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SC से केजरीवाल बोले- मैं रिहाई का हकदार:कहा- शराब नीति केस में ED का बर्ताव क्रूर, फिजिकली मौजूद होने के लिए कहना क्या जरूरी था

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नई दिल्ली, एजेंसी।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ED ने शराब नीति घोटाले के तहत मनी लॉन्ड्रिंग केस में बेहद क्रूर तरीके से बर्ताव किया। अपनी गिरफ्तारी को चैलेंज करने वाली याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से दाखिल किए गए एफिडेविट पर केजरीवाल ने ये जवाब दाखिल किया। इसमें उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा जांच में सहयोग किया है।

केजरीवाल ने कहा कि मुझे किसी अधिकृत एजेंट के जरिए न बुलाया जाना या लिखित या वर्चुअल मोड में जानकारी या डॉक्यूमेंट न मांगना और फिजिकली मौजूद होने के लिए कहना क्या जरूरी था? मेरी याचिका को अनुमति मिलनी चाहिए और मैं रिहाई पाने का हकदार हूं।

इससे पहले 24 अप्रैल को ED ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा कि कई बार समन भेजे जाने के बावजूद उन्होंने एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया। 9 बार समन मिलने के बावजूद केजरीवाल पूछताछ से बच रहे थे। उनके इसी रवैए से जांच अधिकारी को गिरफ्तारी की वजह मिली है। साथ ही जांच अधिकारी के पास मौजूद चीजों ने भी यह साबित करने में मदद की है कि वे दोषी हैं।

केजरीवाल बोले- इसमे कोई शक नहीं कि ED ने कानूनी प्रक्रिया में क्रूरता दिखाई
ED के हलफनामे के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि ED ने एफिडेविट में कहा था कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने के पीछे एक बड़ा कारण ये भी था कि नौ बार समन भेजने के बाद भी वे जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हुए थे। और ये कि ऐसे मामले में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर को ये अधिकार है वह अपनी तरफ से ये राय बना सकता है कि आरोपी को कस्टडी में लेकर उससे पूछताछ करने से बेहतर तरीके से जवाब पाए जा सकेंगे।

केजरीवाल ने कहा कि ED के जवाब का सार, टेक्स्ट और कंटेंट देखकर शक की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है कि ED ने कानूनी प्रक्रिया में बेहद क्रूर तरीके से बर्ताव किया है। केजरीवाल ने आगे कहा कि ED के जवाबों को अच्छे से पढ़ने पर इस पूरी कार्रवाई का झूठ सामने आ जाएगा।

केजरीवाल बोले- रिकॉर्ड बता देंगे कि मैंने हर समन का जवाब दिया
केजरीवाल ने कहा कि रिकॉर्ड बता देंगे कि ED की तरफ से जरूरी जानकारी मांगते हुए भेजे गए हर एक समन का सही तरीके से जवाब दिया गया था, जिसे किसी भी परिस्थिति में ED प्रिव्लेज या कॉन्फिडेंशियल नहीं कह सकता है। केजरीवाल ने कहा कि ED ने कभी भी ये लिखित में नहीं दिया कि मैंने उनके साथ को-ऑपरेट नहीं किया।

हलफनामे में ED ने ये दलीलें दी

  • तलाशी की तारीख पर जब उनसे पूछताछ के दौरान PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) की धारा 17 के तहत उनका बयान दर्ज किया जा रहा था, तब वे सवालों के जवाब देने से बच रहे थे। यहां तक ​​कि साधारण या क्राइम से इतर सवालों में भी पूरी तरह से असहयोगी थे।
  • केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका आधारहीन है और खारिज की जानी चाहिए, क्योंकि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जांच अधिकारी के पास जो वजहें थीं, उन वजहों को कई अदालतें देख चुकी हैं।
  • तीन अलग-अलग स्तरों पर तीन न्यायिक अधिकारियों (अदालतों) ने इन्हें देखा और पढ़ा है, जिस पर न्यायिक मुहर लग चुकी है। नतीजतन केजरीवाल की तरफ से मांगी गई राहत देने से इनकार कर दिया गया है।
  • केजरीवाल ने जांच पूरी होने के बाद जमानत पर रिहा होने की मांग वाली याचिका नहीं लगाई है, बल्कि यह जांच के दौरान गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की अस्वीकृति के खिलाफ है, जबकि अभियोजन पक्ष की शिकायत अभी तक दर्ज नहीं हुई है।
  • केजरीवाल से 21 मार्च को तलाशी के दौरान उनके मोबाइल फोन का पासवर्ड मांगा गया। ED की हिरासत के दौरान भी यही पूछा गया। उन्होंने इसे शेयर करने से इनकार कर दिया। हिरासत के दौरान उनके बयानों से भी पता चलता है कि वे पूरी तरह से टालमटोल करने वाले जवाब दे रहे थे।
  • अबतक की जांच से पता चला है कि घोटाले के जरिए कमाई गई लगभग 45 करोड़ की नकदी का एक हिस्सा AAP के 2022 गोवा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया। यानी आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया है।

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भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट

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नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।

भारत के वनावरण में बढ़ोतरी

भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।

कार्बन अवशोषण में वृद्धि

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

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PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान:ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले पहले भारतीय PM; अब तक 20 देश कर चुके सम्मानित

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कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल ​​​​​​अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।

वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-

कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।

इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।

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खड़गे बोले- चुनाव नियम बदलना सरकार की सोची-समझी साजिश:यह EC की आजादी पर हमला; केंद्र ने कहा था- पोलिंग बूथ के फुटेज सार्वजनिक नहीं होंगे

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नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।

रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।

जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।

अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।

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