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अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा

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राम की पैड़ी पर एक लाख से ज्यादा दीए जलाए , रोशनी से सजा रामलला मंदिर

अयोध्या (एजेंसी)। अयोध्या में 6 दिन चले अनुष्ठान के बाद सोमवार 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई। पूजा में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, पीएम मोदी समेत 6 यजमान शामिल हुए। 51 इंच की नई मूर्ति पिछले सप्ताह ही मंदिर में रखी गई है। मोदी दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर हाथ में चांदी का छत्र और लाल अंगवस्त्र लेकर मंदिर पहुंचे। फिर कमल के फूल से पूजा-अर्चना की। आखिर में पीएम ने रामलला को साष्टांग प्रणाम किया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री ने निर्मोही अखाड़ा के स्वामी गोविंदगिरि के हाथ से जल पीकर 11 दिन उपवास खोला।

अयोध्या से लौटकर मोदी बोले- प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना शुरू करेंगे

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से लौटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का ऐलान किया। उन्होंने कहा- सूर्यवंशी भगवान श्रीराम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं। आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो। अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना प्रारंभ करेगी। इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।

रामलला ने पहने 5 किलो सोने के आभूषण

रामलला सिंहासन पर विराजमान हो गए हैं। 5 साल के बालक रूप में विराजमान रामलला का सोने के आभूषणों से श्रृंगार देख लोग भाव-विभोर हो गए। 200 किलो की प्रतिमा को 5 किलो सोने के जेवरात पहनाए गए हैं। नख से ललाट तक भगवान जवाहरतों से सजे हुए हैं। रामलला ने सिर पर सोने का मुकुट पहना है। मुकुट में लाल और हरे रंग के रत्न जड़े हुए हैं। इसमें किनारे मोतियों की झालर लटकी हुई है। माथे के बीचों-बीच सफेद धातु से बना तिलक बना हुआ है। कमर में करधनी, कान में सोने के कुंडल पहने हुए हैं। गले में हरा-सफेद और लाल रंग के मोतियों की दिव्य-भव्य माला है। इसका पैंडल रामलला की नाभि तक लटक रहा है।

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भक्त को दिल का दौरा पड़ा, वायुसेना के मोबाइल अस्पताल ने बचाया

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में रामकृष्ण श्रीवास्तव (65) को दिल का दौरा पड़ा। वे मंदिर परिसर के अंदर ही गिर गए। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर मनीष गुप्ता की टीम ने एक मिनट के भीतर उन्हें बाहर निकाला और वायुसेना के मोबाइल अस्पताल में ले जाकर इलाज किया। जिससे उन्हें बचा लिया गया।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आए मेहमानों को उपहार में मिला प्रसादम

श्रीराम जन्मभूमि में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मेहमानों को अयोध्या पर किताब, मेटल से बना दीया, एक विशेष माला और राम नामी दुपट्टा दिया। किताब का शीर्षक अयोध्या धाम – द लॉड्र्स एबोड है, जिसके कवर पर रामलला की पुरानी मूर्ति की तस्वीर भी है। माला एक कपड़े की थैली में है जिस पर उत्तर प्रदेश पर्यटन की टैगलाइन है। मेहमानों को चार लड्डू, चिप्स, रेवड़ी, काजू और किशमिश का डिब्बा भी मिला।

मोदी ने मंदिर बनाने वाले मजदूरों पर फूल बरसाए

पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने वाले मजदूरों पर फूलों की वर्षा की। ये मजदूर मंदिर बनाने वाली अलग-अलग कंपनियों के हैं। इन्होंने दिन रात मेहनत कर तय समय पर मंदिर का निर्माण किया।

आइए जानते हैं कुबेर टीला के बारे में, जहां मोदी ने पूजा की

अयोध्या में स्थित कुबेर टीला पर एक प्राचीन शिव मंदिर है। श्री राम मंदिर के निर्माण के साथ साथ श्रीराम भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस मंदिर का भी पुनरुद्धार करवाया है। मान्यता है कि यहां धन के देवता कुबेर आए थे और टीले पर भगवान शंकर की पूजा के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी। यहां मां पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की भी मूर्तियां हैं।

मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद अतिथियों से मुलाकात की

मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद अतिथियों से मुलाकात की। इस मौके पर रिलायंस इंड्रस्ट्री के एमडी मुकेश अंबानी, नीता अंबानी और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा समेत अन्य सेलिब्रिटीज मौजूद थे।

