बिलासपुर। छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला केस में करीब 15 महीने से जेल में बंद निलंबित IAS रानू साहू की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस एनके व्यास ने आरोपों को गंभीर बताया और जमानत देने से इनकार कर दिया।
रानू साहू ने सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर EOW में दर्ज आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार केस में राहत देने की मांग की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि केस में उनका कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है, फिर भी उन्हें फंसाया जा रहा है।
रानू साहू इस समय रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिसकर्मी कोर्ट में पेशी के लिए उन्हें लेकर पहुंचे थे।
नियमित जमानत के बाद भी जेल बाहर नहीं आ पाई रानू साहू
दरअसल, कोल स्कैम मामले में निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश टांक और सुधीर अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है। हालांकि, नियमित जमानत मिलने के बाद भी रानू साहू का जेल से बाहर नहीं आ पाई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ED के मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला से संबंधित केस में जमानत दी है, जबकि छत्तीसगढ़ की EOW ने निलंबित IAS रानू साहू खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज किया है। इसी केस में जमानत देने के लिए उन्होंने अपने एडवोकेट के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
निलंबित IAS पर आपराधिक साजिश का आरोप
बता दें कि ED ने तत्कालीन IAS रानू साहू के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है, जिसकी जांच पूरी हो चुकी है। कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया है। दूसरी तरफ प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद EOW ने भी सस्पेंड IAS रानू साहू के खिलाफ अलग से FIR दर्ज किया है।
निलंबित IAS रानू साहू।
रानू साहू पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप
इसमें बताया गया है कि रानू साहू जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक कलेक्टर कोरबा के रूप में पदस्थ रहीं। उन्होंने लोकसेवक के रूप में कार्य करते हुए ये संपत्तियां अर्जित की। रानू साहू ने सूर्यकांत तिवारी और उसके सिंडिकेट के सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची।
कोयला ट्रांसर्पोटर्स से डीओ और टीपी परमिट जारी किए जाने के लिए 25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली में सक्रिय सहयोग दिया। रानू साहू के जहां भी पदस्थ रहीं हैं। वहां पर किसी न किसी माध्यम से भ्रष्टाचार कर खुद को आर्थिक रूप से समृद्ध करती रहीं है।
EOW के केस में मांगी राहत
रानू साहू ने अपने एडवोकेट के जरिए हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई, जिसमें बताया गया कि ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे केस में उन्हें फंसाया है। इस केस में उनका सीधे तौर पर कोई संलिप्तता नहीं है। इसी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है।
उनके वकील ने कहा कि राजनीतिक षडयंत्र के तहत अब राज्य सरकार ने EOW के माध्यम से केस दर्ज कराया है। ऐसे में इस केस में भी उन्हें जमानत दी है। केस की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में हुई।
इस दौरान राज्य शासन की तरफ से ED की चार्जशीट सहित EOW की जांच का हवाला देते हुए जमानत देने का विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
