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राजा की हत्या के बाद सोनम ट्रेन से इंदौर आई

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किराए के कमरे में रुकी थी; मेघालय पुलिस सोनम को लेकर पटना से शिलॉन्ग रवाना

इंदौर,एजेंसी। इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी (29) हत्याकांड में मंगलवार को नया खुलासा हुआ। पति राजा की हत्या के बाद सोनम रघुवंशी 25 मई को शिलॉन्ग से सिलीगुड़ी के रास्ते ट्रेन से इंदौर पहुंची थी।

शिलॉन्ग एसपी विवेक स्येम ने भास्कर रिपोर्टर योगेश पाण्डे को बताया कि सोनम इंदौर आने के बाद किराए के कमरे में रुकी थी। सोनम को एक ड्राइवर ने वाराणसी में ड्रॉप किया था, जहां से वह गाजीपुर पहुंची थी।

इस बीच, इंदौर में क्राइम ब्रांच और मेघालय पुलिस की टीम आज आरोपी विशाल को लेकर उसके घर पहुंची। वारदात के समय पहने गए कपड़े जब्त किए। क्राइम ब्रांच के एसीपी पूनम चंद्र यादव ने बताया कि राजा रघुवंशी पर पहला वार विशाल ने ही किया था।

मेघालय पुलिस सोनम को लेकर पटना एयरपोर्ट से रवाना हो चुकी है। टीम पहले कोलकाता पहुंचेगी फिर गुवाहाटी होते हुए शिलॉन्ग पहुंचेगी। सोनम करीब 6 घंटे तक पटना के थाने में रही, वह टेबल पर सिर रखकर रोती रही। चाय तक नहीं पी। (पढ़ें पूरी खबर)

राजा-सोनम की 11 मई को शादी हुई। 21 मई को राजा-सोनम शिलॉन्ग पहुंचे थे। 23 मई को परिवार से आखिरी बात की। 2 जून को राजा का शव मिला। 17 दिन से गायब सोनम एक दिन पहले 9 जून को गाजीपुर में मिली थी। इसके बाद ही हत्याकांड का खुलासा हुआ।

पटना के फुलवारी शरीफ थाने में सोनम सिर झुकाकर रोते हुए नजर आई।

पटना के फुलवारी शरीफ थाने में सोनम सिर झुकाकर रोते हुए नजर आई।

हथियार ऑनलाइन मंगवाया, आरोपियों से सोनम ने कहा था- मार दो, 3 अहम पॉइंट्स

1. मेघालय पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने जिस हथियार ‘डाव’ (छोटी कुल्हाड़ी) से राजा को मारा, वो गुवाहाटी में ऑनलाइन मंगाया था। आरोपी शिलॉन्ग में सोनम-राजा के होम स्टे से एक किमी दूर होटल में ठहरे थे। इनके नंबर सोनम के पास थे। सोनम जहां जाती, लोकेशन इन्हें भेज देती।

2. 23 मई को सोनम फोटो शूट के बहाने पहाड़ी कोरसा इलाके में राजा को ले गई। रास्ते में ही तीनों आरोपी राजा से मिले। हिंदी में बात की और साथ चल दिए। थोड़ी देर बाद सुनसान जगह देखकर सोनम ने चिल्लाकर कहा- मार दो इसे।

3. हत्या के बाद सोनम ने फोन तोड़े। आरोपी भी अपने-अपने घर ट्रेन से रवाना हुए। सोनम अकेली वाराणसी गई। यहां बस स्टैंड पर दो लोग उसे छोड़ने गए।

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सोनम समेत 5 आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड:राजा रघुवंशी की मां से गले मिलकर रोया सोनम का भाई, कहा-हमने उससे सारे रिश्ते तोड़े

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इंदौर,एजेंसी। मेघालय पुलिस ने राजा मर्डर केस में मंगलवार को सोनम और राज समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इन्हें शिलॉन्ग लाया गया है। सभी आरोपियों को आज (11 जून) कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने अदालत से इनकी रिमांड मांगी। जिसके बाद कोर्ट ने सोनम समेत सभी आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा है।

