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कोरबा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कोरबा जिले को दी 223 करोड़ की विकास कार्यों की सौगात

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199 करोड़ से अधिक राशि के 50 विभिन्न विकास कार्यों का किया भूमिपूजन, 24 करोड़ से अधिक राशि के 16 कार्यों का हुआ लोकार्पण

लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर के प्रतिमा का हुआ अनावरण

कोरबा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कोरबा जिले के प्रवास के दौरान जिलेवासियों को लगभग 223 करोड़ 88 लाख 41 हजार से अधिक लागत की 66 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। श्री साय ने विभिन्न विभागों के अंतर्गत किए जा रहे 66 विकास कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास किया। इन विकास कार्यों में 24 करोड़ 10 लाख 70 हजार से अधिक राशि के 16 कार्यों का लोकार्पण एवं 199 करोड़ 77 लाख 71 हजार से अधिक राशि की 50 कार्यों का भूमिपूजन/शिलान्यास शामिल हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने कन्वेंशन सेंटर में लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का लोकार्पण किया और कन्वेंशन सेंटर को लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम से नामकरण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा किए जाने वाली 16 लोकार्पण कार्यों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत 15 करोड़ 06 लाख 77 हजार लागत के 11 कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्राम केरवाद्वारी, डूमरडीह, कोरकोमा, कसईपाली, बारी उमरांव, कपोट, नुनेरा, कोटमर्रा, लैंगा, बेतलो और सरपता में एकल ग्राम योजना शामिल है। स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत भैसमा, कुदमुरा और पसान में 75-75 लाख की लागत से नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण, नगर पालिक निगम कोरबा के अन्तर्गत 03 करोड़ 58 लाख की लागत से स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय एनसीडीसी कोरबा में नवीन भवन/जीर्णोद्धार कार्य, और क्रेड़ा विभाग अन्तर्गत 03 करोड़ 20 लाख 70 हजार 920 रूपये की लागत से कोरबा जिले के 47 छात्रावासों/आश्रमों में 2.4 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य शामिल हैं।
भूमि पूजन के कार्यों के अंतर्गत नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगर पालिका निगम कोरबा व नगर पालिका परिषद दीपका में डीएमएफ, 15 वें वित्त सहित अन्य मदों से 15 करोड़ 38 लाख 85 हजार लागत के 09 कार्यों का भूमि पूजन/शिलान्यास किया गया। इनमें 06 करोड़ 66 लाख 35 हजार की लागत से 15 वें वित्त अंतर्गत नगर पालिक निगम कोरबा हेतु 100 टीपीडी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, 05 करोड़ 78 लाख एक हजार की लागत से प्रधानमंत्री ई-बस सेवा अंतर्गत दर्री जोन क्रमांक 06 में सिटी बस डिपो/टर्मिनल कॉपलेक्स का निर्माण कार्य, 41 लाख 13 हजार की लागत से 100 बैड हॉस्पिटल में एसएनसीयू हॉल, गैलरी शेड, रैम्प एवं बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य, 61 लाख की लागत से वार्ड क्रमांक 32 में प्रशिक्षण हाल निर्माण, वार्ड क्रमांक 31 में 50 लाख की लागत से प्रशिक्षण हॉल निर्माण, 25 लाख की लागत से अयोध्यापुरी तालाब में जल संवर्धन हेतु निर्माण कार्य, 42 लाख 31 हजार की लागत से भू-जल स्त्रोत सुधार के लिए रिचार्ज वेल, डिसिल्टींग, आयल एवं ग्रीस टै्रपिंग का निर्माण कार्य, नगर पालिका परिषद दीपका अंतर्गत 68 लाख 20 हजार की लागत से निकाय क्षेत्रांतर्गत घरों में पेयजल हेतु सर्विस कनेक्शन प्रदाय कार्य और 06 लाख 85 हजार लागत की वार्ड क्रमांक 06 में टॉवर रोड से गणेश साहू घर तक आरसीसी नाली निर्माण कार्य शामिल हैं।


