Connect with us

खेल

राधिका मर्डर केस, एक्सपर्ट्स ने जांच पर सवाल उठाए:बोले- पुलिस आरोपी के बयान में ही उलझी, कोर्ट में मुकर गया तो क्या करेंगे

Published

on

गुरुग्राम,एजेंसी। हरियाणा में गुरुग्राम के हाई प्रोफाइल टेनिस प्लेयर राधिका यादव मर्डर केस में आरोपी पिता के स्टेटमेंट पर टिकी पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े हाे रहे हैं। क्रिमिनल लॉयर, रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों और कानून के जानकारों का मानना है कि पुलिस को बाकी एंगल पर भी काम करना चाहिए।

इस केस के बारे में अधिकतर एक्सपर्ट ने सीधे तौर पर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन को एकतरफा बताया और कहा कि पुलिस को दिए आरोपी के बयान कोर्ट में ज्यादा मायने नहीं रखते। वह कोर्ट में मुकर गया तो पुलिस क्या करेगी? कोर्ट सबूत और गवाहों के आधार पर डिसीजन लेता है।

इस तरह के फैमिली मर्डर केस में अगर एक ही थ्योरी पर पुलिस चैप्टर बंद कर देती है तो क्रिमिनल को फायदा मिलने की संभावना बढ़ जाती है। राधिका की हत्या ने न केवल सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर हलचल मचाई है, बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी यह मामला जटिल और विवादास्पद बन सकता है।

बता दें कि 10 जुलाई को गुरुग्राम में टेनिस प्लेयर राधिका यादव की उसके पिता दीपक यादव ने 4 गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। पिता ने पुलिस को बताया कि वह बेटी की कमाई खाने के लोगों के तानों से परेशान था। बेटी ने उसकी एकेडमी बंद करने की बात नहीं मानी, इसलिए उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी के इसी बयान के बाद अपनी कार्रवाई को सीमित कर रखा है।

आरोपी दीपक यादव इस समय 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है। -फाइल फोटो

आरोपी दीपक यादव इस समय 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है। -फाइल फोटो

गुरुग्राम की टेनिस प्लेयर राधिका यादव, जिसका 10 जुलाई को पिता ने गोलियां मारकर कत्ल किया।- फाइल फोटो

गुरुग्राम की टेनिस प्लेयर राधिका यादव, जिसका 10 जुलाई को पिता ने गोलियां मारकर कत्ल किया।- फाइल फोटो

पुलिस की जांच पर कानून के जानकारों ने क्या-क्या सवाल उठाए…

सीनियर एडवोकेट बोले- आरोपी के बयान को आधार बनाना खतरनाक

इस मामले पर पुलिस की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अजय पाल का कहना है कि किसी भी मर्डर केस की जांच में आरोपी के बयान को प्राथमिक आधार बनाना खतरनाक है।

इस मामले में गहन और वैज्ञानिक जांच की जरूरत है, जिसमें फोरेंसिक सबूत, गवाहों के बयान और डिजिटल सबूतों का विश्लेषण शामिल हो। केवल आरोपी के बयान पर निर्भर रहना कानूनी प्रक्रिया की गंभीर चूक है।

उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के एक स्कूल के स्टूडेंट्स मर्डर केस में ऐसा हो चुका है, जब पुलिस ने एक ही थ्योरी पर काम करते हुए गलत व्यक्ति को पकड़ लिया था। अगर पुलिस की जांच में खामियां रहती हैं, तो यह बचाव पक्ष के लिए मजबूत आधार हो सकता है।

उदाहरण के लिए, अगर क्राइम सीन से सबूत ठीक से एकत्र नहीं किए गए या चेन ऑफ कस्टडी में गड़बड़ी हुई, तो यह कोर्ट में साक्ष्यों की स्वीकार्यता को प्रभावित कर सकता है।

अजय पाल ने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 24 इस मामले के बीच में आएगी। अगर अभियुक्त कहता है कि उसने हत्या नहीं की और ऐसा कोई बयान नहीं दिया, तो उसे फायदा पहुंच सकता है।

