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कैश फॉर क्वेरी केस- महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म-महुआ ने कहा- मुझे झुकाने के लिए हर नियम तोड़ दिया
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2 years agoon
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Divya Akash
नई दिल्ली (एजेंसी)। कैश-फॉर-क्वेरी मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव पेश हुआ। इसके बाद वोटिंग हुई। हालांकि महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया। वोटिंग के बाद लोकसभा स्पीकर ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव पास कर दिया। इसके बाद लोकसभा को 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ ने कहा कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया। इससे पहले भी चर्चा के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें पैनल मीटिंग में बोलने का मौका मिला था।
महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से निष्कासन पर और क्या कहा…
कैश या गिफ्ट कोई सबूत ही नहीं मिला। एथिक्स कमेटी ने भी जड़ तक पहुंचे बिना मेरे खिलाफ रिपोर्ट बनाई और कंगारू कोर्ट ने बिना सबूत के मुझे सजा दी। 17वीं लोकसभा वाकई ऐतिहासिक रही है। इस सदन ने वुमन रिजर्वेशन रीशेड्यूलिंग बिल पारित होते देखा। इसी सदन ने 78 महिला सांसदों में से एक के सबसे मजबूत विच-हंट को भी देखा है। इसने एक संसदीय समिति का हथियारीकरण भी देखा विडंबना है कि एथिक्स कमेटी नैतिक दिशा-निर्देशक बनाया गया था, उसका इस्तेमाल वह करने के लिए किया जा रहा, जो उसे कभी नहीं करना था।
500 पेज की रिपोर्ट 12 बजे पेश हुई, 3 बार सदन की कार्यवाही रुकी
लोकसभा में शुक्रवार (8 दिसंबर) को सदन सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई और एथिक्स कमेटी की 500 पेज की रिपोर्ट पेश की गई। 12 बजे एथिक्स कमेटी चेयरमैन विजय सोनकर ने रिपोर्ट पेश की। जिसमें महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश और कानूनी जांच की मांग की गई थी। हालांकि टीएमसी ने मांग की थी कि 500 पेज की रिपोर्ट पढऩे के लिए 48 घंटों का समय दिया जाए। चार मिनट बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गया। लोकसभा में इस पर सदन में 3 बार हंगामा हुआ। दो बार कार्यवाही स्थगित हुई। दोपहर 2 बजे से तीसरी बार कार्यवाही शुरू होने पर महुआ के निष्कासन पर वोटिंग हुई।
रिपोर्ट पेश होने के बाद किसने क्या कहा…
कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी बोले- आज सभी पार्टियों ने महुआ के खिलाफ वोटिंग करने के लिए व्हिप जारी किया है। इसलिए सदन स्थगित करके सभी व्हिप विड्रॉ किए जाएं। मनीष तिवारी की दलीलों पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने पूछा आप संसद में बहस कर रहे हैं या कोर्ट में। ऐसा न करें, क्योंकि न तो ये कोर्ट है और न ही मैं न्यायाधीश हूं। बीजेपी सांसद हिना गावित ने कहा कि महुआ मोइत्रा से एथिक्स पैनल ने हलफनामे के आधार पर सवाल पूछे, व्यक्तिगत सवाल पूछकर कोई चीरहरण नहीं किया गया। बीजेपी के प्रहलाद जोशी ने कहा कि महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने की इजाजत न दी जाए।
सदन में क्या-क्या हुआ…
लोकसभा स्पीकर ने रिपोर्ट पर चर्चा के लिए आधे घंटे दिए ओम बिड़ला ने कहा रूल 316 के तहत आधे घंटे की चर्चा दिए थे। इसके बाद विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इसे पढऩे 3 दिन का समय मांगा था। विपक्ष ने सदन में मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाए। टीएमसी सांसदों की अगुआई में विपक्ष ने सदन में मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाए थे। विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। उधर सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे इंसाफ का मजाक उड़ाना बताया था। थरूर बोले- ये रिपोर्ट आधी-अधूरी है कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ऐसा लगता है ढाई मिनट में किसी ने तैयार कर दी हो। आरोप लगाने वालों से जिरह करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। सीधे संसद सदस्य के सस्पेंशन पर पहुंचना वास्तव में अपमानजनक है।
