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टनल में फंसे बेटे के इंतजार में पिता की मौत

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झारखंड में खुशी भी नहीं मना पाया परिवार, बिहार में परिजन 16 दिन सो नहीं पाए

पटना (एजेंसी)। उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में फंसे बिहार-झारखंड के 20 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। झारखंड का एक परिवार बेटे के बाहर निकलने की खुशी भी नहीं मना पाया। बेटे के बाहर निकलने की खबर आने से पहले ही पिता की मौत हो गई। इधर, बिहार के मुजफ्फरपुर के दीपक के पिता ने कहा, जैसे मछली बिना पानी के तड़पती है, वैसे ही हम भी 17 दिन से तड़प रहे थे। अब हम उसे नहीं भेजना चाहते हैं, लेकिन वह नहीं मानेगा। उधर, सासाराम जिले के चंदनपुरा गांव के रहने वाले सुशील विश्वकर्मा का परिवार बेटे के इंतजार में 16 दिन से सो ही नहीं पाया। टनल में झारखंड के 15 और बिहार के 5 मजदूर फंसे थे। परिवार अब अपने बच्चों के घर लौटने का इंतजार कर रहा है।

बेटे के लौटने का इंतजार करते रहे पिता

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बाहदा गांव के भक्तू मुर्मू (29) 17 दिनों से टनल में फंसे हुए थे। मंगलवार सुबह 8 बजे उनके 70 साल के पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू की मौत हो गई। वे अपने बेटे के बाहर आने की खबर तक नहीं सुन सके। 17 दिनों से पिता इंतजार करते रहे कि उनका बेटा अब वापस आएगा। मंगलवार को सदमे से उनका निधन हो गया। गांववालों ने बताया कि नाश्ता करने के बाद बारसा अपने दामाद ठाकरा हांसदा के साथ आंगन में खाट पर बैठे थे। तभी अचानक वे नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। बारसा के तीन बेटे हैं। आखिरी वक्त में तीनों उनके पास नहीं थे। भक्तू का बड़ा भाई रामराय चेन्नई में रहता है। दूसरा भाई मंगल मुर्मू दूसरे गांव में मजदूरी करने गया था।

सुखराम के घर 17 दिनों बाद खुशियां

रांची के ओरमांझी ब्लॉक के खेराबेड़ा गांव से 3 मजदूर टनल में काम कर रहे थे। इनमें से एक सुखराम बेदिया हैं। उनकी भाभी ने देवर के टनल से बाहर आने की खुशी में मिठाई बांटी है। उन्होंने कहा, परिवार के सभी लोग हादसे की खबर से परेशान थे। पापा ( ससुर) ना तो ढंग से खा रहे थे ना ही खेती-बाड़ी में उनका मन लग रहा था, अब उनकी वापसी के बाद हमने चैन की सांस ली है, लेकिन असल खुशी तो उनके गांव लौटने पर ही होगी। दीपक के पिता शत्रुघ्न राय ने उत्तराखंड सरकार का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा नहीं है कि दीपक को वापस काम पर भेजा जाए, लेकिन दीपक नहीं मानेगा, तो मजबूरी में उसको भेजना पड़ेगा। बीते 17 दिनों से जैसे मछली बिना पानी के तड़पती है, वैसे ही हम भी तड़प रहे थे, लेकिन जब से दीपक के बाहर निकलने की जानकारी मिली है। पूरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। दीपक की सलामती के लिए गीजास गांव में शिव चर्चा का आयोजन किया गया था। गांव की एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं भगवान शिव से दीपक की सलामती के लिए प्रार्थना कर रही थीं।