यानी यह घोड़े के आगे गाड़ी जोड़ने जैसा है, न कि घोड़े के पीछे गाड़ी जोड़ने जैसा। यह बेहद मुश्किल है कि एक प्रगतिशील और आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति ने लोगों के ताने सुनकर अपनी बेटी को मार दिया हो।

हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट ने कहा- मुझे जांच की निष्पक्षता पर संदेह

वहीं, हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट अजय चौधरी कहते हैं- राधिका मर्डर केस में पुलिस की प्रक्रिया और जांच की निष्पक्षता पर मुझे संदेह है। पुलिस अपनी प्रारंभिक जांच को ही अंतिम मान रही है। आरोपी दीपक यादव ने जो दावा किया कि वह गांववालों के तानों से तंग आ चुके थे। यह बात किसी के भी गले नहीं उतर रही।

एडवोकेट अजय चौधरी ने कहा- पुलिस ने काफी लोगों से पूछताछ की है, लेकिन जांच का दायरा मुख्य रूप से दीपक के बयान तक सीमित रहा है। क्या यह हत्या पारिवारिक विवाद, आर्थिक लेन-देन या किसी अन्य गहरे कारण से हुई? पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी संभावना छूटे नहीं।

रिटायर इंस्पेक्टर ने मृतक के दोस्तों और करीबियों से बात करने पर जोर दिया

राष्ट्रपति से अवॉर्ड पा चुके एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राधिका मर्डर केस में जब पुलिस के पास आरोपी, हथियार और वजह आ जाती है और केस फैमिली के अंदर का है तो अमूमन पुलिस अपनी जांच का दायरा सीमित कर देती है।

हालांकि, पुलिस के पास राधिका के मोबाइल, सोशल मीडिया अकाउंट्स और उनके निजी संबंधों की जांच का ऑप्शन है। क्योंकि यह संभव है कि कुछ डिजिटल सबूत मिटाए गए हों।

उन्होंने कहा- क्या पुलिस ने क्राइम सीन को ठीक से सुरक्षित किया? क्या फोरेंसिक साक्ष्यों का सही विश्लेषण किया गया? इन सवालों के जवाब जरूरी हैं। अगर क्राइम सीन को तुरंत सुरक्षित नहीं किया गया, तो महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो सकते हैं।

मां के बयान, राधिका की बेस्ट फ्रेंड का दावा करने वाली लड़की, राधिका और दीपक के संपर्क में रहने वाले व्यक्ति, आदि से पुलिस को बात करनी चाहिए।

टेनिस प्लेयर राधिका यादव की फाइल फोट

टेनिस प्लेयर राधिका यादव की फाइल फोट

क्रिमिनल लॉयर बोले- इकबालिया बयान आरोप साबित नहीं करता

केस को शुरू से फॉलो कर रहे गुरुग्राम के सीनियर क्रिमिनल लॉयर मनीष शांडिल्य का कहना है- मैं पहले दिन से इस मामले को देख रहा हूं। चार्जशीट दाखिल होने तक पुलिस हर एंगल से जांच कर सकती है और करनी भी चाहिए। क्योंकि यह पुलिस का अधिकार क्षेत्र है।

इकबालिया बयान किसी भी आरोप को साबित नहीं करता। जांच एजेंसी हर दृष्टिकोण से जांच कर सकती है, ताकि अदालत में जुर्म साबित करने में कोई संदेह न रह जाए।

उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई चश्मदीद गवाह सामने नहीं आया है, जिसने आरोपी को गोली चलाते हुए देखा हो। जांच एजेंसी को इस केस को कड़ी से कड़ी जोड़कर अदालत में साबित करना होगा, जिसमें गन और बुलेट की रिकवरी, फिंगर प्रिंट्स, एफएसएल रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अहम पहलू होंगे।

इनके अलावा सीसीटीवी फुटेज और मृतक के मोबाइल भी खंगाले जाने चाहिए। कड़ी जोड़ना इसलिए भी जरूरी है कि कहीं इसमें किसी और की कोई भूमिका तो नहीं है।

मनीष शांडिल्य ने कहा कि राधिका की मां मंजू यादव की चुप्पी को कोर्ट में उनके खिलाफ नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह उनका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन, यह जांच को और जटिल बनाता है, क्योंकि वह एक महत्वपूर्ण गवाह हो सकती हैं।