रिमांड पर लेने के बाद मेघालय पुलिस आरोपियों का आमना-सामना करा सकती है। साथ ही सीन रीक्रिएशन भी कराएगी।

इधर, सोनम रघुवंशी के भाई गोविंद ने बुधवार को इंदौर में राजा रघुवंशी की मां उमा रघुवंशी से मुलाकात की। गोविंद राजा की मां के गले लगकर रोया और कहा कि सोनम ने गलती की, उसे सजा-ए-मौत होनी चाहिए।

गोविंद ने कहा कि आरोपी राज कुशवाह और सोनम के बीच अफेयर नहीं था। वह राज को राखी बांधती थी। राजा के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए।

11 मई को शादी के बाद 21 मई को राजा-सोनम शिलॉन्ग पहुंचे थे। 23 मई को परिवार से आखिरी बात की। 2 जून को राजा का शव मिला। 17 दिन से गायब सोनम 9 जून को गाजीपुर में मिली थी। इसके बाद ही हत्याकांड का खुलासा हुआ।

इंदौर में राजा रघुवंशी की मां से मुलाकात करता सोनम का भाई गोविंद।

इंदौर में राजा रघुवंशी की मां से मुलाकात करता सोनम का भाई गोविंद।

सोनम रघुवंशी को मंगलवार देर रात शिलॉन्ग के सदर थाने लाया गया था।

सोनम रघुवंशी को मंगलवार देर रात शिलॉन्ग के सदर थाने लाया गया था।

शिलॉन्ग में सदर थाने के बाहर सोनम और दूसरे आरोपियों को देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई।

शिलॉन्ग में सदर थाने के बाहर सोनम और दूसरे आरोपियों को देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई।

शिलॉन्ग पुलिस के 3 दावे 1. शिलॉन्ग एसपी विवेक स्येम ने कहा, ‘राज के साथी तीनों सुपारी किलर्स ने कबूला है कि सोनम 22 मई को शिलॉन्ग पहुंच गई थी। राजा को मारने का प्लान-ए इसी दिन का था। इसके लिए सोनम ने तय किया था कि वह राजा को पहाड़ पर ले जाएगी।’

2. शिलॉन्ग पुलिस ने दावा किया कि तीनों किलर्स भी वहां मौजूद होंगे। इसी बीच सेल्फी लेने के बहाने वो राजा को खाई में धक्का दे देगी। लेकिन, बारिश और अंधेरा होने के कारण प्लान ए कैंसिल करना पड़ा।

3. पुलिस ने बताया कि प्लान ए के बाद प्लान बी पर काम किया। इसमें अगले दिन राजा को पहाड़ पर ले जाकर मार दिया। हत्या के बाद सभी आरोपी क्राइम सीन से 11 किमी दूर इकट्ठा हुए थे।

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अमेरिका हिंसा- 12 राज्यों के 25 शहरों में प्रदर्शन:लॉस एंजिलिस में शाम 6 बजे के बाद कर्फ्यू, ट्रम्प बोले- सुरक्षाबल पूरी ताकत से निपटेंगे

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लॉस एंजिलिस,एजेंसी। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में 5 दिनों से जारी प्रदर्शन के कारण शाम 6 बजे के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। लॉस एंजिलिस की मेयर कैरन बैस ने इमरजेंसी की घोषणा की है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने के फैसले के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन अमेरिका के 12 राज्यों के 25 शहरों तक फैल चुका है। सैन फ्रांसिस्को, डलास, ऑस्टिन, टेक्सास और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं।

हालात पर काबू पाने के लिए ट्रम्प ने लॉस एंजिलिस में 4 हजार नेशनल गार्ड के अलावा 700 मरीन कमांडो को भी तैनात कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालात खराब हो रहे हैं। जरूरत पड़ने पर वे पूरी ताकत से निपटेंगे। वहीं, सोमवार-मंगलवार को लॉस एंजिलिस पुलिस ने करीब 1100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।

