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टनल में फंसे बेटे के इंतजार में पिता की मौत

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झारखंड में खुशी भी नहीं मना पाया परिवार, बिहार में परिजन 16 दिन सो नहीं पाए

पटना (एजेंसी)। उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में फंसे बिहार-झारखंड के 20 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। झारखंड का एक परिवार बेटे के बाहर निकलने की खुशी भी नहीं मना पाया। बेटे के बाहर निकलने की खबर आने से पहले ही पिता की मौत हो गई। इधर, बिहार के मुजफ्फरपुर के दीपक के पिता ने कहा, जैसे मछली बिना पानी के तड़पती है, वैसे ही हम भी 17 दिन से तड़प रहे थे। अब हम उसे नहीं भेजना चाहते हैं, लेकिन वह नहीं मानेगा। उधर, सासाराम जिले के चंदनपुरा गांव के रहने वाले सुशील विश्वकर्मा का परिवार बेटे के इंतजार में 16 दिन से सो ही नहीं पाया। टनल में झारखंड के 15 और बिहार के 5 मजदूर फंसे थे। परिवार अब अपने बच्चों के घर लौटने का इंतजार कर रहा है।

बेटे के लौटने का इंतजार करते रहे पिता

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बाहदा गांव के भक्तू मुर्मू (29) 17 दिनों से टनल में फंसे हुए थे। मंगलवार सुबह 8 बजे उनके 70 साल के पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू की मौत हो गई। वे अपने बेटे के बाहर आने की खबर तक नहीं सुन सके। 17 दिनों से पिता इंतजार करते रहे कि उनका बेटा अब वापस आएगा। मंगलवार को सदमे से उनका निधन हो गया। गांववालों ने बताया कि नाश्ता करने के बाद बारसा अपने दामाद ठाकरा हांसदा के साथ आंगन में खाट पर बैठे थे। तभी अचानक वे नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। बारसा के तीन बेटे हैं। आखिरी वक्त में तीनों उनके पास नहीं थे। भक्तू का बड़ा भाई रामराय चेन्नई में रहता है। दूसरा भाई मंगल मुर्मू दूसरे गांव में मजदूरी करने गया था।

सुखराम के घर 17 दिनों बाद खुशियां

रांची के ओरमांझी ब्लॉक के खेराबेड़ा गांव से 3 मजदूर टनल में काम कर रहे थे। इनमें से एक सुखराम बेदिया हैं। उनकी भाभी ने देवर के टनल से बाहर आने की खुशी में मिठाई बांटी है। उन्होंने कहा, परिवार के सभी लोग हादसे की खबर से परेशान थे। पापा ( ससुर) ना तो ढंग से खा रहे थे ना ही खेती-बाड़ी में उनका मन लग रहा था, अब उनकी वापसी के बाद हमने चैन की सांस ली है, लेकिन असल खुशी तो उनके गांव लौटने पर ही होगी। दीपक के पिता शत्रुघ्न राय ने उत्तराखंड सरकार का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा नहीं है कि दीपक को वापस काम पर भेजा जाए, लेकिन दीपक नहीं मानेगा, तो मजबूरी में उसको भेजना पड़ेगा। बीते 17 दिनों से जैसे मछली बिना पानी के तड़पती है, वैसे ही हम भी तड़प रहे थे, लेकिन जब से दीपक के बाहर निकलने की जानकारी मिली है। पूरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। दीपक की सलामती के लिए गीजास गांव में शिव चर्चा का आयोजन किया गया था। गांव की एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं भगवान शिव से दीपक की सलामती के लिए प्रार्थना कर रही थीं।