रीना अजय जायसवाल करेंगे नेतृत्व: कल तैयारी बैठक कोरबा/गेवरा। 24 दिसंबर को कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में भू विस्थापित बेरोजगार युवक सीजीएम कार्यालय एसईसीएल गेवरा में तालाबंदी करेंगे। एसईसीएल गेवरा खदान प्रभावित ग्राम भिलाई बाजार, बरभांठा, मुडिय़ानार, सलोरा, पंडरीपानी, नरईबोध, उमेंदी भांठा, केसला आदि ग्रामों में धारा 4 का प्रकाशन कर अधिग्रहण किया जाना है। आगामी दिनों में हजारों एकड़ जमीन से कोयला उत्खनन होगा। वर्तमान में बड़ी-बड़ी कंपनिया गेवरा खदान में नियोजित हैद्व जिसमें हजारों की संख्या में अन्य राज्य और अन्य जिलों से मजदूरों को मंगाकर काम कराया जा रहा है और स्थानीय भू विस्थापित युवक रोजगार मांगने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। भू विस्थापितों ने बताया इन ग्रामों से 100 युवकों को भी रोजगार इन कंपनियों ने नहीं दी है और क्षेत्र में एसईसीएल के खिलाफ जमकर आक्रोश है। रीना अजय जायसवाल करेंगी नेतृत्व 24 दिसंबर को तालाबंदी करने की योजना भू विस्थापित युवकों ने बनायी है, जिसका नेतृत्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल करेंगी। कल तैयारी बैठक
24 दिसंबर को होने वाली तालाबंदी में भू विस्थापित कल रणनीति तैयार करेंगे। इस बैठक में आधा दर्जन गांव के युवक एवं ग्रामीण शामिल होंगे और अजय जायसवाल के नेतृत्व में रणनीति तैयार की जाएगी। इस तालाबंदी आंदोलन को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और तालाबंदी आंदोलन को सफल बनाने युवकों ने कमर कस ली है। एसईसीएल प्रबंधन की आंख खुलते तक भू विस्थापित युवक आंदोलन करते रहेंगे।
रायगढ़,एजेंसी। रायगढ़ जिले में कार सवार सलीम अंसारी ने बछड़े को कुचल दिया। करीब 200 मीटर तक घसीटते ले गया। इस दौरान बछड़े की मां और बाकी गायें कार के पीछे दौड़ी और सामने जाकर घेर लिया। वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार दोपहर स्टेशन चौक के पास एक बछड़ा खड़ा था, तभी कार क्रमांक CG-08 के 0677 ने उसे टक्कर मार दी। बछड़े का पैर टूट गया है। कई जगहों पर चोटें आई है। हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
स्टेशन चौक रोड से सुभाष चौक के करीब तक गाय के झुंड ने कार चालक को दौड़ाकर रोका।
सलीम अंसारी चला रहा था कार
बताया जा रहा है कि कार सलीम अंसारी नाम का युवक चला रहा था। इस दौरान उसने कार नहीं रोकी, बल्कि उसे घसीटते हुए सुभाष चौक की ओर ले जाने लगा। यह देख अन्य गायें कार के चारों ओर भागने लगीं, जिसके कारण उसे कार रोकनी पड़ी।
विश्व हिंदू परिषद और गौ सेवकों ने आसपास के लोगों के साथ मिलकर इलाज किया।
घायल बछड़े का किया गया इलाज
इस दौरान लोगों ने गाड़ी को एक तरफ से उठाकर किसी तरह बछड़े को बाहर निकाला। उसके पेट में चोटें आई हैं और एक पैर टूट गया है। विश्व हिंदू परिषद और गौ सेवकों ने आसपास के लोगों के साथ मिलकर हनुमान मंदिर के पास बछड़े का इलाज किया।
लोगों ने गाड़ी को एक तरफ से उठाकर किसी तरह बछड़े को बाहर निकाला।
थाना में की गई शिकायत
गौ-सेवकों ने बछडे़ की देखभाल और उसके इलाज के लिए उसे भगवती गौशाला में छोड़ दिया है, जहां उनके पीछे-पीछे बछड़े की मां के साथ बाकी गायें भी पहुंच गए। मामले में विश्व हिंदू परिषद ने कार ड्राइवर के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
मामले में अपराध कायम हुआ
सीएसपी अभिनव उपाध्याय ने बताया कि, गाय के बछड़े के घायल होने के बाद इसकी शिकायत कोतवाली थाने में की गई है, जिसमें आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जांच के बाद जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी, वो की जाएगी।
रायपुर,एजेंसी। प्रतिनियुक्ति से लौटे IAS अमित कटारिया को स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य सचिव बनाया गया है। वहीं IAS मुकेश बंसल को मुख्यमंत्री के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने छुट्टी के दिन यानी रविवार को मंत्रालय से आदेश जारी किया है।
दरअसल, कटारिया को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। कटारिया वही IAS है, जो PM मोदी से काला चश्मा लगाकर मिले थे, जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था। उन्हें नोटिस भी थमाया गया था। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी नेता को ‘गेट आउट’ भी कहा था।
देखिए आदेश…
अमित कटारिया को मिली जिम्मेदारी
अमित कटारिया को अस्थाई तौर पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग में सचिव के तौर पर पदस्थ किया गया है। उनके पदभार ग्रहण करने के साथ ही IAS मनोज कुमार पिंगुआ लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के अतिरिक्त पदभार से मुक्त हो जाएंगे।