उपद्रवियों ने कई दुकानों में चोरी और लूटपाट की

लॉस एंजिलिस में अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के विरोध में चोरी और लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं। मंगलवार को नकाबपोश दंगाइयों ने एक मॉल में स्थित जारा स्टोर में तोड़फोड़ और लूटपाट की।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग जारा स्टोर के दरवाजे तोड़कर अंदर घुसते और सामान लूटते दिखे। एक अन्य वीडियो में कुछ उपद्रवी एडिडास स्टोर, फार्मेसियां, मारिजुआना दुकानें और ज्वेलरी शॉप्स में भी तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं।

लॉस एंजिलिस पुलिस डिपार्टमेंट के अधिकारी क्रिस मिलर ने बताया- एक महिला को एपल स्टोर में चोरी करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।

ट्रम्प बोले- जरूरत पड़ी तो सैन्य बल का इस्तेमाल करूंगा

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि अगर लॉस एंजिलिस में हिंसा जारी रही तो वे पूरे शहर में विद्रोह कानून लागू कर सकते हैं। यह कानून सरकार को हिंसा रोकने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने की इजाजत देता है।

ट्रम्प ने कहा,

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पिछले 2 दिन से हालात बेहद बिगड़ रहे हैं, अगर बगावत हुई तो मैं जरूर विद्रोह कानून लागू करूंगा।QuoteImage

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में होने वाली आर्मी परेड के दौरान प्रदर्शन को लेकर भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रदर्शन करता है तो उसे सेना का सामना करना पड़ेगा। 14 जून को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ और ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है।

इस हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। यह हिंसक प्रदर्शन अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने के फैसले के खिलाफ हो रहे हैं। फिलहाल लॉस एंजिलिस में हिंसा थमती नजर आ रही है।

पिछले दिनों लॉस एंजिलिस में आगजनी-प्रदर्शन की 5 फुटेज…

उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी।

उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी।

अमेरिकी झंडे पर थूकते और उसे जलाते हुए प्रदर्शनकारी।

अमेरिकी झंडे पर थूकते और उसे जलाते हुए प्रदर्शनकारी।

एक उपद्रवी कार के ऊपर खड़ा होकर मेक्सिको का झंडा लिए नजर आया।

एक उपद्रवी कार के ऊपर खड़ा होकर मेक्सिको का झंडा लिए नजर आया।

शहर में एक के बाद एक कई गाड़ियां जलती हुई नजर आईं।

शहर में एक के बाद एक कई गाड़ियां जलती हुई नजर आईं।

300 नेशनल गार्ड्स प्रोटेक्टिव शील्ड्स के साथ खड़े थे और धीरे-धीरे भीड़ की ओर बढ़ते गए।

300 नेशनल गार्ड्स प्रोटेक्टिव शील्ड्स के साथ खड़े थे और धीरे-धीरे भीड़ की ओर बढ़ते गए।

ट्रम्प की पार्टी का आरोप- प्रदर्शनकारियों को डेमोक्रेट और चीन पैसे दे रहे

ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ने लॉस एंजिलिस में प्रदर्शनों को लेकर डेमोक्रेट नेताओं और चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपब्लिकन सांसद बिल एसेयली ने एक पोस्ट में लिखा- इन प्रदर्शनों की फंडिंग डेमोक्रेट समर्थित संगठनों और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी संस्थाओं द्वारा की जा रही है।

एसेयली ने कहा कि ICE के खिलाफ यह प्रदर्शन चिरला ने आयोजित किया था। जिसे 2023 में बाइडेन प्रशासन के दौरान करीब 285 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली थी। मार्च 2025 में होमलैंड सिक्योरिटी ने उनकी फंडिंग पर रोक लगाई और बकाया राशि वापस ले ली।

रिपब्लिकन नेताओं ने PSS पर भी शक जताया है कि उसे चीनी अरबपति नेविल सिंगहम से फंडिंग मिलती है। जो अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को पैसे देते हैं।

लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड तैनात किए

राष्ट्रपति ट्रम्प ने लॉस एंजिलिस में हालात को काबू करने के लिए 2000 नेशनल गार्ड्स को भेजा है। हालांकि, कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजिलिस की मेयर कैरन बैस ने नेशनल गार्ड्स भेजने का विरोध किया है। यह पहला मौका है जब किसी राज्य में नेशनल गार्ड को बिना गवर्नर की अनुमति के भेजा गया।