छपरा के सोनू को उत्तराखंड लेने पहुंचा भाई

छपरा जिले के एकमा प्रखंड के खजुहान गांव के सोनू कुमार साह भी टनल में फंसे थे। परिवार की नजर लगातार मोबाइल और टीवी पर बनी हुई थी। टनल से निकलने के बाद सोनू ने परिवार से वीडियो कॉल पर बात की। सुबह 8.30 बजे यह कॉल आया था। अस्पताल में मौजूद सोनू के छोटे भाई सुधांशु ने बात कराई। सुधांशु ने बताया, उन्हें 48 घंटे के बाद अस्पताल से छोड़ दिया जाएगा। उनकी सेहत ठीक है। सोनू से पिता सवालिया साह, मां और परिजन के साथ-साथ आसपास के मोहल्ले वालों ने भी बात की। पिता ने सोनू से कहा कि बस अब वापस घर चले आओ। यह तुम्हारा दूसरा जन्म है।इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कल रात में फोन पर सोनू से बात की थी।

बांका के वीरेंद्र के गांव में बंटी मिठाइयां

टनल में बिहार के बांका के कटोरिया प्रखंड के जयपुर थाना क्षेत्र के वीरेंद्र किस्कू भी फंसे थे। वीरेंद्र के पिता बेटे के बाहर निकलने के इंतजार में टीवी पर आंखें गड़ाए हुए थे। वीरेंद्र के पिता मुनीलाल और मां सुषमा हेंब्रम ने बताया कि अच्छी खबर सुनकर गांव में खुशी का माहौल है।

भोजपुर में सबाह के पिता बोले- जश्न का दिन है

वहीं, टनल में फंसे बिहार के भोजपुर जिले के सहार प्रखंड के पेऊर गांव निवासी सबाह अहमद के सुरक्षित रेस्क्यू के बाद पूरे गांव में जश्न का माहौल है। सबाह अहमद की पत्नी, पिता और मां समेत पूरे परिवार के लोग काफी खुश हैं। आसपास के लोग भी दिनभर टीवी पर टकटकी लगाए हुए थे। सबाह अहमद के पिता मिस्बाह अहमद ने कहा, आज हम बहुत खुश हैं। मेरे बेटे के साथ-साथ सारे मजदूर बाहर आ गए। सभी को नई जिंदगी मिली है। ऊपर वाले की कृपा से सब सुरक्षित हैं। 16 दिन तक मेरी हालत खराब थी। आज हमें बहुत खुशी मिली है। आज सारी बातों को भूलकर जश्न मनाने का दिन है।

पीएम मोदी ने सबाह से की बात

पीएम मोदी ने सबाह अहमद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। पीएम ने मजदूरों के हौसले की तारीफ की। सबाह ने बताया कि हम 41 मजदूर टनल के अंदर भाइयों की तरह रहते थे। सभी एक दूसरे का हौसला बढ़ाते थे। एक साथ रहने से कोई परेशानी नहीं हुई। खाना खाने के बाद हम टनल के अंदर टहलते थे। इसी तरह से सुबह भी अंदर ही वॉक और योगा करते थे। जिससे एनर्जी बनी रहे।

सासाराम में सुशील का परिवार 17 दिन से नहीं सोया

टनल में सासाराम जिले के चंदनपुरा गांव के रहने वाले सुशील विश्वकर्मा भी फंसे थे। मंगलवार की शाम टनल से बाहर निकलने की सूचना मिलते ही पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। सुशील जैसे ही टनल से बाहर निकले, वैसे ही बड़े भाई हरिद्वार ने उन्हें गले से लगा लिया। हरिद्वार 16 दिन से उत्तरकाशी में रह रहे थे। सुशील विश्वकर्मा के पिता राजदेव विश्वकर्मा ने बताया कि पूरा परिवार 17 दिन से सो नहीं पा रहा था। कई रातें जागकर काटीं। रोज बेटे का इंतजार करते थे।

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भारत बोला- पाकिस्तानी पीएम ने UN में बेतुकी नौटंकी की:जले एयरबेस जीत हैं, तो जश्न मनाएं, शरीफ ने जंग जीतने का दावा किया था

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वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और झूठ बोलने का आरोप लगाया है। भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) में कहा, ‘पाकिस्तान के पीएम ने बेतुकी नौटंकी की। वे आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, जो उनकी विदेश नीति का हिस्सा है। कोई भी ड्रामा या झूठ सच को नहीं छिपा सकता।’

भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के दावों को खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘9 मई तक पाकिस्तान भारत पर हमले की धमकी दे रहा था। 10 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को नष्ट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने जंग रोकने की गुहार लगाई।

पाकिस्तानी PM जिस ‘जीत’ की बात कर रहे हैं, वह दरअसल भारतीय हमले में नष्ट हुए उनके एयरबेस, जले हुए हैंगर और टूटे हुए रनवे की तस्वीरें हैं, जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। अगर पाकिस्तान इन्हें जीत मानता है, तो जश्न मनाए।’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को UN में भारत को दुश्मन बताया। साथ ही दावा किया कि भारत के साथ हुए संघर्ष में पाकिस्तान की जीत हुई थी और भारत के 7 विमान गिराए थे।

भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं

गहलोत ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय बातचीत से हल होंगे। इसमें किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।’

उन्होंने पाकिस्तान के शांति के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका देश नफरत में डूबा है। भारत ने साफ किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा।

गहलोत बोलीं- पाकिस्तान आतंकवादियों को सम्मान देता है

गहलोत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में मारे गए आतंकियों का जिक्र किया और कुख्यात आतंकवादियों को श्रद्धांजलि और सम्मान देने का भी आरोप लगाया।

गहलोत ने आगे कहा, ‘एक तस्वीर हजार शब्द बयां करती है और हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर और मुरीदके के आतंकी परिसरों में मारे गए आतंकवादियों की कई तस्वीरें देखीं। जब पाकिस्तानी सैन्य और अधिकारी खुलकर आतंकवादियों को श्रद्धांजलि देते हैं, तो क्या इससे शासन पर संदेह नहीं होगा?’

लश्कर के आतंकी ठिकाने मुरीदके में पाकिस्तानी सैनिकों के लोग आतंकियों के नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए थे। तस्वीर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की है।

लश्कर के आतंकी ठिकाने मुरीदके में पाकिस्तानी सैनिकों के लोग आतंकियों के नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए थे। तस्वीर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की है।

कोर कमांडरों को जनाजे में शामिल होने और वर्दी में उसकी सुरक्षा करने के लिए कहा गया था।

कोर कमांडरों को जनाजे में शामिल होने और वर्दी में उसकी सुरक्षा करने के लिए कहा गया था।

आतंकवादी शिविरों को बंद करे पाकिस्तान

गहलोत ने जोर देकर कहा, ‘सच्चाई यह है कि पहले की ही तरह, पाकिस्तान भारत में बेगुनाहों पर आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार है। हमने अपने लोगों की रक्षा करने और जवाब देने के अधिकार का प्रयोग किया है, साथ ही अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया है।’

उन्होंने पाकिस्तान से तुरंत सभी आतंकवादी शिविरों को बंद करने और सभी आतंकवादियों को सौंपने की मांग की। गहलोत ने चेतावनी दी कि भारत ‘परमाणु ब्लैकमेल’ के आगे झुके बिना आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों दोनों को जवाबदेह ठहराएगा।

पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को दस साल तक छिपाया

गहलोत ने बताया कि इस साल अप्रैल में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक आतंकी संगठन को बचाया था। उन्होंने कहा, ‘यह वही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल, 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रेजिस्टेंस फ्रंट को बचाया था। यह संगठन जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की हत्या के लिए जिम्मेदार था।’

उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को दस साल तक छिपाया। उनके मंत्री अब स्वीकार कर रहे हैं कि वे दशकों से आतंकी शिविर चला रहे हैं।’

भारत ने PAK के एयरबेस तबाह किए थे

भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ी लड़ाई 9 और 10 मई की रात को हुई, जो 10 मई की दोपहर तक चली। भारत ने इस दौरान पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में बने एयरबेस को निशाना बनाया था।

भारतीय वायुसेना ने 9 मई को पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस, सरगोधा और मुरीद हवाई अड्डों पर हमला किया। इन ठिकानों पर मौजूद कमांड और कंट्रोल केंद्र (C2 सेंटर) नष्ट कर दिए गए थे।