भागवत ने कहा- जोश की बातों में होश की बातें करने का काम मुझे सौंपा जाता

मोहन भागवत ने कहा, आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्वर लौट कर आया है। पूरे विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला एक नया भारत खड़ा होके रहेगा। आज का कार्यक्रम इसका प्रतीक है। जोश की बातों में होश की बातें करने का काम मुझे सौंपा जाता है। मोहन भागवत ने कहा, प्रधानमंत्री जी ने तप किया, अब हमें भी तप करना है। राम राज कैसा था, यह याद रखना है। हम भी भारत वर्ष की संतानें हैं। कोटि-कोटि कंठ हमारे हैं, जो जयगान करते हैं। हमें अच्छा व्यवहार रखने का तप-आचरण करना होगा। हमें भी सारे कलह को विदाई देनी होगी। छोटे-छोटे परस्पर मत रहते हैं, छोटे-छोटे विवाद रहते हैं। उसे लेकर लड़ाई करने की आदत छोडऩी पड़ेगी। भागवत ने कहा, सत्य कहता है कि सभी घटकों राम हैं। हमें समन्वय से चलना होगा। हम सबके लिए चलते हैं, सब हमारे हैं, इसलिए हम चल पाते हैं। आपस में समन्वय रखकर व्यवहार रखना ही सत्य का आचरण। करुणा दूसरा कदम है, जिसका मतलब है सेवा और परोपकार।

योगी बोले- अब अयोध्या की गलियों में गोलियां नहीं गूंजेंगी, भजन होगा

योगी ने कहा कि रामलला सिहांसन पर बैठ रहे हैं। भारत को इसी दिन की प्रतीक्षा थी। रामलला की क्षवि बिल्कुल वैसी है जैसा तुलसीदास ने कहा था। भाग्यवान है आज की पीढ़ी जो इस पल के साक्षी बन रहे हैं। आज पूरी दुनिया अयोध्या के वैभव के निहार रही है। अयोध्या नगरी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। योगी ने कहा, प्रभु राम लला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई… मन भावुक है… निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे… आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है… हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी है। हर जुबान राम नाम जप रही है। रोम-रोम में राम रमे हैं…ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गए हैं।

सूर्यवंशी ठाकुरों की शपथ पूरी, पगड़ी और चमड़े के जूते पहने

अयोध्या के 126 गांवों के सूर्यवंशी ठाकुरों ने 500 साल बाद पगड़ी और चमड़े के जूते पहने। इन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तक पगड़ी और चमड़े के जूते ना पहनने की शपथ खाई थी।

मुकुट समेत सभी आभूषणों का वजन करीब 5 किलो

रामलला को सोने का कवच कुंडल, करधन माला पहनाई गई। मुकुट समेत सभी आभूषणों का वजन करीब 5 किलो बताया जा रहा है। भगवान के हाथ में सोने का धनुष बाण है।

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बांग्लादेश की भारत से मांग- शेख हसीना को वापस भेजें:पूर्व पीएम के खिलाफ अपहरण-देशद्रोह समेत 225 केस; तख्तापलट के बाद भारत में पनाह ली

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ढाका,एजेंसी। बांग्लादेश ने सोमवार को भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने इसकी पुष्टि की है।

हुसैन ने कहा-

हमने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार को एक राजनयिक चिट्ठी भेजी है। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश सरकार कानून का सामना करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को वापस चाहती है।

इससे पहले गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। दरअसल, 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने भागकर भारत में पनाह ले ली थी। वे तब से यही पर हैं।

शेख हसीना की भारत से वापसी को लेकर सवाल पूछे जाने पर जहांगीर ने कहा कि भारत-बांग्लादेश के बीच अपराधियों की अदला-बदली को लेकर समझौता है। यह उसी समझौते के तहत किया जाएगा।

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।

शेख हसीना 5 अगस्त की शाम अपनी बहन के साथ ढाका से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंची थीं।

शेख हसीना 5 अगस्त की शाम अपनी बहन के साथ ढाका से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंची थीं।

भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण समझौता क्या है?

