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तीन दिन की गिरावट पर लगा ब्रेक, शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल, जानिए इसके 5 बड़े कारण

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मुंबई, एजेंसी। तीन दिनों की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार ने 20 जून को जोरदार वापसी की। मजबूत एशियाई संकेतों, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और भूराजनीतिक तनाव में राहत जैसे कारकों के चलते निवेशकों ने जमकर खरीदारी की। इसका नतीजा ये रहा कि सेंसेक्स 824.5 अंकों की छलांग लगाकर 82,186.37 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 247.2 अंक चढ़कर 25,040 के पार निकल गया।

बाजार में तेजी के पीछे ये हैं 5 प्रमुख कारण:

मजबूत एशियाई संकेत: जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और हांगकांग के प्रमुख इंडेक्स हरे निशान में थे, जिससे भारतीय बाजारों को भी समर्थन मिला।

विदेशी निवेशकों की लिवाली: गुरुवार को FIIs ने 934.62 करोड़ और DIIs ने 605.97 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे बाजार को मजबूती मिली।

क्रूड ऑयल सस्ता हुआ: ब्रेंट क्रूड 2.45% टूटकर 76.92 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए राहत की खबर है।

रुपए में मजबूती: डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे मजबूत होकर 86.60 पर पहुंचा, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा।

इंडिया VIX में गिरावट: अस्थिरता सूचकांक VIX 4% गिरकर 13.66 पर आ गया, जो बाजार में स्थिरता का संकेत देता है।

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शेयर बाजार में तूफानी तेजी, सेंसेक्‍स 1046 अंक उछला, निफ्टी 25100 के पार बंद

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मुंबई, एजेंसी। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन (20 जून) शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखी गई। निफ्टी ने 25000 का लेवल फिर से क्रॉस किया है, वहीं सेंसेक्‍स में 1100 अंकों का उछाल आया। वहीं एक दिन पहले गुरुवार को शेयर बाजार तेज गिरावट पर बंद हुआ था। 

कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1046 अंकों की बढ़त के साथ 82408 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी में 319 अंक की तेजी आई, ये 25112 के स्तर पर बंद हुआ। 

निवेशकों की शानदार कमाई

निफ्टी बैंक, फाइनेंस सर्विसेज, ऑटो और मेटल सबसे ज्‍यादा प्रदर्शन करने वाले सेक्टरों में से थे, जो रैली का नेतृत्व कर रहे थे। व्यापक बाजार में, निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्‍स भी गुरुवार की तेज गिरावट के बाद लगभग 0.8% चढ़े। इस बीच, बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3.57 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 446.37 लाख करोड़ रुपए हो गया। 

तेजी के कारण

  • RBI ने प्रोजेक्‍ट फंडिंग के लिए मानदंड आसान किए। केंद्रीय बैंक ने अपने गाइडलाइन में बैंकों, NBFC और सहकारी बैंकों में मानदंडों को आसान किया है। एक्‍सपर्ट का कहना है कि इससे REC और PFC सहित परियोजना वित्तपोषकों को बड़ी राहत मिलेगी।
  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों 2025 में दो कटौती का संकेत दिया है, जबकि मुद्रास्फीति की उम्मीदें बढ़ी हैं।
  • अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 0.34% की गिरावट को बढ़ाते हुए 98.57 पर आ गया। कमजोर डॉलर आम तौर पर विदेशी पूंजी को आकर्षित करके और रुपये का समर्थन करके भारत जैसे उभरते बाजार इक्विटी को बढ़ावा देता है।
  • विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पिछले दो सत्रों में 1,824 करोड़ रुपए के इक्विटी खरीदकर शुद्ध खरीदार बन गए हैं। इस बीच घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने लगातार 12वें दिन भी मजबूत खरीदारी जारी रखी और 2,566 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

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अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे बढ़कर 86.59 पर बंद

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मुंबई,एजेंसी। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और डॉलर के कमजोर होने से शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे बढ़कर 86.59 (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में मजबूत प्रदर्शन और एफआईआई लिवाली ने स्थानीय मुद्रा को और समर्थन दिया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.65 पर खुला और 86.55-86.67 के सीमित दायरे में कारोबार करता रहा। 

रुपया कारोबार के अंत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे की बढ़त के साथ 86.59 (अस्थायी) पर बंद हुआ। बृहस्पतिवार को रुपया 30 पैसे टूटकर दो महीने के निचले स्तर 86.73 पर बंद हुआ था। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मनीष शर्मा ने कहा, ”आज (शुक्रवार) को रुपए में तेजी आई, लेकिन इस महीने अब तक इसमें एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई है। अधिकांश गिरावट पिछले शुक्रवार को इजराइल के ईरान में हमला करने के बाद आई। हमलों ने वैश्विक तेल आपूर्ति में व्यवधान को लेकर चिंताएं पैदा कीं, जिससे वायदा बाजार में ब्रेंट क्रूड तेल पांच महीने के उच्चतम स्तर 79 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।” 

उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में गिरावट से शुक्रवार को स्थानीय मुद्रा को राहत मिली। अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप अगले दो हफ्तों में फैसला करेंगे कि अमेरिका इजराइल-ईरान युद्ध में शामिल होगा या नहीं। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर का स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.60 पर था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 2.36 प्रतिशत टूटकर 76.99 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध आधार पर 934.62 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। 

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आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मई में घटकर 0.7 प्रतिशत पर

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नई दिल्ली,एजेंसी। देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर मई 2025 में घटकर 0.7 प्रतिशत रह गई, जो पिछले नौ महीनों में सबसे कम है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। पिछली सबसे कम वृद्धि दर अगस्त, 2024 में दर्ज की गई थी, जब इन ढांचागत क्षेत्रों के उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल मई में इन क्षेत्रों की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत थी। इस साल अप्रैल में इन प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के उत्पादन में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि चार प्रमुख क्षेत्रों- कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, उर्वरक एवं बिजली के उत्पादन में मई के दौरान गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, रिफाइनरी उत्पादों और सीमेंट उत्पादन की वृद्धि दर सकारात्मक रही। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में आठ प्रमुख क्षेत्रों में कुल 0.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले कम है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 6.9 प्रतिशत थी।
 

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