रायपुर। मुख्यमंत्री निवास, रायपुर में 19 सितंबर को जनदर्शन आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जनदर्शन में लोगों से सीधे रुबरु होकर उनकी समस्याएं सुनेंगे और उनके निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करेंगे। जनदर्शन का आयोजन सबेरे 11:00 बजे से 1:00 बजे तक किया जाएगा।
कोरबा,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में भाजपा नेत्री ने एक आदिवासी किसान को खूब मारा। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पूर्व नगर पालिका सदस्य ज्योति महंत ने किसान को थाने के सामने पीटते और धमकी देते हुए नजर आ रही है। मामला बांकी मोंगरा थाना क्षेत्र का है।
बताया जा रहा है कि, ग्राम बरेडिमुड़ा का किसान युवक बलवंत सिंह कंवर अपने बैल के साथ सड़क से गुजर रहा था। महिला का कहना है कि, साइड हटने कहा तो युवक ने गाली दी और कहा कि, बाप का रोड नहीं है।
वहीं, युवक का कहना है कि, वह मोबाइल पर किसी से बात कर रहा था। मैंने फोन पर किसी को गाली दी लेकिन मैडम को लगा की उन्हें दी। इसके बाद मैडम और उनके साथ वालों ने भी पीटा।
साथ खड़े लोगों ने भी युवक को पीटा।
इस तरह हुआ विवाद
वीडियो में ज्योति महंत किसान को पीटते दिख रही है। मारते हुए कह रही है कि, माफी क्यों मांगा फिर, अगर गाली नहीं दिया है तो तो फिर माफी क्यों मांगा। मजाक बनाकर रख दिया है औरत जात को..रोड किसकी है….मरना है तो मर जा मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
इधर, किसान ने कहा कि, मैं थोड़ी पी रखा था। किसी से फोन में बात कर रहा था। तभी साइड में गाड़ी आई तो मुझे लगा साइड से चल देगी। फोन में जो भाई था मैंने उसको गाली दी तो मैडम को लगा गाली उन्हें दी है। जिसके बाद मैडम भड़क गई और मारने लगी। फिर थाने ले जाकर भी मारे हैं। थाने में 3-4 हजार देकर छूटा हूं।
थाने के बाहर- मारपीट के दौरान लोगों की भीड़
विधायक राठिया बोले- बीजेपी नेत्री पर कार्रवाई हो
रामपुर विधायक फूलसिंह राठिया ने कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक को इस मामले में लेटर लिखा है। कहा कि, भाजपा नेत्री ज्योति महंत के द्वारा अपने साथियों के साथ बांकी मोंगरा थाना परिसर में अभद्र व्यवहार का वीडियो वायरल हो रहा है। घटना थाना परिसर में हुई है।
पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में एक आदिवासी किसान के साथ ऐसी घटना से मैं आहत महसूस कर रहा हूं। मैं भी एक आदिवासी विधायक हूं। लगता है, कि भाजपा नेत्री ज्योति महंत को न शासन का डर है और न ही प्रशासन का। उन पर अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
वीडियो सोशल मीडिया में वायरल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कुछ युवक उसे बांकी मोंगरा थाना ले गए। वहां थाना परिसर में भी उसकी दोबारा पिटाई की गई।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
थाना परिसर में पुलिस की मौजूदगी में हुई इस घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोग इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
वहीं, थाना प्रभारी तेज कुमार यादव ने बताया कि, थाना परिसर में पिटाई की घटना हुई थी लेकिन दोनों पक्षों में से किसी ने शिकायत नहीं की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं, पैसे लेने की बात बिल्कुल गलत है।
धान के बदले मूंगफली की फसल से जशपुर के किसान कमा रहे ज्यादा मुनाफा
रायपुर। जशपुर जिले के किसान अब ग्रीष्मकालीन फसलों की ओर रुख कर खेती से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहे हैं और इससे उनका जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दूरस्थ अंचल में निवासरत किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।
इसी क्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम दुर्गापारा निवासी किसान गुरुनारायण को धान की पारंपरिक खेती के स्थान पर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कृषि विभाग द्वारा उन्हें निःशुल्क 20 किलोग्राम मूंगफली बीज प्रदान किया गया।
किसान गुरुनारायण ने बताया कि उनके पास कुल 3.303 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें वे पूर्व में खरीफ एवं रबी दोनों ही सीजन में धान की खेती करते थे। उन्होंने बताया कि धान की खेती में पानी की अधिक खपत होती थी और उत्पादन भी संतोषजनक नहीं मिल पाता था, जिससे लागत अधिक और मुनाफा सीमित रह जाता था।
गुरुनारायण ने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी रवि रोशन टोप्पो से संपर्क कर सलाह ली और धान के बजाय मूंगफली की खेती अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने 0.200 हेक्टेयर में मूंगफली की फसल लगाई। विभाग द्वारा उन्हें बीज के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व, खाद, दवाइयां और तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।
किसान ने बताया कि नियमित निगरानी और समय-समय पर प्राप्त सलाह के कारण उनकी फसल बहुत अच्छी स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में वर्तमान मूंगफली का मूल्य अच्छा होने से इस फसल से उन्हें बेहतर आमदनी की उम्मीद है।
इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि योजनाबद्ध प्रयासों, सही मार्गदर्शन और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसान गर्मी के मौसम में भी खेती से मुनाफा कमा सकते हैं और परंपरागत खेती के दायरे से बाहर निकलकर नवाचार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
आईआईएम रायपुर में मंत्रियों ने सीखी सुशासन और नेतृत्व की बारीकियां
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ‘चिंतन शिविर 2.0’ जैसे प्रशिक्षण सत्र शासन को नया दृष्टिकोण और नीतिनिर्माण प्रक्रिया को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मंत्रीगणों को सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुर सीखने का अवसर मिलता है।
आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के सभी मंत्रीगण शामिल हुए। इस सत्र में ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व’, ‘दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति’, ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व एवं दूरदर्शी शासन’ विषय पर अपने व्याख्यान में भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से निष्काम कर्म और नैतिक प्रशासन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्य केवल फल की आशा से नहीं, बल्कि उसके सही होने के कारण किया जाना चाहिए।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा, “भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। राष्ट्र निर्माण केवल नीतियों या संसाधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूल्यों से संभव है।” उन्होंने अंत्योदय के महत्व पर बल देते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की प्राथमिकता बताया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। उन्होंने दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और नीति-निर्माण के लिए उपयोगी बताया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव श्री रजत बंसल, भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक राम काकाणी और सभी मंत्रीगण उपस्थित थे।