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कोरबा

बालको की उत्तरोत्तर प्रगति में महिला कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका

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बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) महिला कर्मचारियों के योगदान और उपलब्धियों का सम्मान करता है। कंपनी महिलाओं की शक्ति, संघर्ष और सफलता को को पहचानते हुए निरंतर उन्हें अपने कार्यबल में शामिल किया है। कंपनी ने महिलाओं को समान अवसर, सम्मान और सुरक्षा देने का प्रयास किया है। महिला कर्मचारियों ने अपने कौशल के माध्यम से बालको के उत्तरोत्तर प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी से जुड़ी महिला कर्मचारियों की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

सोनाली प्रियदर्शिनी, माइनिंग इंजीनियर, वेदांता बालको की यात्रा, दृढ़ता और परिवार के अटूट समर्थन की यात्रा है। सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, क्योंझर, उड़ीसा के खनन इंजीनियरिंग विभाग में पहली महिला छात्राओं के समूह का हिस्सा बनीं। इस क्षेत्र में बढ़ाया कदम व्यक्तिगत उपलब्धियों के साथ अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणादायी बना। आज वो वेदांता बालको में एक गौरवशाली खनन इंजीनियर के रूप कार्यरत हैं। उनकी कहानी बाधाओं को तोड़ने और एक ऐसे उद्योग में एक अनूठा रास्ता बनाने की है जहाँ महिलाओं का अक्सर कम प्रतिनिधित्व होता है। करियर में आगे बढ़ते हुए उन्होंने एक बेहतर भविष्य के साथ ही अगली पीढ़ी की लड़कियों को प्रेरित भी किया है।

बालको प्लांट में प्रवेश करते ही प्रवेश द्वार पर मिलती हैं शांत, आत्मविश्वास और शालीनता की पहचान सुरक्षा गार्ड सुमन बंजारे। छत्तीसगढ़ी परिवार में एक लड़के के रूप में जन्मी, उन्हें हमेशा लगता था कि उनके अंदर कुछ ऐसा है जो आस-पास की दुनिया से मेल नहीं खाता। वह जानती थी कि वह बाकियों से अलग एक ट्रांस महिला हैं। दोस्त से मिली जानकारी पर उन्हें बालको में नौकरी के लिए साक्षात्कार दिया और चयन हो गया जो उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। अगस्त 2024 में बालको की लिंग परिवर्तन/पुनः निर्धारण सर्जरी नीति के मदद से सुमन ने सर्जरी करवाई। यह एक परिवर्तनकारी क्षण था, पहली बार सुमन को लगा कि वह वास्तव में वही है जो वह है। आत्म-खोज की उसकी यात्रा पूरी हो गई थी। सुमन की कहानी यहीं नहीं रुकी, 2 फरवरी, 2025 को उसकी शादी हो गई। आज, वो बालको में जी4एस के तहत सुरक्षा प्रभारी के रूप में काम करती हैं, जो कंपनी के लिए एक व्यावसायिक भागीदार है।

महिला ड्राइवर सावित्री चौहान की यात्रा बेहद कठिनाई के साथ शुरू हुई। उनकी दुनिया तब बिखर गई जब 7 साल की उम्र में अपने एकमात्र अभिभावक दादी को भी खो दिया। परिवार के समर्थन के बिना बड़े होने की चुनौतियों का सामना करते हुए जीवन एक संघर्ष बन गया। उन्होंने राजपूत ट्रैवल्स के बारे में सुना, जिन्हें महिला ड्राइवरों की तलाश थी। आज, सावित्री बालको के लिए प्लांट के अंदर और बाहर दोनों जगह चार पहिया वाहन चलाती हैं। वह एक जीवंत उदाहरण है कि महिलाएँ उन क्षेत्रों में भी सफल हो सकती हैं, जहाँ पारंपरिक रूप से पुरुषों का वर्चस्व रहा है। सावित्री ने उस मिथक को तोड़ दिया है। उन्होंने दुनिया को दिखाया है कि महिलाएँ भी अच्छी तरह से गाड़ी चला सकती हैं।

