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कोरबा

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भिलाई खुर्द ग्रामवासियों की परेशानियों से अवगत कराने कोयला मंत्री को लिखा पत्र

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कोरबा। एस.ई.सी.एल. कोरबा मानिकपुर विस्तार परियोजना से प्रभावित ग्राम भिलाईखुर्द के किसानों व युवाओं ने व्यक्तिगत मुलाकत कर एस.ई.सी.एल. मानिकपुर कोरबा खदान प्रबंधन द्वारा छलपूर्वक ग्रामवासियों को विस्थापित किए जाने के संबंध में अपनी बात रखते हुए कहा कि जब तक एस.ई.सी.एल. प्रबंधन नियमानुसार उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा देता है, उन सब को वहां से विस्थापित होने के लिए मजबूर न किया जाए। ग्रामवासियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोयला मंत्री किशन रेड्डी को पत्र लिखते हुए कहा है कि जब तक पुनव्र्यवस्थापन नियमानुसार एस.ई.सी.एल. प्रबंधन द्वारा ग्रामवासियों के हित में आवश्यक समस्त सुविधाएं विकसित नहीं करवा दी जाती हैं, उन्हें उनके मूल स्थान से न हटाया जाए। पत्र में यह भी लिखा गया है कि इसके लिए कोयला मंत्री द्वारा मानवीय आधार पर संबंधित अधिकारियों को तत्काल स्पष्ट निर्देश जारी करनी चाहिए।
ग्रामवासियों के हवाला से पत्र में आगे लिखा गया है कि कोरबा मानिकपुर खदान विस्तार परियोजना अन्तर्गत प्रभावित होने वाले लगभग 250 ग्रामवासियों की सूची (जिसमें दादर खुर्द एवं भिलाई खुर्द, ढ़ेलवाडीह और रापाखर्रा के निवासी शामिल हैं) तैयार की गई थी, जिनमें से लगभग 100 लोगों ने मुआवजे की प्रथम किस्त के तौर पर राशि प्राप्त कर ली है। शेष 150 लोगों को आज तक किसी भी रूप में न तो मुआवजे की राशि का भुगतान किया गया और न ही जिन 100 लोगों ने मुआवजे की राशि की प्रथम किस्त प्राप्त किया था, उन्हें शेष राशि का भुगतान जारी किया गया। पत्र में यह भी उल्लेख है कि उक्त क्षेत्र मात्र 30 साल के लिए लीज पर लिया गया था, जिसके लिए ग्रामवासियों को भ्रमित किया गया।
ग्राम भिलाई खुर्द के कुछ अति बुजुर्ग किसानों के हवाले से प्राप्त जानकारी के आधार पर पत्र में लिखा गया है कि वर्ष 1968 में मानिकपुर कोरबा खदान से कोयला उत्खनन कार्य आरंभ करने के समय ग्रामवासियों को बताया गया था कि उक्त क्षेत्र एस.ई.सी.एल. द्वारा 30 साल की लीज पर सरकार से प्राप्त किया गया है। यदि ऐसा था तो उक्त अवधि 1998 में ही समाप्त हो जाती है। बाद में एस.ई.सी..एल के अधिकारियों ने क्षेत्रवासियों विशेषकर ग्राम भिलाई खुर्द के निवासियों से यह कहना आरंभ कर दिया, कि उक्त क्षेत्र को एस.ई.सी.एल. ने अधिग्रहित कर लिया है। ऐसी स्थिति में अनेक प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि:-
एस.ई.सी.एल. मानिकपुर कोरबा खदान प्रबंधन द्वारा खदान विस्तार ग्राम भिलाईखुर्द की भूमि अधिग्रहण कि लिए कब ग्राम सभा का आयोजन किया गया, किसने ग्राम सभा आयोजित करवाई और कहां आयोजित करवाई गई आदि अनेक प्रश्न हैं, जिनका उत्तर एस.ई.सी.एल. प्रबंधन के पास नहीं हैं। ग्रामवासियों ने बताया कि दिनांक 05 जून 2025 को एस.ई.सी.एल. कोरबा मानिकपुर प्रबंधन द्वारा ग्राम भिलाई खुर्द ग्राम के सामुदायिक भवन में बिना किसी पूर्व सूचना के सीमित व्यक्तियों को एकत्र कर उनके समक्ष भिलाईखुर्द ग्राम को उठवाने की मुनादी करने की औपचारिकता की गई। इस संबंध में बताना चाहूंगा कि बिना किसी पूर्व सूचना के ग्रामवासियों के बीच एस.ई.सी.एल. प्रबंधन के अधिकारियों का पहुंचना इस बात का द्योतक है कि वे नहीं चाहते थे कि इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार हो और उनको बड़े पैमाने पर ग्रामवासियों के विरोध का सामना करना पड़े।
जयसिंह अग्रवाल ने पूर्व में प्रेषित पत्र में हवाला देते हुए लिखा है कि, खदान विस्तार परियोजना से प्रभावित होने वाले ग्राम भिलाईखुर्द के निवासियों को उनके स्थान से विस्थापित होने के लिए तब तक मजबूर न किया जाए, जब तक कि पुनव्र्यस्थापन नियमानुसार उन्हें बसाहट आदि के लिए उचित स्थान और बसाहट क्षेत्र में यथोचित सडक़, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से आवश्यक विकास कार्यों के अलावा बच्चों की शिक्षा और योग्तानुसार प्रभावित परिवारों से युवाओं को रोजगार प्रदान करने की व्यवस्था एस.ई.सी.एल. द्वारा उपलब्ध नहीं करवा दिया जाता।
पत्र में यह भी लिखा गया है कि कोरबा मानिकपुर खदान में पदस्थ महाप्रबंधक जे. इकम्बरम् और सी.जी.एम. कोरबा राजेश कुमार गुप्ता, दोनों ही अधिकारी स्वयं को विशेष अधिकार प्राप्त अधिकारी बताते हैं। कोयला मंत्रालय का बहुत खास व्यक्ति के रूप में स्वयं को प्रचारित करते हैं। उनका यह भी कहना है कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। जे. इकम्बरम विशेषकर स्वयं कहते हैं कि उनकी पोस्टिंग किसी भी स्थान पर छ: महीने से अधिक के लिए नहीं होती है और यह कि उनको कोरबा में इसी कार्य के लिए पदस्थ किया गया है।