महुआ ने कहा था- मां दुर्गा आई हैं, अब महाभारत होगा, भाजपा सांसद बोले- महाभारत सूर्पनखा के कारण नहीं हुआ
लोकसभा में रिपोर्ट पेश होने के दौरान महुआ भी सदन में मौजूद थीं। संसद पहुंचने पर महुआ ने मीडिया से बातचीत में कहा- मां दुर्गा आ गई हैं, अब देखिए क्या होता है। जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। उन्होंने वस्त्रहरण से शुरुआत की अब आप महाभारत का रण देखेंगे। इस पर बीजेपी सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा था- महुआ ने खुद को द्रौपदी बोला है और महाभारत शुरू होने की बात कही। लेकिन समस्या ये है, इस महाभारत में श्रीकृष्ण तो इस तरफ हैं। जहां तक मुझे पता है महाभारत द्रौपदी के लिए हुआ था, सूर्पनखा के लिए नहीं। सदन में निष्कासन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी इस चीरहरण और सूर्पणखा वाले बयान पर जमकर हंगामा हुआ था।
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शाह बोले-स्टालिन सरकार ने 4600 करोड़ का खनन घोटाला किया
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7 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
मेरे पास इनके भ्रष्टाचार की लंबी सूची; 2026 में तमिलनाडु-पश्चिम बंगाल में NDA सरकार बनेगी
चेन्नई,एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि मेरे पास स्टालिन सरकार के भ्रष्टाचार की लंबी सूची, इन्होंने 4600 करोड़ का रेत खनन घोटाला किया। लेकिन मैं उन पर बात करके समय बर्बाद नहीं करना चाहता।
इन्होंने 4600 करोड़ रुपए के अवैध रेत खनन घोटाले का आरोप भी है, जिसका असर सीधे राज्य के गरीबों पर पड़ा और उन्हें महंगी रेत खरीदनी पड़ी, ताकि पार्टी लाभ कमा सके।
तमिलनाडु के मदुरै में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने मदुरै को परिवर्तन की धरती बताया और कहा कि यह कार्यकर्ता सम्मेलन DMK सरकार को हटाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
शाह ने दावा किया कि साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों में NDA तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में सरकार बनाएगी।
शाह ने कहा;-
पिछले चार साल में डीएमके ने भ्रष्टाचार की हर हद पार कर दी है। अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने जो 450 करोड़ की पोषण किटें भेजीं, उन्हें निजी कंपनी को देकर गरीबों को खाना तक नहीं मिलने दिया।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर पहलगाम हमले का बदला लिया शाह ने कहा कि पहलगाम में आतंकियों ने हमारे निर्दोष नागरिकों की धर्म पूछकर हत्या कर दी थी और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों का सफाया कर दिया।
शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से पहले भी भारत पर कई आतंकी हमले हुए थे मगर कभी कोई जवाब नहीं दिया गया। हमारी वीर सेना ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर जाकर आतंकियों का हेडक्वार्टर जमींदोज कर दिया था।
तमिलनाडु में NDA की वापसी, AIADMK के साथ हाथ मिलाया

गठबंधन के ऐलान के वक्त अन्नामलाई भी अमित शाह, पलानीस्वामी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।
अमित शाह ने 11 अप्रैल को चेन्नई में भाजपा और AIADMK के गठबंधन का ऐलान किया। उन्होंने कहा 2026 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव AIADMK प्रमुख ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। सीटों का बंटवारा बाद में चर्चा के बाद तय किया जाएगा।
शाह ने कहा कि गठबंधन को लेकर AIADMK की कोई डिमांड नहीं है, न ही BJP उनके अंदरूनी मामलों में कोई हस्तक्षेप करेगी। पार्टी का NDA में शामिल होना दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद है।
शाह ने कहा;-
अगला चुनाव DMK सरकार के भ्रष्टाचार, दलितों पर, महिलाओं पर अत्याचार के आधार लड़ा जाएगा। लोग डीएमके से घोटालों पर जवाब मांग रहे हैं, चुनाव में इन्हीं मुद्दों पर जनता वोट देगी।
दरअसल, सितंबर 2023 में तत्कालीन तमिलनाडु प्रमुख अन्नामलाई की गई कुछ टिप्पणियों के कारण अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) NDA से अलग हो गई थी।
अन्नामलाई स्टेट प्रेसिडेंट चुनाव से पीछे हटे, नयनार होंगे अगले अध्यक्ष