बालको सीएसआर लाभार्थी किसान, पद्मा राठिया कंपनी की दूरदर्शी परियोजना, “मोर जल मोर माटी” का एक अभिन्न अंग बन गई हैं। पद्मा के लिए यह सिर्फ एक कृषि परियोजना नहीं थी बल्कि उनके समुदाय की महिलाओं के जीवन को बदलने का एक मौका था। दृढ़ संकल्प के साथ उन्होंने उदाहरण पेश करने का बीड़ा उठाया। बंजर भूमि को सब्जियों और मूंगफली के उपजाऊ खेतों में बदलने वाली पद्मा की सफलता सिर्फ उनकी अपनी फसल तक ही सीमित नहीं रही बल्कि उनके गांव में एक क्रांति को जन्म दिया। उनके जुनून और प्रतिबद्धता ने भटगांव की महिलाओं को एकजुट किया है, उन्हें खेती की कला को अपनाने और अपने भविष्य का स्वामित्व लेने के लिए प्रोत्साहित किया है। पद्मा के प्रयासों ने भटगांव को कोरबा जिले में एक प्रमुख कृषि केंद्र में बदल दिया है।

प्रोजेक्ट पंछी की लाभार्थी सान्या कुमारी खुटे हमेशा से ही मेडिकल क्षेत्र में जाने का सपना देखती थी। नर्सिंग की परीक्षा के बाद उनका चयन हो गया, लेकिन आर्थिक बाधा ने कदम रोक दिये। प्रोजेक्ट पंछी परियोजना सीखने और व्यक्तिगत विकास के लिए एक मंच प्रदान किया। साथ ही वेदांता द्वारा खुद को आत्मनिर्भर बनाए रखने का अवसर भी दिया। प्रोजेक्ट पंछी के माध्यम से उसने खुद को रायगढ़ में अपने जैसी कई लड़कियों के साथ पढ़ते हुए पाया, जो अपने पंख फैलाने के लिए तैयार थीं। उसकी यात्रा ने एक नए सपने को प्रेरित किया है। शिक्षकों से प्रेरित अब वह दूसरों को पढ़ाना चाहती है। सान्या एक रसायन विज्ञान की शिक्षिका बनने की इच्छा रखती है, जो ज्ञान और प्रेरणा को दूसरों तक पहुंचाए।

ममता मिरी बालको में शिफ्ट इंचार्ज के रूप में कार्यरत हैं। पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी के रूप में पॉटलाइन से काम शुरू किया। पॉटलाइन पारंपरिक रूप से पुरुषों के लिए उपयुक्त माना जाता है। लेकिन ममता ने चुनौती से मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने कड़ी मेहनत पर ध्यान केंद्रित किया और सुनिश्चित किया कि उनके कौशल किसी भी रूढ़िवादिता से ज़्यादा ज़ोरदार है। टीम के समर्थन से ममता ने जल्दी ही अपनी भूमिका को अपनाया और उसमें आगे बढ़ीं। दो साल बाद अब वे शिफ्ट इंचार्ज हैं और उनके अधीन 15 लोग काम करते हैं। वे पॉट की दैनिक कार्यक्षमता सुनिश्चित करने, आने वाली किसी भी समस्या का समाधान और पॉटलाइन के सुचारू संचालन को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी लेती हैं। उनके नेतृत्व और निर्णय लेने के कौशल ने उनकी टीम की सफलता पर सीधा प्रभाव डाला है।

पुष्पांजलि चौहान, सहायक प्रबंधक, सुरक्षा, वेदांता बालको का सपना यही था, वर्दी पहन रक्षा क्षेत्र में अपनी सेवाएं देना। वह राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में शामिल हो गई। फिर एक दिन वेदांता में साक्षात्कार देने का मौका मिला और उन्हें सुरक्षा विभाग में शामिल होने के लिए चुना गया। चंडीगढ़ में पुष्पांजलि का प्रशिक्षण, जिसने उन्हें अपने सपनों को जीने का मौका दिया। जहाँ वे जूनियर सुरक्षा अधिकारी (जेएसओ) बन गईं। अब वो एक गौरवान्वित पेशेवर के साथ 2.5 साल के बेटे की माँ भी हैं। बालको की क्रेच पहल के सहयोग से वो अपने करियर और मातृत्व को सहजता से संतुलित करने में सक्षम हैं।