दीपक यादव के दोस्त ने कहा- ताने सुनकर कोई गोली नहीं मार सकता

सेक्टर 57 रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के प्रेजिडेंट और दीपक यादव के दोस्त पवन यादव का कहना है कि वह दीपक को काफी समय से जानते हैं, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि हत्या की जो वजह दीपक ने पुलिस को बताई है, वह सच है।

उन्होंने कहा- जो व्यक्ति अपनी बेटी से इतना प्यार करता हो और अपना सारा जीवन उसी के करियर के लिए लगा दे, वह केवल ताने सुनकर बेटी को 4 गोलियां नहीं मार सकता।

अब जानिए, मामले में पुलिस ने क्या किया…

आरोपी पिता ताने वाले बयान पर कायम

पुलिस के मुताबिक, राधिका की हत्या को लेकर इंस्टाग्राम रील से लेकर उसके वीडियो सॉन्ग जैसी कई थ्योरी भले ही चल रही हों, लेकिन पुलिस आरोपी पिता दीपक बेटी की कमाई खाने के ताने और टेनिस की ट्रेनिंग बंद न किए जाने से नाराजगी के बयान पर कायम है।

पिता ने पुलिस से कहा कि वह पिछले 15 दिन से काफी परेशान था। कहीं भी जाते हुए उसे लगता था कि अगर 2 आदमी भी बात करते दिखते हैं, तो वे उसके बारे में ही बात कर रहे हैं। इसी वजह से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। राधिका ने गांव वालों की बातों को नजरअंदाज करने के लिए कहा था, लेकिन यह बात वह समझ नहीं पाया।

पुलिस प्रवक्ता का दावा- जांच सही दिशा में हुई

इस मामले में पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार का कहना है कि पुलिस अपनी जांच को लेकर संतुष्ट है। रिमांड के दौरान एसएचओ और जांच से जुड़े अधिकारियों ने हर तरीके से पूछताछ कर ली।

उन्होंने कहा- आरोपी अपने बयान पर है। इसलिए दूसरे एंगल पर जांच करने का मतलब नहीं बनता। हां, अगर कोई शिकायत आती है या फिर कुछ नया तथ्य सामने आता है तो पुलिस जांच करेगी। फिलहाल, राधिका और आरोपी दीपक का मोबाइल जांच के लिए भेजा गया है।

पुलिस ने लोगों से पूछा- किसने ताने मारे

इस मामले में छानबीन के दौरान पुलिस ने प्रमुख लोगों को थाने में बुलाया। उनसे तानों के बारे में पूछा गया तो सभी ने कहा कि दीपक को किसी ने ताना नहीं मारा। वह आर्थिक रूप से संपन्न है, जिसकी मासिक आय 15-17 लाख रुपए थी। पुलिस निष्पक्ष जांच करे, क्योंकि उन्हें लगता है कि दीपक कुछ छिपा रहा है।

इस पर थाना प्रभारी विनोद ने कहा कि गांव वाले चाहें तो ताना मारने वाले व्यक्ति का नाम बता सकते हैं, या फिर किसी तरह की कोई कंप्लेंट दे सकते हैं। जब राधिका के पिता प्रारंभिक जांच में ही अपना जुर्म कबूल कर चुके हैं, तो किसी और एंगल पर जांच भटकाना सही नहीं है।

मां बोली- मुझे हत्या की वजह नहीं पता

पिता के ताने के दावे के बावजूद मां मंजू यादव ने पुलिस को कहा कि उसे नहीं पता कि पति ने बेटी की गोलियां मारकर हत्या क्यों की। मां ने यह भी कहा कि उनकी बेटी का चरित्र बिल्कुल ठीक था।

पति को बेटी से क्या नाराजगी थी, इसके बारे में भी उन्हें कुछ नहीं पता। जिस वक्त गोलियां मारी गईं, वह तबीयत खराब होने की वजह से अलग कमरे में लेटी हुई थीं। पुलिस भी मौके के हालात और अब तक की जांच के बाद मां को आरोपों के दायरे से बाहर रख रही है।

क्या बेस्ट फ्रेंड हिमांशिका से पूछताछ करेगी पुलिस?