छपरा के सोनू को उत्तराखंड लेने पहुंचा भाई

छपरा जिले के एकमा प्रखंड के खजुहान गांव के सोनू कुमार साह भी टनल में फंसे थे। परिवार की नजर लगातार मोबाइल और टीवी पर बनी हुई थी। टनल से निकलने के बाद सोनू ने परिवार से वीडियो कॉल पर बात की। सुबह 8.30 बजे यह कॉल आया था। अस्पताल में मौजूद सोनू के छोटे भाई सुधांशु ने बात कराई। सुधांशु ने बताया, उन्हें 48 घंटे के बाद अस्पताल से छोड़ दिया जाएगा। उनकी सेहत ठीक है। सोनू से पिता सवालिया साह, मां और परिजन के साथ-साथ आसपास के मोहल्ले वालों ने भी बात की। पिता ने सोनू से कहा कि बस अब वापस घर चले आओ। यह तुम्हारा दूसरा जन्म है।इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कल रात में फोन पर सोनू से बात की थी।

बांका के वीरेंद्र के गांव में बंटी मिठाइयां

टनल में बिहार के बांका के कटोरिया प्रखंड के जयपुर थाना क्षेत्र के वीरेंद्र किस्कू भी फंसे थे। वीरेंद्र के पिता बेटे के बाहर निकलने के इंतजार में टीवी पर आंखें गड़ाए हुए थे। वीरेंद्र के पिता मुनीलाल और मां सुषमा हेंब्रम ने बताया कि अच्छी खबर सुनकर गांव में खुशी का माहौल है।

भोजपुर में सबाह के पिता बोले- जश्न का दिन है

वहीं, टनल में फंसे बिहार के भोजपुर जिले के सहार प्रखंड के पेऊर गांव निवासी सबाह अहमद के सुरक्षित रेस्क्यू के बाद पूरे गांव में जश्न का माहौल है। सबाह अहमद की पत्नी, पिता और मां समेत पूरे परिवार के लोग काफी खुश हैं। आसपास के लोग भी दिनभर टीवी पर टकटकी लगाए हुए थे। सबाह अहमद के पिता मिस्बाह अहमद ने कहा, आज हम बहुत खुश हैं। मेरे बेटे के साथ-साथ सारे मजदूर बाहर आ गए। सभी को नई जिंदगी मिली है। ऊपर वाले की कृपा से सब सुरक्षित हैं। 16 दिन तक मेरी हालत खराब थी। आज हमें बहुत खुशी मिली है। आज सारी बातों को भूलकर जश्न मनाने का दिन है।

पीएम मोदी ने सबाह से की बात

पीएम मोदी ने सबाह अहमद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। पीएम ने मजदूरों के हौसले की तारीफ की। सबाह ने बताया कि हम 41 मजदूर टनल के अंदर भाइयों की तरह रहते थे। सभी एक दूसरे का हौसला बढ़ाते थे। एक साथ रहने से कोई परेशानी नहीं हुई। खाना खाने के बाद हम टनल के अंदर टहलते थे। इसी तरह से सुबह भी अंदर ही वॉक और योगा करते थे। जिससे एनर्जी बनी रहे।

सासाराम में सुशील का परिवार 17 दिन से नहीं सोया

टनल में सासाराम जिले के चंदनपुरा गांव के रहने वाले सुशील विश्वकर्मा भी फंसे थे। मंगलवार की शाम टनल से बाहर निकलने की सूचना मिलते ही पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। सुशील जैसे ही टनल से बाहर निकले, वैसे ही बड़े भाई हरिद्वार ने उन्हें गले से लगा लिया। हरिद्वार 16 दिन से उत्तरकाशी में रह रहे थे। सुशील विश्वकर्मा के पिता राजदेव विश्वकर्मा ने बताया कि पूरा परिवार 17 दिन से सो नहीं पा रहा था। कई रातें जागकर काटीं। रोज बेटे का इंतजार करते थे।

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शाह बोले-स्टालिन सरकार ने 4600 करोड़ का खनन घोटाला किया

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मेरे पास इनके भ्रष्टाचार की लंबी सूची; 2026 में तमिलनाडु-पश्चिम बंगाल में NDA सरकार बनेगी