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कोरबा

कैदियों की सुविधों, स्वास्थ्य और विधिक सहायता की हुई गहन समीक्षा

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कोरबा। न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने एवं बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में जिला जेल कोरबा का सघन निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल में निरूद्ध कैदियों की स्थिति, उन्हें उपलब्ध करायी जा रही मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था। निरीक्षण के दौरान बोर्ड सदस्यों ने जेल परिसर के विभिन्न हिस्सों का बारीकी से अवलोकन किया। उसमें कौदियों के बैरक, रसोईघर, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वच्छता व्यवस्था तथा अन्य सामान्य उपयोग के स्थान शामिल रहे। अधिकारियों ने कौदियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उसी समस्याओं आवश्यकताओं एवं दैनिक दिनचर्या की जानकारी प्राप्त की। भोजन की गुणवत्ता, पोषण मानकों, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, दवाईयों एवं चिकित्सकों की उपस्थिति, शिक्षा कर्यक्रमों जैसी गतिविधियों का भी आकलन किया गया। जेल लीगल एड क्लीनिक की कार्यप्रणाली की भी जांच की गयी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को समय पर और सरल रूप से कानूनी सहायता प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा के अध्यक्षता में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि कैदियों के लिए स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थय परीक्षण एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित की जाए। वहींं निरीक्षण के दौरान 17 महिला एवं 189 पुरूष बंदी जेल में रहे। इस संयुक्त निरीक्षण में सुश्री मयुरा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कु. त्राप्ति कु. ग्रेसी – न्यायिक मजिस्टेट, प्रथम श्रेणी, ओमप्रकाश यादव- अपर कलेक्टर कोरबा, नीतिश िसह ठाकुर- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विजय लक्ष्मी- लोक निर्माण विभाग, सी.के. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,  तामेश्वर उपाध्याय- जिला शिक्षा अधिकारी,  दिपेश भारती रोजगार अधिकारी, विनय कुमार उद्योग अधिकारी, मुकेश कुमार वेलफेयर अधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक हरीश सक्सेना उपस्थित रहे।

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कोरबा

ईएमटी पद हेतु अनंतिम मेरिट सूची जारी

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दावा आपत्ति 31 दिसंबर तक आमंत्रित

कोरबा। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा के द्वारा जिला खनिज न्यास मद अंतर्गत 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस हेतु इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन ;ईएमटी के 14 पदों हेतु पात्र/अपात्र सूची प्रकाशन कर दिनांक 28.11.2025 को सायं पांच बजे तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी।
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोरबा से प्राप्त जानकारी अनुसार दावा आपत्ति निराकरण पश्चात् दावा अपत्ति निराकरण सूची एवं अंनंतिम मेरिट सूची कार्यालयीन सूचना पटल पर चस्पा तथा कोरबा जिले के शासकीय वेबसाईट www.korba.gov.in  मे सर्व संबंधितों के अवलोकनार्थ एवं दावा आपत्ति हेतु अपलोड़ कर दिया गया है। अनंतिम मेरिट सूची के समस्त कॉलमों का उम्मीद्वारों द्वारा सूक्ष्म अवलोकन कर दावा आपत्ति कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा में 31 दिसंबर 2025 समय 5ः00 बजे तक मय आवश्यक दस्तावेज सहित प्रस्तुत कर सकते हैं।

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कोरबा

26 दिसम्बर को मनाया जाएगा वीर बाल दिवस

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स्कूल कॉलेजों में  विद्यार्थियों को सम्मिलित कर विविध गतिविधियां होंगी आयोजित

कोरबा। भारत सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को दसवें सिक्ख गुरु गोविन्द सिंह  के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत को राष्ट्रीय दिवस घोषित करते हुए 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया है। उक्त शहादत दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर विद्यालयों/महाविद्यालयों में विविध गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए गए है। स्कूल -कॉलेज  के विद्यार्थियों को सम्मिलित करते हुए बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह के  शहादत की स्मृति में भाषण प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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