारियों में आक्रोश है। वे खदान में सुरक्षा मानकों के पालन पर सवाल उठा रहे हैं।

प्रशासन जल्द ही घटना की जांच के आदेश दे सकता है। कर्मचारी मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और सहायता की मांग कर रहे हैं।

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कोरबा

बालको सेक्टर-5 में संचालित स्कूल में अव्यवस्थाओं का आलम

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व्यवस्था सुधारने नेता प्रतिपक्ष साहू ने कलेक्टर को लिखा पत्र
कोरबा/बालकोनगर। एक तरफ युक्तियुक्तकरण सम्पन्न हो चुका है और प्रदेश भर के स्कूलों में 16 जून से विद्यालय प्रारंभ भी हो गया है और शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया, लेकिन कई विद्यालयों में अव्यवस्था का आलम देखा गया। शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के बाद भी कई विद्यालयों में न तो साफ-सफाई दिखी और न ही बच्चों पेयजल की व्यवस्था।
ऐसा ही एक मामला बालको सेक्टर-5 में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला में देखने को मिला। अव्यवस्थाओं से घिरे इस विद्यालय का प्रवेशोत्सव में नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू भी पहुंचे थे, जहां अव्यवस्था देखकर काफी खिन्न हुए।


उन्होंने तत्काल 16 जून को ही कलेक्टर को पत्र लिखा और ज्ञापन सौंपकर विद्यालय की अव्यवस्था को सुधारने की मांग की। उन्होंने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि उक्त विद्यालय में 250 से अधिक बच्चें अध्यनरत हैं, जहां पर शासकीय योजना के तहत मध्यान्ह भोजन भी संचालित है, लेकिन वहां भोजन बनाने के लिए तथा बच्चों के पीने के लिए पानी तक नहीं हैं। आखिर स्कूल प्रबंधन अब तक क्या कर रहा है, जिसे विद्यालय के बच्चों की सुख-सुविधा की भी चिंता नही हैं, ऐसे में बच्चें कैसे पढ़ेंगे। पत्र में यह भी लिखा गया है कि विद्यालय में एक भृत्य भी नहीं हैं। खेलने का मैदान खेलने लायक भी नहीं बचा। श्री साहू ने कलेक्टर से निवेदन करते हुए कहा है कि आप स्वयं निरीक्षण करें और अव्यवस्थाओं को तत्काल सुधारने का निर्देश दें, ताकि बच्चे मन लगाकर पढ़ सकें।

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