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फ्लाइट में बम की धमकी के बाद मचा हड़कंप, हैदराबाद जा रहा विमान फ्रेंकफर्ट लौटा

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हैदराबाद, एजेंसी। हैदराबाद के लिए उड़ान भरने वाले लुफ्थांसा कंपनी के एक विमान में बम रखा होने की धमकी मिलने के बाद उसे फ्रैंकफर्ट हवाईअड्डे पर लौटना पड़ा। एयरलाइन ने सोमवार को यह जानकारी दी। विमान संख्या एलएच752 रविवार को जर्मनी से स्थानीय समयानुसार दोपहर 2.14 बजे रवाना हुआ था और इसे देर रात हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरना था, लेकिन उड़ानों पर निगरानी संबंधी डेटा में उड़ान के कुछ घंटों बाद ही विमान के मार्ग में परिवर्तन देखा गया। लुफ्थांसा ने कहा कि यात्रियों को रात्रि में फ्रैंकफर्ट में ठहराया गया है और वे सोमवार सुबह हैदराबाद के लिए फिर से उड़ान भर सकते हैं।

एयरलाइन ने एक बयान में कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर बम की धमकी के बारे में अधिकारियों को पता चलने के बाद, अत्यधिक सावधानी बरतते हुए फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जाने वाली लुफ्थांसा की उड़ान एलएच752 को अपने प्रस्थान बिंदु पर बुलाना पड़ा।” इसमें कहा गया, ‘‘लुफ्थांसा के यात्रियों और विमान कर्मी दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रभावित यात्रियों को फ्रैंकफर्ट में ठहराया गया है और आज वे हैदराबाद के लिए रवाना होंगे।” हैदराबाद में हवाई अड्डे के सूत्रों ने सोमवार को कहा, ‘‘लुफ्थांसा की उड़ान संख्या एलएच 752 में बम रखे होने की धमकी वाला ईमेल 15 जून 2025 को शाम 6.01 बजे हैदराबाद हवाईअड्डे को प्राप्त हुआ।” उन्होंने कहा कि एक समिति का गठन किया गया है और मानक संचालन प्रक्रिया अपनाई गई।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर एयरलाइन को मूल विमानपत्तन या नजदीकी हवाई अड्डे पर लौटने की सलाह दी गई। इससे पहले रविवार को चेन्नई जाने वाला ब्रिटिश एयरवेज का बोइंग ड्रीमलाइनर विमान तकनीकी खराबी के कारण बीच उड़ान से ही लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे लौट गया। ब्रिटिश एयरवेज ने कहा, ‘‘तकनीकी समस्या की रिपोर्ट के बाद विमान को एहतियाती मानकों के अनुसार हीथ्रो वापस बया गया।” विमान में सवार एक यात्री ने रविवार को फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे से ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनसे कहा गया है कि ‘‘हैदराबाद ने विमान को वहां उतरने के लिए अनुमति नहीं दी है।” अमेरिका से हैदराबाद में अपनी मां से मिलने आ रही यात्री ने कहा, ‘‘यह उड़ान सामान्य थी और हवा में करीब दो घंटे तक घूमने के बाद हमें बताया गया कि हम फ्रैंकफर्ट लौट रहे हैं।”  

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ATM से कैश निकासी बढ़ी, लेकिन देशभर में 5,000 एटीएम हुए बंद!

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मुंबई, एजेंसी। देश में भले ही डिजिटल ट्रांजेक्शन का चलन तेजी से बढ़ा है लेकिन नकद लेनदेन की जरूरत अभी भी बनी हुई है। खासकर एटीएम से कैश निकासी में बीते पांच सालों में 6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके बावजूद हैरानी की बात यह है कि देशभर में बैंकों ने हजारों एटीएम बंद कर दिए हैं।

ब्रांच बढ़ी लेकिन ATM घटे

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021-22 में जहां देश में बैंक शाखाओं की संख्या 1,30,176 थी, वहीं 2024-25 में यह संख्या 9.3% बढ़कर 1,42,359 हो गई है। इसी दौरान एटीएम से कुल नकद निकासी बढ़कर लगभग ₹30.6 लाख करोड़ तक पहुंच गई, जो 2020-21 में ₹28.89 लाख करोड़ थी लेकिन इसी अवधि में एटीएम की संख्या में भारी गिरावट आई है। 2022-23 से 2024-25 के बीच करीब 5,000 एटीएम हटा दिए गए। सरकारी, निजी और विदेशी बैंकों के स्वामित्व वाले एटीएम 2020-21 में 2,11,332 थे, जो 2024-25 में घटकर 2,11,656 रह गए।

कैश रिसाइक्लिंग मशीनें भी हो रही कम

न केवल एटीएम, बल्कि कैश जमा करने वाली मशीनें यानी कैश रिसाइक्लर्स की संख्या में भी कमी आई है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में एटीएम की जरूरत अभी भी बनी हुई है।

एटीएम क्यों हटा रहे हैं बैंक?

बैंकों द्वारा एटीएम की संख्या घटाने के पीछे मुख्य वजह इसका महंगा रखरखाव है। इंडस्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, एटीएम संचालन में नकद प्रबंधन, कैसेट स्वैप, मशीन सर्विसिंग और सुरक्षा जैसे कई खर्च शामिल होते हैं। इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट की ओर उपभोक्ताओं के झुकाव ने भी एटीएम की उपयोगिता को कुछ हद तक कम किया है।

क्या है आगे का रास्ता?

