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2020 में फिल्म सिटी का ऐलान, अभी सिर्फ बोर्ड लगा:किस हाल में है CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट; CEO बोले- 8 साल लगेंगे

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ग्रेटर नोएडा,एजेंसी। दिल्ली से करीब 55 किमी और जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से महज 15 मिनट की दूरी पर यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे खाली जमीन पड़ी है। यहां बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है प्रस्तावित स्थल-फिल्म सिटी।

इस बोर्ड से पता चलता है कि यूपी के CM योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट यहीं बनना है। 1510 करोड़ में बनने वाली 1000 हजार एकड़ की इंटरनेशनल फिल्मसिटी, जिसमें शूटिंग के लिए ताजमहल, वाराणसी के घाट के साथ देश के ऐतिहासिक किले और महल भी होंगे।

CM योगी आदित्यनाथ ने 18 सितंबर, 2020 को फिल्मसिटी बनाने का ऐलान किया था। हालांकि, अब तक यहां सिर्फ बोर्ड ही लगा है। इसी महीने काम शुरू होने की उम्मीद है। हैदराबाद के रामोजी फिल्मसिटी के बाद ये देश का दूसरा सबसे बड़ा फिल्मसिटी प्रोजेक्ट होगा। यहां हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों के लिए हाई क्वॉलिटी के शूटिंग सेट बनाए जाएंगे।

ये फिल्मसिटी कैसी होगी, यहां क्या-क्या होगा, कौन इसे बनाएगा और आसपास के शहरों को इससे क्या फायदा होगा, इस पर दैनिक भास्कर ने प्रोजेक्ट प्लान करने वाले यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह से बात की। उन्होंने बताया कि अभी पहले फेज का काम शुरू होने वाला है। पूरा प्रोजेक्ट तैयार होने में कम से कम 8 साल लगेंगे।

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 21 में लगा फिल्म सिटी का बोर्ड। इसी जगह 1000 एकड़ में ये प्रोजेक्ट बनना शुरू होगा।

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 21 में लगा फिल्म सिटी का बोर्ड। इसी जगह 1000 एकड़ में ये प्रोजेक्ट बनना शुरू होगा।

दिल्ली एयरपोर्ट से डेढ़ घंटे, नोएडा एयरपोर्ट से सिर्फ 15 मिनट दूर

फिल्मसिटी प्रोजेक्ट दिल्ली-नोएडा बॉर्डर से करीब 55 किमी दूर बन रहा है। ग्रेटर नोएडा से आगरा जाने वाले यमुना एक्सप्रेसवे के सर्विस रोड पर गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी और गलगोटिया यूनिवर्सिटी से आगे सेक्टर-21 है।

प्रोजेक्ट की साइट और आसपास का पूरा एरिया खाली है। कहीं-कहीं खेती हो रही है। एंट्री पॉइंट के पास कंटीले तारों से फेंसिंग की गई है। गूगल मैप से पता चला कि नोएडा एयरपोर्ट यहां से सिर्फ 15 मिनट की दूरी पर है। दिल्ली एयरपोर्ट जाने में डेढ़ घंटे से 2 घंटे लगेंगे। आगरा करीब ढाई घंटे और मथुरा करीब 2 घंटे की दूरी पर है।

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भारत के 52वें चीफ जस्टिस बनेंगे जस्टिस बीआर गवई:देश के दूसरे दलित चीफ जस्टिस, 7 महीने का कार्यकाल; 14 मई से संभालेंगे काम

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस बीआर गवई के नाम की आधिकारिक सिफारिश की है। उनके नाम को मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके साथ ही जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का भारत का 52वां मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है।

परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। मौजूदा CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है।

CJI खन्ना के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस गवई का नाम है। इसलिए जस्टिस खन्ना ने उनका नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि उनका कार्यकाल सिर्फ 7 महीने का होगा।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए प्रोफाइल के मुताबिक जस्टिस गवई 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में प्रमोट हुए थे। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।

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वक्फ कानून पर तत्काल रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार:केंद्र सरकार से पूछा- क्या हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में मुस्लिमों को जगह देंगे

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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दो घंटे सुनवाई हुई। इस कानून के खिलाफ 100 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन पर केंद्र से जवाब मांगा है, लेकिन कोर्ट ने कानून के लागू होने पर तत्काल रोक नहीं लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। इस पर SG ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे।

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ कानून के तहत बोर्ड में अब हिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। यह अधिकारों का हनन है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है। हिंदुओं के दान कानून के मुताबिक, कोई भी बाहरी बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है।

CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। वहीं कानून के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, सीयू सिंह दलीलें रख रहे हैं।’

सुप्रीम कोर्ट अब गुरुवार 2 बजे सुनवाई करेगा। सुनवाई में अपीलकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड बनाने, पुरानी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन, बोर्ड मेंबर्स में गैर-मुस्लिम और विवादों के निपटारों को लेकर मुख्य दलीलें दीं।

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चीन ने कीमती मेटल्स की सप्लाई रोकी:गाड़ी, हथियार, एयरक्राफ्ट महंगे होंगे; अब ट्रम्प बोले- इलेक्ट्रॉनिक सामान पर भी टैरिफ लगाऊंगा

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वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी है।

चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं।

ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे।

चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं।

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