इधर, शुक्रवार को ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी सामने आ गया। तिरुनेलवेली से भाजपा विधायक नयनार नागेन्द्रन भाजपा के अगले प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। नागेंद्रन पहले AIADMK में रह चुके हैं, जिससे गठबंधन को मजबूती मिलने की संभावना है।
नागेंद्रन के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन शाह के एक X पोस्ट के मुताबिक नयनार का नाम मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष के अन्नामलाई ने प्रस्तावित किया था।

गठबंधन से ऐलान के पहले पलानीस्वामी ने अमित शाह से मुलाकात की और उनका सम्मान किया।
पिछले चुनाव में AIADMK-BJP गठबंधन को 75 सीटें ही मिली थी AIADMK ने लगातार दो कार्यकाल (2011-2021) तक तमिलनाडु में शासन किया। 2021 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में DMK ने राज्य की कुल 234 सीटों में से 159 पर जीत हासिल की थी। वहीं, AIADMK सिर्फ 66 सीटों पर सिमट गई थी। भाजपा ने 2 और अन्य दलों को 7 सीटें मिली थी।
DMK की जीत के बाद, एमके स्टालिन राज्य के मुख्यमंत्री बने। उधर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई की कुछ टिप्पणियों के कारण 25 सितंबर, 2023 को AIADMK और भाजपा गठबंधन टूट गया।
लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी भाजपा और AIADMK ने 2024 का लोकसभा चुनाव अलग-अलग गठबंधन में लड़ा, लेकिन डीएमके उस चुनाव में भी जीत गई। इसे अन्नाद्रमुक और भाजपा के लिए झटका माना गया। तमिलनाडु में लोकसभा की कुल 39 सीटें हैं।
सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की अगुआई में INDIA गठबंधन ने सभी सीटों पर जीत दर्जकी है। डीएमके को 22, कांग्रेस को 9,सीपीआई, सीपीआई(एम) और VCK को 2-2 और MDMK और IUML को एक-एक सीट पर जीत मिली है।
पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी की भी एक सीट पर कांग्रेस की जीती है। AIADMK और भाजपा के नेतृत्व वाले NDA का खाता तक नहीं खुल सका।
AIADMK और भाजपा अलग क्यों हुए
अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने 25 सितंबर 2023 को बीजेपी के साथ अपने रिश्ते को खत्म करते हुए NDA से निकलने की घोषणा की थी। इसका प्रमुख कारण तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई की राजनीति की अक्रामक शैली को माना गया। अन्नामलाई ने द्रविड़ियन दिग्गज सीएन अन्नादुरई पर टिप्पणी की थी।
11 सितंबर 2023 को अन्नामलाई ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री, पी.के. शेखर बाबू के सनातन धर्म के खिलाफ बयान के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में सी.एन. अन्नादुरई के खिलाफ भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘अन्नादुरई ने 1950 के दशक में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू आस्था के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की थी, जिसका स्वतंत्रता सेनानी पसुमपोन मुथुमारलिंग थेवर ने कड़ा विरोध किया था।
‘अन्नामलाई के बयान के तुरंत बाद अन्नाद्रमुक नेता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ एकजुट हो गए।अन्नादुरई पर टिप्पणी के लिए AIADMK ने अन्नामलाई से माफी मांगने को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
इस पर AIADMK ने भाजपा नेतृत्व से अन्नामलाई को पार्टी की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने को कहा लेकिन भाजपा आलाकमान ने ऐसा नहीं किया। इसी के चलते AIADMKअलग हुए।
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भारत का इकलौता टैक्स-फ्री राज्य, जहाँ नागरिकों को नहीं चुकाना पड़ता Income Tax
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7 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
सिक्किम,एजेंसी। भारत में आयकर चुकाना टैक्स स्लैब में आने वाले हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हर साल जब केंद्रीय बजट पेश होता है तो सभी की निगाहें टैक्स स्लैब में संभावित कमी पर टिकी रहती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा भी राज्य है जहाँ के नागरिकों को सरकार को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है? यह राज्य किसी भी टैक्स स्लैब से बाहर रखा गया है।
क्यों सिक्किम है भारत का इकलौता टैक्स-फ्री राज्य?