लॉस एंजिलिस में 6-7 जून को सरकार ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ एक अभियान चलाया था। इसी का विरोध हो रहा है। छापेमारी राष्ट्रपति ट्रम्प की डिपोर्टेशन पॉलिसी का हिस्सा है।

अप्रवासियों पर लाठी चार्ज करते अमेरिकी नेशनल गार्ड्स।

अप्रवासियों पर लाठी चार्ज करते अमेरिकी नेशनल गार्ड्स।

मेयर बोली- हमें सेना या नेशनल गार्ड की जरूरत नहीं

ट्रम्प के नेशनल गार्ड और मरीन्स को भेजने की आलोचना करते हुए लॉस एंजिलिस मेयर बास ने कहा-

अभी हम अंधेरे में हैं। हमें नहीं पता कि कब क्या होने वाला है। हमारे पास इस स्थिति से निपटने की क्षमता है, और हमें सेना या नेशनल गार्ड की जरूरत नहीं है, खासकर तब जब हमने इसके लिए कहा ही नहीं था। राष्ट्रपति ने राज्यपाल से शक्ति छीन ली है, यह अस्वीकार्य है।

वहीं, ट्रम्प ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम को गिरफ्तार करने की बात कही थी। ट्रम्प ने कहा, “न्यूसम ने बहुत खराब काम किया है। उनका सबसे बड़ा जुर्म है कि वो फिर से गवर्नर बनना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें न्यूसम पसंद हैं, लेकिन कामकाज में कमजोर लगते हैं।

3000 आप्रवासियों को गिरफ्तार करने का लक्ष्य

ट्रम्प की डिपोर्टेशन पॉलिसी के तहत ICE को हर दिन बिना दस्तावेज वाले 3000 आप्रवासियों को रिकॉर्ड संख्या में गिरफ्तार और डिपोर्ट करने का लक्ष्य है। छापेमारी की एक वजह कुछ व्यापारियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करना भी है।

अधिकारियों के मुताबिक, हर दिन करीब 1600 अवैध अप्रवासियों को पकड़ा जा रहा है। दरअसल, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने दावा किया कि एक हजार प्रदर्शनकारियों ने एक फेडरल ऑफिस को घेरकर ICE अधिकारियों पर हमला किया।

इन प्रदर्शनकारियों में मुख्य तौर से आप्रवासी समुदाय के समर्थक, स्थानीय निवासी, और आप्रवासी अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन जैसे कोएलिशन फॉर ह्यूमन इमिग्रेंट राइट्स और नेशनल डे लेबर ऑर्गनाइजिंग नेटवर्क के सदस्य हैं।

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ऑपरेशन सिंदूर के हीरो Lt Gen राजीव घई को मिला प्रमोशन, सरकार ने दी अब ये बड़ी जिम्मेदारी

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नई दिल्ली,एजेंसी। भारत सरकार ने सोमवार, 9 जून 2025 को लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ (Deputy Chief of Staff) पद पर पदोन्नत किया है।  इससे पहले, वे भारतीय सेना के महानिदेशक (सैन्य संचालन) के रूप में कार्यरत थे। उनकी नई भूमिका में वे सेना की रणनीतिक दिशा-निर्देशों को आकार देंगे और सैन्य संचालन की योजना बनाएंगे।  इस नई भूमिका में अब सेना से जुड़े सभी प्रमुख ऑपरेशनल कमांड और सुरक्षा से संबंधित गतिविधियाँ सीधे उनके नेतृत्व में संचालित होंगी।

लेफ्टिनेंट जनरल घई की नियुक्ति ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद हुई है, जिसमें भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान द्वारा की गई नापाक कोशिशों का भारतीय सेना ने ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही मार गिराकर करारा जवाब दिया।

लेफ्टिनेंट जनरल घई की नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें भारतीय सेना की रणनीतिक दिशा-निर्देशों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है। उनकी पिछली उपलब्धियों और ऑपरेशन सिंदूर में उनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए यह नियुक्ति भारतीय सेना की रणनीतिक दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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