चेन्नई,एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि मेरे पास स्टालिन सरकार के भ्रष्टाचार की लंबी सूची, इन्होंने 4600 करोड़ का रेत खनन घोटाला किया। लेकिन मैं उन पर बात करके समय बर्बाद नहीं करना चाहता।

इन्होंने 4600 करोड़ रुपए के अवैध रेत खनन घोटाले का आरोप भी है, जिसका असर सीधे राज्य के गरीबों पर पड़ा और उन्हें महंगी रेत खरीदनी पड़ी, ताकि पार्टी लाभ कमा सके।

तमिलनाडु के मदुरै में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने मदुरै को परिवर्तन की धरती बताया और कहा कि यह कार्यकर्ता सम्मेलन DMK सरकार को हटाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

शाह ने दावा किया कि साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों में NDA तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में सरकार बनाएगी।

शाह ने कहा;-

पिछले चार साल में डीएमके ने भ्रष्टाचार की हर हद पार कर दी है। अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने जो 450 करोड़ की पोषण किटें भेजीं, उन्हें निजी कंपनी को देकर गरीबों को खाना तक नहीं मिलने दिया।

भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर पहलगाम हमले का बदला लिया शाह ने कहा कि पहलगाम में आतंकियों ने हमारे निर्दोष नागरिकों की धर्म पूछकर हत्या कर दी थी और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों का सफाया कर दिया।

शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से पहले भी भारत पर कई आतंकी हमले हुए थे मगर कभी कोई जवाब नहीं दिया गया। हमारी वीर सेना ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर जाकर आतंकियों का हेडक्वार्टर जमींदोज कर दिया था।

तमिलनाडु में NDA की वापसी, AIADMK के साथ हाथ मिलाया

गठबंधन के ऐलान के वक्त अन्नामलाई भी अमित शाह, पलानीस्वामी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।

गठबंधन के ऐलान के वक्त अन्नामलाई भी अमित शाह, पलानीस्वामी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।

अमित शाह ने 11 अप्रैल को चेन्नई में भाजपा और AIADMK के गठबंधन का ऐलान किया। उन्होंने कहा 2026 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव AIADMK प्रमुख ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। सीटों का बंटवारा बाद में चर्चा के बाद तय किया जाएगा।

शाह ने कहा कि गठबंधन को लेकर AIADMK की कोई डिमांड नहीं है, न ही BJP उनके अंदरूनी मामलों में कोई हस्तक्षेप करेगी। पार्टी का NDA में शामिल होना दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद है।

शाह ने कहा;-

अगला चुनाव DMK सरकार के भ्रष्टाचार, दलितों पर, महिलाओं पर अत्याचार के आधार लड़ा जाएगा। लोग डीएमके से घोटालों पर जवाब मांग रहे हैं, चुनाव में इन्हीं मुद्दों पर जनता वोट देगी।

दरअसल, सितंबर 2023 में तत्कालीन तमिलनाडु प्रमुख अन्नामलाई की गई कुछ टिप्पणियों के कारण अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) NDA से अलग हो गई थी।

अन्नामलाई स्टेट प्रेसिडेंट चुनाव से पीछे हटे, नयनार होंगे अगले अध्यक्ष

इधर, शुक्रवार को ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी सामने आ गया। तिरुनेलवेली से भाजपा विधायक नयनार नागेन्द्रन भाजपा के अगले प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। नागेंद्रन पहले AIADMK में रह चुके हैं, जिससे गठबंधन को मजबूती मिलने की संभावना है।

नागेंद्रन के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन शाह के एक X पोस्ट के मुताबिक नयनार का नाम मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष के अन्नामलाई ने प्रस्तावित किया था।

गठबंधन से ऐलान के पहले पलानीस्वामी ने अमित शाह से मुलाकात की और उनका सम्मान किया।

गठबंधन से ऐलान के पहले पलानीस्वामी ने अमित शाह से मुलाकात की और उनका सम्मान किया।