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कोरबा

नितेश कुमार मेमोरियल लायंस पब्लिक स्कूल खरहरकुड़ा का स्थापना दिवस कल

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0 सम्मान समारोह का भी आयोजन

कोरबा/मड़वारानी। ग्राम खरहरकुड़ा मड़वारानी में सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालय नितेश कुमार मेमोरियल लायंस पब्लिक स्कूल का 9वां स्थापना दिवस समारोह का भव्य आयोजन कल 19 अप्रैल 2025 दिन शनिवार को फूलसिंह राठिया (विधायक-रामपुर विधानसभा), फिल्म जगत के सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार श्री असरानी, रज्जाक अली (जिला पंचायत सदस्य, कोरबा), दीदी बी.के.रचना (राजयोग शिक्षिका, ब्रम्हकुमारी), पीएमजेएफ लायन विजय अग्रवाल (डिस्ट्रिक्ट गवर्नर निर्वाचित), एमजेएफ लायन रिपुदमन पुसरी (प्रथम वाईस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (निर्वाचित) एवं लायन पवन मलिक (द्वितीय वाईस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर निर्वाचित) के आतिथ्य में किया जायेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के चेयरमेन पीएमजेएफ लायन डॉ. राजकुमार अग्रवाल द्वारा किया जायेगा।
कार्यक्रम आयोजक पीएमजेएफ लायन डॉ.राजकुमार अग्रवाल ने कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुये कहा कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विद्यालय का स्थापना दिवस समारोह 19 अप्रैल 2025 को भव्यता के साथ मनाया जायेगा। जिसमें रामपुर विधायक सहित अन्य लायन दिग्गजों के साथ साथ फिल्म जगत के जाने माने हास्य कलाकार श्री असरानी उपस्थित होंगे।

समारोह में लायंस डिस्ट्रिक्ट 3233 सी के आगामी सत्र के नेतृत्वकर्ताओं का सम्मान, गणमान्य नागरिकों, महिलाओं के साथ साथ विद्यालय के स्टॉफ का भी सम्मान किया जायेगा। साथ ही नव प्रवेशी विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें एवं यूनिफार्म वितरित किये जायेंगे। कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी जायेगी। विद्यालय के चेयरमेन पीएमजेएफ लायन डॉ. राजकुमार अग्रवाल ने समस्त पत्रकारों, गणमान्य नागरिकों, ग्रामवासियों एवं अभिभावकों को कार्यक्रम में सादर आमंत्रित किया है। असरानी को देखने के लिए लोग बेताब दिख रहे हैं।

हास्य कलाकार असरानी पहली बार आ रहे कोरबा


अपनी कला के माध्यम से करोड़ों लोगों को हंसाने वाले एवं निरश जीवन में खुशी घोलने वाले बॉलीवूड के मंझे हुए हास्य अभिनेता असरानी पहली बार 19 अप्रैल को कोरबा के मड़वारानी, खरहरकुड़ा में स्थित छत्तीसगढ़ के सर्वश्रेष्ठ सीबीएसई विद्यालय नितेश कुमार मेमोरियल लॉयन पब्लिक स्कूल के 9वें स्थापना दिवस समारोह के भव्य आयोजन का साक्षी बनने आ रहे हैं। कोरबा में उनके आगमन को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता बनी हुई है और लोग उन्हें सुनने के लिए बेताब दिख रहे हैं।

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कोरबा

बालको ने ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए लागू की शिक्षा सहायता नीति

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बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए एक प्रगतिशील शिक्षा सहायता नीति लागू की। समावेशी कार्यस्थल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप कंपनी द्वारा उठाया गया यह कदम ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने हेतु 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसका उद्देश्य शैक्षिक अंतर को कम करना और विकास के लिए नए रास्ते खोलना है।

वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए एक प्रगतिशील शिक्षा सहायता नीति लागू की है। समावेशी कार्यस्थल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप कंपनी द्वारा उठाया गया यह कदम ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने हेतु 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसका उद्देश्य शैक्षिक अंतर को कम करना और विकास के लिए नए रास्ते खोलना है।

शिक्षा सहायता योजना उन सभी ट्रांसजेंडर कर्मचारियों पर लागू है, जिन्होंने कम से कम 18 महीने की सेवा पूरी कर ली है। इस पहल के माध्यम से बालको इस विश्वास को सुदृढ़ करता है कि वास्तविक समावेशी वातावरण तभी संभव है जब सभी को सीखने और कौशल अर्जित करने के समान अवसर प्रदान किए जाएँ, ताकि वे पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर आगे बढ़ सकें।