10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने फिर से हमला किया। उसने सरगोधा, रफीकी, रहीमयार खान, जैकोबाबाद, भोलारी और कराची के पास एयरपोर्ट को निशाना बनाया था।

भारतीय एयरस्ट्राइक में PAK एयरबेस पर हुए नुकसान की सैटेलाइट तस्वीरें। ये फोटो प्राइवेट कंपनी मक्सर (Maxar) ने जारी किए थे।

भारतीय एयरस्ट्राइक में PAK एयरबेस पर हुए नुकसान की सैटेलाइट तस्वीरें। ये फोटो प्राइवेट कंपनी मक्सर (Maxar) ने जारी किए थे।

पाकिस्तानी पीएम ने कश्मीर मुद्दा फिर उठाया

पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने हर साल की तरह कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘मैं कश्मीरी लोगों के साथ हूं। पाकिस्तान उनके साथ है। भारत का कश्मीर में अत्याचार जल्द खत्म होगा।’

शरीफ ने कश्मीर के लिए संयुक्त राष्ट्र के तहत जनमत संग्रह की मांग की। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद की निंदा करता है और तहरीक-ए-तालिबान और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जैसे समूहों को विदेशी समर्थन मिलता है। भारत ने इन टिप्पणियों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

UN में बोले- कट्टरपंथी हिंदुत्व दुनिया के लिए खतरा

शहबाज ने कहा कि उन्होंने पहलगाम हमले की निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की अपील की थी, लेकिन भारत ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और उस त्रासदी का राजनीतिक फायदा उठाया। भारत का कट्टरपंथी हिंदुत्व दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है।

शरीफ ने कहा कि वे पिछले साल ही UN के मंच से चेतावनी दे चुके थे कि पाकिस्तान किसी बाहरी हमले को सहने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी चेतावनी सच साबित हुई। इस साल मई में बिना उकसावे के पाकिस्तान पर हमला हुआ।

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बरेली में इंटरनेट बंद, तौकीर रजा गिरफ्तार:योगी बोले- मौलाना भूल गया किसका शासन है, ऐसा सबक सिखाएंगे, पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी

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बरेली,एजेंसी। UP के बरेली में जुमे पर ‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर बवाल के बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। शनिवार शाम को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। साथ ही हिंसा को लेकर जांच टीम भी बनाई गई है। जांच टीम को 10 दिन के भीतर रिपोर्ट देनी होगी।

वहीं, इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को बरेली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 39 लोगों को हिरासत में लिया है। मौलाना को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। पहले उसे बरेली जेल में रखा गया था, बाद में शाम को फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया।

इसके अलावा, 2000 अज्ञात लोगों पर 5 थानों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 10 मुकदमों में से 7 में तौकीर रजा का नाम है।

इधर, CM योगी ने एक कार्यक्रम में कहा- मौलाना भूल गया कि शासन किसका है? वो मानता था कि धमकी देंगे और जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा कि जाम नहीं होगा। कर्फ्यू भी नहीं लगने देंगे। ऐसा सबक सिखाएंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी।

दरअसल, शुक्रवार को मौलाना तौकीर रजा की अपील पर ही भीड़ सड़क पर उतर आई थी। पुलिस ने रोका तो पथराव कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था।

इधर, लखनऊ की सड़कों पर नए होर्डिंग लगवा दिए गए हैं। इन पर लिखा है- ‘आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी’ और ‘आई लव बुलडोजर’। वहीं, बाराबंकी में शुक्रवार देर रात आई लव मोहम्मद के पोस्टर फाड़ने पर हंगामा हो गया। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस पहुंच गई और हालात काबू में किए।

बरेली में अब तक 39 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

बरेली में अब तक 39 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

I Love Muhammad विवाद कानपुर से शुरू हुआ था

विवाद कानपुर में 4 सितंबर से शुरू हुआ। बारावफात (ईद मिलाद-उन्नबी) के जुलूस के दौरान एक समूह ने ‘I Love Muhammad’ लिखा एक बैनर/लाइटबोर्ड जुलूस मार्ग पर लगाया। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया।