पूर्वोत्तर का राज्य सिक्किम भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जो भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत टैक्स फ्री है। सिक्किम लगभग 330 से अधिक वर्षों तक एक स्वतंत्र रियासत था। 1975 में यह भारत में विलय हो गया और भारत का 22वां राज्य बना।
यह विलय एक खास शर्त पर हुआ था, सिक्किम की पुरानी कर संरचना भारत में विलय के बाद भी जारी रहेगी। सिक्किम की कर नियमावली के अनुसार यहाँ के नागरिकों को उनकी आय की परवाह किए बिना कोई भी आयकर नहीं देना पड़ता है।
भारतीय संविधान के तहत मिली है विशेष छूट
साल 2008 में शुरू की गई आयकर की धारा 10 (26AAA) यह प्रावधान करती है कि सिक्किम में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी स्रोत से होने वाली आय या ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स भुगतान से छूट है। इस छूट का लाभ उन लोगों को मिलता है जो 26 अप्रैल 1975 तक सिक्किम के अधिवासी (domicile) रहे हों।

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ये है दुनिया का सबसे अमीर देश, जहां हर सातवां शख्स पार कर चुका है करोड़ों का आंकड़ा
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8 hours agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
नई दिल्ली/स्विट्जरलैंड,एजेंसी। दुनिया में लगभग 195 देश हैं और हर देश की अपनी अनूठी पहचान है। कोई अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है तो कोई अपनी तकनीकी प्रगति के लिए। इसी तरह कुछ देश बेहद समृद्ध हैं तो कुछ गरीबी से जूझ रहे हैं। जब भी दुनिया के सबसे अमीर देशों की बात आती है तो आमतौर पर हमारे दिमाग में अमेरिका, चीन और जापान जैसे बड़े नाम आते हैं जिनकी अर्थव्यवस्थाएँ वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत मानी जाती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तव में दुनिया का सबसे अमीर देश कौन सा है?
यूरोप का यह छोटा सा देश है सबसे अमीर
हम जिस देश की बात कर रहे हैं वह यूरोप में बसा एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत देश है – स्विट्जरलैंड। यह देश अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है और यही कारण है कि हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक यहाँ घूमने आते हैं। दुनिया के चुनिंदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन में यह लोगों की पहली पसंद है। इतना ही नहीं दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची में भी स्विट्जरलैंड का अपना एक अलग और ऊँचा स्थान है।
हर 7वां व्यक्ति करोड़पति, अमेरिका भी पीछे
आँकड़ों की मानें तो स्विट्जरलैंड में हर 7वां व्यक्ति करोड़पति है और बेहद लग्जरी लाइफ जीता है। यहाँ की प्रति व्यक्ति आय (per capita income) भी दुनिया के कई विकसित देशों से कहीं अधिक है। अमीरी के मामले में इस छोटे से देश ने अमेरिका जैसे आर्थिक महाशक्ति को भी पीछे छोड़ दिया है।
- निवेशी सोच: यहाँ की अमीरी का सबसे बड़ा कारण यहाँ के लोगों की निवेशी सोच है। स्विट्जरलैंड के लोग पैसे की बचत से कहीं ज़्यादा निवेश पर ज़ोर देते हैं। यहाँ का हर व्यक्ति अपनी कमाई का केवल 20 से 30 फीसदी हिस्सा ही बचत के लिए रखता है जबकि शेष राशि को वह विभिन्न जगहों पर निवेश कर देता है। यह दीर्घकालिक वित्तीय वृद्धि में सहायक होता है।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: इस देश की अमीरी का दूसरा सबसे बड़ा कारण शिक्षा है। यहाँ के लोग बच्चों की अच्छी शिक्षा पर काफी पैसा खर्च करते हैं। हालाँकि यह शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने के लिए नहीं होती बल्कि कौशल विकास पर इसका विशेष ध्यान होता है। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक बाज़ार की ज़रूरतों के अनुसार कुशल और रोज़गार योग्य बनें जिससे उच्च आय अर्जित करने की क्षमता बढ़ती है।
इस प्रकार निवेश-केंद्रित संस्कृति और उच्च-गुणवत्ता वाली कौशल-आधारित शिक्षा ने मिलकर स्विट्जरलैंड को दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक बना दिया है।



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