इस सवाल के जवाब में सेक्टर 56 थाने के एसएचओ और जांच अधिकारी विनोद का कहना है कि अभी हिमांशिका को जांच में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन अगर हिमांशिका के पास इस मामले से संबंधित कोई साक्ष्य या सबूत हैं तो वह खुद पुलिस के सामने पेश करें। अगर उसके पास कोई सबूत है तो जल्द ही उसको जांच में शामिल करके पूछताछ की जाएगी।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

खेल

युवराज सिंह-रॉबिन उथप्पा को ED का नोटिस:सट्‌टेबाजी एप के प्रचार का मामला, धवन-रैना से भी हो चुकी है पुछताछ

Published

on

नई दिल्ली,एजेंसी। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन बेटिंग एप प्रमोशन मामले में नोटिस भेजा है। उथप्पा को 22 और युवराज को 23 सितंबर को दिल्ली स्थित ED हेडक्वार्टर में अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

इस केस में पहले ही शिखर धवन, सुरेश रैना और हरभजन सिंह से पूर्व भारतीय क्रिकेटर्स से ED पूछताछ कर चुकी है। युवराज और उथप्पा को एक ऑनलाइन सट्टेबाजी एप (1xBet) के प्रचार के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

युवराज के नाम 17 इंटरनेशनल शतक

युवराज ने 40 टेस्ट की 62 पारियों में 33.92 के औसत से 1900 रन बनाए हैं। इसमें 3 शतक और 11 अर्धशतक भी हैं। उन्होंने 304 वनडे की 278 पारियों में 36.55 के औसत से 8701 रन बनाए। उन्होंने वनडे इंटरनेशनल में 14 शतक और 52 अर्धशतक लगाए हैं। युवराज ने 58 टी-20 इंटरनेशनल भी खेले। इसमें 28.02 के औसत से 1177 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट में 9, वनडे में 111 और टी-20 इंटरनेशनल में 28 विकेट भी लिए हैं।

युवराज सिंह ने 2007 में टी-20 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे। वे 2011 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी बने।

2007 टी-20 वर्ल्ड कप विनर टीम के ओपनर थे उथप्पा

रॉबिन उथप्पा 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पाकिस्तान को 5 रन से हराकर टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। रॉबिन ने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 8 रन बनाए थे।

2007 वर्ल्ड कप के 7 मैचों में रॉबिन उथप्पा ने 113 रन बनाए थे। इसमें एक अर्धशतक भी शामिल था।

2007 वर्ल्ड कप के 7 मैचों में रॉबिन उथप्पा ने 113 रन बनाए थे। इसमें एक अर्धशतक भी शामिल था।

उथप्पा ने भारत की ओर से 46 वनडे और 13 टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले। उन्होंने वनडे में 6 फिफ्टी की बदौलत उन्होंने 934 रन बनाए। टी-20 में उथप्पा ने एक फिफ्टी के सहारे 249 रन बनाए।

उथप्पा ने IPL में 4 हजार से ज्यादा रन बनाए

उथप्पा ने IPL में 205 मुकाबले खेल चुके हैं। इसमें उन्होंने 27.51 की औसत और 130.55 के स्ट्राइक रेट से 4952 रन बनाए। उनके IPL में 27 अर्धशतक हैं। उनका बेस्ट स्कोर 88 रन का रहा है।

Continue Reading

खेल

एमएस धोनी क्रिकेटर से एक्टर बने:द चेज में दिखेंगे, टीजर में आर. माधवन के साथ फायरिंग करते दिखे कैप्टन कूल

Published

on

मुंबई, एजेंसी। टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अब एक्टिंग की दुनिया में अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। जल्द ही वह एक्टर आर. माधवन के साथ ‘द चेज’ में दिखेंगे।

रविवार को आर. माधवन ने इसका टीजर शेयर किया। इसमें धोनी और माधवन ब्लैक आउटफिट और सन ग्लासेस पहने हैं और हाथों में गन लेकर ताबड़तोड़ फायरिंग करते नजर आ रहे हैं।

यह फिल्म है या वेबसीरीज, यह टीजर में क्लियर नहीं किया गया है। इसे वासन बाला ने डायरेक्ट किया है। वासन आलिया भट्ट की मूवी जिगरा के भी डायरेक्टर थे।