इसी तरह ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अंतर्गत जिला खनिज संस्थान न्यास मद से 03 करोड़ 72 लाख 08 हजार की लागत से 07 कार्यों का भूमिपूजन किया गया। इनमें 01 करोड़ 84 लाख 68 हजार की लागत से विकासखंड स्तर पर 04 ट्रेनिंग हॉल, 49 लाख 98 हजार की लागत से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजगामार में 01 प्रयोगशाला कक्ष, 30 लाख 65 हजार की लागत से प्राथमिक शाला हेतु 02 नवीन भवन, 33 लाख 20 हजार की लागत से माध्यमिक शाला हेतु 02 नवीन भवन निर्माण, 36 लाख 90 हजार की लागत से शासकीय उप स्वास्थ्य केन्द्र नोनदरहा हेतु नवीन भवन निर्माण, 26 लाख 67 हजार की लागत से खाद भंडारण केन्द्र कटघोरा में अहाता निर्माण और 10 लाख की लागत से कलमीटिकरा से बरपाली आर.डी. 2 किलोमीटर में पुलिया निर्माण कार्य शामिल है। जल संसाधन विभाग अंतर्गत 02 करोड़ 79 लाख 32 हजार की लागत से तेन्दुभाठा एनीकट और 02 करोड़ 89 लाख 13 हजार की लागत से हाउसिंग बोर्ड कालोनी उरगा के पास डोमनाला स्टापडेम का निर्माण कार्य, कार्यपालन अभियंता मिनीमाता बांगो बांध संभाग क्र. 3 माचाडोली अंतर्गत मिनीमाता (हसदेव) बांगो परियोजना के तहत 03 करोड़ 02 लाख 25 हजार की लागत से कोरबा जिले के मिनीमाता बांगो बांध परिक्षेत्र में स्थित आई.बी.(निरीक्षण गृह) का जीर्णोंद्धार कार्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के तहत 01 करोड़ 19 लाख 78 हजार की लागत से पोंड़ी उपरोड़ा से जिला खनिज संस्थान न्यास से स्वीकृत लेपरा मार्ग के 274 मीटर लंबाई में पुर्ननिर्माण एवं रिटर्निंग वॉल निर्माण कार्य, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय उर्जा विकास अभिकरण अंतर्गत 02 करोड़ 68 लाख 89 हजार 100 की लागत से विभिन्न स्थलों में 50 नग सोलर हाईमास्ट संयंत्र स्थापना कार्य, 02 करोड़ 14 हजार 350 की लागत से 50 उप स्वास्थ्य केन्दा्रें में 1.2 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य और लोक निर्माण विभाग अंतर्गत 166 करोड़ 07 लाख 27 हजार की लागत से पुल-पुलिया, सड़क, भवन निर्माण, पहुंच मार्ग निर्माण सहित कुल 28 कार्यों का भूमिपूजन किया गया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, उद्योग,वाणिज्य और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, विधायक प्रेमचंद पटेल, महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत, संभागीय संगठन प्रभारी अनुराग सिंहदेव, भाजपा जिला अध्यक्ष गोपाल मोदी, विधायक प्रतिनिधि भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक विकास अग्रवाल, गोपाल साहू, मनोज शर्मा, जोगेश लांबा, अशोक चावलानी, ज्योतिनंद दुबे, दुष्यंत शर्मा आदि उपस्थित थे।

एक पेड़ माँ के नाम पर मुख्यमंत्री ने लगाए सिंदूरी के पौधे

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक पेड़ माँ के नाम के तहत रिसदी के कन्वेन्शन सेंटर परिसर में सिंदूरी पेड़ का रोपण किया। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मौलश्री, मंत्री लखनलाल देवांगन ने बादाम के पौधे का रोपण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवनी पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

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कोरबा

रायपुर की मेडिकल स्टूडेंट ने लगाई फांसी : कोरबा में SECL क्वार्टर में मिली लाश, पिता बोले- पढ़ाई के दौरान डिप्रेशन था, इलाज चल रहा था

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कोरबा। कोरबा जिले में मेडिकल की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान छाया गौतम (22) के रूप में हुई है। वह पिछले 5 सालों से रायपुर के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। 13 जून को छाया का शव उसके घर में मिला।

मामला कुसमुंडा थाना क्षेत्र का है। छाया लगभग 15 दिन पहले रायपुर से कोरबा आई थी। रायपुर से लौटने के बाद से वह मानसिक तनाव में थी। उसने अपने पिता शशि भूषण गौतम को बताया था कि पढ़ाई के दौरान उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पिता ने उसका कोरबा के एक निजी अस्पताल में इलाज भी शुरू करवाया था। शुक्रवार सुबह, जब घर में कोई नहीं था, छाया ने क्वार्टर में फांसी लगाकर जान दे दी। उस समय उसके पिता ड्यूटी पर थे। घर के सदस्यों ने फोन कर उन्हें सूचना दी।

इसी घर में छात्रा का शव मिला।

इसी घर में छात्रा का शव मिला।

डॉक्टर बनना चाहती थी छाया

बता दें कि छाया के पिता SECL कर्मी है वे लोग कला मंदिर क्षेत्र में M 55 माइनस क्वार्टर में रहते थे। घटना के समय मां भी बाहर गई थी। छाया के पिता ने बताया कि बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार थी और डॉक्टर बनना इसका एक सपना था।

मृतक छाया गौतम (22)

मृतक छाया गौतम (22)

सहेलियों से होगी पूछताछ

कुसमुंडा थाना प्रभारी राकेश गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों का बयान दर्ज कर लिया है। जांच के लिए रायपुर मेडिकल कॉलेज और छाया की सहेलियों से पूछताछ की जाएगी। साथ ही उसके मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है।

इस घटना से पूरे परिवार में शोक का माहौल है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। वहीं, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मृतक छाया को श्रद्धांजलि दी है।