पिछले चुनाव में AIADMK-BJP गठबंधन को 75 सीटें ही मिली थी AIADMK ने लगातार दो कार्यकाल (2011-2021) तक तमिलनाडु में शासन किया। 2021 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में DMK ने राज्य की कुल 234 सीटों में से 159 पर जीत हासिल की थी। वहीं, AIADMK सिर्फ 66 सीटों पर सिमट गई थी। भाजपा ने 2 और अन्य दलों को 7 सीटें मिली थी।

DMK की जीत के बाद, एमके स्टालिन राज्य के मुख्यमंत्री बने। उधर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई की कुछ टिप्पणियों के कारण 25 सितंबर, 2023 को AIADMK और भाजपा गठबंधन टूट गया।

लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी भाजपा और AIADMK ने 2024 का लोकसभा चुनाव अलग-अलग गठबंधन में लड़ा, लेकिन डीएमके उस चुनाव में भी जीत गई। इसे अन्नाद्रमुक और भाजपा के लिए झटका माना गया। तमिलनाडु में लोकसभा की कुल 39 सीटें हैं।

सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की अगुआई में INDIA गठबंधन ने सभी सीटों पर जीत दर्जकी है। डीएमके को 22, कांग्रेस को 9,सीपीआई, सीपीआई(एम) और VCK को 2-2 और MDMK और IUML को एक-एक सीट पर जीत मिली है।

पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी की भी एक सीट पर कांग्रेस की जीती है। AIADMK और भाजपा के नेतृत्व वाले NDA का खाता तक नहीं खुल सका।

AIADMK और भाजपा अलग क्यों हुए

अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने 25 सितंबर 2023 को बीजेपी के साथ अपने रिश्ते को खत्म करते हुए NDA से निकलने की घोषणा की थी। इसका प्रमुख कारण तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई की राजनीति की अक्रामक शैली को माना गया। अन्नामलाई ने द्रविड़ियन दिग्गज सीएन अन्नादुरई पर टिप्पणी की थी।

11 सितंबर 2023 को अन्नामलाई ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री, पी.के. शेखर बाबू के सनातन धर्म के खिलाफ बयान के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में सी.एन. अन्नादुरई के खिलाफ भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘अन्नादुरई ने 1950 के दशक में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू आस्था के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी की थी, जिसका स्वतंत्रता सेनानी पसुमपोन मुथुमारलिंग थेवर ने कड़ा विरोध किया था।

‘अन्नामलाई के बयान के तुरंत बाद अन्‍नाद्रमुक नेता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ एकजुट हो गए।अन्नादुरई पर टिप्पणी के लिए AIADMK ने अन्नामलाई से माफी मांगने को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

इस पर AIADMK ने भाजपा नेतृत्व से अन्नामलाई को पार्टी की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने को कहा लेकिन भाजपा आलाकमान ने ऐसा नहीं किया। इसी के चलते AIADMKअलग हुए।

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भारत का इकलौता टैक्स-फ्री राज्य, जहाँ नागरिकों को नहीं चुकाना पड़ता Income Tax

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सिक्किम,एजेंसी। भारत में आयकर चुकाना टैक्स स्लैब में आने वाले हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हर साल जब केंद्रीय बजट पेश होता है तो सभी की निगाहें टैक्स स्लैब में संभावित कमी पर टिकी रहती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा भी राज्य है जहाँ के नागरिकों को सरकार को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है? यह राज्य किसी भी टैक्स स्लैब से बाहर रखा गया है।
क्यों सिक्किम है भारत का इकलौता टैक्स-फ्री राज्य?