कार पर चढ़कर फायरिंग करते दिखे धोनी और आर. माधवन।

कार पर चढ़कर फायरिंग करते दिखे धोनी और आर. माधवन।

टीजर में धोनी का इंट्रो द कूल हीरो के तौर पर दिया गया है।

टीजर में धोनी का इंट्रो द कूल हीरो के तौर पर दिया गया है।

आर. माधवन ने इंस्टाग्राम पर टीजर पोस्ट किया

माधवन ने लिखा –

“वन मिशन। टू फाइटर्स। तैयार हो जाइए, धमाकेदार चेज शुरू होने वाली है। ‘द चेज’ टीजर अब आउट है। डायरेक्टेड बाय वासन बाला। कमिंग सून।”

हाल ही में माधवन फिल्म ‘आप जैसा कोई’ में नजर आए थे। वहीं, वह जल्द फिल्म ‘धुरंधर’ में दिखेंगे, जो 5 दिसंबर को रिलीज होगी।

इस फिल्म में रणवीर सिंह, अक्षय खन्ना और संजय दत्त भी नजर आएंगे। इसे ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ के डायरेक्टर आदित्य धर ने डायरेक्ट किया है। फिल्म को आदित्य धर, ज्योति देशपांडे और लोकेश धर ने मिलकर प्रोड्यूस किया है।

धोनी की लाइफ पर फिल्म ‘एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ बनी थी

धोनी के जीवन पर फिल्म ‘एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ बन चुकी है। यह साल 2016 में रिलीज हुई थी। फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी का किरदार निभाया था। इसके अलावा दिशा पाटनी, कियारा आडवाणी, अनुपम खेर और भूमिका चावला जैसे कलाकार भी इसमें अहम भूमिकाओं में दिखे थे। करीब 104 करोड़ रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 216 करोड़ रुपए कमाए थे।

2020 में इंटरनेशल क्रिकेट से संन्यास लिया था

धोनी फिलहाल इंटरनेशल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और IPL में CSK की ओर से खेलते हैं। धोनी ने 2004 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। 2007 में कप्तान बनकर उन्होंने भारत को टी-20 वर्ल्ड कप जिताया। 2011 में उन्होंने भारत को वनडे वर्ल्ड कप भी जिताया। उन्होंने 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

IPL में सबसे ज्यादा मैच धोनी के नाम

IPL में सबसे ज्यादा मैच खेलने वालों में महेंद्र सिंह धोनी पहले पायदान पर हैं। वह अब तक 278 मैच खेल चुके हैं। धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स को पांच बार खिताब जिताया है। उन्होंने 38.30 की औसत से 5439 रन बनाए हैं। इस दौरान धोनी ने 24 अर्धशतक भी लगाए। उन्होंने विकेटकीपिंग में 47 स्टंपिंग और 154 कैच भी लपके हैं।

IPL में 100 मैच जीतने वाले इकलौते कप्तान

धोनी IPL में 100 मैच जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं। उन्होंने IPL में सबसे ज्यादा 235 मैचों में कप्तानी की है। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रोहित शर्मा हैं। उन्होंने 158 मैचों में कप्तानी की है। धोनी ने अपनी कप्तानी में CSK को 2023 में आखिरी बार चैंपियन बनाया था। धोनी अपनी कप्तानी में टीम को 136 मैचों में जीत दिला चुके हैं, जबकि 97 में टीम को हार मिली।

Continue Reading

खेल

चीफ जस्टिस ने वकीलों के झटके 6 विकेट:जजों के सामने वकीलों ने टेके घुटने, 216 के मुकाबले 153 पर ढेर, हाईकोर्ट जज-बार एसोसिएशन-सद्भावना क्रिकेट मैच

Published

on

बिलासपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने क्रिकेट के मैदान में भी अपना जौहर दिखाए और वकीलों के 6 विकेट झटकने के साथ ही 23 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच का खिताब हासिल किया। हाईकोर्ट जज और बार एसोसिएशन के बीच हुए सद्भावना मैच में वकीलों ने जजों के सामने घुटने टेक दिए और 216 रन के मुकाबले 153 रन पर ऑलआउट हो गए।