पुलिस ने बैनर हटाए और 9 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। बाद में विवाद बढ़ गया और कई अन्य शहरों व राज्यों में ‘I Love Muhammad’ के समर्थन में रैलियां, बैनर और पोस्टर लगे। हिंदू समुदाय ने इसके जवाब में “I Love Mahadev/Mahakaal” जैसे बैनर लगाए।

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लद्दाख DGP बोले- वांगचुक का पाकिस्तानी कनेक्शन:जासूस से संपर्क का दावा, कहा- सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की, नहीं तो पूरा लेह जल जाता

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लेह,एजेंसी। सोनम वांगचुक पर NSA लगाने के बाद पुलिस अब उनके पाकिस्तान और बांग्लादेश से संबंधों की जांच करेगी। लद्दाख के DGP एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को कहा कि हमने कुछ दिन पहले पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य को पकड़ा था। वह वांगचुक से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था।

यही नहीं वांगचुक पाकिस्तान के न्यूजपेपर डॉन के एक इवेंट कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे। इसके अलावा वे बांग्लादेश भी जा चुके हैं। उधर हिंसा को लेकर डीजीपी ने कहा कि, हमने सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की, नहीं तो पूरा लेह जल जाता।

लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा में 4 युवकों की मौत हुई थी और 80 लोग घायल हुए थे, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेह में तीन दिन के कर्फ्यू के बाद शनिवार दोपहर चार घंटे के लिए ढील दी गई।

वांगचुक को शुक्रवार दोपहर पुलिस ने उनके गांव उल्याकटोपो से गिरफ्तार किया। उन्हें एयरलिफ्ट कर राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, जिसके तहत लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत में रखा जा सकता है।

लेह हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस फूंक दिया था। CRPF की गाड़ी में आग लगा दी थी।

लेह हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस फूंक दिया था। CRPF की गाड़ी में आग लगा दी थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार किया

सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जब वे लेह नहीं पहुंचे तो आयोजकों को शक हुआ। बाद में गिरफ्तारी की खबर मिली। इसके बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। आयोजकों ने माना,

हिंसा उन युवाओं से हुई जो ‘काबू से बाहर’ हो गए थे, लेकिन इसमें किसी विदेशी ताकत का हाथ नहीं है।

लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस और CRPF ने न तो पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और न ही चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं, बल्कि सीधे अंधाधुंध फायरिंग की।

वांगचुक को पहले से गिरफ्तारी का अंदेशा था

सोनम वांगचुक को पहले से अंदेशा था कि सरकार उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि “इस मुद्दे पर कभी भी गिरफ्तार होना पड़े तो मुझे खुशी होगी।” लेकिन अब उनकी गिरफ्तारी से माहौल शांत होने के बजाय और बिगड़ सकता है।

माना जा रहा है कि इससे लद्दाख के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच चल रही बातचीत पर भी असर पड़ सकता है। वांगचुक पिछले पांच साल से लद्दाख के अधिकारों की लड़ाई का बड़ा चेहरा रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि वांगचुक हिंसा भड़काने वाले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे।

लेह हिंसा के बाद अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई…

  • गृह मंत्रालय ने वांगचुक की एक संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। विदेशी अनुदान या दान के लिए एनजीओ को विदेशी अशंदान (विनियमन) एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। जिसमें पाया गया कि संस्था ने फंडिंग का गलत इस्तेमाल किया।
  • CBI ने वांगचुक की एक और NGO हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के खिलाफ भी विदेशी फंडिंग (FCRA) मामले में भी जांच शुरू कर दी है। HIAL पर भी विदेशी चंदा कानून (FCRA) के उल्लंघन का आरोप है। सीबीआई टीम एनजीओ के अकाउंट्स और रिकॉर्ड की जांच कर रही है।

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