RBI की रिपोर्ट बताती है कि डिजिटल भुगतान में बढ़ोतरी के बावजूद भारत के कई हिस्सों—खासतौर पर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों—में नकद लेनदेन की जरूरत बनी रहेगी। ऐसे में बैंकों को एटीएम की संख्या घटाते वक्त क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखना होगा, ताकि डिजिटल और कैश आधारित दोनों तरह की सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहें।

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Silver Price: निवेश का नया चैंपियन बन सकती है चांदी, 2 लाख के स्तर को छूने को तैयार

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मुंबई, एजेंसी। चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी ने निवेशकों का ध्यान एक बार फिर अपनी ओर खींचा है। बुधवार को MCX पर चांदी की कीमत रू.1.10 लाख प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। जानकारों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी के चलते चांदी आने वाले समय में निवेश का नया चैंपियन बन सकती है। विश्लेषकों के अनुसार, इसकी कीमतें रू.2 लाख प्रति किलो तक जा सकती हैं।

सेफ हेवेन बनती चांदी, निवेशकों का बढ़ रहा रुझान

मिडिल ईस्ट में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, डॉलर की तुलना में कमजोर होता रुपया और शेयर बाजार में अस्थिरता- ये तीन बड़े कारण हैं जिनकी वजह से निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में चांदी की ओर रुख कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि जैसे-जैसे वैश्विक अनिश्चितता बढ़ेगी, चांदी की कीमतों में और तेजी आ सकती है।

प्रसिद्ध अमेरिकी निवेशक और लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने हाल ही में भविष्यवाणी की है कि “आने वाले वर्षों में चांदी की कीमतें मौजूदा स्तर से दोगुनी हो सकती हैं यानी 2 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं।”

2 साल में 60% तक उछली चांदी की कीमतें

एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, चांदी ने पिछले दो वर्षों में लगभग 60% का रिटर्न दिया है। वर्ष 2020 में जहां इसकी कीमत ₹87,000 प्रति किलो थी, वहीं अब यह रू.1.04 लाख से ऊपर ट्रेड कर रही है।

2011 में चांदी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्चतम मूल्य $49.50 प्रति औंस था। हालांकि इसके बाद इसमें गिरावट आई लेकिन 2020 के बाद इसमें फिर से स्थिर और तीव्र तेजी देखी जा रही है।

आगे कितना और जा सकती है कीमत?

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के डायरेक्टर नवीन माथुर का मानना है कि आने वाले समय में चांदी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें $50 प्रति औंस के नए ऑल टाइम हाई तक पहुंच सकती हैं। इस हिसाब से MCX पर इसकी कीमत ₹1.50 लाख से ₹1.70 लाख प्रति किलोग्राम तक जा सकती है।

उनका अनुमान है कि निकट भविष्य में चांदी रू.1.15 लाख से रू.1.23 लाख प्रति किलो के दायरे में कारोबार कर सकती है — यानी मौजूदा स्तर से 15-18% और बढ़ोतरी संभव है।

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Voter ID Card: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला — अब सिर्फ 15 दिन में नया या अपडेटेड वोटर आईडी कार्ड मिलेगा

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नई दिल्ली,एजेंसी। अब नया वोटर आईडी कार्ड बनवाना हो या उसमें नाम, पता, फोटो या किसी और जानकारी में बदलाव करवाना हो, यह सब कुछ मात्र 15 दिनों के भीतर हो सकेगा। न लंबी लाइनें, न महीनों का इंतज़ार और न ही अधिकारियों के बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत।

 क्या बदला है नई प्रक्रिया में?

  • डिजिटल प्रोसेस: अब अधिकांश प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जा सकती है।
  • तेज सत्यापन: दस्तावेजों का वेरिफिकेशन पहले की तुलना में ज्यादा तेजी से होगा।
  • ट्रैकिंग की सुविधा: अब आप अपने आवेदन की स्थिति को आसानी से ऑनलाइन ट्रैक कर सकेंगे।
  • 15 दिन में निष्पादन: चुनाव आयोग का दावा है कि अब हर वैध आवेदन सिर्फ 15 दिन में निपटाया जाएगा।
  •  कैसे करें आवेदन?
  • NVSP पोर्टल (https://www.nvsp.in) या Voter Helpline App के ज़रिए ऑनलाइन आवेदन करें।
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें – पहचान प्रमाण, पते का प्रमाण और फोटो।
  • फॉर्म सबमिट करें और आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा जिससे आप अपनी एप्लिकेशन को ट्रैक कर सकते हैं।
  •  किन सेवाओं पर मिलेगा लाभ?
  • नया वोटर आईडी बनवाना
  • नाम, जन्मतिथि, पता या फोटो में बदलाव
  • किसी और राज्य या निर्वाचन क्षेत्र में ट्रांसफर
  • मृतकों के नाम हटवाना या दोहराव हटाना
  •  किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?
  • पहली बार वोटर बनने वाले युवा
  • जो लोग नए पते पर शिफ्ट हुए हैं
  • नाम, फोटो या अन्य जानकारी में सुधार करवाने वाले लोग
  • जिनका कार्ड अभी तक नहीं बना या खो गया है
  • क्यों है यह बदलाव अहम?
  • अब तक लाखों लोग सिर्फ इसलिए वोट नहीं दे पाते थे क्योंकि उन्हें या तो रजिस्ट्रेशन का समय नहीं मिल पाता था, या फिर कार्ड आने में महीनों लग जाते थे। लेकिन अब यह देरी खत्म हो जाएगी और लोग समय पर अपना वोटर कार्ड पाकर चुनावों में भाग ले सकेंगे।

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