दरअसल, हाईकोर्ट के सिल्वर जुबली वर्ष पर रविवार को बहतराई स्थित इंडोर स्टेडियम में रविवार को सद्भावना क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। मैच शुरू होने से पहले टॉस कराया गया, जिसमें जजों की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। टीम के कप्तान व जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने सर्वाधिक 50 रनों का योगदान दिया और अपनी टीम को मजबूती दिलाई। हाईकोर्ट जस्टिस की टीम ने 12 ओवर के मैच में 216 रन बनाए। वकीलों की तरफ से सचिव वरूणेंद्र मिश्रा ने तीन विकेट हासिल किए।

हाईकोर्ट के सिल्वर जुबली वर्षगांठ पर हुआ आयोजन।

हाईकोर्ट के सिल्वर जुबली वर्षगांठ पर हुआ आयोजन।

153 रन ही बना सकी वकीलों की टीम

जस्टिस टीम के 216 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बार एसोसिएशन के सचिव वरूणेंद्र मिश्रा मात्र 13 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इस दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने एक-एक कर 6 वकीलों के पैवेलियन भेज दिया। उन्होंने अपनी टीम की तरफ से 6 विकेट हासिल किए। वकील सुनील ओटवानी, ग्रंथालय सचिव समीर सिंह, ईश्वर जायसवाल, प्रगलाभ शर्मा, विवेक शर्मा, विकेक सिंघल, आशीष गुप्ता, एएन पांडेय, भास्कर प्यासी, शिशिर दीक्षित, मतीन सिद्धिकी, गौतम खेत्रपाल, अमित वर्मा मिलकर 153 रन ही बना सके।

जस्टिस टीम ने टॉस जीतकर की पहले बल्लेबाजी।

जस्टिस टीम ने टॉस जीतकर की पहले बल्लेबाजी।

जस्टिस टीम ने 12 ओवर में बनाए 216 रन।

जस्टिस टीम ने 12 ओवर में बनाए 216 रन।

चीफ जस्टिस को मिला मैन ऑफ द मैच

वकीलों की टीम को हराने में कप्तान जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने 50 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया। वहीं, चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने 23 रन बनाने के साथ ही महत्वपूर्ण 6 विकेट हासिल किए। इसके चलते उन्हें टुर्नामेंट में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया। टीम में जस्टिस बीडी गुरु, जस्टिस रवींद्र अग्रवाल, जस्टिस एके प्रसाद, जस्टिस अरविंद वर्मा, जस्टिस संजय जायसवाल, जस्टिस एन के चंद्रवंशी, जस्टिस एनके व्यास, जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, जस्टिस पीपी साहू के साथ ही जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय के अग्रवाल भी मौजूद रहे।

मिनी स्टेडियम में भरा पानी, इंडोर स्टेडियम में हुआ मैच

जिला प्रशासन ने गर्वनमेंट स्कूल मैदान स्थित मिनी स्टेडियम में मैच कराने की व्यवस्था की थी। लेकिन, पिछले दो दिनों से हुई लगातार बारिश के चलते मिनी स्टेडियम में पानी भर गया था। इसके चलते आनन-फानन में इंडोर स्टेडियम में क्रिकेट मैच कराने का फैसला लिया गया। मैच के दौरान कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसएसपी रजनेश सिंह, नगर निगम आयुक्त अमित कुमार सहित जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी और जजों के परिवार भी मौजूद रहे।

बार एसोसिएशन की टीम ने बनाए 153 रन।

बार एसोसिएशन की टीम ने बनाए 153 रन।

चीफ जस्टिस बोले- 25 साल में पहली बार हुआ सद्भावना मैच

इस अवसर पर चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि हाईकोर्ट अपनी सिल्वर जुबली वर्षगांठ मना रहा है। इस दौरान हाईकोर्ट में अलग-अलग आयोजन होगा। इसी कड़ी में 25 साल के इतिहास में हाईकोर्ट में पहली बार जजों और वकीलों के बीच सद्भावना क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। उन्होंने मैच में सहयोग प्रदान करने और कम समय में बेहतर व्यवस्था करने के लिए जिला प्रशासन के अफसरों की तारीफ भी की।

Continue Reading
Advertisement

Trending