साल 2013 की बात है। भारत के नॉर्थ-ईस्ट उग्रवादी समूह के लोग बांग्लादेश में छिप रहे थे। सरकार उन्हें बांग्लादेश में पनाह लेने से रोकना चाहती थी। इसी वक्त बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के लोग भारत में आकर छिप रहे थे। दोनों देशों ने इस समस्या से निपटने के लिए एक प्रत्यर्पण समझौता किया।

इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के यहां पनाह ले रहे भगोड़ों को लौटाने की मांग कर सकते हैं। हालांकि इसमें एक पेंच ये है कि भारत राजनीति से जुड़े मामलों में किसी व्यक्ति के प्रत्यर्पण से इनकार कर सकता है, लेकिन अगर उस व्यक्ति पर हत्या और किडनैपिंग जैसे संगीन मामले दर्ज हों तो उसके प्रत्यर्पण को रोका नहीं जा सकता।

ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक इस समझौते की बदौलत, बांग्लादेश ने 2015 में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के नेता अनूप चेतिया को भारत को सौंपा था। भारत भी अब तक बांग्लादेश के कई भगोड़ों को वापस भेज चुका है।

समझौते में 2016 में हुए संशोधन के मुताबिक, प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश को अपराध के सबूत देने की जरूरत भी नहीं है। इसके लिए कोर्ट से जारी वारंट ही काफी है। इससे हसीना के लिए मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।

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5वीं-8वीं में फेल होने वाले बच्चे प्रमोट नहीं होंगे:2 महीने में दोबारा एग्जाम होगा, फिर फेल हुए तो भी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा

नई दिल्ली,एजेंसी। 5वीं और 8वीं क्लास के एग्जाम में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को अब पास नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने सोमवार को ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म कर दी है। पहले इस नियम के तहत फेल होने वाले स्टूडेंट्स को दूसरी क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था।

सरकार के नए नोटिफिकेशन के मुताबिक फेल होने वाले स्टूडेंट्स को 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। अगर वे दोबारा फेल होते हैं, तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा, बल्कि जिस क्लास में वो पढ़ रहे थे उसी में दोबारा पढ़ेंगे। सरकार ने इसमें एक प्रावधान भी जोड़ा है कि 8वीं तक के ऐसे बच्चों को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा।

16 राज्यों में पहले से खत्म है नो-डिटेंशन पॉलिसी

केंद्र सरकार की नई पॉलिसी का असर केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित करीब 3 हजार से ज्यादा स्कूलों पर होगा। 16 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश (दिल्ली और पुडुचेरी) नो-डिटेंशन पॉलिसी पहले पहले ही खत्म कर चुके हैं। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं।

सरकार ने पॉलिसी में बदलाव क्यों किया

साल 2010-11 से 8वीं क्लास तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। मतलब यह कि बच्चों के फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था, लेकिन इससे देखा गया कि शिक्षा के लेवल में धीरे धीरे गिरावट आने लगी। जिसका असर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ने लगा। काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया।

नॉ डिटेंशन पॉलिसी क्यों लागू की गई

नो डिटेंशन पॉलिसी राइट टू एजुकेशन 2009 का हिस्सा थी। ये सरकार की पहल थी जिससे भारत में शिक्षा की स्थिती में सुधार हो सके। इसका उद्देश्य था कि बच्चों को शिक्षा के लिए बेहतर माहौल दिया जा सके ताकि वो स्कूल आते रहें। फेल होने से स्टूडेंट्स की आत्मसम्मान को ठेस पहुंच सकती हैं। साथ ही फेल होने से बच्चे शर्म भी महसूस करते हैं जिससे पढ़ाई में वो पिछड़ सकते हैं। इसलिए नो डिटेंशन पॉलिसी लाई गई जिसमें 8वीं तक के बच्चों को फेल नहीं किया जाता।

2018 में लोकसभा में बिल पास हुआ था जुलाई 2018 में

लोकसभा में राइट टु एजुकेशन को संशोधित करने के लिए बिल पेश किया गया था। इसमें स्कूलों में लागू ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म करने की बात थी। इसके अनुसार 5वीं और 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए रेगुलर एग्जाम्स की मांग की गई थी। इसी के साथ फेल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए दो महीने के अंदर री-एग्जाम कराने की भी बात थी।

2019 में ये बिल राज्य सभा में पास हुआ। इसके बाद राज्य सरकारों को ये हक था कि वो ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ हटा सकते हैं या लागू रख सकते हैं। यानी राज्य सरकार ये फैसला ले सकती थीं कि 5वीं और 8वीं में फेल होने पर छात्रों को प्रमोट किया जाए या क्लास रिपीट करवाई जाए।

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भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट

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नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।

भारत के वनावरण में बढ़ोतरी

भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।

कार्बन अवशोषण में वृद्धि

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

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