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कोरबा

मत्स्य आखेट पर रहेगा प्रतिबंध, मछलियों के संरक्षण हेतु 15 अगस्त तक बंद ऋतु घोषित

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कोरबा। जिले में वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि को ध्यान में रखकर उनके संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम के तहत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को बंद  ऋतु   (क्लोज सीजन) घोषित किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत जिले के समस्त नदियों-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन पर सिंचाई के तालाब, छोटे-बड़े जलाशयों में सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून से 15 अगस्त 2025    तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
सहायक संचालक मछली पालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने तथा अपराध सिद्ध होने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम के तहत 01 वर्ष का कारावास तथा 05 हजार रूपए का जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्रोत या नदी-नालों को छोड़कर जिनका संबंध किसी नदी-नाले से नहीं है और उनके अतिरिक्त जलाशय जिनमें केज कल्चर का कार्य किया जा रहा है, उनमें मत्स्य अधिनियम लागू नहीं होंगे।

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कोरबा

कच्चे मकानों की दीवार ही नहीं टूटी..मुसीबते भी टूट कर खुशियों को कर रही पक्का

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पीएम आवास की बनती पक्की दीवारों में सज रही परिवार की खुशियां

कोरबा । गाँव में मजदूरी कर कच्चे मकान में मुसीबतों का साथ जिंदगी गुजारते आए झूल सिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर को नहीं लगता था कि वे भी कभी पक्का मकान बना पाएंगे। उनकी जिंदगी तो जभी कुछ काम मिले तो उनकी मजदूरी में और कभी न मिले तो घर के चाहरदीवारी में ही बीत जाया करती है, ऐसे में पक्का मकान बना पाना तो उनके लिए दूर की कौड़ी ही थी। जैसे-तैसे अपनी जिंदगी को जीते आ रहे झूलसिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर का भी सपना था कि उनका भी आशियाना ठीक ठाक हो। कम से कम खपरैल वाले छत और मिट्टी की दीवारें तो न हो, क्योंकि इन मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत की वजह से उन्हें बारिश में हमेशा परेशानी उठानी पड़ती है। कई मुसीबतों का बीच उन्हें रहना पड़ता था। जब इन्हें मालूम हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका नाम है तो इनकी खुशियों का ठिकाना न रहा। अपनी जरूरी दस्तावेज जमा कर पहली किश्त हासिल की और खुशी-खुशी उस कच्चे मकान की दीवारों को ढहा दिया जो उन्हें मुसीबतों से वास्ता कराती थीं। अब मजबूत नींव के साथ ही वे न सिर्फ पक्के मकान के लिए पक्की दीवारे उठा रहे हैं… अपने सपनो को पूरा करने के साथ ही खुशियों को भी पक्का कर रहे हैं।
    कोरबा शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के दम्हामुड़ा के आश्रित ग्राम बोदरापारा में रहने वाले झूलसिंह मरपच्ची और उनकी पत्नी फुलकुँवर ने बताया कि गाँव में मजदूरी के भरोसे घर चलता है। सीजन के साथ ही कुछ वनोपज संग्रहण कर लेते हैं और तेन्दूपत्ता भी तोड़कर बेचते हैं। इससे कुछ रुपयों का इंतजाम हो जाता है। झूलसिंह ने बताया कि घर पर दो बच्चे हैं। यहाँ कई पीढ़ी से कच्चे मकान में ही रहते आये हैं। कच्चे मकान में बारिश के दिनों में खपरैलों के बीच से पानी टपकना और कच्ची दीवारों को नुकसान होना आम बात है। गाँव में कुछ अन्य लोगो के पक्के मकान को देखकर उन्हें भी लगता था कि उनका भी घर पक्का बन जाये तो उन्हें मुसीबतों से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा हो भी पायेगा,ऐसा उन्हें लगता ही नहीं था,क्योंकि उनके पास पक्का घर बनाने के लिए इतने पैसे ही नहीं थे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जब उन्हें मालूम हुआ तो ऐसा लगा कि वास्तव में पैसा मिलेगा या नहीं। जब उनके खाते में पहली किश्त की राशि आई तो बहुत खुशी हुई। झूलसिंह ने बताया कि राशि मिलने के बाद पुराने जर्जर मकान को तोड़कर नया मकान बना रहे हैं। अभी नींव डालकर दीवारे भी खड़ी कर चुके हैं। झूलसिंह और उनकी पत्नी ने बताया कि अभी हमें दो किश्त मिल चुकी है। हमें बहुत खुशी हो रही है कि हमारा घर भी पक्का होगा। खपरैल की जगह सीमेंट की छत और और दीवारे भी होंगी। इससे हमें हर साल बारिश के समय बार बार खपरैल ठीक करने, दीवारों को बनाने जैसी मुसीबतों से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने पीएम आवास योजना को गरीबो के लिए बहुत राहत पहुचाने और उन्हें मुसिबतों से छुटकारा देने वाली योजना बताया। इसके लिए झूलसिंह और फुलकुँवर ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया।

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