बालको ने अपने विविधता, समानता और समावेशी चार्टर के तहत कई पहल को संस्थागत रूप दिया है। इनमें लिंग पुनः निर्धारण नीति सर्जरी के लिए वित्तीय सहायता, विशेष अवकाश के साथ ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए आवास सहायता भी शामिल है। संगठन में स्वीकृति और जागरूकता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संवेदीकरण सत्र और सामुदायिक सहभागिता के विभिन्न कार्यक्रम भी नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि बालको में हम मानते हैं कि समावेशी संस्कृति केवल एक नीति नहीं है बल्कि एक मूल्य है, जहाँ लिंग पहचान की परवाह किए बिना सभी को सीखने, बढ़ने और नेतृत्व करने के समान अवसर मिलते हैं। अपने ट्रांसजेंडर कर्मियों को उनकी पेशेवर आकांक्षाओं को साकार करने में सहयोग कर, समावेशी कार्यस्थल के निर्माण के लिए कटिबद्ध हैं।

बालको में सुरक्षाकर्मी के रूप में काम करने वाली व्यावसायिक भागीदार सुमन ने कहा कि मैं बालको में काम करके वास्तव में धन्य महसूस करती हूँ। यहीं पर मुझे लिंग पुनः निर्धारण नीति को चुनने का साहस और समर्थन मिला। कुछ ऐसा जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। बालको ने मुझे अपनी पहचान को सम्मान के साथ अपनाने और आत्म-सम्मान का जीवन जीने का मौका दिया। अब शिक्षा नीति के शुभारंभ के साथ, मैं और भी बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित हूँ। मैं न केवल अपने लिए, बल्कि मेरे जैसे अन्य लोगों के लिए भी एक बेहतर भविष्य बनाने के उद्देश्य से आगे की शिक्षा प्राप्त करने की योजना बना रही हूँ।

बालको अपनी विभिन्न पहल के माध्यम से ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को प्रमुख कार्यों में एकीकृत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने वाली यह नीति, कंपनी के लंबे समय से चले आ रहे एलजीबीटीक्यू प्लस समुदाय के सशक्तिकरण के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण योगदान है। कंपनी ने एक ऐसे भविष्य में अपना विश्वास प्रकट किया है जहाँ प्रत्येक कर्मचारी का सम्मान, सशक्तिकरण और समावेश सुनिश्चित किया जा सके।

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कोरबा

भू-विस्थापितों की हड़ताल:खदानों में कोयला उत्पादन-परिवहन पूरी तरह ठप; उचित मुआवजा, विस्थापितों के पुनर्वास और रोजगार की मांग

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कोरबा। कोरबा में SECL खदान में भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति ने हड़ताल किया। प्रदर्शनकारियों ने जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजे, विस्थापितों के पुनर्वास और स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग की है।

दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की कोयला खदानों में हुए इस आंदोलन से कुसमुंडा, दीपका, गेवरा और कोरबा क्षेत्र की खदानों में कोयला उत्पादन, मिट्टी उत्खनन और परिवहन कार्य पूरी तरह रुक गया।

किसान कल्याण समिति के हड़ताल से SECL खदान में काम ठप रहा।

किसान कल्याण समिति के हड़ताल से SECL खदान में काम ठप रहा।

22 अप्रैल को उच्च स्तरीय बैठक

आंदोलन के दौरान SECL महाप्रबंधक का पुतला जलाया और एक विशाल रैली निकाली गई। आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए SECL प्रबंधन ने 22 अप्रैल को उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है।

इस बैठक में भू-विस्थापितों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। प्रबंधन के इस आश्वासन के बाद हड़ताल को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने 25 लाख मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार की मांग की है।

प्रदर्शनकारियों ने 25 लाख मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार की मांग की है।

भू-विस्थापितों में प्रभावित महिलाएं भी हड़ताल में शामिल हुई

भू-विस्थापितों में प्रभावित महिलाएं भी हड़ताल में शामिल हुई

आपूर्ति और उत्पादन पर पड़ा असर

हड़ताल का प्रभाव SECL की कोयला आपूर्ति और उत्पादन पर स्पष्ट रूप से देखा गया। इससे क्षेत्रीय बिजली संयंत्रों और अन्य उद्योगों के प्रभावित होने की आशंका है।

यह आंदोलन कोयला उद्योग में भू-विस्थापितों की समस्याओं के समाधान की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है। SECL प्रबंधन और भू-विस्थापितों के बीच होने वाली वार्ता से इस समस्या का स्थायी समाधान निकलने की उम्मीद है।

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