पूर्वोत्तर का राज्य सिक्किम भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जो भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत टैक्स फ्री है। सिक्किम लगभग 330 से अधिक वर्षों तक एक स्वतंत्र रियासत था। 1975 में यह भारत में विलय हो गया और भारत का 22वां राज्य बना।

यह विलय एक खास शर्त पर हुआ था, सिक्किम की पुरानी कर संरचना भारत में विलय के बाद भी जारी रहेगी। सिक्किम की कर नियमावली के अनुसार यहाँ के नागरिकों को उनकी आय की परवाह किए बिना कोई भी आयकर नहीं देना पड़ता है।

भारतीय संविधान के तहत मिली है विशेष छूट

साल 2008 में शुरू की गई आयकर की धारा 10 (26AAA) यह प्रावधान करती है कि सिक्किम में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी स्रोत से होने वाली आय या ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स भुगतान से छूट है। इस छूट का लाभ उन लोगों को मिलता है जो 26 अप्रैल 1975 तक सिक्किम के अधिवासी (domicile) रहे हों।


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ये है दुनिया का सबसे अमीर देश, जहां हर सातवां शख्स पार कर चुका है करोड़ों का आंकड़ा

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नई दिल्ली/स्विट्जरलैंड,एजेंसी। दुनिया में लगभग 195 देश हैं और हर देश की अपनी अनूठी पहचान है। कोई अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है तो कोई अपनी तकनीकी प्रगति के लिए। इसी तरह कुछ देश बेहद समृद्ध हैं तो कुछ गरीबी से जूझ रहे हैं। जब भी दुनिया के सबसे अमीर देशों की बात आती है तो आमतौर पर हमारे दिमाग में अमेरिका, चीन और जापान जैसे बड़े नाम आते हैं जिनकी अर्थव्यवस्थाएँ वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत मानी जाती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तव में दुनिया का सबसे अमीर देश कौन सा है?


यूरोप का यह छोटा सा देश है सबसे अमीर

हम जिस देश की बात कर रहे हैं वह यूरोप में बसा एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत देश है – स्विट्जरलैंड। यह देश अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है और यही कारण है कि हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक यहाँ घूमने आते हैं। दुनिया के चुनिंदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन में यह लोगों की पहली पसंद है। इतना ही नहीं दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची में भी स्विट्जरलैंड का अपना एक अलग और ऊँचा स्थान है।


हर 7वां व्यक्ति करोड़पति, अमेरिका भी पीछे

आँकड़ों की मानें तो स्विट्जरलैंड में हर 7वां व्यक्ति करोड़पति है और बेहद लग्जरी लाइफ जीता है। यहाँ की प्रति व्यक्ति आय (per capita income) भी दुनिया के कई विकसित देशों से कहीं अधिक है। अमीरी के मामले में इस छोटे से देश ने अमेरिका जैसे आर्थिक महाशक्ति को भी पीछे छोड़ दिया है।

  1. निवेशी सोच: यहाँ की अमीरी का सबसे बड़ा कारण यहाँ के लोगों की निवेशी सोच है। स्विट्जरलैंड के लोग पैसे की बचत से कहीं ज़्यादा निवेश पर ज़ोर देते हैं। यहाँ का हर व्यक्ति अपनी कमाई का केवल 20 से 30 फीसदी हिस्सा ही बचत के लिए रखता है जबकि शेष राशि को वह विभिन्न जगहों पर निवेश कर देता है। यह दीर्घकालिक वित्तीय वृद्धि में सहायक होता है।
  2. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: इस देश की अमीरी का दूसरा सबसे बड़ा कारण शिक्षा है। यहाँ के लोग बच्चों की अच्छी शिक्षा पर काफी पैसा खर्च करते हैं। हालाँकि यह शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने के लिए नहीं होती बल्कि कौशल विकास पर इसका विशेष ध्यान होता है। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक बाज़ार की ज़रूरतों के अनुसार कुशल और रोज़गार योग्य बनें जिससे उच्च आय अर्जित करने की क्षमता बढ़ती है।

इस प्रकार निवेश-केंद्रित संस्कृति और उच्च-गुणवत्ता वाली कौशल-आधारित शिक्षा ने मिलकर स्विट्जरलैंड को दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक बना दिया है।

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